गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड: कारण, लक्षण और उपचार

किसी भी महिला के जीवन का सबसे अच्छा समय वह होता है जब वो गर्भवती होती है। यह अहसास बहुत ही अलग होता है, जब आपकी कोख में एक नई जिंदगी पल-बढ़ रही होती है और फिर आप उसे जन्म देती हैं । गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान बहुत सावधानी बरतने की सलाह दी जाती हैं क्योंकि इन नौ महीनों के दौरान उन्हें कई बीमारियों के होने का खतरा रहता है।

ऐसी ही एक बीमारी है टाइफाइड। टाइफाइड जीवन के किसी भी चरण में हो, यह आपके लिए हानिकारक होता है। लेकिन यह विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान होने पर ज्यादा गंभीर हो जाता है। चूंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर आमतौर पर कमजोर हो जाता है, इसलिए टाइफाइड गर्भवती महिला के लिए और उसकी कोख में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक होता है।

इस लेख द्वारा यह बताया गया है कि टाइफाइड को कैसे दूर रखा जा सकता है, टाइफाइड के कारण और उसके साथ-साथ उसका इलाज करने के प्रभावी तरीके भी बताए गए हैं ताकि माँ या बच्चे को इससे कोई नुकसान न पहुँचे।

टाइफाइड क्या है?

यह एक प्रकार का अंदरुनी बुखार है, जिसे आमतौर पर मियादी बुखार या आंत्र ज्वर के नाम से जाना जाता है, यह बुखार साल्मोनेला टाइफी के कारण होता है। यह वास्तव में एक जीवाणु संक्रमण है, जो आसानी से फैलता है। बैक्टीरिया आमतौर पर आंतों से फैलता है और रक्तप्रवाह के माध्यम से यह धीरे-धीरे अंगों को प्रभावित करता है।

पैराटाइफाइड इसी बीमारी की एक और किस्म है जो थोड़ी कम हानिकारक है । वहीं जीवाणु साल्मोनेला टाइफी जिसके कारण टाइफाइड होता है, भोजन विषाक्तता (फूड पोइजनिंग) का कारण भी बन सकता है।

टाइफाइड होने व फैलने के कारण

आइए जानते है कि यह गंभीर जीवाणु संक्रमण कैसे फैलता है।

  • गंदे परिवेश में रहना: घर में बाढ़ या नाली के पानी के जमाव एक संभावित कारण है जिससे, टाइफाइड फैल सकता है। पानी को बिना फिल्टर किए पीने से भी यह बीमारी फैल सकती है ।
  • सब्जी, फल वदुग्ध उत्पाद: फल और सब्जियां जो ऐसी जगहों से आती हैं जहाँ जहरीले उर्वरक का उपयोग करके या फिर नाली या दूषित जल के सिंचाई की जाती है और यदि ऐसा पदार्थों को खाने से पहले ठीक से नहीं धोया जाए तो यह टाइफाइड का कारण बन सकता है। साथ ही बात की जाए दूध के उत्पाद की तो इनमें साल्मोनेला नामक जीवाणु पाया जाता है, जो टाइफाइड का कारण बनता है।
  • स्वच्छतापर ध्यान न देना: टाइफाइड मल-मौखिक संचरण (faecal-oral transmission) के माध्यम से आसानी से फैलता है। स्वच्छता को लेकर लापरवाही बरतना जैसे मूत्रालय का उपयोग करने के बाद हाथ न धोना या फिर सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करना जो गंदे हों, निश्चित रूप से आपको बीमार कर सकता है।

क्या टाइफाइड संक्रामक है? हाँ! टाइफाइड एक अत्यधिक संक्रामक रोग है। टाइफाइड आसानी से हाथ या मुंह के माध्यम से फैल सकता है। इसका मतलब हैं कि यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ कुछ भी बांटते हैं, तो काफी हद तक यह संभव है कि आपको भी यह बीमारी हो सकती है।

चूंकि टाइफाइड गंदगी के कारण बढ़ता है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं, जो महामारी का कारण भी बन सकता है।

गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड टीका कैसे ली जाती है?

