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प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सारे बदलावों के बावजूद भी एक महिला अपने बच्चे को देखने के लिए उसे अपनी बाहों में लेने के लिए का बेसब्री से इंतजार करती है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान आपका शरीर जिन बदलावों से गुजरता है उनमें से कुछ तो समय के साथ ठीक हो जाते, लेकिन कुछ हमेशा के लिए बने रहते हैं। गर्भावस्था के शुरुआत लक्षणों में आप सबसे पहले अपने स्तनों में बदलाव होते हुए महसूस करेंगी। इस दौरान स्तन बड़े होने लगते है और साथ-साथ एरोला और निपल्स भी बड़े और गहरे होने लगते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले इन परिवर्तनों के कारण आपके ब्रेस्ट सैगी हो जाते है। हर महिला को अपने ब्रेस्ट शेप में ही पसंद होते हैं, लेकिन आमतौर पर डिलीवरी के बाद और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ब्रेस्ट ज्यादातर सैगी हो जाते हैं। यहाँ आपको ब्रेस्ट सैगिंग के बारे में बताया गया और इसे कैसे रोका जा सकता है इसकी भी जानकारी आपको इस लेख में दी गई है।
प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट सैगिंग या प्टोसिस जैसे कॉमन इशू का सामना करना पड़ता है। ब्रेस्ट सैगिंग बढ़ती उम्र, प्रेगनेंसी, चाइल्ड बर्थ और बहुत ज्यादा वजन कम होने की वजह से होता है। यह हर महिला में अलग-अलग कारणों से हो सकता है। आपके स्तनों को सपोर्ट करने वाले लिगामेंट प्रेगनेंसी के कारण स्ट्रेच हो जाते हैं जिसकी वजह से सैगिंग की समस्या पैदा हो सकती है।
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती हैं, वैसे वैसे शरीर की इलास्टिसिटी (लोच) कम होती जाती है। इसलिए, सैगिंग होती ही है, भले ही आप प्रेग्नेंट न भी हों। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान, ब्रेस्ट स्ट्रेच होते हैं और बहुत भारी हो जाते हैं, जिसकी वजह से प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट सैग हो जाते हैं। प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट के सैगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण हार्मोनल चेंजेस होता है।
हार्मोनल चेंजेस के अलावा भी ऐसे कई फैक्टर हैं जो सैगी ब्रेस्ट का कारण होते हैं जैसे स्मोकिंग, बढ़ती उम्र, बहुत बहुत जल्दी बहुत ज्यादा वजन कम करना, अधिक वजन होना, आपकी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज न करना आदि।
गर्भावस्था के दौरान और बाद में कुछ ऐसी चीजें हैं, जो आपके स्तनों की इलास्टिसिटी को बनाए रखने में मदद करेंगी। ब्रेस्ट सैगिंग को रोकने के लिए आपको यहाँ कुछ टिप्स और ट्रिक्स दी गई हैं।
तो आप प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट सैगिंग से कैसे बचें, इसके लिए आपको नीचे कुछ पॉइंट दिए गए हैं जो प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट सैगिंग को होने से रोकने में मदद कर सकते हैं:
ये एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों को टोन रखने में मदद करती है और ब्रेस्ट सैगिंग को होने से रोकती है, आपको नीचे बताई गई एक्सरसाइज को हर दिन कम से कम से 20 बार दोहराना है।
अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर जितना हो सके स्ट्रेच करें और अपनी हथेलियों को पकड़े। 20 सेकंड तक के लिए इसी पोस्चर को बनाए रखें, फिर धीरे-धीरे अपनी हाथों नीचे करें को कम करें।
एक हाथ की दूरी से दीवार के सामने खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को कंधे के बराबर सीधा करते हुए दीवार पर रखें। अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। अब, आप अपने हाथ के सहारे से दीवार की सपोर्ट से 10 पुशअप करें (जैसे जमीन पर पुशअप किया जाता है ठीक वैसे ही)।
आपको इसके लिए डंबल की जरूरत पड़ेगी (या फिर आप पानी से भरी एक लीटर वाली बोतल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं)। एक फ्लैट सरफेस पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं, दोनों हाथों में एक-एक डंबल या बोतल पकड़ लें। अब, अपने हाथों को सीधा स्ट्रेच करें, 10 तक की गिनती गिनने तक आप इसी पोजीशन में रहे फिर अपने हाथों को चेस्ट के बिलकुल करीब ले जाएं। फिर 10 तक की गिनती गिनने तक आप इसी पोजीशन में रहें। इस एक्सरसाइज को कम से कम 20 बार दोहराएं।
चाहे आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराएं या न कराएं, लेकिन प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण आपके ब्रेस्ट पहले ही बहुत स्ट्रेच हो जाते हैं। एस्थेटिक सर्जरी जर्नल की रिसर्च के अनुसार, प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्टफीडिंग से ब्रेस्ट सैगिंग होने का बहुत ज्यादा खतरा नहीं होता है। जब आप अपने बच्चे को फीडिंग कराती हैं, तो आपके स्तन अपने आप ही सिकुड़ जाते हैं। यदि आप बिल्कुल भी स्तनपान नहीं करते हैं, तो भारीपन महसूस करेंगी। रिसर्चर के अनुसार, प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल चेंजेस ब्रेस्ट सैगिंग के लिए ज्यादा जिम्मेदार होते हैं बजाय ब्रेस्टफीडिंग के।
प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट सैगिंग का अनुभव करना नॉर्मल है, लेकिन अगर आप प्रेगनेंसी के बाद इससे बचना चाहती हैं तो आपको एक हेल्दी लाइफस्टाइल का शुरुआत से ही पालन करना होगा। सही डाइट लेना, रोजाना एक्सरसाइज और स्किनकेयर, यह सारी आपके ब्रेस्ट को कसा बनाए रखने में आपकी मदद करेंगे और बाकि लोगों के मुकाबले आपको ब्रेस्ट सैगिंग की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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