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एक परिवार शुरू करना और दुनिया में एक नया जीवन लाना वास्तव में अद्भुत एहसास है। आप अपने आस-पास सैकड़ों नई चीजों का अनुभव करती हैं और इस दौरान खुद को व अपने होने वाले शिशु को स्वस्थ रखना आपकी पहली प्राथमिकता होती है। जाहिर है, इन नौ महत्वपूर्ण महीनों में आपके मित्र और रिश्तेदार अच्छी मंशा से आपको बिना मांगे कई प्रकार की सलाह देंगे जैसे आपको गर्भावस्था के दौरान किस प्रकार का भोजन खाना चाहिए और इत्यादि। गर्भवती महिलाओं में अक्सर कुछ प्रकार के आहार को लेकर दुविधा होती है, कच्चा आम खाना उन्ही दुविधाओं में से एक है।
गर्भावस्था के दौरान पके आम खाने के अपने ही फायदे हैं, बशर्ते कि इस फल को खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखा जाए ताकि आप इसका अत्यधिक सेवन न करें। यह फल विटामिन ‘ए’, ‘बी6’ और ‘सी’ से परिपूर्ण होने के कारण गर्भावस्था के दौरान आपको आवश्यक पोषक तत्व, जैसे फोलिक एसिड, पोटैशियम और लौह तत्व प्रदान करता है।
यह एक साधारण मिथक है कि गर्भावस्था के दौरान आम खाने से शारीरिक गर्माहट बढ़ती है, जिसे ऊष्मोत्पादन (थर्मोजेनेसिस) भी कहा जाता है और यह भोजन के कारण होता है। खाद्य पदार्थ, जैसे मसाले, अदरक, मिर्च और औषधीय उत्पादों को पचाने व संसाधित करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह सभी चीजें शरीर की उष्मा (गर्माहट) को बढ़ाने का कार्य करती हैं। हालांकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि आम के कारण शारीरिक गर्माहट बढ़ती है और यह बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।
आम का फल ऊर्जा और एंटीऑक्सीडेंट का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और गर्भधारण के लिए प्रयास करने की अवधि में यह आवश्यक है। हालांकि, इस स्वादिष्ट फल को खरीदते समय, सुनिश्चित करें कि आप अक्सर बाजार में बिकने वाले रासायनिक रूप से पकाए हुए आम न लें। अन्य फलों की तरह, इसे भी तब ही खाएं जब इसका मौसम हो, उसके पहले या बाद में न खाएं, ताकि आप आश्वस्त रहें कि आप प्राकृतिक रूप से पके हुए आम का ही सेवन कर रही हैं। साथ ही, इसे अपने आहार में शामिल करने और इसके सेवन की मात्रा के बारे में चिकित्सक से अवश्य पूछ लें।
फलों का राजा ‘आम’ अनेक पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर होता है जो गर्भवती महिलाओं के शरीर की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकता है। आम में मौजूद पोषक तत्त्व नीचे दिए हुए चार्ट में बताए गए हैं::
मूल | पोषक मान |
ऊर्जा | 70 किलोकैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 17 ग्राम |
प्रोटीन | 0.5 ग्राम |
वसा | 0.27 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 0 मि.ग्रा. |
फाइबर | 1.80 ग्राम |
विटामिन | |
फोलेट | 14 माईक्रोग्राम |
नियासिन | 0.584 मि.ग्रा. |
पैंटोथैनिक एसिड | 0.169 मि.ग्रा. |
पाइरिडोक्सिन (विटामिन बी 6) | 0.134 मि.ग्रा. |
राइबोफ्लेविन | 0.057 मि.ग्रा. |
थायमिन | 0.058 मि.ग्रा. |
विटामिन सी | 27.7 मि.ग्रा. |
विटामिन ए | 765 आई.यू. |
विटामिन ई | 1.12 मि.ग्रा. |
विटामिन के | 4.2 माइक्रोग्राम |
इलेक्ट्रोलाइट | |
सोडियम | 2 मि.ग्रा. |
पोटैशियम | 156 मि.ग्रा. |
खनिज पदार्थ | |
कैल्शियम | 10 मि.ग्रा. |
कॉपर | 0.110 मि.ग्रा. |
लौह तत्व | 0.13 मि.ग्रा. |
मैग्नीशियम | 9 मि.ग्रा. |
मैंगनीज | 0.027 मि.ग्रा. |
ज़िंक | 0.04 मि.ग्रा. |
फाइटोन्यूट्रीएंट्स | |
कैरोटीन-AY | 445 माईक्रोग्राम |