जैसे कि पहले उल्लेख किया गया है, गर्भावस्था में स्वाभाविक रूप से महिला के शरीर की ताकत कम हो जाती है। इसके अलावा, यदि आप टाइफाइड से ग्रसित हैंतो इसे रोकने के लिए टीकाकरण उपलब्ध है।

एक लाइव वैक्सीन (Live vaccine),जो आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है उसे लेने के बजाय, गर्भवती महिला को ‘निष्क्रिय पॉलीसेकेराइड वैक्सीन टाइप वी.आई’ (Inactivated Polysaccharide vaccine Type Vi) लेने का सुझाव दिया जाता है। महिलाओं कोको जोखिम के खतरे से कम से कम दो सप्ताह पहले टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।

संकेत और लक्षण

यहाँ ऐसे कुछ संकेत और लक्षण बताए गए हैं जो आपको टाइफाइड के संक्रमण को पहचानने में मदद कर सकते हैं ।

  • उल्टी के साथ तेज बुखार आना
  • कमजोरी और थकावट महसूस होना
  • तीव्रता से और वजन घटना
  • भूख कम लगना
  • तीव्र पेटदर्द
  • बार-बार सिर में दर्द
  • कब्ज या दस्त होना
  • छाती में जमाव
  • सुस्ती

टाइफाइड से निदान

जैसा की आपको ऊपर बताए गए सामान्य लक्षण मानव शरीर के बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाने पर जाहिर होते हैं, जिसका निदान किया जा सकता है । हालांकि, यदि आपको टाइफाइड के बताए कोई भी संकेत नजर नहीं आते हैं तो, यह मामला अधिक जटिल हो सकता है ।

यही कारण है कि किसी व्यक्ति में टाइफाइड का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। कभी-कभी मूत्र या मल के नमूनों का उपयोग करके परीक्षण किए जाते हैं। आपका डॉक्टर आपके रोग के सही तरीके से जाँच करने के लिएहीमोग्लोबिन, अस्थि मज्जा या एक वाईडल परीक्षण लेने के लिए भी कह सकता है।

टाइफाइड का उपचार

आमतौर पर, एंटीबायोटिक दवाओं से टाइफाइड का इलाज काफी प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। टाइफाइड के इलाज के लिए सामान्य रुप से 7-14 दिन लगते हैं। ज्यादातर यह बुखार ही होता है जिसके लिए आप बुखार की दवा ले सकती है।

बाकी लक्षणों को दूर करने के लिए, आपको अच्छी तरह से घर पर देखभाल की जरूरत होती है और साथ ही गर्भावस्था के दौरान दिए जाने वाले आहार का भी पूरा ध्यान रखना होता है, इस समय ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें और पूरा आराम करें, इससे आपका टाइफाइड जल्दी ठीक हो जाएगा

गर्भवती होने की वजह से टाइफाइड के संपर्क में आने से परेशानी और भी बढ़ जाती है। टाइफाइड के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामान्य एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जाती हैं क्योंकि इनसे शिशु को खतरा हो सकता है। ऐसे परिदृश्य में, तीसरे जेनेरेशन के सेफलोस्पोरिन और एम्पीसिलीन/एमोक्सिसिलिन के साथ टाइफाइड का इलाज किया जा सकता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड टीकाकरण करने की सलाह दी जाती है ताकि इस रोगकी रोकथाम की जा सके।

गर्भावस्था के दौरानटाइफाइड की जटिलताएं

गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड होने से आपको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहली बात, यदि टाइफाइड का उपचार समय पर नहीं किया गया तो इससे गर्भपात होने का खतरा रहता है। टाइफाइड के प्रभाव से आपको काफी कमजोरी हो सकती है जिसके कारण आपको केवल तरल आहार लेना पड़ सकता है, जिस वजह से आपके बच्चे को आवश्यक पोषण पूर्ण रूप से नहीं मिल पाता है ।

अन्य जटिलताएं जो गर्भावस्था के दौरान टाइफाइड होने पर देखी गई हैं, वह यह कि, आपका बच्चा समय से पहले पैदा हो सकता है या फिर उसका वजन बहुत कम होगा । इसके अलावा, मौखिक टीकाकरण आपके बच्चे के लिए गंभीर रूप से खतरनाक साबित हो सकता है।

