गर्भावस्था

गर्भावस्था के बाद अनियमित पीरियड: कारण और टिप्स

एक स्वस्थ मासिक धर्म चक्र एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का एक स्पष्ट संकेत होता है। हालांकि, पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं में मासिक धर्म चक्र, डिलीवरी के बाद कुछ महीनों के लिए बंद हो जाता है। बच्चा होने के तुरंत बाद, कुछ दिनों तक पोस्टपार्टम ब्लीडिंग होती है, और फिर रुक जाती है। अक्सर, पोस्टपार्टम ब्लीडिंग और पहले नियमित पीरियड के बीच काफी अंतर होता है।

पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के बाद पीरियड्स बहुत अप्रत्याशित हो जाते हैं और महीनों तक तय समय से पहले या बाद में भी हो सकते हैं। यह महिलाओं के लिए यह चिंता का एक बहुत बड़ा कारण होता है, और वे इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहती हैं। अच्छी बात यह है कि डिलीवरी के बाद अनियमित पीरियड होना पूरी तरह से सामान्य है, और यह शरीर में हो रहे विभिन्न हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। समय के साथ, शरीर अपने पुराने रुटीन में वापस आ जाता है, लेकिन यह समय अवधि प्रत्‍येक व्यक्ति के लिए भिन्न होती है।

क्या डिलीवरी के बाद पीरियड अनियमित होना सामान्य है?

सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि डिलीवरी के बाद शरीर में कुछ हार्मोन बहुत तेजी से बदल जाते हैं। इसलिए, मासिक धर्म चक्र के बीच एक नियमित अवधि सुनिश्चित करने वाले हार्मोन अप्रभावी हो जाते हैं। महिलाओं में डिलीवरी के बाद माहवारी की फ्रीक्वेंसी और स्राव में परिवर्तन का अनुभव करना काफी सामान्य है। कई कारक यह तय करते हैं कि वास्तव में कब शरीर अपने सामान्य मासिक चक्र में वापस आता है।

गर्भावस्था के बाद अनियमित पीरियड का कारण

गर्भधारण के समय से, एक महिला का शरीर बहुत सारे परिवर्तनों से गुजरता है, इसके साथ ही शरीर में हार्मोन के स्तरों में भी काफी बदलाव होता है। एक बदला हुआ मासिक धर्म चक्र इन परिवर्तनों का एक परिणाम है। इसके अलावा कुछ बाहरी कारक भी डिलीवरी के बाद आपकी माहवारी को अनियमित करने में भूमिका निभाते हैं।

1. वजन

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ता है और डिलीवरी के बाद भी कुछ महीनों तक यह ज्‍यादा ही बना रहता है। इसके विपरीत, कुछ महिलाओं में अनुचित आहार और नींद की कमी के कारण वजन जबर्दस्त रूप से कम होता है। दोनों ही मामलों में, वजन सीधे शरीर में हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। माँ का वजन उस समय सीमा को तय करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है जिसमें वह पहले के सामान्य मासिक धर्म चक्र में वापस आ जाती है।

2. स्तनपान

जो माएं अपने बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनमें डिलीवरी के बाद, काफी देर से ओवुलेशन होता है। स्तन ग्रन्‍थियों (प्रोलैक्टिन) से दूध के स्राव को प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन भी ओवुलेशन की प्रक्रिया को कम कर देता है। इसलिए, जब तक एक माँ अपने बच्चे को स्तनपान करा रही है, तब तक हार्मोन सक्रिय रूप से बना रहता है और ओवुलेशन की प्रक्रिया को रोकता है। केवल एक सफल ओवुलेशन मासिक धर्म का कारण होता है, और इसलिए, आपका मासिक धर्म देर से शुरू होता है।

3. परिवर्तित हार्मोन स्तर

गर्भावस्था में एक माँ बनने वाली महिला के शरीर में हार्मोन उसे बच्चे पैदा करने, लेबर और स्तनपान के लिए तैयार करते हैं। दुर्भाग्य से, डिलीवरी के तुरंत बाद हार्मोन का स्तर सामान्य स्थिति में वापस नहीं आता है। आहार, व्यायाम, स्तनपान, सेक्स और वजन जैसे कारक उस समय अवधि को तय करते हैं जिसमें वह सामान्य स्तर पर वापस आएगा। ऐसे में, मासिक धर्म चक्र कुछ महीनों के लिए अनिश्चित और अप्रत्याशित हो जाता है, जब तक कि हार्मोन पुन: अपने स्‍तर पर वापस नहीं आते।

4. गर्भावस्था से पहले की स्थिति

यदि आप एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम), हाइपो या हाइपर-थायराइडिज्म, या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, जो हार्मोन में उतार-चढ़ाव का कारण है, तो आप गर्भावस्था के बाद अनियमित महावारी का अनुभव कर सकती हैं। यह विशेष रूप से तब होता है, जब आप गर्भावस्था से पहले ही अपने मासिक धर्म चक्र के अनियमित रहने से जूझती रही हैं।

निदान

अनियमित पीरियड्स का निदान मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई महिलाएं डिलीवरी के बाद होने वाली पोस्टपार्टम ब्लीडिंग को माहवारी समझ सकती हैं। पोस्टपार्टम ब्लीडिंग से कुछ महीनों के अंतराल के बाद पहले पीरियड होते हैं। पहले पीरियड के बाद एक अनियमित मासिक चक्र काफी आम है, और यह लगभग चार से पाँच महीने तक रह सकता है। इससे ज्‍यादा समय तक अनियमित मासिक धर्म चक्र होने पर इस अनियमितता के सटीक कारण का पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

