गर्भावस्था

प्रेसिपिटेट लेबर – कारण, लक्षण और कैसे मैनेज करें

लेबर और बच्चे के जन्म के सम महिलाओं को बहुत सारा दर्द और कई चैलेंजेज का सामना करना पड़ता है। कई गर्भवती महिलाओं को इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है और वे चाहती हैं कि यह जल्द से जल्द खत्म हो। लेबर शुरू होने के बाद इस चरण में अक्सर थोड़ा-थोड़ा गैप होता है पर यदि महिला को प्रेसिपिटेट लेबर हो रहा है तो यह बहुत जल्दी-जल्दी होगा। यद्यपि कुछ मामलों में यह काफी आरामदायक हो सकता है पर अन्य मामलों में यह बहुत ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड हो सकता है। प्रेसिपिटेट लेबर के बारे में पूरे जानकारी जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। 

प्रेसिपिटेट लेबर क्या है?

प्रेसिपिटेट लेबर को फास्ट या रैपिड लेबर भी कहा जाता है और यह तब होता है जब एक गर्भवती महिला का बच्चा सिर्फ 2 या 3 घंटे में ही बाहर आ जाता है। लगभग 100 महिलाओं में से 2 महिलाओं को प्रेसिपिटेट लेबर होता है। 

कुछ मामलों में दर्द न होने की वजह से महिलाओं को यह पता ही नहीं चलता है कि उनका लेबर हो रहा है और दूसरे चरण में आने तक जब बच्चे का सिर नीचे की ओर जाता है तब तक उन्हें इस बात की खबर ही नहीं होती है। 

इस मामले में महिला को पुश करने जैसा महसूस होता है। ऐसे समय में संकुचन पूरी तरह से दर्द-रहित होता है और इसके बारे में महिला को पता ही नहीं चलता है। 

अन्य मामलों में महिला को संकुचन के विपरीत शुरूआत से ही गंभीर क्रैंप्स आते हैं जो पहले चरण में थोड़े हल्के होते हैं और जैसे-जैसे लेबर की प्रक्रिया आगे बढ़ती है वैसे-वैसे यह भी बढ़ते जाते हैं। 

लेबर कभी भी और कई कारणों से हो सकता है। प्रेसिपिटेट लेबर होने के क्या कारण हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें। 

फास्ट/प्रेसिपिटेट लेबर के कारण

कुछ कारण हैं जिनकी वजह से आपका प्रेसिपिटेशस लेबर कराना संभव है। व्यक्तिगत रूप से यह जरूरी नहीं है कि प्रेसिपिटेशन लेबर होगा पर इससे आपको बहुत अधिक खतरे भी हो सकते हैं। वे कारण कौन से हैं, आइए जानें;

  • यूटरी का मजबूत होना जो लेबर के दौरान संकुचित होती है।
  • बर्थ कैनाल मुलायम होना।
  • यदि महिला को पहले भी प्रेसिपिटेट लेबर हुआ है।
  • यदि बच्चे का आकार सामान्य आकार से छोटा है।
  • यदि लेबर को उत्तेजित करने के लिए प्रोस्टाग्लैंडिन का उपयोग किया गया है।
  • यदि गर्भधारण के लिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट लिया गया है।

गर्भवती महिलाओं को प्रेसिपिटेट लेबर के बारे में मालूम होना चाहिए ताकि यदि उन्हें इसका अनुभव होता है तो वे इसके लक्षण पहचान सकें। रैपिड लेबर के संकेत जानने के लिए आगे पढ़ें। 

प्रेसिपिटेट लेबर के संकेत

गर्भवती महिलाओं को प्रेसिपिटेट लेबर के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे इसके होने के बारे में भी समझ सकें। इसके कुछ लक्षण यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;

  • लगातार संकुचन होते हैं और बीच में आराम करने का समय भी नहीं मिलता है।
  • इस दौरान तेज दर्द होता है और ऐसा लगता है कि यह संकुचन बहुत लंबे समय से चल रहा है।
  • पुश करने जरूरत अचानक महसूस होने लगती है और यह बॉवेल मूवमेंट की तरह लग सकती है।

फास्ट लेबर के लिए तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। कुछ लोग ऐसा सोच सकते हैं कि गर्भवती महिलाओं को इससे जल्दी डिलीवरी के कारण तकलीफ से थोड़ी देर में ही छुटकारा मिल जाएगा पर लगातार संकुचन और लेबर की वजह से अन्य कॉम्प्लीकेशंस भी हो सकते हैं जिनके बारे में आगे बताया गया है। 

प्रेसिपिटेट लेबर में खतरे व कॉम्प्लीकेशंस

यदि आपको प्रेसिपिटेट लेबर हो रहा है तो आपकी सारी योजनाएं या बर्थिंग प्लान बर्बाद हो सकते हैं। इसमें काफी खतरा हो सकता है क्योंकि इस समय डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल जाने का समय भी नहीं होता है। प्रेसिपिटेट लेबर से माँ व बच्चे को और क्या-क्या खतरे हो सकते हैं, आइए जानें;

