गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान बर्फ खाने की क्रेविंग होना सही है?

प्रेगनेंसी के दौरान आपको कई बार अजीब अजीब सी चीजें खाने की क्रेविंग हो सकती है। इस दौरान हो सकता है कि आप आप अपना पसंदीदा खाना छोड़ कर कुछ ऐसी चीज खाना चाहें जो शायद आपको पहले नापसंद रही हो। इसी प्रकार प्रेगनेंसी के दौरान आपको अचानक बर्फ खाने की क्रेविंग हो सकती है। हालांकि ये क्रेविंग डिलीवरी के बाद खत्म हो जाती हो जाती है, लेकिन आपके मन में इसे लेकर यह सवाल उठ सकता है कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान बर्फ का सेवन करना सुरक्षित है।

क्या गर्भावस्था के दौरान आइस क्रेविंग होना नॉर्मल है?

गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंजेस के कारण आपको आइस क्यूब्स खाना अच्छा लग सकता है। यह नॉर्मल है, क्योंकि लगभग सभी गर्भवती महिलाओं को ऐसा करना पसंद होता है और इससे आप पर कोई बुरा प्रभाव भी नहीं पड़ता है। बर्फ का सेवन करना नुकसानदायक नहीं होता है। खासकर मिट्टी की क्रेविंग की तुलना में, बर्फ की क्रेविंग निश्चित रूप से एक गर्भवती महिला के लिए एक सेफ ऑप्शन है।

मेडिकल टर्म में आइस क्रेविंग को ‘पेगोफेजिया’ के नाम से जाना जाता है। वैसे तो बर्फ का सेवन करने से कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में बर्फ चबाने से आपके दाँतों में तकलीफ हो सकती है और कोल्ड के कारण आपके गले में खराश पैदा हो सकती है। बिना पोषण वाली चीजों को खाने की इच्छा पाइका नामक एक बीमारी के कारण होती है, जो उन लोगों बहुत कॉमन है जिनके शरीर में आयरन लेवल बहुत कम होता है।

गर्भवती महिला को बर्फ खाने की क्रेविंग क्यों होती है?

प्रेगनेंसी के दौरान पेगोफेजिया के कारण आपको बर्फ खाने की बहुत तेज क्रेविंग हो सकती है जिसमें आपको बर्फ के टुकड़े को काटना और चूसना अच्छा लगता है। प्रेगनेंसी के दौरान आपको आइस क्रेविंग होने पीछे कुछ कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए हैं:

1. मॉर्निंग सिकनेस

ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अधिक होती है। जिन महिलाओं को खाना खाने या यहाँ तक कि पानी पीने में भी परेशानी होती है, हो सकता है उन्हें बर्फ खाने की क्रेविंग हो। बर्फ में बाकी पदार्थों जैसी कोई गंध नहीं होती जिससे आपको मतली का एहसास हो और साथ यह आसानी से डाइजेस्ट भी हो जाती है। बर्फ चबाने से आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से कुछ राहत महसूस हो सकती है जिसकी वजह से आपको इसे खाने की क्रेविंग होती है।

2. आयरन की कमी

आयरन की कमी एक गंभीर समस्या है। आइस क्यूब्स या किसी भी नॉन फूड आइटम को खाने की इच्छा होना पाइका का एक प्रकार है। इसमें आपको उन चीजों को खाने की इच्छा होती है जिनसे आपको कोई पोषण नहीं मिलता है जैसे कि रेत, गोंद, मिट्टी या चॉक आदि। हालांकि बर्फ का सेवन करना खतरनाक नहीं होता है, लेकिन इसे आयरन की कमी का एक संकेत माना जाता है, इसलिए आपको अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए। पाइका एक ईटिंग डिसऑर्डर है जो आपकी प्रेगनेंसी में समस्या का कारण बन सकता है। आयरन की कमी से आपको एनीमिया होने का खतरा होता है और इसके लिए डॉक्टर आपको बी 12 विटामिन सप्लीमेंट और आपकी डाइट में कुछ बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।

3. गर्मी

प्रेगनेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला के शरीर में रक्त की मात्रा लगभग 50% बढ़ जाती है जिसकी वजह से उन्हें गर्मी महसूस होती है। शरीर में बढ़ी हुई रक्त की मात्रा को मैनेज करने के लिए ब्लड वेसल्स थोड़ी पतली हो जाती है ताकि रक्त सतह तक आ सके। जिसकी वजह से आपको बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होती है। तीसरी तिमाही के दौरान आपका मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है जिसकी वजह से भी आपको ज्यादा गर्मी लगती है। ऐसे में आपको बर्फ खाने की क्रेविंग हो सकती है, खासकर गर्मियों के दौरान। बर्फ का सेवन करने से आपको थोड़ा बेहतर महसूस होगा और यह आपके बच्चे को हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा। हालांकि, इस बात का ख्याल रखें कि आप बर्फ का सेवन किसी भी फिजी, शुगरी कोल्ड ड्रिंक्स के साथ बिलकुल न करें और न ही इसे अपने रूटीन में शामिल करें।