कैरोटीन-I ± | 17माईक्रोग्राम |
क्रिप्टो-ज़ैनथिन -AY | 11 माईक्रोग्राम |
लियुटिन-ज़ियाजेंथिन | 0 माईक्रोग्राम |
लाइकोपीन | 0 माईक्रोग्राम |
आम, ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है व इसमें कैलोरी भी अत्यधिक मात्रा में मौजूद होती हैऔर इन दोनों तत्वों की तीसरी तिमाही के दौरान प्रचुर मात्रा में आवश्यकता होती है। यदि डॉक्टर ने आपको कैलोरी की मात्रा बढ़ाने के लिए कहा है, तो अपने आहार में आम शामिल करना एक अच्छा विकल्प है। हालांकि इसे संतुलित रूप में लेने की आवश्यकता है है इसलिए प्रतिदिन एक आम से ज्यादा ना खाएं।
एक अद्वितीय खट्टे-मीठे मिश्रित स्वाद के कारण, ‘आम’ गर्भवती महिलाओं का पसंदीदा फल माना जाता है क्योंकि इससे मतली की भावना काफी हद तक कम हो जाती है। पोषक तत्वों के आधार पर, गर्भावस्था के दौरान आम खाने के निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ हैं:
प्राकृतिक रूप से पकने वाले आमों का कोई महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव नहीं होता है परंतु कृत्रिम रूप से पकने वाले आमों में कैल्शियम कार्बाइड होता है, जिसके द्वारा आम कृत्रिम रूप से पकाए जाते हैं। ऐसे आमों में इस रसायन के अंश मौजूद हो सकते हैं जिसके कारण गर्भवती माँ और शिशु आर्सेनिक और फॉस्फोरस के बुरे प्रभावों के संपर्क में आ सकते हैं। कृत्रिम रूप से पके आम खाने के कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं;
हमेशा यह पता करना आसान नहीं होता है कि आप जो आम खरीद रहे हैं उन्हें कृत्रिम रूप से पकाया गया है या नहीं, कुछ सरल सावधानियां बरतने से इसके हानिकर प्रभाव का खतरा कम होने में मदद मिलती है, इनमें शामिल हैं:
एक और उपयोगी टिप है कि आप कच्चे आम खरीदें और फिर उसे घर में ही पकाएं। इससे आप यह सुनिश्चित करती हैं कि वह आम कैल्शियम कार्बाइड और इसके दुष्प्रभावों से मुक्त हैं।
आम चाहे कच्चे हो या पके, गर्भभावस्था के दौरान सेवन करने के लिए सुरक्षित है। पके आम भूख को उत्तेजित करते हैं, पाचन में सहायता करते हैं और आपकी त्वचा के रंग को प्राकृतिक तरीके से सुधारते हैं। आम में मौजूद प्राकृतिक शर्करा के कारण, यह अन्य उच्च कैलोरी-युक्त मीठे से दूर रहने में मदद करता है। कच्चे आम में कई तरह के विटामिन होते हैं जो पेट की अम्लता व मतली की स्थिति में आराम पहुँचाते हैं, और यह सभी कारण गर्भावस्था में आम के सेवन को पूरी तरह से सुरक्षित बनाते हैं।
आपकी गर्भावस्था की अंतिम तिमाही सबसे महत्वपूर्ण होती है और इस समय आम का सेवन करते समय आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। आम के अधिक सेवन से गर्भकालीन मधुमेह हो सकता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप इसका सीमित मात्रा में सेवन करती हैं। यदि आपको कभी पहले कभी इस फल से किसी प्रकार की एलर्जीका सामना करना पड़ा है, तो अपनी गर्भावस्था के आखिरी कुछ हफ्तों के दौरान आम का सेवन न करें, इससे आपकी स्वास्थ्य स्थिति खराब हो सकती है।
यदि आप पूरी तरह से पके हुए आम खाने की इच्छुक हैं, तो खाने से पहले निम्नलिखित जांच सुनिश्चित करें:
निष्कर्ष
यदि आम का सेवन करने की मात्रा संयमित है, तो आप गर्भावस्था के दौरान इसे बिना किसी डर के खा सकती हैं। अपने दैनिक आहार में दूध के साथ आम को ब्लेंड करके ‘मैंगो शेक’ के रूप में और इसकी फांको को शामिल करने के लिए अपने चिकित्सक से सलाह ले सकती हैं और गर्भावस्था के दौरान ताजे आमों के खट्टे-मीठे स्वाद का आनंद लें।
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