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गर्भावस्था एक ऐसा अवर्णनीय सफर है जो हर माता-पिता के जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। एक महिला जब अपनी गर्भावधि के विभिन्न चरणों को पार करती है तो उसे अपने शिशु के विकास व वृद्धि को जानने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाना अनिवार्य होता है। गर्भावस्था का 16वां सप्ताह भी इन्हीं चरणों में से एक है, जब अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी जाती है।
गर्भावस्था के 16वें सप्ताह में गर्भस्थ शिशु की गतिविधियों के साथ एक गर्भवती महिला की उत्सुकता भी बढ़ती है। इसके साथ इस समय शिशु के विकास व वृद्धि को समझने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाना महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रसव से पहले गर्भ में पल रहे शिशु व माँ की देखभाल आवश्यक है और इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड करवाने के कुछ निम्नलिखित कारण हैं, आइए जानते हैं;
16वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में आपका बच्चा अब तक की पूरी गर्भावस्था में सबसे बड़ा दिखने वाला है और यह स्कैन करवाने से पहले आपको कुछ चीजें कर लेनी चाहिए। गर्भावस्था के 16वें सप्ताह तक गर्भस्थ शिशु 4.5 इंच का हो गया है और अबसे वह महीने दर महीने दोगुनी तेजी से बढ़ेगा। गर्भ में बढ़ते शिशु के कारण इस दौरान आपका वजन भी बढ़ेगा किंतु मॉर्निंग सिकनेस पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
इस दौरान स्तनों का आकार बढ़ता है और शिशु के लिए दूध उत्पन्न होने लगेगा, आपके पेट का आकार भी बढ़ने के साथ-साथ कुछ हद तक आपकी त्वचा की रंगत बदल जाएगी।
अल्ट्रासाउंड से पहले डॉक्टर के पास जाते समय अपने और अपने साथी के स्वास्थ्य से जुड़े सारे कागजात लेकर जाएं और आप चाहें तो डॉक्टर से अपनी गर्भावस्था में होने वाले लक्षणों की संभावनाओं के बारे में पूछ सकती हैं। इस दौरान अपने स्तनों, थायरॉइड, फेफड़े और हृदय के साथ-साथ पूर्ण शारीरिक जांच भी करवाएं। आप गर्भावधि मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया या किसी अन्य मूत्र संक्रमण के संकेतों की भी जांच करवाएं।
अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया 15 से 45 मिनट तक चलती है, इस जांच से पहले गर्भवती महिला को बहुत सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है। अल्ट्रासाउंड करवाने से पहले खयाल रखें कि आप किसी भी प्रकार का ठोस आहार न खाएं। अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया पूर्ण होने तक पेशाब न जाएं।
परीक्षण से पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें क्योंकि सोनोग्राफी में समय लगने के कारण इस दौरान आपको अधिक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। अल्ट्रासाउंड की पिक्चर प्रिंट होने में एक दिन का समय लग सकता है परंतु गर्भ में पल रहे शिशु की छवि आपको प्रक्रिया के दौरान ही स्क्रीन पर दिखाई जा सकती है।
गर्भावस्था के 16वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करने के लिए एक उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस उपकरण में ध्वनि तरंगे उच्च आवृत्ति में उत्सर्जित होती हैं। यह तरंगें शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ती हैं और उपकरण द्वारा ध्वनि तरंगों के माध्यम से प्रतिध्वनि को एकत्रित करके एक वीडियो या छवि में बदल जाती हैं। यह पिक्चर ग्राफिक की मदद से स्क्रीन पर दिखाई जाती है। यह जांच ज्यादातर क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर (निदान केंद्र) या हॉस्पिटल के रेडियोलोजी सेक्शन में किया जाता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन विशेष रूप से एक्सपर्ट द्वारा ही किया जाता है जो यह जांच करने में सक्षम हो।
गर्भावस्था के 16वें सप्ताह में आपका पेट खरबूजे के आकार का होता है। इस दौराना आपके गर्भ में पल रहा शिशु लगभग 4-5 इंच का हो जाता है और लगातार बढ़ता रहता है। जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था बढ़ती है, शिशु के बाल, नाखून विकसित होते हैं और उभर कर दिखते हैं। 16वें सप्ताह में आप अपने बच्चे का सिर, आँखें, कान और धड़ को देख सकती हैं। शिशु की सभी हड्डियां और मांसपेशियां अपनी-अपनी जगह पर हैं और तंत्रिका तंत्र के मध्य भाग ने अब शिशु के शरीर को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। इसलिए अब आप अल्ट्रासाउंड में अपने बच्चे की गतिविधियां भी देख सकती हैं।
अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉक्टर गर्भ में पल रहे शिशु में किसी भी प्रकार की असामान्यताएं निर्धारित करने के लिए कई जांच व परीक्षण करते हैं, जैसे शिशु के नाक की लंबाई मापना। गर्भावस्था के दौरान किसी भी खतरे या आसामन्यताओं को निर्धारित करने के लिए अनेक रक्त परीक्षण किए जाते हैं।
ट्रिपल स्क्रीन एक प्रसवपूर्व रक्त परीक्षण है जो बच्चे में किसी भी समस्या का आकलन करने में मदद करता है। यह जांच मुख्य रूप से भ्रूण के यकृत और दो हॉर्मोन; मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एच.सी.जी.) और एस्ट्रिओल द्वारा उत्पन्न अल्फा-फेटोप्रोटीन (ए.एफ.पी.) नामक प्रोटीन के स्तर को देखने में मदद करता है। यह डाउन सिंड्रोम, स्पाइना बिफिडा जैसे किसी भी जन्म दोष को निर्धारित करने में अत्यधिक उपयोगी माना जाता है।
अल्ट्रासाउंड के दौरान किसी भी बात की चिंता या आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य के लिए कोई भी अगली कार्यवाही निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से चर्चा जरूर करें। माँ व गर्भस्थ शिशु की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की जांच, परीक्षण या दवा अधिक उपयोगी साबित हो सकती है।
16वें सप्ताह में हर माँ के चेहरे पर गर्भावस्था की चमक होती है और इस अवधि में वह दूसरी तिमाही में प्रवेश करने का सुख अनुभव करेगी। जैसे-जैसे आपके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होगा, वैसे-वैसे उसमें हलचल दिखाई देगी, आपके पेट का आकार भी बढ़ेगा और आपका शरीर मातृत्व के अगले चरण में जाने के लिए तैयार होगा।
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