गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग

जब योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग का कारण स्पष्ट नहीं होता, तो यह हमेशा चिंता का कारण होता है। जब आप गर्भावस्था के दौरान स्पॉटिंग का अनुभव करती हैं तो यह गंभीर परेशानी में बदल सकता है। हालांकि, इससे निकलने का सबसे अच्छा तरीका है, गर्भावस्था के दौरान योनि से रक्तस्राव के कारणों, परिणामों और उपचारों के बारे में खुद को शिक्षित करना।

क्या योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग सामान्य है?

गर्भावस्था के दौरान हल्की स्पॉटिंग या रक्तस्राव आम है, यह आमतौर पर शुरुआती चरणों (पहले त्रैमासिक) में लगभग 20% महिलाओं को स्पॉटिंग या रक्तस्राव अनुभव होता है। हालांकि स्पॉटिंग या योनि से रक्तस्राव का अनुभव होना सामान्य है लेकिन फिर भी ऐसा होने पर आपको हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि शिशु ठीक है और इसका पता लगाने के लिए कि कोई जटिलता तो नहीं है, कुछ परीक्षण और अल्ट्रासाउंड करवाना अच्छा रहेगा।

स्पॉटिंग और योनि रक्तस्राव के बीच अंतर

गर्भावस्था में रक्तस्राव और स्पॉटिंग क्या है, इसका उत्तर रक्त के रंग और मात्रा में होता है। अगर खून का दाग कुछकुछ भूरा है जैसा कि आप मासिक धर्म के अंत में देखते हैं तो यह स्पॉटिंग है और अगर यह लाल रंग का है तो यह रक्तस्राव है। रक्त की मात्रा भी एक विभेदक है, स्पॉटिंग सेनेटरी पैड को भिगोती नहीं है जबकि रक्तस्राव से सैनेटरी पैड भीग जाता है।

स्पॉटिंग के कारण क्या हैं

ऐसे कुछ कारण हैं जिनसे स्पॉटिंग हो सकती है :

1 . पहले त्रैमासिक में

  • प्रत्यारोपण रक्तस्राव यह रक्तस्राव गर्भावस्था के शुरुआती भाग के दौरान होता है, गर्भाशय की दीवार में भ्रूण का प्रत्यारोपण, स्पॉटिंग का कारण बनता है। यह आमतौर पर आपके मासिक धर्म के कुछ समय पहले (या आसपास) या गर्भवती होने के लगभग 6 से 12 दिन बाद होता है। मासिक धर्म की तुलना में स्पॉटिंग हल्की (हल्की गुलाबी से भूरे रंग तक की) होती है और कुछ दिनों तक रहती है।

2 . तीसरे त्रैमासिक में

तीसरे त्रैमासिक में स्पॉटिंग तब होती है जब आपका श्लेष्मा प्लग निकल जाता है।

  • संभोग या आंतरिक श्रोणि परीक्षण गर्भावस्था के कारण गर्भाशय ग्रीवा नाज़ुक हो जाती है और रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है और किसी भी मामूली टक्कर (सेक्स या आंतरिक परीक्षण) से गर्भाशय ग्रीवा में जलन होती है, जिससे यह रक्तस्राव हो सकता है। इस तरह का रक्तस्राव, गर्भावस्था के दौरान कभी भी हो सकता है और ज़्यादातर मामलों में किसी समस्या का संकेत नहीं होता है।

  • योनि संक्रमण (बैक्टीरियल वेजिनॉसिस ) या गर्भाशय ग्रीवा यदि आपकी योनि में संक्रमण है, तो इसके दौरान आपकी गर्भाशय ग्रीवा में जलन होती है और इसलिए आपको थोड़ीसी स्पॉटिंग हो सकती है।


  • सबकोरियोनिक रक्तस्राव प्लासेंटा के बगल वाली बाहरी भ्रूण झिल्ली की सिलवटों में या गर्भाशय और प्लासेंटा के बीच, रक्त जमा होने से स्पॉटिंग हो सकती है, यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।

योनि से रक्तस्राव के कारण

गर्भावस्था के दौरान भारी रक्तस्राव एक मामूली संकेत नहीं है क्योंकि इसके साथ कुछ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव के कुछ कारण यहाँ दिए गए हैं।

1 . पहले त्रैमासिक में

एक्टोपिक गर्भावस्था वह होती है, जहाँ निषेचित अंडे गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होते हैं, इसमें तत्काल चिकित्सीय उपचार की आवश्यकता है। एक्टोपिक गर्भावस्था में गंभीर पेट दर्द के साथ भारी रक्तस्राव हो सकता है, जहाँ कभीकभी रेक्टल दबाव पड़ना, चक्कर आना और बेहोशी भी हो सकती है।