4. सीने में जलन

हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स की समस्या से आपको काफी परेशानी महसूस हो सकती है, खासकर जब यह समस्या प्रेगनेंसी के दौरान होती है। गर्भावस्था के दौरान, प्लेसेंटा प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन का उत्पादन करता है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है। जिससे एसिड भोजन नलिका के जरिए ऊपर आने लगता है। बर्फ का सेवन करने से आपको इस समस्या से काफी राहत मिलती है, जो सीने में वाली जलन को ठीक करने का एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है।

5. बर्निंग माउथ सिंड्रोम

गर्भवती महिलाएं अक्सर बर्निंग माउथ सिंड्रोम की समस्या से पीड़ित होती हैं, जिसमें आपको मुँह में झनझनाहट सी महसूस होती है। गर्भावस्था के दौरान बर्फ खाने से आपको दर्द से राहत मिलती है। बर्फ से सिकाई करने से या इसका सेवन करने से होंठों और गालों में होने वाले जलन से काफी राहत मिलती है। चूंकि यह सिंड्रोम दिखाई नहीं देता है और न ही इसका कोई टेस्ट किया जा सकता है, इसलिए इसका उपचार करना थोड़ा  मुश्किल होता है। यदि आपको भी ऐसा महसूस होता है, तो आप अपने डॉक्टर के पास जाएं।

6. ईटिंग डिसऑर्डर

बहुत से लोगों में नाखूनों को काटने या बार बार हाथ धोने की आदत होती है। इससे लोगों को टेम्परेरी तौर पर संतुष्टि मिलती है इसलिए वे इसे बार-बार करते हैं। पूरी प्रेगनेंसी के दौरान बर्फ का सेवन करना भी पाइका डिसऑर्डर से जुड़ा होता है, लेकिन इसकी कोई रिसर्च नहीं है जो इस बात की पुष्टि कर सके। जब बच्चे को ठीक से पोषण नहीं मिल रहा होता है तो ज्यादातर मामलों में गर्भवती महिला को बर्फ खाने की क्रेविंग होने लगती है और इससे गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए अगर आप बहुत ज्यादा मात्रा में बर्फ का सेवन कर रही है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक बर्फ का सेवन करने के क्या खतरा हो सकते हैं

गर्भावस्था के दौरान यदि आप अधिक मात्रा में बर्फ का सेवन करती हैं तो आपको सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे आपको निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

1. दाँतों की समस्या

बहुत ज्यादा आइस क्यूब्स को चबाने से आपके दाँतों को नुकसान पहुँच सकता है, खासकर गर्भावस्था के दौरान। ऐसा करने से आपके दाँतों के इनेमल पर प्रभाव पड़ता है और इसकी वजह से आपके दाँत खराब हो सकते हैं, आपको गर्म या ठंडे खाना खाने से सेंसिटिविटी महसूस हो सकती है। इसलिए क्यूब्स को दाँतों से काटने के बजाय बर्फ को अपनी जीभ पर ही पिघलने दें।

2. गले में खराश

गर्भावस्था के दौरान गले में खराश होना बहुत कॉमन है, लेकिन अगर आपने आइस क्यूब्स को अपनी डाइट में शामिल किया हुआ है, तो यह इस समस्या को और भी बिगड़ सकता है। इससे आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

3. चोकिंग

यह आपकी हेल्थ के लिए बहुत खतरनाक होता है चाहे आप प्रेग्नेंट हो या न हों। गलती से आपके मुँह में बर्फ का बड़ा टुकड़ा अटकने से आपको चोकिंग हो सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि आइस क्यूब्स का साइज छोटा होना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया

गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी होना काफी आम है, क्योंकि इस समय आपका शरीर आपके बच्चे को भी पोषण प्रदान कर रहा होता है, जिसकी वजह से ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है। एक महिला को आदर्श रूप से हेल्दी रहने के लिए हर रोज 27 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है, लेकिन कई महिलाएं आयरन की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाती हैं, जिससे उन्हें एनीमिया हो जाता है। यदि आप थकान, मतली, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी और चिड़चिड़ापन का अनुभव करती हैं, तो आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। यहाँ आपको बताया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान आप कैसे एनीमिया को दूर रख सकती हैं।

  • हरी, पत्तेदार सब्जियों और बीन्स का अच्छे से सेवन करें।
  • अपने आहार में सीड्स और नट्स शामिल करें।
  • सी फूड का सेवन करें, लेकिन पारा युक्त मछलियों का सेवन करने से बचें।
  • रोजाना पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करें।
  • विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं, क्योंकि ये शरीर में आयरन अब्सॉर्ब  करने में मदद करता है।

बर्फ खाने की क्रेविंग ज्यादातर डिलीवरी के बाद खत्म हो जाती है, तो यह क्रेविंग बस कुछ समय के लिए ही होती है। लेकिन, अगर यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए, हो सकता है आपको आयरन की कमी हो या फिर कोई और समस्या हो जिसके कारण ऐसा हो रहा हो। एक सिंपल ब्लड टेस्ट से आपके शरीर में आयरन लेवल कितना है यह पता चल जाएगा।

स्रोत व संदर्भ:

स्रोत १
स्रोत २

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान तरबूज खाना
प्रेगनेंसी के दौरान दही खाना

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

3 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

3 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

3 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

5 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

5 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

5 days ago