गर्भावस्था

बच्चे के जन्म के बाद वजायना – बदलाव और रिकवरी के टिप्स

बच्चे का जन्म शारीरिक रूप से जरूरी है और इससे एक महिला को जीवन बदलने के अनुभव भी होते हैं। लेबर के दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं और बच्चे के जन्म के बाद उसे ठीक होने में समय लगता है। जन्म के बाद शारीरिक बदलावों के अलावा एक महिला की वजायना में भी बदलाव होते हैं। डिलीवरी के दौरान वजायना लगभग 10 सेंटीमीटर तक स्ट्रेच होती है ताकि बच्चा बाहर आ सके और धीरे-धीरे इसका साइज नॉर्मल हो जाता है। यह आर्टिकल आपको बताएगा कि डिलीवरी के बाद महिला की वजायना में क्या बदलाव आते हैं और जन्म के बाद जल्दी रिकवरी के लिए कुछ टिप्स आप यहाँ से भी ले सकती हैं। 

गर्भावस्था के बाद वजायना में बदलाव

गर्भावस्था के बाद एक महिला की वजायना में निम्नलिखित बदलाव होते हैं, आइए जानें; 

1. डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होना

बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की वजायना से ब्लीडिंग व डिस्चार्ज होता है। इसमें खून, म्यूकस और गर्भाशय के टिश्यू भी होते हैं। डिलीवरी के बाद आपके गर्भाशय की आंतरिक परत गिरती है और गर्भावस्था के भाग भी डिस्चार्ज में निकलते हैं। डिलीवरी के बाद महिला में यह ब्लीडिंग 4 से 6 हफ्तों तक चलती है। इस समय आप टेम्पॉन्स का उपयोग न करें और सिर्फ सैनिटरी पैड्स का ही उपयोग करें क्योंकि टेम्पॉन्स से इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ता है।  

2. सूजन होना

डिलीवरी के बाद महिला की वजायना लगभग 6 सप्ताह तक सूज सकती है और इसमें पीड़ा भी होती है। नॉर्मल डिलीवरी से महिला की वजायना के टिश्यू में बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है और इसे ठीक होने में समय भी लगता है। यह पीड़ा और दर्द लगभग 4 से 6 सप्ताह में ठीक होती है। 

3. टांके लगने के बाद दर्द होना

डिलीवरी के बाद विशेषकर पहली बार गर्भवती हुई ज्यादातर महिलाओं की वजायना में टांके लगाए जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वजायनल डिलीवरी के दौरान वजायना और ऐनस के बीच त्वचा जिसे पेरिनियम कहते हैं वह फट जाती है। बर्थ कैनाल को बढ़ाकर बच्चे को निकालने के लिए डॉक्टर भी इसे काट सकते हैं। इसे एपीसीओटोमी कहते हैं। इसके टांकों को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 1 से 10 दिन लगते हैं। इस दौरान पेशाब करते समय या नीचे बैठने पर आपको बहुत ज्यादा दर्द भी हो सकता है। यदि आप इसे जगह में गुनगुने पानी से सिकाई करती हैं या इसमें इंफ्रारेड लाइट का उपयोग करती हैं तो इसका दर्द कम हो जाएगा और यह जल्दी ठीक भी हो जाएगा। यदि इस समय आपकी वजायना से दुर्गंध आती है या बहुत ज्यादा दर्द होता है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। 

4. डिलीवरी के बाद वजायना बढ़ जाती है और सूख जाती है

बच्चे का सिर बाहर निकालने के लिए महिला की वजायना अत्यधिक बढ़ती है। इसकी वजह से डिलीवरी के बाद आपको बहुत ज्यादा ढीला या बढ़ा हुआ महसूस हो सकता है। यद्यपि यह दोबारा से गर्भावस्था के पहले वाले आकार में नहीं आता है पर वजायना ठीक हो जाएगी और आपको अगले 3-6 सप्ताह में सामान्य महसूस होने लगेगा। डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजन कम होने की वजह से वजायना से म्यूकस भी कम हो जाता है जिससे यह सूख जाती है। इसके कारण सेक्स के दौरान आपको अत्यधिक दर्द व असुविधाएं हो सकती हैं। यदि आपको बहुत ज्यादा दर्द व असुविधाएं होती हैं तो इसके बारे में आप डॉक्टर से चर्चा करें। 

5. पेशाब में असंयमितता होना

लगभग 100 में से 40 महिलाओं में डिलीवरी के बाद कुछ समय के लिए असंयमितता का अनुभव होता है। इस समय खांसने व तेज हँसने से आपको यूरिन का हल्का सा डिस्चार्ज हो सकता है। यह डिलीवरी के बाद लगभग 3-6 सप्ताह में ठीक हो जाता है और इसमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से आपको ब्लैडर नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। 

6. लेबर के दौरान जोर लगाने की प्रक्रिया

लेबर के दौरान जोर लगाने के दबाव से आपको एक समस्या हो सकती है जिसे प्रोलैप्स कहा जाता है। यह तब होता है जब गर्भाशय, ब्लैडर या रेक्टम वजायना में आ जाता है। इससे बहुत भारी लग सकता है और साथ ही आपको योनि की दीवारों में भरा-भरा महसूस होगा। यह समस्या समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाएगा और इसके लिए किसी भी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। हालांकि यदि यह समस्या 6 सप्ताह तक ठीक नहीं होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

डिलीवरी के बाद वजायना की देखभाल के टिप्स

वजायना के टिश्यू में बच्चे के जन्म का प्रभाव बहुत ज्यादा पड़ता है और इसके बाद रिकवरी होने में समय भी लगता है। डिलीवरी के बाद वजायना की रिकवरी के लिए यहाँ कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. आइस पैक का उपयोग करें

शुरूआती 24 से 48 घंटों के लिए आइस पैक का उपयोग करने से वजायना में सूजन और दर्द कम हो सकता है। आप चाहें तो आइस क्यूब्स के साथ पैक सैनिटरी पैड्स या एडल्ट डायपर खरीदें और दर्द को कम करने के लिए इसका उपयोग करें।

2. सिट्ज बाथ लें

24 से 48 घंटों के बाद वजायना की सूजन और पीड़ा को कम करने के लिए आइस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस समय आपके लिए सबसे बेस्ट रेमेडी है कि आप सिट्ज बाथ लें – इसमें आप एक टब लें, उसे गुनगुने पानी से भरें और चुटकी भर बेकिंग सोडा डालें और उसमे बैठकर आप अपने निचले हिस्से को थोड़ी देर के लिए पानी में  रख सकती हैं। आप दिनभर में लगभग 3 बार इस टब में बैठें। इससे आपकी वजायना की सूजन व दर्द कम हो जाएगा और साथ इन्फेक्शन का डर भी नहीं होगा। सिट्ज बाथ से बवासीर भी ठीक होता है जो वजायनल डिलीवरी का ही एक साइड-इफेक्ट है। 

3. पेल्विक की एक्सरसाइज करें

पेल्विक की मांसपेशियों का आकार एक झूले की तरह होती है जिसमें कई सारी मांसपेशियों की परत होती हैं। यह मांसपेशियां गर्भाशय, बॉवल और ब्लैडर को सपोर्ट देती हैं। लेबर के समय पर इन मांसपेशियों में बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है और यह कमजोर हो जाती हैं। इन मांसपशियों को मजबूत करने से आपको पेशब के नियंत्रण में मदद मिलती है, वजायना का खिंचाव कम हो जाता है और यह वजायना को वापस सामान्य होने में भी मदद करती है। इन्हें मजबूत करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। यह एक्सरसाइज बैठ कर या खड़े होकर भी की जा सकती है। आप अपनी वजायना और ऐनस पर एक साथ हल्का सा मोड़ें और उसे अपनी ओर उसपर खिंचाव डालें। आप इस खिंचाव को लगभग 10 सेकंड तक रोकें और फिर छोड़ दें। आप दिन में इसके 10 सेट लगभग 4 बार करें। आप कीगल वेट्स का उपयोग भी कर सकती हैं जो टेम्पोन के शेप का होता है और इसे 10 सेकंड के लिए वजायना में डाला जाता है। हालांकि यदि डिलीवरी के बाद आपको ब्लीडिंग होती है तो आप इसका उपयोग न करें। साथ ही यदि आप इसका उपयोग पहली बार कर रही हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

4. दर्द की दवाएं लें

यदि आपको बहुत ज्यादा दर्द होता है तो आप दर्द की दवाएं लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि इस समय विशेषकर जब आप बच्चे को दूध पीला रही हैं तो डॉक्टर से पूछे बिना सीधे मेडिकल से दवाई लेने से बचना बहुत जरूरी है। कुछ दवाएं ब्रेस्टमिल्क में भी मिल सकती हैं और आपके बच्चे तक पहुँच सकती हैं जिससे बच्चे पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।

5. लुब्रिकेंट का उपयोग करें

यदि आपकी वजायना सूख गई है और सेक्स के दौरान आपको दर्द व असुविधा होती है तो आप वजायनल लुब्रिकेंट का उपयोग करें। इस दौरान डॉक्टर लगभग 4 से 6 हफ्तों तक संयम रखने की सलाह देते हैं। इस समय एस्ट्रोजन का स्तर कम होने की वजह से सेक्स करने की इच्छा भी कम हो सकती है। यदि सेक्स के दौरान आपका वजायना लगतार सूखा रहता है और दर्द होता है तो इस बारे में आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। 

6. नियमित रूप से जांच करवाएं

डिलीवरी होने के बाद भी आपको जांच के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर वजायना में इन्फेक्शन होने के लक्षणों की जांच करेंगे और आपकी जल्दी से जल्दी रिकवरी होने में मदद करेंगे। यदि आपको बहुत ज्यादा दर्द होता है तो डॉक्टर आपको कुछ दवाएं प्रिस्क्राइब करेंगे जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षित हैं। 

7. विच हेजल का उपयोग करें

विच हेजल के पीले फूलों में खुशबू आती है और यह एक जड़ी-बूटी है। विच हेजल का एक्सट्रेक्ट बहुत अच्छा एस्ट्रिजेंट होता है और इससे त्वचा के सेल्स और अन्य टिश्यू में संकुचन होता है। पेरिनियम के दर्द व ऐनस तक की सूजन और बवासीर में आराम के लिए आप विच हेजल के पैड्स या वाइप्स का उपयोग करें। डिलीवरी के दौरान वजायना में चोट लगती है और पेरिनियल क्षेत्र स्ट्रेच हो जाता है जिसे आप विच हेजल के उपयोग से ठीक कर सकती हैं।

8. अच्छा खाएं और स्वस्थ रहें

गर्भावस्था के बाद शरीर को किसी भी चीज से अधिक आवश्यकता न्युट्रिश्यस खाने और बाहर सारा आराम करने की होती है। इस बात का ध्यान रखें कि आप हेल्दी खाना खाएं व हाइड्रेटेड रहें और यह भी जरूरी है कि आप फिट रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करती रहें। डिलीवरी के बाद आपको ज्यादा जोखिम वाली कठिन एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। आप ठीक होने तक सिर्फ टहलने जाएं। 

बच्चे के जन्म के बाद महिला के जीवन में बहुत सारे बदलाव होते हैं। लेबर और जन्म होने की वजह से आपकी वजायना कमजोर हो सकती है और इसका आकार बदल सकता है। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से आपको डिलीवरी के बाद जल्दी ही रिकवर करने में मदद मिल सकती है। बच्चे के जन्म से पहले विशेषकर अंतिम सप्ताह में महिलाओं के पेरिनियल क्षेत्र में मालिश करने से पेरिनियल के फटने और एपिसियोटोमी की आवश्यकता होने का खतरा प्रभावी रूप से कम हो सकता है। डिलीवरी के बाद आप ज्यादा से ज्यादा सोएं और आराम करें। गर्भावस्था के बाद वजायना को जल्दी ठीक करने के लिए आप ऊपर बताए हुए टिप्स को जरूर फॉलो करें। आप दर्द कम करने की दवाइयां लेने या कीगल एक्सरसाइज करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह लें। 

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