मोलर गर्भावस्था एक दुर्लभ स्थिति है, इसमें, प्लासेंटा सिस्ट्स का एक घन बन जाता है साथ ही भ्रूण विकृत हो सकता है। इससे रक्तस्राव होगा (गहरे लाल से गहरे भूरे रंग का) और आप गंभीर मतली, उल्टी और ऐंठन का अनुभव करेंगे।

गर्भपात (20 वें सप्ताह से पहले गर्भपात) अक्सर भ्रूण के क्रोमोसोमसंबंधित या आनुवांशिक विकार के कारण होता है। यह हॉर्मोनसंबंधित कारकों से भी हो सकता है, इसमें मासिक धर्म के समान ही योनि से थक्कों के साथ भारी रक्तस्राव होता है। इसके साथ ही पेट के क्षेत्र में गंभीर ऐंठन हो सकती है।

अन्य कारण

  • आपके गर्भाशय ग्रीवा में जलन हो सकती है।
  • हो सकता है कि आपको फाइब्रॉइड्स हो।
  • आपको वंशानुगत विकार हो सकता है, जिसे वॉन विलेब्रांड डिज़ीज़ के नाम से जाना जाता है, जिसके कारण खून जमना मुश्किल हो जाता है।

यदि आपका गर्भपात हो जाता है, तो इससे यह नहीं कह सकते हैं कि आप भविष्य में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए अयोग्य हैं। शोध के अनुसार, 40% गर्भावस्थाओं में गर्भपात हो सकता है।

2 . गर्भावस्था में देरी

बाद की गर्भावस्था में रक्तस्राव होने का सबसे आम कारण, प्लासेंटा की कोई समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में, यह गर्भाशय ग्रीवा में कुछ असामान्यता के कारण भी हो सकते हैं ।

  • प्लासेंटा प्रिविया प्लासेंटा शिशु को गर्भाशय की दीवार से जोड़ता है। यह आंशिक रूप से या पूरी तरह से ग्रीवा के मुँह को ढक सकता है, इस कारण से हो रहे रक्तस्राव को प्लासेंटा प्रीविया कहा जाता है। गर्भावस्था के बाद के चरणों में, गर्भाशय ग्रीवा की दीवारें फैलकर प्रसव के लिए तैयार होती हैं। प्लासेंटा की कुछ रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। 20% मामलों में तीसरे त्रैमासिक में योनि से रक्तस्राव का यही कारण होता है। प्लासेंटा प्रीविया का खतरा तब अधिक होता है जब

  1. कई गर्भधारण हुए हैं
  2. पहले कोई सीसेक्शन प्रसव
  3. पहले कभी प्लासेंटा प्रीविया
  • प्लासेंटा एबरप्शन इस दशा में प्लासेंटा गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है और प्लेसेंटा और गर्भाशय के बीच रक्त भर जाता है।यह 200 में से 1 गर्भावस्थाओं में यह स्थिति होती है जिसका कारण अब तक अज्ञात है। इस स्थिति का खतरा तब होता है जब

  1. रक्तचाप उच्च है (140/90 या अधिक)
  2. ट्रॉमा
  3. कोकेन या तंबाकू का सेवन
  4. पूर्व गर्भधारणों में विघटन
  • गर्भाशय का फटना: यह एक दुर्लभ स्थिति है, लेकिन बहुत खतरनाक भी है। इसमें गर्भाशय फटकर खुल जाता है जिसके कारण बच्चा पेट से बाहर निकाल दिया जाता है। यह ज़्यादातर उन महिलाओं में होता है जिनका एक बार पहले भी गर्भाशय फट चुका है या फिर पहले भी गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ हो, गर्भाशय का फटना, प्रसव से पहले या उसके दौरान भी हो सकता है। इसके फटने के खतरे के अन्य कारक हैं :

  1. चार से अधिक गर्भधारण
  2. ट्रॉमा
  3. ऑक्सीटोसिन (पिटोसिन) का अत्यधिक उपयोग
  4. जब शिशु का सिर नीचे के अलावा किसी भी और स्थिति में हो
  5. जब प्रसव के दौरान शिशु का कंधा, जघन की हड्डी पर अटक जाता है
  • भ्रूण का फटना : गर्भनाल की रक्त वाहिकाएं प्लासेंटा के बदले झिल्लियों से जुड़ी हो सकती हैं। बच्चे की रक्त वाहिकाएं, जन्म नली के प्रवेश द्वार पर पारित हो जाती हैं। इस स्थिति को वासा प्रीविया कहा जाता है।

देर से गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव के कम सामान्य कारणों में से कुछ गर्भाशय ग्रीवा में चोट, कैंसर और वैरिकोज़ वेन्स हैं।

जब आप योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग देखते हैं तो आपको क्या करना चाहिए?

जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव होता है उनमें से लगभग 50% की गर्भावस्था और बच्चा स्वस्थ होता है । जब आप स्पॉटिंग या योनि से रक्तस्राव देखते हैं, तो आपको लक्षणों के बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। यदि रक्तस्राव ज़्यादा है या मासिक धर्म के रक्तस्राव के समान है तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई अन्य जटिलता ना हो, गर्भावस्था के बाद के चरण में ज़्यादा रक्तस्राव बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।

निदान

गर्भावस्था के दौरान जिस महिला को योनि से रक्तस्राव होता है, उसकी पूरी तरह से और तुरंत जाँच की जानी चाहिए। रक्तस्राव के कुछ कारणों से जैसे कि एक्टोपिक गर्भावस्था से, रक्तस्रावी सदमा लग सकता है। रक्तस्रावी सदमा तब लगता है जब आप अपने शरीर से 20% से अधिक रक्त खो देते हैं। शरीर में रक्त की हानि से हृदय के लिए रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है जिससे अंग विफलता हो सकती है, आपके डॉक्टर इस प्रकार से मदद कर सकते हैं

  • बुखार के महत्त्वपूर्ण संकेतों और हाइपोवोल्मिया के संकेतों के लिए पूर्ण जाँच।
  • श्रोणि और पेट की जाँच, भ्रूण के दिल की धड़कन की जाँच के लिए डॉपलर अल्ट्रासाउंड जाँच का प्रयोग। श्रोणि की जाँच में बाहरी जननांगों का निरीक्षण, स्पेकुलम की जाँच और द्विवार्षिक जाँच शामिल होगी। किसी रिसाव, या फैलाव घावों की जाँच के लिए गर्भाशय ग्रीवा का निरीक्षण किया जाना चाहिए।

उपचार

योनि से रक्तस्राव और स्पॉटिंग के लिए उपचार गर्भावस्था की अवधि के आधार पर भिन्न होता है।

पहले त्रैमासिक में उपचार

  • यदि आपके अल्ट्रासाउंड में एक्टोपिक गर्भावस्था का निदान हुआ है, तो आपको दवाई (मेथोट्रेक्सेट) दी जा सकती है या ऑपरेशन भी किया जा सकता है। ऑपरेशन उन महिलाओं के लिए किया जाता है, जो मेथोट्रेक्सेट से उपचार किए जाने के मानदंडों से परे हैं और वे जो इतनी बीमार हैं कि मेथोट्रेक्सेट के असर होने का इंतज़ार नहीं किया जा सकता।
  • यदि निदान के अनुसार आपको गर्भपात का खतरा है, तो आपका डॉक्टर आपको सावधानी बरतने और बारबार जाँचपरीक्षण करने के निर्देश देगा।
  • यदि कोई अपूर्ण गर्भपात हुआ है, तो आपको भ्रूण के छूटे हुए ऊतकों को निकालने के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा। इस प्रक्रिया को डाइलेशन और क्यूरेटिज़ कहा जाता है और यह रक्तस्राव या संक्रमण जैसी जटिलताओं को रोकती है।
  • यदि कोई मिस्ड गर्भपात हो गया है, तो आपको डी.एंड.सी. के लिए अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है या घर पर निगरानी में रखा जा सकता है, ताकि ऊतक बिना ऑपरेशन के निकल आए। यह भ्रूण की उम्र और आकार पर निर्भर करता है।
  • यदि पूर्ण गर्भपात हुआ है तो भ्रूण का ऊतक पूरी तरह से निकल जाने के बाद आपको घर भेजा जा सकता है।
  • मोलर गर्भधारण के मामले में तत्काल डी. एंड सी. आवश्यक है, साथ ही बीएचसीजी स्तर के लिए एक जाँच जिससे कि एक प्रकार के कैंसर, क्रोनिक कार्सिनोमा, की जाँच भी की जा सके।

दूसरे और तीसरे त्रैमासिक में उपचार

गर्भावस्था में देरी के दौरान रक्तस्राव के मामले में, रक्त के नुकसान की निगरानी और सदमे के संकेत पर नज़र रखनी चाहिए। संकट के संकेतों पर आपके बच्चे की देखरेख की जा सकती है, रक्तस्राव, स्थिति और बच्चे की उम्र पर उपचार निर्भर करता है ।