खुद को टाइफाइड होने से कैसे बचाएं

स्वच्छता और स्वास्थ्य ये वह दो शब्द हैं, जिनको ध्यान में रखने के साथ-साथ अमल करने से टाइफाइड जैसी बीमारी से बचा जा सकता हैता। आपको इसके लिए बस छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा जैसे, भोजन बनाते या खाते समय अपने हाथ को अच्छे से धोएं ।

अन्य सुरक्षा विधियों में शामिल हैं:

  • अच्छा और साफ खाना खाएं।
  • खूब तरल पदार्थ व साफ पानी पिएं।
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें।
  • संक्रमित व्यक्तियों और दूषित सतहों के संपर्क में आने से दूर रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या टाइफाइड का टीका जन्म दोष का कारण हो सकता है?

कोई भी सिद्ध परीक्षण नहीं है जो इस बात की पुष्टि करता हो कि टाइफाइड का टीका जन्म दोष का कारण बन सकता है, हाँ अगर आप पॉलीसैकराइड वैक्सीन के बजाय सक्रिय टीका का चयन करती हैं – तो फिर हो सकता है कि यह आपके बच्चे में जन्म दोष होने की संभावना बढ़ जाएं ।

क्या टाइफाइड के टीके की वजह से गर्भपात हो सकता हैं?

गर्भपात होने की संभावना तब अधिक बढ़ जाती है जब आप इस बीमारी का उपचार नहीं करती हैं।हालांकि टाइफाइड के उपचार में इस्तेमाल किया जाने वाला टीका बच्चे के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता है।

टाइफाइड माँ और बच्चे को कैसे प्रभावित करता है?

टाइफाइड से ग्रसित एक गर्भवती महिला को इस रोग के कारण शरीर के बहुत कमजोर हो जाने का खतरा होता है। माँ का शरीर काफी कमजोर हो जाने के कारण उन्हें अपनी गर्भावस्था को पूरा करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, क्योंकि उपचार में ज्यादातर तरल आहार शामिल होता है, इसलिए यह देखा गया है कि माँ और बच्चा दोनों को पोषण ठीक से नहीं मिल पाता है।

जब बच्चे की बात आती है, गर्भपात होने का खतरा रहता है । यदि बैक्टीरिया बच्चे तक पहुँच जाए तो यह उनमें जन्म के समय बविकृति का कारण बन सकता है या फिर हो सकता है कि बच्चा समय से पहले ही पैदा हो या कम वजन का हो।

क्या टाइफाइड के टीके से बच्चे में सीखने और व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं?

सुझाव देने के लिए कोई सिद्ध अध्ययन नहीं है।

टाइफाइड से बचने के लिए सावधानियां

साफ-सफाई का ध्यान ठीक तरह से रखा जाए तो टाइफाइड से बचा जा सकता है। इस बात का ख्याल रखें कि आपके हाथ हमेशा साफ और धुले हुए हों, आप जब भी पानी पिए तो, इसे उबाल कर पिए या फिर फिल्टर पानी का प्रयोग करें सब्जियों और फलों को ठीक से धोएं, अच्छी तरह से पका हुआ खाना खाएं और शौचालय को हमेशा साफ रखें।

अगर पिता को टाइफाइड का टीका लगा हो, तो क्या इससे भी कोई जोखिम हो सकता है

अगर पिता को टाइफाइड बुखार हो जाए, तो यह आपके बच्चे को प्रभावित नहीं करता है। जब तक यह गर्भवती महिला को प्रभावित नहीं करता तब तक बच्चे को इसका खतरा बहुत कम होता है ।

यदि होने वाले पिता को टाइफाइड का टीका लगाया गया है तो, उससे शिशु को किसी भी तरह से संक्रमित होने की कोई संभावना नहीं है।

उपरोक्त जानकारी यह समझने में सहायक है कि टाइफाइड क्या है, आप इससे कैसे संक्रमित हो सकती है, और साथ ही इसकी रोकथाम, इलाज और टीका करण कैसे किया जाना चाहिए। यदि आप स्वच्छता पर खास ध्यान देंगी तो यह आपको ऐसी संक्रामक बीमारी की चपेट में आने से बचाएगा।

समर नक़वी

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