अनियमित पीरियड से निपटने के सुझाव

कुछ चीजें हैं जो पहली बार माँ बनी महिलाएं अनियमित पीरियड की समस्या को दूर करने के लिए अपना सकती हैं और अपने मासिक धर्म को सामान्य स्थिति में वापस ला सकती हैं।

1. एक्सरसाइज

निस्संदेह, घर पर एक नवजात बच्चे के साथ एक्सरसाइज रूटीन शुरू करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। फिर भी, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना शरीर को गर्भावस्‍था से पूर्व के आकार में वापस लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक्सरसाइज करने से शरीर में हार्मोनल बैलेंस को बहाल करने में बहुत मदद मिलती है। यह आपके वजन को बनाए रखने में भी मदद करता है, जो आपकी माहवारी को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है।

2. स्वस्थ आहार

स्वस्थ और पौष्टिक आहार, डिलीवरी के बाद, गर्भावस्था और लेबर के दौरान शरीर द्वारा खोए पोषक तत्वों को वापस पाने के लिए आवश्यक है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और सूखे मेवे शरीर की मरम्मत और ताकत पाने के लिए अत्‍यावश्‍यक माइक्रोन्युट्रिएंट्स प्रदान करते हैं। ये अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे के जन्म के बाद शरीर को पुरानी स्थिति में आने और हार्मोनल असंतुलन को सही करने के लिए उपयुक्‍त होते हैं।

3. स्ट्रेस मैनेजमेंट

तनाव शरीर और मन को प्रभावित करता है। कुछ माओं को नींद की कमी, नई जिम्मेदारियों और कभी-कभी मातृत्व की नई भूमिका के कारण बहुत अधिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यह सीधे हार्मोन संतुलन को प्रभावित करता है, जिससे सामान्य स्थिति में वापस आने में देरी होती है। शरीर की हीलिंग प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप तनाव मुक्त रहें और दूसरों की मदद लें और अपनी चिंताओं के बारे में उनसे बात करें।

4. गर्भ निरोधकों से परहेज

गर्भनिरोधक ओवुलेशन चक्र में हस्तक्षेप करते हैं और सामान्य मासिक धर्म चक्र को वापस लेने की प्रक्रिया को और लंबा बनाते हैं। आप अपने डॉक्टर से अन्य सुरक्षित कंट्रासेप्टिव विकल्पों के बारे में बात कर सकती हैं जो शरीर में हार्मोनल संतुलन को प्रभावित नहीं करते हैं।

5. विटामिन लेना

कुछ विटामिनों कि कमी, जैसे कि विटामिन डी, और विटामिन बी मासिक धर्म में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि आप जांच लें और यह सुनिश्चित करें कि आपमें इन विटामिनों की कमी नहीं है और अगर जरूरत पड़े तो आप सप्लीमेंट्स ले सकती हैं या आपके भोजन में वे पदार्थ शामिल करें जिसमें विटामिन की मात्रा ज्यादा हो। आप सूरज की किरणों से या अपने आहार में डेयरी उत्पादों को शामिल करके विटामिन डी की अपनी खुराक प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन बी की अपनी दैनिक खुराक के लिए फलियां, मांस, बादाम, साबुत अनाज, और हरी, पत्तेदार सब्जियां खाएं। यह ध्यान रखें कि आपका शरीर स्वस्थ रहे और आपके शरीर में विटामिन की पर्याप्त मात्रा हो, इससे मासिक धर्म को नियमित करने की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है।

पहली बार माँ बनी महिलाओं के लिए पीरियड का अनियमित होना बहुत निराशाजनक हो सकता है। इस बेहद स्वाभाविक और आम प्रक्रिया के पीछे विभिन्न बायोलॉजिकल कारणों को समझना आपको धैर्य दे सकता है।

यह भी पढ़ें:

अनियमित पीरियड – कारण, जोखिम और उपचार
डिलीवरी के बाद पीरियड: ब्लीडिंग कब और कैसी होगी, साथ में इससे जुड़े मिथक

समर नक़वी

Recent Posts

पुलकित नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Pulkit Name Meaning in Hindi

जब भी कोई माता-पिता अपने बच्चे का नाम रखते हैं, तो वो सिर्फ एक नाम…

1 week ago

हिना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Heena Name Meaning in Hindi

हर धर्म के अपने रीति-रिवाज होते हैं। हिन्दू हों या मुस्लिम, नाम रखने का तरीका…

1 week ago

इवान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Ivaan Name Meaning in Hindi

जब घर में बच्चे की किलकारी गूंजती है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल बन…

1 week ago

आरज़ू नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aarzoo Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्म हैं और हर धर्म के लोग अपने-अपने तरीके से बच्चों…

1 week ago

मन्नत नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Mannat Name Meaning in Hindi

माता-पिता बच्चे के जन्म से पहले ही उसके लिए कई सपने देखने लगते हैं, जिनमें…

1 week ago

जितेंदर नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jitender Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा जिंदगी में खूब तरक्की करे और ऐसा नाम…

2 weeks ago