  • लेबर के दौरान चीरा लगने और चोट की वजह से महिला की वजायना और सर्विक्स डैमेज हो सकते हैं।
  • गर्भाशय या वजायना से ब्लीडिंग हो सकती है।
  • अचानक से जल्दी लेबर होने की वजह से महिला शॉकिंग स्टेट में भी जा सकती है जिसकी वजह से डिलीवरी का समय बढ़ सकता है।
  • बच्चे का जन्म अवांछित और अनहेल्दी वातावरण में हो सकता है।
  • यदि बच्चा अनहाइजिनिक जगह पर जन्मा है तो बच्चे को इन्फेक्शन होने का खतरा भी हो सकता है।
  • बच्चे के मुँह में गलती से एम्नियोटिक फ्लूइड भी जा सकता है।
  • रैपिड लेबर या डिलीवरी से प्लेसेंटा रिटेन हो सकता है और यह तब होता है जब थोड़ा बहुत या पूरा प्लेसेंटा महिला के अंदर ही रहता है और बाहर नहीं निकलता है।

गर्भवती महिलाओं को यह भी पता होना चाहिए कि यदि किसी को रैपिड लेबर हो भी रहा है तो इससे कैसे उबरा जा सकता है। 

प्रेसिपिटेट लेबर के प्रभाव को कैसे कम करें

यदि आपको प्रेसिपिटेट लेबर की समस्या है तो बच्चे के जन्म की तेजी को कोई भी नियंत्रित नहीं कर सकता है पर इसे मैनेज किया जा सकता है। प्रेसिपिटेट लेबर को मैनेज करने के लिए आप क्या कर सकती हैं, आइए जानें;

  • यदि आपको पहले भी रैपिड लेबर हुआ है तो आपके लिए नियत तारीख आने तक हॉस्पिटल में एडमिट रहना ही ठीक होगा।
  • यदि आपको प्रेसिपिटेट लेबर पहली बार हुआ है तो आप मदद के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर, मिडवाइफ या किसी प्रोफेशनल से संपर्क करें।
  • इस समय आप मदद मिलने तक पीठ के बल या करवट पर किसी साफ जगह पर लेट जाएं।
  • गहरी सांस लें और शांत महसूस करें।
  • मेडिकल मदद मिलने तक आप किसी के साथ रहें।
  • यदि अस्पताल जाने का समय नहीं है तो आप बच्चे को घर में ही जन्म दे सकती हैं। पर इस बात का ध्यान रखें कि इस समय आपकी सहायता के लिए दाई होनी चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रेसिपिटेट लेबर से संबंधित यहाँ कुछ अक्सर पूछे गए सवालों के जवाब बताए गए हैं, आइए जानें;

1. क्या रैपिड लेबर से महिला पर कोई भावनात्मक असर होगा?

प्रेसिपिटेट लेबर की वजह से महिलाओं में भावनात्मक बदलाव भी आ सकते हैं क्योंकि इसकी वजह से महिला शॉक या स्ट्रेस में रहती है। महिला को हमेशा यह महसूस होता रहेगा कि कुछ भी ठीक नहीं है और थोड़ी-थोड़ी में या लगातार लेबर पेन भी होता है तो इसे मैनेज कर पाना मुश्किल हो सकता है। 

2. यदि आपको पहले कभी प्रेसिपिटेट लेबर हुआ है तो दोबारा होने के लक्षण क्या हैं?

यदि आपको पहले भी प्रेसिपिटेट लेबर हुआ है तो इसके दोबारा होने की संभावनाएं अधिक होती है। पर कुछ मामले ऐसे भी हैं जब गर्भवती महिला को नॉर्मल डिलीवरी से पहले भी रैपिड लेबर हो सकता है। हर महिला में यह अलग-अलग होता है। 

3 क्या लेबर इंडक्शन से लेबर प्रेसिपिटेशन कम हो सकता है?

नहीं, लेबर को उत्तेजित करने से यह कम होने के बजाय बढ़ता है, जैसे प्रोस्टाग्लैंडीन का उपयोग करते समय होता है। अक्सर डॉक्टर लेबर को इंड्यूस करने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि इससे खतरा बढ़ सकता है। 

4. मुझे दूसरे फास्ट लेबर को कैसे प्लान करना चाहिए?

यदि आपको पहले भी प्रेसिपिटेट लेबर हुआ है तो डॉक्टर आपको लेबर वॉर्ड में बच्चे को जन्म देने की सलाह देते हैं। इससे बच्चे को अनहाइजीनिक या अवांछित जगहों में जन्म लेने से बचाया जा सकता है, जैसे घर में या कार में। इसमें गंदगी की वजह से इंफेक्शन होने की संभावनाएं भी कम होती हैं। यदि आपको नहीं पता कि आप समय पर अस्पताल पहुँच पाएंगी या नहीं तो आप एक दाई अपने पास हमेशा रखें या घर पर एम्बुलेंस बुला लें। यदि आपको लगता है कि अस्पताल पहुँचने में समय लग रहा है तो आप अपने साथ अब्सॉर्बेंट मैट, टॉवल, ज्यादा कपड़े, ब्लैंकेट, प्लास्टिक बैग, मैटरनिटी पैड इत्यादि चीजें रखें। यदि अस्पताल पहुँचने से पहले ही आपका लेबर शुरू हो जाता है तो ये चीजें आपके काम आ सकती हैं। पूरा प्रयास करें कि लेबर के दौरान मेडिकल एक्सपर्ट आपके पास ही रहें और बच्चे के जन्म के बाद आप किसी के साथ तुरंत अस्पताल जाएं। 

हर महिला को सामान्य लेबर, जिसे होने में समय लगता है, ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। इसीलिए लेबर को अप्रत्याशित कहा जाता है। इसके लिए पहले से तैयार रहना ही सबसे बेस्ट है ताकि आप ऐन समय पर किसी भी परेशानी का सामना कर सकें। 

यह भी पढ़ें:

बर्थिंग बॉल का उपयोग – फायदे, एक्सरसाइज और टिप्स

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago