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गर्भावस्था का दसवां हफ्ता अर्थात वह समय जब यह निश्चित हो चुका है कि आप गर्भवती हैं। अब आप अपने बढ़ते पेट की चिंता बिलकुल भी न करें क्योंकि इस समय आपके गर्भ में पल रहा बच्चा धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही हो रहा है और वह स्वस्थ है, आपके डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह दे सकते हैं। अल्ट्रासाउंड को सोनोग्राम या सोनोग्राफी भी कहा जाता है और इसमें ध्वनि तरंगों (साउंड वेव) का उपयोग करके गर्भ में पल रहे शिशु की पिक्चर मॉनिटर पर दिखाई देती है । गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में आपको अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता क्यों है और इसे कैसे किया जाता है, यह सब जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान एक गर्भवती महिला की उत्सुकता के अलावा दसवें हफ्ते में अल्ट्रासाउंड करवाने के अनेक कारण हैं;
बच्चे का विकास और वृद्धि जानने के लिए आपके डॉक्टर गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दे सकते हैं। स्कैन करने से डॉक्टर को बच्चे की वृद्धि और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती है। गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में भ्रूण का वजन 4 ग्राम और लंबाई सिर से लगभग 3.1 सेंटीमीटर की होती है। अल्ट्रासाउंड बच्चे की वृद्धि को स्पष्ट करता है। इस अल्ट्रासाउंड से डॉक्टर गर्भधारण की आयु और नियत तारीख का अनुमान लगा सकते हैं।
गर्भावस्था के दसवें या चौदहवें हफ्ते के बीच न्युकल ट्रांस्ल्युसेंसी स्कैन (एन.टी.एस.) द्वारा बच्चे में डाउन सिंड्रोम और अन्य क्रोमोसोम संबंधी असामान्यताओं की जांच की जाती है। इसके माध्यम से डॉक्टर गर्भ में पल रहे भ्रूण के गर्दन के हिस्से की जांच करके किसी भी प्रकार की असामान्यता के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
गर्भावस्था के 8वें हफ्ते में आपने अपने बच्चे के हृदय की धड़कन सुनी ही होगी लेकिन यहाँ आप 10वें हफ्ते में भी उसकी धड़कनें सुन सकती हैं। आपके डॉक्टर इस जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके बच्चे का हृदय ठीक से कार्य कर रहा है।
गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में बच्चे की त्वचा पारदर्शी होती है। इसका यह तात्पर्य है कि अल्ट्रासाउंड में बच्चे के सभी अंग दिखाई देते हैं। इस प्रकार से डॉक्टर गर्भ में पल रहे शिशु के अंदरूनी अंगों की जांच करते हैं कि वे ठीक तरह से कार्य कर रहे हैं या नहीं।
गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में शिशु की रीढ़ और इसकी मांसपेशियां दिखने लगती हैं। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड में यह जांच करते हैं कि बच्चे की रीढ़ और इसकी मांसपेशियां ठीक से विकसित हो रही हैं या नहीं।
गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में स्कैन करवाने के लिए आपका मूत्राशय पूरी तरह से भरा हुआ होना चाहिए। ताकि अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर शिशु, नाल (प्लेसेंटा), गर्भाशय, अंडाशय और गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) को स्पष्ट रूप से देख सकें। अल्ट्रासाउंड से पहले मूत्राशय को भरने के लिए लगभग 3 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है।
एक सामान्य अल्ट्रासाउंड स्कैन में 15 से 30 मिनट का समय लग सकता है। सोनोग्राफर को शिशु की स्पष्ट पिक्चर प्राप्त करने के अलावा आपके गर्भाशय, प्लेसेंटा और अंडाशय की भी जांच करने की आवश्यकता होती है। यदि गर्भ में पल रहा शिशु अत्यधिक सक्रिय है और चारों ओर घूमता है या किसी अजीब स्थिति में है तो सोनोग्राफर को अल्ट्रासाउंड स्कैन करने में अधिक समय लग सकता है। अल्ट्रासाउंड में यदि आपके बच्चे की पिक्चर स्पष्ट दिखाई नहीं देती है तो डॉक्टर दोबारा से किसी और दिन इसे करने की सलाह देते हैं।
अल्ट्रासाउंड करने के लिए आपको पीठ के बल लेटने के लिए कहा जाएगा । सोनोग्राफर आपके पेट पर जेल लगाकर ट्रान्सडूसर से हल्का दबाव डालेंगे । इस ट्रान्सडूसर से निकलने वाली ध्वनि तरंगें मॉनिटर पर बच्चे का स्पष्ट चित्र दिखाने में मदद करती हैं। चिंतित न हों इससे आपको किसी भी प्रकार की चोट या तकलीफ नहीं होगी। यदि पेट के अल्ट्रासाउंड में शिशु की स्पष्ट पिक्चर नहीं दिखाई देती है तो यह अल्ट्रासाउंड योनि से भी किया जा सकता है। योनि की जांच में भी किसी भी प्रकार की पीड़ा नहीं होती है इसलिए बिलकुल भी चिंता न करें।
गर्भावस्था के 10वें सप्ताह में आप अपने बच्चे में निम्नलिखित विकास को देख सकती हैं;
यदि आप अपने बच्चे की हलचल को 10वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में नहीं देखती हैं, तो चिंता न करें। संभावना है कि आपका बच्चा गर्भ में सो रहा होगा। जब तक आपका सोनोग्राफर आपको आश्वस्त करता है कि बच्चे का विकास, वृद्धि और दिल की धड़कन सामान्य है, तब तक चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
यदि 10वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में कोई असामान्यता दिखाई देती है, तो आपका सोनोग्राफर या डॉक्टर आपको इसके बारे में सूचित करेगा । ऐसे मामलों में, डॉक्टर कोरियोनिक विल्ली सैम्पलिंग, रक्त परीक्षण और एम्निओसेंटेसिस जैसे परीक्षण करने की सलाह दे सकते हैं। इसका निष्कर्ष निकालने के लिए डॉक्टर आपसे आगे की कार्यवाही के बारे में चर्चा करेंगे और आपको किसी विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह भी दे सकते हैं।
10वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन को एक डेटिंग स्कैन भी कहा जाता है, क्योंकि इसका उपयोग शिशु की गर्भकालीन आयु निर्धारित करने और नियत तारीख निश्चित करने के लिए किया जाता है, न्यूकल ट्रांसलूसेंसी टेस्ट इस स्कैन का ही एक हिस्सा है। माता-पिता स्मृति चिन्ह के रूप में संरक्षित करने के लिए स्कैन की एक प्रिंटेड तस्वीर प्राप्त कर सकते हैं। कुछ देशों में सोनोग्राफर बच्चे के लिंग की जांच कर सकता है, हालांकि भारत में लिंग की जांच करना अवैध है। शिशु के स्वास्थ्य और विकास की जांच करने के लिए यह अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि आपके डॉक्टर इस स्कैन को करने की सलाह देते हैं तो जरूर करवाएं और साथ ही स्वस्थ गर्भावस्था के लिए नियमित रूप से सारे परीक्षण करें।
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