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गर्भावस्था की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में भी एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। यदि कोई अन्य समस्या नहीं है तो डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं। गर्भावस्था के दौरान विशेषकर तीसरी तिमाही में प्री-टर्म डिलीवरी या बच्चे को चोट लगने के डर से महिलाओं का एक्सरसाइज न करना बहुत आम है। हालांकि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक्सरसाइज करना डिलीवरी के लिए फायदेमंद होता है, इससे संभावित कॉम्प्लीकेशंस कम होते हैं और यह डिलीवरी को भी सहज व सरल बनाता है। भ्रूण की आवश्यकताओं और शरीर के स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए गर्भावस्था के 9वें महीने में स्टाइल और पोजीशन को थोड़ा सा बदलकर एक्सरसाइज करना संभव हो सकता है।
इसका जवाब है ‘हाँ’, गर्भावस्था के 9वें महीने में एक्सरसाइज करना पूरी तरह से सुरक्षित है पर साथ में सावधानियां बरतना भी बहुत जरूरी है। इस समय एक्सरसाइज के दौरान आपको अपना पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है, जैसे आप लगातार पर्याप्त मात्रा में पानी पीती रहें, अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स से भरपूर संतुलित आहार खाएं, एक दिन में लगभग 8 से 10 घंटे सोएं और मानसिक व शारीरिक बदलावों पर नजर रखें। इसके अलावा इस दौरान आपको बेसिक व हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे आपके जोड़ों और मांसपेशियों पर कोई भी दबाव न पड़े।
गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में एक्सरसाइज करने के बहुत सारे फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
यदि गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में एक्सरसाइज करने से मदद मिलती है तो इससे कई कॉम्प्लिकेशन भी हो सकते हैं। इस दौरान आवश्यक सावधानियां बरतना जरूरी हैं। 9वें महीने में एक्सरसाइज करने से पहले निम्नलिखित सावधानियां जरूर रखें:
शुरू में हल्की और आरामदायक एक्सरसाइज करना जरूरी है ताकि इससे आपको दर्द, सांस लेने में समस्या या थकान न हो। इसके बाद आपको क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं;
यदि एक्सरसाइज करते समय आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत इसे बंद कर दें और डॉक्टर से मिलें। वे कौन से लक्षण हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के अंतिम महीने में एक महिला के लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज सुरक्षित हो सकती हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान योग करना सबसे सही होता है। यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और यह आपके शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और ताकत को बढ़ाता है। यह एंग्जायटी और चिंताओं को कम करने के लिए भी जाना जाता है और साथ ही इससे आपकी नींद में भी काफी सुधार हो सकता है। योग करने से शारीरिक दर्द कम होता है, सांस लेने की प्रक्रिया और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। स्टडीज के अनुसार योग करने से गर्भावस्था के लक्षणों में भी सुधार होता है, जैसे मतली, सिर में दर्द इत्यादि। हालांकि यदि आपको लगता है कि योग की पोजीशन से आपको तकलीफ हो रही है तो उसे तुरंत बंद कर दें और वह करें जो आपकी शारीरिक स्थिति के लिए सही है।
एक्सरसाइज बॉल का उपयोग करना बहुत सरल होता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने व कोर स्ट्रेंथ में सुधार के लिए यह बहुत प्रभावी है। इस बात का ध्यान रखें कि आप सही एक्सरसाइज बॉल चुनती हैं और सुनिश्चित करें कि वह आपकी हाइट के अनुसार ही है।
गर्भावस्था के दौरान पेल्विक की मांसपेशियों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है इसलिए एक्सरसाइज करके इसे मजबूत बनाने से मदद मिल सकती है। गर्भावस्था के 9वें महीने की सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
पेल्विक स्ट्रेचेस: इसे करने के लिए पहले जमीन पर अपने पैरों को सीधा व दृढ़ रखें और फिर अपने पोस्चर को बनाए रखते हुए दोनों पैरों को थोड़ी दूरी तक स्ट्रेच करें। इससे पेल्विक में लचीलापन आता है और साथ ही यह एक्सरसाइज लेबर के समय को कम करती है।
