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आपने महसूस किया होगा कि डिलीवरी के बाद आपके पेट का कसाव यानी टाइटनेस और उसका आकार तुरंत वापस नहीं आता है। बच्चा पैदा होने के बाद हार्मोनल बदलावों के कारण समय के साथ आपका पेट कम हो जाएगा और साथ ही आप खुद व्यायाम आदि करके अपनी ओर से इसे कम करने का प्रयास कर सकती हैं व अपने पुराने आकार में आ सकती हैं। पेट पर बढ़ती चर्बी और शारीरिक बदलावों के कारण और इसे कैसे कम किया जा सकता है, इन सबके बारे में जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
गर्भावस्था के दिनों में आपके पेट में हुआ फैट और कोशिकाओं में सूजन डिलीवरी के बाद भी कुछ समय तक रहती है और धीरे-धीरे खत्म होती है।यदि गर्भावस्था के दौरान लगतार 9 महीने तक आपका पेट बढ़ता है तो जाहिर है इसे कम होने में भी समय लगेगा। इसलिए डिलीवरी के बाद भी आपका पेट गर्भावस्था के 6 महीनों के बराबर लग सकता है और आपका बेली फैट बना रहता है।
डिलीवरी के 24 घंटों में आपके शरीर से बहुत अधिक वजन कम हो जाता है। इस समय बच्चे के वजन के साथ-साथ आप लगभग 5 किलो वजन और कम कर लेती हैं।
एक सप्ताह तक आपके पेट की ज्यादातर चर्बी घट कर पेशाब के रूप में निकल जाती है जबकि कैलोरी व वजन बच्चे को स्तनपान कराने से कम हो सकता है।
डिलीवरी के 2 सप्ताह के बाद अधिक लिक्विड या तरल पदार्थ और कैलोरी की कमी के कारण स्तनपान कराने व हार्मोनल बदलावों के प्रभाव दिखना शुरू हो सकते हैं।
डिलीवरी के 1 महीने के बाद तक वजन में अधिक बदलाव नजर आने लगता है। कुछ लोग कहते हैं कि इस समय हाल ही में माँ बनी महिला अधिकतम 18 किलो वजन कम कर सकती है। अतः डिलीवरी के बाद भी आपका पुराने आकार व पुराने वजन में वापस आना संभव है।
शरीर के अंदर हो रहे बदलाव भी आपकी गर्भावस्था के दौरन मिले इस लुक को बदल सकते हैं। डिलीवरी के बाद जैसे ही आपका गर्भाशय सिकुड़ता है, आपका पेट पतला लगने लगता है।
डिलीवरी के कुछ महीनों के बाद यदि आप अपने लाइफस्टाइल में स्वस्थ आहार और सही एक्सरसाइज को शामिल करती हैं तो यह बेली फैट को कम करने और जैसा आप चाहती हैं वैसा बनाने में मदद कर सकता है।
गर्भावस्था के 9 महीनों में आपका जो वजन बढ़ गया था वह डिलीवरी के 9 महीनों के बाद तक कम हो जाना चाहिए।
हर महिला या हाल ही में बनी हर माँ यह चाहती है कि डिलीवरी के बाद वह पतली दिखे या उसका पेट बाहर न निकले। यह तुरंत नहीं होगा पर समय के साथ-साथ आपकी सही आदतें अधिक वजन को कम करने में मदद करती हैं। इसका कोई शॉर्टकट नहीं है और आपके व बच्चे की सेहत को ध्यान में रखते हुए आपको फैड डाइट लेने (वह खाना जिसमें पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा नहीं होती है) और कुछ भी ज्यादा करने की सलाह नहीं दी जाती है।
इसके बजाय कई घरेलू उपचार हैं जो आपके बेली फैट को कम करने में मदद करते हैं, जैसे;
यह नई माँ को प्राकृतिक रूप से कैलोरी घटाने में काफी मदद करता है (जबकि माँ का दूध पीने से बच्चे में कैलोरी बढ़ती है।
अपने पहले के आकार में वापस आने के लिए या डिलीवरी के बाद पतला होने के लिए आपको आपने आहार में सही व संतुलित मात्रा में फैट, कार्ब्स और प्रोटीन भी लेना आवश्यक है।
डिलीवरी के बाद कैलोरी कम करने और शरीर के मुख्य अंगों को लगातार कार्य करते रहने के लिए नई मांओं को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है।
यदि आप बच्चे के जन्म के बाद जिम नहीं जा सकती हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि पेट कम करने के लिए आप घर पर ही कुछ सरल और सुरक्षित एक्सरसाइज भी नहीं कर सकती हैं। यहाँ विशेषकर डिलीवरी के बाद बेली फैट कम करने के लिए 5 एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है जो आपकी मदद कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने घुटने मोड़ कर एक तकिया हिप्स के नीचे और एक तकिया अपने दोनों घुटनों के बीच में रखें।अपने पैरों के तलवों को जमीन पर टिका दें और अपने हाथों को दोनों तरफ सीधा रखें। अब सांस लें व सांस छोड़ें और अपने एब्स को पीछे की ओर खींचते हुए हिप्स पर दबाव डालें। इस मुद्रा को पांच मिनट तक बनाए रखें और फिर थोड़ी देर आराम करके दोहराएं।यदि आपकी नॉर्मल डिलीवरी है तो आप लगभग 1 सप्ताह के बाद से पेल्विक टिल्ट एक्सरसाइज शुरू कर सकती हैं किंतु यदि आपने सी-सेक्शन करवाया है तो आपको लगभग 8 सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा।
