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डिनर के बाद रातभर एक लंबा गैप हो जाता है, इसलिए सुबह का ब्रेकफास्ट करना सबके लिए बहुत जरूरी है, खासकर एक गर्भवती महिला के लिए। गर्भावस्था के दौरान एक महिला द्वारा लिया गया डाइट उसके और गर्भ में पल रहे बच्चे की संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए न्यूट्रिशियस ब्रेकफास्ट करना बहुत जरूरी है ताकि उनके बच्चे को सही पोषण मिल सके और उसका विकास हो सके। इस आर्टिकल में हमने यह चर्चा की है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट लेना क्यों जरूरी है और इस समय वे कौन-कौन सी रेसिपीज बना सकती हैं। यहाँ हम आपको यह भी बताएंगे कि गर्भवती महिलाओं के लिए कौन सा खाद्य पदार्थ खाना अच्छा है और कौन सा नहीं।
यद्यपि हर किसी को अपना दिन हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ शुरू करना चाहिए पर गर्भवती महिलाओं के लिए इसे सही तरीके करना बहुत ज्यादा जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए महिलाओं को अपने ब्रेकफास्ट में न्यूट्रिएंट्स शामिल करने की जरूरत है। यहाँ पर कुछ खाद्य पदार्थों की लिस्ट दी हुई है जिसे गर्भवती महिलाएं अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकती हैं, आइए जानें;
प्रोटीन की मदद से शरीर में डी.एन.ए., टिश्यू और मासंपेशियों के निर्माण में मदद मिलती है। गर्भ में पल रहे बच्चे को भी विभिन्न सेल के विभाजन, टिश्यू और सेल व पूर्ण विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान आप अपने ब्रेकफास्ट में कुछ प्रोटीन-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल कर सकती हैं, जैसे दही, अंडे, पनीर, दूध, स्प्राउट्स, दाल, नट्स और चीज़।
शरीर में हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मजबूत हड्डियों के लिए इस न्यूट्रिएंट की ज्यादा जरूरत होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने और अपने बच्चे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रोजाना 1000 एम.जी. कैल्शियम लेने की जरूरत है। गर्भावस्था में आप कुछ प्रकार के कैल्शियम-युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं, जैसे पनीर, चीज़, हरी सब्जियां, बादाम, राजगीरा, अंजीर, तिल, दूध और दही।
कब्ज और पाचन की समस्याओं से अक्सर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान असुविधाएं हो सकती हैं। यद्यपि इससे बचा नहीं जा सकता है पर गर्भावस्था के दौरान आप अपने आहार में फाइबर-युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करके इससे राहत पा सकती हैं। एक गर्भवती महिला अपने आहार में कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल कर सकती है, जैसे व्होल ग्रेन्स (ब्रान और ओट्स), फ्लैक्स के बीज, चिया के बीज, ब्रोकोली, स्वीट कॉर्न, अंजीर, सेब, केले और नाशपाती।
व्होल ग्रेन्स में विटामिन बी – कॉम्प्लेक्स, डायटरी फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स और मिनरल जैसे मैग्नीशियम, आयरन और सेलेनियम भरपूर होता है। यह न्यूट्रिएंट्स बच्चे के हेल्दी विकास और वृद्धि के लिए जरूरी हैं। व्होल ग्रेन्स के कुछ उदाहरण हैं, जैसे दलिया, ओट्स, कुटू, ज्वार, बाजरा और ब्राउन राइस।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने और बच्चे के शरीर में खून बनाने के लिए ज्यादा आयरन की जरूरत होती है। गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी के उचित विकास के लिए फोलेट बहुत जरूरी है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में फोलेट-युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना चाहिए, जैसे पालक, गोभी, शतावरी, ब्रोकोली, दाल, एवोकाडो, ब्रसल स्प्राउट। ज्यादातर हरी सब्जियों में आयरन और फोलेट होता है। अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं जिसमें आयरन भरपूर होता है, जैसे व्होल ग्रेन्स, मीट, मछली, टोफू, लिवर, सोयाबीन, नट्स और बीज।
गर्भावस्था के दौरान सभी खाद्य पदार्थ हेल्दी नहीं होते हैं। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी होते हैं जिन्हें गर्भावस्था से पहले खाया जा सकता है पर गर्भावस्था के दौरान इन्हें खाने की सलाह नहीं दी जाती है। गर्भावस्था में कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए उनकी लिस्ट यहाँ दी गई है, आइए जानें;
कच्चे अंडों में साल्मोनेला बैक्टीरिया होते हैं जिससे फूड पॉयजनिंग हो सकती है और यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी हानिकारक होते हैं। इसलिए हमेशा पके हुए अंडे ही खाएं।
अनपाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट, जैसे सॉफ्ट चीज़ या ब्लू चीज़ में लिस्टेरिया होता है जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है या यह गर्भावस्था में गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर सकता है, जैसे भ्रूण की मृत्यु। इसलिए गर्भावस्था के दौरान अनपाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करें।
कच्चा मीट खाने से भी आपको फूड पॉयजनिंग हो सकती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से पका हुआ मीट ही खाएं। सी फूड, जैसे मछली में भी मरकरी बहुत ज्यादा होता है जिससे जन्म के समय बच्चे में विकार हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान आपके लिए मछली खाने से बचना भी बेहतर है।
गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन करने से यह प्लेसेंटा तक पहुँच सकता है और भ्रूण के दिल की धड़कन बढ़ा सकता है। इसकी वजह से मिसकैरेज हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान आपको संयमित मात्रा में कॉफी या कोला पीनी चाहिए।