) प्लासेंटा प्रेविया

  • यदि आपको और आपके बच्चे को गंभीर रक्तस्राव का खतरा है तो सीसेक्शन प्रसव का तरीका सही माना जाता है।
  • यदि आपको संकुचन हो रहे है तो उन्हें धीमा या बंद करने के लिए आपको आईवी दवाई दी जा सकती है।
  • यदि आपकी गर्भावस्था 36 सप्ताह से कम है और रक्तस्राव उतना गंभीर नहीं है, तो आपको देखरेख के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। यदि आपकी गर्भावस्था 36 सप्ताह से अधिक है, तो डॉक्टर शिशु के फेफड़ों की जाँच यह जानने के लिए करता है कि क्या वे विकसित हैं। यदि वे विकसित हैं तो आप सीसेक्शन के लिए जा सकती हैं।
  • इस स्थिति में, सभी प्रसव सीसेक्शन प्रसव होते हैं ।

) प्लासेंटा का एबरप्शन (अलगाव)

  • योनि प्रसव हमेशा से ही पसंदीदा प्रसव मानी जाती है ।
  • आपातकाल स्थिति में ही सीसेक्शन किया जाता है ।
  • यदि बच्चा 36 सप्ताह से अधिक है, तो आपकी एक नियंत्रित योनि प्रसव होती है । आईवी दवाई संकुचन में मदद के लिए सुझाई जाती है।
  • यदि आपकी गर्भावस्था 36 सप्ताह से कम है और रक्तस्राव उतना गंभीर नहीं है, तो आपको निगरानी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। बच्चे की हृदय गति की देखरेख और एनीमिया के लिए रक्त की जाँच की जाती है ।

) गर्भाशय का फटना

  • यदि गर्भाशय फटने की अधिक संभावना है, तो आपका सीसेक्शन प्रसव करना होगा।
  • संभावना है कि आपके गर्भाशय को निकाला जाए।
  • यदि आपकी स्थिति स्थिर है, तो डॉक्टर गर्भाशय को शायद ठीक भी कर सकते हैं ।
  • यदि गर्भाशय के फटने का संदेह बहुत अधिक है, तो आपका तत्काल सीसेक्शन प्रसव होगा।
  • बहुत अधिक रक्त आधान की आवश्यकता होती है।
  • तत्काल सीसेक्शन प्रसव करके, भ्रूण के रक्तस्राव का इलाज किया जाता है।

निवारण

गर्भावस्था में रक्तस्राव और स्पॉटिंग को रोकने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं :

  • जब तक रक्तस्राव बंद न हो जाए तब तक बिस्तर पर ही भरपूर आराम करें ।
  • जब रक्तस्राव हो रहा हो तो पैड का उपयोग करें न कि टैम्पोन्स का।
  • जब रक्तस्राव हो रहा हो तो यौन संबंध बनाने से बचें।
  • यदि आवश्यक हो तो दर्द से राहत के लिए पेरासिटामोल जैसी हल्की दवाई लें।
  • अपनी स्थिति में किसी भी बदलाव की सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को दें।
  • यदि रक्तस्राव और ऐंठन गंभीर है, तो आपको केवल तरल पदार्थ पीने चाहिए।
  • घर के आसपास टहलने जैसा हल्का शारीरिक व्यायाम करें या हल्के काम करें।
  • जब भी संभव हो अपने पैरों को ऊंचे उठाकर रखें।
  • 10 पाउंड से अधिक वज़न वाला सामान उठाने से बचें।

क्या यह आपके बच्चे को नुकसान पहुँचाएगा?

स्पॉटिंग या हल्का रक्तस्राव आमतौर पर नुकसानदेह नहीं होता है इसलिए आपके शिशु के ठीक होने की संभावना है। कई गर्भावस्थाएँ रक्तस्राव की समस्याओं के बावज़ूद समय पूरा करती हैं।

हालांकि रक्तस्राव और स्पॉटिंग आमतौर पर नुकसानदेह नहीं हैं, लेकिन पेट में ऐंठन के साथ होने पर और यदि रक्तस्राव ज़्यादा हो रहा हो तो यह गर्भपात का संकेत हो सकता है।अक्सर स्पॉटिंग या रक्तस्राव अपने आप रुक जाते हैं। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि रक्तस्राव होने पर आप अपने डॉक्टर से परामर्श लें ।

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago