गर्भावस्था

गर्भावस्था के चौथे महीने का आहार (13-16 सप्ताह)

गर्भावस्था का चौथा महीना एक ऐसा समय है, जब गर्भावस्था के शुरुआती दुष्प्रभाव जैसे सिरदर्द, मॉर्निंग सिकनेस या मतली आना, मूड स्विंग्स होना (मन:स्थिति बदलते रहना) सब बंद हो जाता है । आपको जिन खाद्य पदार्थ को खाना नापसंद था, पहली तिमाही के बाद, ऐसा नहीं होगा बल्कि अब तो आपको अधिक खाने की इच्छा होने लगेगी । दूसरी तिमाही को तीनों तिमाहियों के मुकाबले सबसे ज्यादा आरामदायक माना जाता है। यह वह अवधि भी है जब आपका बच्चा सबसे ज्यादा बढ़ता है, साथ ही आपके शरीर में रक्त की मात्रा भी बढ़ जाती है, ताकि आपके रक्त के पोषक तत्वों से बच्चे को पोषण मिल सके। इसलिए, गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान आपके आहार में बच्चे के स्वस्थ विकास और वृद्धि के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल होने चाहिए।

गर्भावस्था के चौथे महीने में जरूरी पोषक तत्व

यह सूची तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है कि गर्भावस्था की दूसरे तिमाही के दौरान आपको क्या खाना चाहिए । आपके चौथे माह की गर्भावस्था के लिए आहार सारणी में यह निम्नलिखित पोषक तत्व शामिल होने चाहिए:

1. आयरन (लौह तत्व)

चौथे महीने में आपके शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है अतः आपको आयरन की बढ़ती जरुरत को पूरा करने के लिए अपने आहार में आयरन वाली चीजों को शामिल करना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में आयरन पाया जाता वो हैं मांस, मछली, टोफू, यकृत, सोयाबीन, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, मेवे और बीज, हरे पत्ते वाली सब्जियां जैसे कि काले और पालक, सूखे फल और अंडे आदि शामिल हैं।

2. फाइबर (रेशेदार)

गर्भावस्था के चौथे महीने में, हार्मोन प्रोजेस्टेरोन पाचन को धीमा कर देता है। आपके बढ़ते बच्चे को गर्भ में स्थान देने के लिए आपका गर्भाशय आकार में बढ़ने लगता है। जिससे कब्ज की परेशनी होने लगती है। कब्ज की रोकथाम और नियमित मल त्याग करने के लिए, आपको फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। उदाहरण के लिए साबुत अनाज जैसे ओटमील, चोकर, जौ, बीज जैसे कि अलसी और चिया बीज, मेवे जैसे बादाम, पेकान और पिस्ता, सब्जियांजैसे ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली, स्वीट कॉर्न, चुकंदर, हरी मटर और फल जैसे रसभरी, स्ट्रॉबेरी, अंजीर, सेब, केले और नाशपाती आदि शामिल हैं।

3. कैल्शियम

आपके बच्चे के शरीर में मजबूत हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण है। वो खाद्य पदार्थ जिनसे कैल्शियम भरपूर मात्रा में मिलता है वे कुछ इस प्रकार हैं: गोभी, दूध, दही, पनीर, जलकुंभी, ब्रोकोली, भिंडी और बादाम आदि।

4. जिंक और विटामिन ‘सी’

जिंक एक तत्व है, जो प्रोटीन के निर्माण और एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र तथा प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास के लिए आवश्यक है। जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों में सीप, मांस, बीफ, पालक, वीट जर्म (गेहूँ के अंकुर), मशरूम, कद्दू और तोरी के बीज, मेवे, चिकन और सेम शामिल हैं। विटामिन ‘सी’, शरीर में आयरन को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है। हरी और लाल मिर्च, टमाटर, शकरकंद, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, पत्ता गोभी और पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थ में विटामिन ‘सी’ भरपूर मात्रा में मौजूद होता है।

5. ओमेगा फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड आँखों और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक हैं। ओमेगा-6 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य, प्रजनन प्रणाली की उचित कार्यप्रणाली, त्वचा, बाल और हड्डी के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिन खाद्य पदार्थों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता वे कुछ इस प्रकार हैं: वनस्पति तेल, सामन, सोयाबीन, अखरोट और बादाम जैसे सूखे मेवे और चिया (सब्जा) और अलसी जैसे बीज शामिल हैं।

6. फल और सब्ज़ियां

रोजाना अपने आहार में फल और सब्जियों के कम से कम पाँच हिस्से शामिल करना ज़रूरी हैं। ताजे फलों और सब्जियों में फ्रोजेन की तुलना में पोषक तत्व बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। आपको सलाद के रूप में कुछ कच्ची सब्जियों को भी शामिल करना चाहिए। ताजे फल, उनके रस से ज्यादास्वास्थ्यवर्धक होते हैं।

7 . प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट

मांसपेशियों, ऊतको और डी.एन.ए. के निर्माण के लिए प्रोटीन एक आधार खंड के रूप में कार्य करता है। वहीं कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत होता है। अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और शर्करा युक्त कार्बोहाइड्रेट को शामिल करें।वो खाद्य पदार्थ जिनमें प्रोटीन पाया जाता है वे कुछ इस प्रकार हैं: फलियां, दालें, मेवे, बीजे, नट्स बटर, मांस, चिकन, किनोआ और सोयाबीन आदि है। स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ हैं: आलू, चावल, पास्ता और ब्रेड आदि। इसलिए गर्भावस्था के चौथे माह के दौरान भारतीय आहार के मुताबिक दाल, साबुत गेहूं की रोटी, रागी की दलिया, , ओट्स या दलिया, डोसा, चना (छोले) और राजमा शामिल करना चाहिए।

गर्भावस्था का चौथा महीना – क्या न खाएं ?

कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान खाने से बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है। यहाँ ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जिन्हें गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान खाने से बचना चाहिए।

1. मुलेठी

गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में काली मुलेठी (लिकोराइस) का सेवन शिशुओं में उसके बौद्धिक स्तर को कम कर देता है । मुलेठी में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो गर्भाशय में संकुचन पैदा करते हैं, जिससे समय से पहले ही प्रसव पीड़ा हो सकती है। इसलिए, मुलेठी युक्त खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी है।

2. मैदा

रिफाइंड आटा, जिसे भारत में मैदे के रूप में जाना जाता है, यह पचाने में मुश्किल होता है और कब्ज पैदा करता है और प्रसव के बाद बवासीर का कारण बन सकता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी बढ़ाता है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है।जिसके कारण गर्भकालीन मधुमेह होने का भी खतरा रहता है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक होता है। अतः गेहूँ से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करेंऔर मैदे से बचें।

3. समुद्री मछली

समुद्री मछली जैसे सफेद टूना, किंग मैकेरल और स्वोर्डफिश आदि मछलियों में बहुत ज्यादा मात्रा में पारा पाया जाता है। इसमें मौजूद पारा भ्रूण के मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकता है और यहाँ तक कि इससे बच्चे को मानसिक विकार होने का भी खतरा रहता है है। इसलिए, समुद्री मछली को खाने से बचें और सामन या ट्राउट जैसी मीठे पानी वाली मछली का ही सेवन करें।

4. ब्लू चीज़

ब्ल्यू चीज़ जैसे कि ‘कैम्बेर्ट’ और सॉफ्ट चीज़ जैसे कि ‘ब्री’ ‘में बैक्टीरिया या लिस्टेरिया जैसे सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जिससे गर्भवती महिला को फूड पॉइज़निंग हो सकती है। यह बच्चे के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित करता है । अतः, ब्लू चीज़ और सॉफ्ट चीज़ के सेवन से बचें और केवल हार्ड चीज़ जैसे परमेसन या चेडर ही खाएं।

5. कच्चे अंडे और अधपका मांस

कच्चे अंडे में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया मौजूद होता है, जो साल्मोनेलोसिस, यानी एक प्रकार की भोजन विषाक्तता (फ़ूड पॉइज़निंग) का कारण बन सकते हैं। इससे शिशु को नुकसान हो सकता है। इसलिए केवल पूरे पके हुए अंडे ही खाएं । अधपका मांस का सेवन भी भोजन विषाक्तता का कारण बन सकता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि मांस अच्छी तरह से पकाया गया हो।

6. कैफीन

कैफीन के अधिक सेवन से आपके हृदय गति बढ़ जाती है और इसके कारण घबराहट, चिड़चिड़ापन और नींद न आने आदि जैसी समस्या पैदा होने लगती है।जो बच्चे के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है, यहाँ तक कि इससे गर्भपात भी हो सकता है है। इसलिए कैफीन का सेवन प्रति दिन 200 मिलीग्राम तक सीमित रखना आप और आपके बच्चे के लिए बेहतर होगा।

चौथे माह की गर्भावस्था के लिए आहार संबंधी सुझाव

  • यहाँ गर्भावस्था के चौथे महीने में खान-पान से जुड़े कुछ सुझाव दिए गए हैं:
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं । एक गर्भवती महिला को औसतन हर दिन कम से कम 2.3 लीटर पानी की जरूरत होती है।
  • अधिक मात्रा में तला हुआ भोजन, मसालेदार भोजन या जिस भोजन में नमक और चीनी की मात्रा अधिक हो ऐसे खानों से परहेज करें ।
  • पिसी हुई अलसी को सलाद, या दलिया, दही आदि पर छिड़क कर खाया जा सकता है। ये फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत है।
  • बहुत अधिक मिठाई न खाएं, क्योंकि इससे गर्भकालीन मधुमेह और अनावश्यक वजन बढ़ने का खतरा रहता है ।
  • जब आप भोजन कर रहीं हो या आयरन सप्लीमेंट ले रहीं हो तो इसके साथ चाय या कॉफी का सेवन बिलकुल न करें क्योंकि इनमें मौजूद टैनिन शरीर में आयरन को अवशोषित करने से रोकता है।
  • इस बात का खास ध्यान रखें कि फलों या सब्जियों का सेवन करने से पहले आप इसे सही से धो लें ताकि इनमें मौजूद रोगाणु, मिट्टी और कीटनाशक अच्छी तरह से साफ हो जाएं।

गर्भावस्था का चौथा महीना माँ बनने वाली महिला के लिए एक आरामदायक समय है। नियमित रूप से व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन खाना, और इस समय तनाव मुक्त व शांत रहना यह सुनिश्चित करेगा कि आपका बच्चा स्वस्थ है। अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

समर नक़वी

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

2 weeks ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

2 weeks ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

2 weeks ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

2 weeks ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

2 weeks ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

2 weeks ago