फ्रेश खाद्य पदार्थों में सबसे ज्यादा न्यूट्रिशन होता है। ब्रेकफास्ट में ताजा पका हुआ खाना आपके शरीर और बच्चे को आवश्यक न्यूट्रिशन प्रदान करता है। फ्रिज में कुछ दिनों तक रखे हुए या बासी भोजन से न्यूट्रिएंट नष्ट हो जाते हैं और इससे फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान हाइजीन रखने से आपको इन्फेक्शन होने की संभावना कम होती है। यह इन्फेक्शन आपके बच्चे को भी नुकसान पहुँचा सकता है। यदि आवश्यक हो तो आप सैनिटाइजर का उपयोग करती रहें।
कच्ची सब्जियों व फलों में हमेशा गंदगी, कीटाणु और पेस्टिसाइड्स होते हैं इसलिए खाने से पहले इन्हें अच्छी तरह से धोना बहुत जरूरी है। सब्जियों को पकाते समय अक्सर उन्हें अच्छी तरह से धो लेना चाहिए ताकि उसमें किसी भी प्रकार के कीटाणु न रह जाएं और इससे आपके शरीर में कीटाणु जाने की संभावना कम होती है। सब्जियों और फलों को पहले नमक के पानी में भिगो कर अच्छी तरह से धोना चाहिए। नमक के पानी से कीटाणु जल्दी ही निकल जाते हैं। आप फलों और सब्जियों को खाने से पहले इन्हें धोने के लिए प्यूरीफायर का उपयोग भी कर सकती हैं।
यदि आपको मॉर्निंग सिकनेस होती है और आप बहुत ज्यादा नाश्ता नहीं कर पाती हैं तो आपको दिन की शुरूआत तरल पदार्थ से करनी चाहिए। अदरक या नींबू से आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम करने में मदद मिल सकती है। आप दिनभर में थोड़ा-थोड़ा खाएं। आप सबसे पहले एक टोस्ट, बिस्कुट या डोसा खा सकती हैं फिर एक छोटा सा ब्रेक लें और दोबारा खाएं।
गर्भावस्था के दौरान पूरा दिन हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। आप सादा पानी, जूस, नारियल का पानी या सूप भी पी सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आप ब्रेकफास्ट के समय में भी पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ ले रही हैं।
गर्भावस्था के दौरान आपके और बच्चे के लिए हेल्दी फैट्स का सेवन बहुत जरूरी है। आप अपने ब्रेकफास्ट को बनाने के लिए हेल्दी फैट्स भी शामिल कर सकती हैं, जैसे घी, बटर, नट्स, एवोकाडो, ऑलिव ऑयल, कोल्ड-प्रेस्ड कोकोनट ऑयल, इत्यादि।
फल और सब्जियों में बहुत ज्यादा न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आपके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है। आप अपने ब्रेकफास्ट में कुछ ऐसी चीजें पकाएं जिसमें सब्जी का उपयोग किया जाता है और साथ ही आप फलों का भी सेवन कर सकती हैं जो आपको और आपके बच्चे को जरूरी न्यूट्रिशन प्रदान करता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान आप कच्चा पपीता, अनानास और अंगूर न खाएं।
अब आप जानती हैं कि गर्भावस्था के दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। आइए अब जानते हैं कि आप अपने ब्रेकफास्ट में कौन सी टेस्टी और हेल्दी रेसिपीज शामिल कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान आप अपने ब्रेकफास्ट में निम्नलिखित रेसिपीज पका सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान नाश्ते में यदि आप कोई हेल्दी इंडियन डिश पकाने के बारे में सोच रही हैं तो मूंग की दाल का डोसा सबसे बेहतरी रेसिपी है। इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है जो आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी और न्यूट्रिशन प्रदान करता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक हेल्दी ब्रेकफास्ट है क्योंकि इसमें सब्जियां और दाल होती हैं जो महिलाओं व उनके बच्चे को पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स देती हैं।
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विधि
गर्भावस्था की पहली तिमाही में यह ब्रेकफास्ट सबसे बेहतरीन है क्योंकि इस दौरान आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है। इस समय यदि आप सॉलिड ब्रेकफास्ट नहीं खा पा रही हैं तो आप हेल्दी मिल्कशेक ले सकती हैं।
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इस रेसिपी में व्होल ग्रेन होते हैं और इसलिए यह दिन की शुरूआत में ही पर्याप्त मात्रा में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन प्रदान करती है।
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दाल में भरपूर प्रोटीन होता है जो आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए जरूरी हैं। दाल का डोसा हेल्दी होने के साथ-साथ टेस्टी भी होता है।
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रागी इडली एक और प्रोटीन-युक्त डिश है जो आपके ब्रेकफास्ट में शामिल हो सकती है। हर इडली को बनाने के लिए आपके पास उसका बैटर होना जरूरी है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए यह रेसिपी बहुत ज्यादा न्यूट्रिशियस है क्योंकि इसमें सभी होल ग्रेन्स और सब्जियां हैं।
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पालक में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यदि आप इस रेसिपी को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करती हैं तो आपकी आयरन की आवश्यकता पूरी होगी।
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गर्भावस्था के दौरान इन रेसिपीज के अलावा आप ब्रेकफास्ट में अन्य हेल्दी खाद्य पदार्थ, जैसे सब्जियां और अंडे का ऑमलेट, ड्राई फ्रूट्स के साथ ओट्स, नट्स और शहद, उबले हुए अंडे और व्होल ग्रेन मफिन भी ले सकती हैं। आप अपने ब्रेकफस्ट में फ्रेश संतरे का जूस या कटे हुए फल भी शामिल कर सकती हैं। यदि आप न्यूट्रिशियस ब्रेकफास्ट का सेवन करती हैं तो आपको दिनभर एनर्जी मिलती रहेगी। इससे आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को को हेल्दी विकास के लिए पोषण मिलता है।
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