पेल्विक टिल्ट्स: यह एक्सरसाइज भी लाभदायक है जो बच्चे को ब्रीच पोजीशन से नीचे की ओर घुमाने में मदद करती है और लेबर में होने वाली कठिनाइयों को भी कम करती है। इसे करने के लिए पहले आप जमीन पर घुटनों के बल खड़ी हो जाएं और फिर शरीर के ऊपरी हिस्से से मुड़कर छाती को जमीन तक ले जाएं। इससे आपकी पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आपकी कोर स्ट्रेंथ बढ़ती है।
कॉबलर पोज: यह भी एक एक्सरसाइज है जो शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को तनाव-मुक्त रखने में मदद करती है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप अपने दोनों पैरों को एक दूसरे के सामने रखकर बैठ जाएं। अब दोनों घुटनों को धीरे-धीरे ग्राउंड की तरफ तब तक मोड़ें जब तक आपको जांघों की आंतरिक मांसपेशियां खिंचती हुई महसूस न हो। इस पोजीशन में लगभग 20 सेकंड के लिए रहें और फिर एक मिनट आराम करके इसे दोबारा लगभग पाँच बार दोहराएं।
केगेल एक्सरसाइज: गर्भावस्था के दौरान केगेल एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है विशेषकर तब जब आपका लेबर बाकी है और इसे प्रेरित करने की जरूरत है। इसके अलावा यह एक्सरसाइज वजाइना की मांसपेशियों को दृढ़ रखकर यूरिनरी सिस्टम के इन्फेक्शन को दूर रखती है और थकान व असंयम को ठीक करने में मदद करती है। यह बहुत आसान एक्सरसाइज है और इसे करने के लिए आपको पेल्विस की मांसपेशियों को 10 से 20 सेकंड तक टाइट करके रिलीज करना है। आप यह एक्सरसाइज दिन में 10 से 20 बार कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान फिट रहने के लिए एरोबिक्स करना एक बेहद अच्छा तरीका है। आप शारीरिक लचीलेपन के साथ-साथ दिल के स्वास्थ्य में सुधार के लिए 10 से 20 मिनट तक चल सकती हैं। गर्भावस्था के नौवें महीने में स्विमिंग करने की सलाह भी दी जाती है क्योंकि इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हृदय की गति नियंत्रित होती है।
गर्भावस्था के दौरान पिलाटेज एक लोकप्रिय एक्सरसाइज है क्योंकि इससे आपकी कोर स्ट्रेंथ में बहुत ज्यादा सुधार होता है और शरीर लचीला होता है। बच्चे की वृद्धि से पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे आपके रिब केज और पीठ में दर्द होता है इसलिए यह बहुत जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान पिलाटेज एक सही एक्सरसाइज है क्योंकि यह हाथ और घुटनों से की जाती है जिससे पेट और पीठ पर दबाव कम होता है। यह सुनिश्चित करें कि गर्भावस्था के दौरान आप सिर्फ अनुभवी ट्रेनर की मदद से ही पिलाटेज एक्सरसाइज करें। यह अचानक आपकी पेल्विक और पीठ की मांसपेशियों पर तनाव न आने में मदद कर सकता है जिससे आपको चोट लग सकती है। इसके अलावा गलत तरीके से पिलाटेज करने पर बच्चे को हानि हो सकती है।
यह वर्कआउट आपके शरीर के निचले हिस्से के लिए हैं। ऐसा माना जाता है कि नियमित स्क्वैटिंग करने से लेबर का समय कम होने में मदद मिलती है क्योंकि यह एक्सरसाइज पेल्विक गैप को बढ़ा देती है जिस वजह से कम प्रयास के भी बच्चा बाहर की ओर आ सकता है। स्क्वॉट्स करने के लिए ज्यादा उपकरणों की जरूरत नहीं होती है। इसे करने के लिए आपको सिर्फ अपने कंधों को थोड़ा चौड़ा करके खड़े होना है और नीचे की ओर तब तक झुकना है जब तक आपके हिप्स घुटनों के बराबर या थोड़ा नीचे तक न जाएं। इस एक्सरसाइज को आप रोजाना 20 बार कर सकती हैं।
लंजेस से हिप्स की गति में सुधार होता है जिससे बच्चे को घूमकर निकलने के लिए काफी जगह मिलती है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप दोनों पैरों पर खड़ी हो जाएं और फिर एक पैर को आगे बढ़ाकर घुटनों पर झुकाएं और वहीं दूसरे पैर को अपने पीछे ले जाकर पूरी तरह से स्ट्रेच करें। सही बैलेंस के लिए इस एक्सरसाइज को करते समय आप अपने पार्टनर और परिवार के किसी सदस्य का सहारा ले सकती हैं।
वैसे तो गर्भावस्था के 9वें महीने में एक्सरसाइज करना सुरक्षित है। पर निम्नलिखित कुछ स्थितियों में एक्सरसाइज बिलकुल भी न करें, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था एक अद्भुत समय है पर नौवें महीने तक ज्यादातर महिलाएं पूरी तरह से कमजोर हो चुकी होती हैं। इस दौरान शरीर में कई सारे बदलाव होने से आसान चीजें भी कठिन लगने लगती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज और आहार का खयाल रखना बहुत जरूरी है। नियमित वर्कआउट करने से स्ट्रेस कम होता है, लेबर के कठिनाइयों में सुधार होता है और यह डिलीवरी की प्रक्रिया को सरल कर देता है। ध्यान रहे आप हमेशा किसी की उपस्थिति में एक्सरसाइज करें क्योंकि आपको किसी भी समय संकुचन हो सकता है।
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