डिलीवरी के लगभग 6 सप्ताह बाद पेल्विक ब्रिज व्यायाम किया जा सकता है। पेल्विक ब्रिज एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों का हल्का मोड़कर अपने पैरों के बीच अंतर रखें। अपने एब्स को ऊपर और रीढ़ की ओर करते हुए सांस लें और छोड़ें। अब अपनी श्रोणि को जमीन से ऊपर लाते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं और एक ब्रिज की तरह बना लें। अब इस पोजीशन को धीरे-धीरे नीचे लाकर अपनी शुरूआती मुद्रा में आ जाएं। इस एक्सरसाइज को लगभग 5 बार दोहराएं और फिर धीरे-धीरे बढ़ाती रहें।
पीठ के बल लेटकर अपने घुटने को मोड़ें और एड़ी को हिप्स से थोड़ी दूर रखकर अपने एब्स को अंदर की ओर खींचें। अपने बाएं पैर को थोड़ा सा लचीला करें और एड़ी से जमीन पर थोड़ा दबाव डालें। फिर श्रोणि को सीधा रखते हुए सांस अंदर लें अवा छोड़ें और पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हुए अपने बाएं पैर को सीधा करें। अब यह प्रक्रिया दूसरे पैर से भी करें और दोनों पैरों से लगभग 5 बार यह एक्सरसाइज करें और फिर धीरे-धीरे बढ़ाती रहें।
टॉवल पल्स क्रंच का ही सरल प्रकार है जिसमें आपको पीठ के बल सीधा लेटकर घुटनों को मोड़ना है। फिर तौलिए को दोनों छोरों से पकड़ें और घुटने से थोड़ा नीचे पैरों पर रखें। खयाल रहे आपके घुटने मुड़े रहने चाहिए और फिर तौलिए को खींचते हुए पेट पर हल्का दबाव डालें और अपने कंधों और सिर को जमीन से ऊपर उठाकर रखें। यह प्रक्रिया करते समय सांसों को अंदर बाहर करना न भूलें, इससे आपके पेट की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। एक्सरसाइज करते समय इसे 10-12 बार दोहराएं।
सिंगल लेग स्ट्रेच के लिए भी आपको एक तौलिए की आवश्यकता होती है। यह एक्सरसाइज उन महिलाओं के लिए है जिनकी डिलीवरी को हुए 12-14 सप्ताह हो चुके हैं। इस व्यायाम को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को सीधे रखकर हवा में उठाएं और एक पैर को हल्का मोड़ लें। अब एक छोटी तौलिया को दोनों छोरों से पकड़ें और उठे हुए पैर की जांघ पर रखकर आगे की ओर दबाव डालें। इसे करते समय अपने सिर और गर्दन को भी ऊपर उठाएं।
पेट और उसके आस-पास जमे फैट को कम करने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए हुए हैं, जिनमें आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
एक्सरसाइज शुरू करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप सही एक्सरसाइज कर रही हैं और यह आपके लिए सुविधाजनक भी है। इसे करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेना आवश्यक है और खुद को बहुत अधिक न थकाएं।
एक्सरसाइज करने के लिए कोई साथी खोजें, किसी के साथ व्यायाम करना हमेशा मनोरंजक होता है और आप दोनों एक दूसरे को अपने अनुभव भी बता सकती हैं। यह एक्सरसाइज के बाद आपको स्ट्रेचिंग में भी मदद कर सकता है और यह सुरक्षित भी है।
बॉल के साथ एक्सरसाइज करते समय आप कई प्रकार से पेट की मांसपेशियों के व्यायाम कर सकती हैं, जैसे क्रंचेज । यह आपकी मुख्य मांसपेशियों को मजबूत करने और आपके शारीरिक संतुलन में सुधार करने में मदद करता है।
दावत के खाने से दूर रहें और इसके बजाय वो खाना खाएं जो आप सरलता से खा और पचा सकती हैं। कम मात्रा में कई बार खाना खाने से आपको और आपके बच्चे को पर्याप्त पोषण मिलने के साथ-साथ आपके शरीर में अधिक कैलोरी नहीं जाएगी और आपको अधिक भारी महसूस भी नहीं होगा।
गर्भावस्था के दौरान आप अपने शरीर में बहुत अधिक बदलावों का अनुभव करती हैं। प्रसव के बाद आपके पेट की मांसपेशियों में कसाव न रह जाना संभव है। इस समस्या को रेक्टस एब्डोमिनिस डायस्टेसिस (जिसमें खिंचाव या तनाव के कारण दोनों तरफ की रेक्टस एब्डोमिनल मांसपेशियों में अंतर आ सकता है) कहा जाता है। आर.ए.डी. काई कारणों से हो सकता है, जैसे आपके पेट की मांसपेशियां अधिक कमजोर हैं, आपके गर्भ में बड़ा शिशु होना या जुड़वां बच्चे होना, आपकी श्रोणि पतली होने से या पहले की गर्भावस्था। इस समस्या को फिजियोथेरेपी की मदद से ठीक किया जा सकता है और इसका इलाज न करने से पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
आपको ऐसा लगता होगा की डिलीवरी के बाद आपका फिगर खराब हो गया है या आप मोटी हो गई हैं और भी बहुत कुछ। लेकिन गर्भावस्था और डिलीवरी, इन दोनों पड़ावों को पार करने के बाद सबसे पहले इसके लिए खुद को शाबाशी दें और गर्व महसूस करें तभी आप अपने वजन कम करने और पुराने आकार में वापस आने के सफर को तय कर सकती हैं। चूंकि यह प्रक्रिया का ही एक भाग है इसलिए खुद पर ज्यादा बोझ न डालें। महीने या सप्ताह के अनुसार अपना एक लक्ष्य बनाएं और डिलीवरी के बाद अपने शरीर के बदलावों पर ध्यान दें व इसके बारे में जानें। नियमित व स्वस्थ आहार के साथ एक्सरसाइज करने से आप समय पर ठीक हो सकती हैं।
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