गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान चीज़ खाना

प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को फूड एवेरशन और क्रेविंग होती है, इस क्रेविंग में आपको किसी भी चीज को खाने की तीव्र इच्छा होने लगती है। हो सकता है कि आपको कुछ दिनों तक किसी खाने की क्रेविंग हो और हफ्ते दो हफ्ते बाद यह क्रेविंग फिर से होने लगे। ऐसा गर्भावस्था के दौरान होना नॉर्मल है और आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित नहीं होते हैं भले ही आपको कितनी ही क्रेविंग क्यों न हो रही हो, इसके अलावा आपको कुछ चीजें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। ऐसा ही एक भोजन है जिसके विषय में हम इस लेख में बात करने वाले हैं और वो है चीज़। यह जानने के लिए इस लेख को पढ़ना जारी रखें कि आप प्रेगनेंसी के दौरान चीज़ खाने की क्रेविंग को कैसे डील करें और क्या इसका सेवन करना आपके लिए सुरक्षित होगा।

प्रेगनेंसी क्रेविंग होने का क्या कारण है?

हार्मोनल चेंजेस के कारण प्रेगनेंसी के दौरान आपको फूड क्रेविंग होती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी क्रेविंग इस बात का भी संकेत है कि आपके शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता है। जैसे, अगर आपके शरीर में विटामिन सी की कमी है, तो आपको संतरे और अंगूर आदि साइट्रस फ्रूट खाने की क्रेविंग होने लगेगी। फूड क्रेविंग की वजह से आप बहुत ज्यादा अनहेल्दी फूड का सेवन करने लगती। जैसे, अगर आपको कुछ मीठा खाने की क्रेविंग होने लगे तो आप सेब या बेरीज जैसे हेल्दी ऑप्शन के बजाय चॉकलेट खाना पसंद करती हैं। यहाँ आपको कुछ प्रेगनेंसी क्रेविंग होने के कुछ कारण बताए गए हैं:

  • मसालेदार भोजन या अचार: यह आपके ब्लडस्ट्रीम से हाई शुगर को नमक के साथ बैलेंस करने की मांग करता है।
  • सेब: सेब की क्रेविंग आमतौर पर उन महिलाओं में पाई जाती है जो हाई फैट डाइट लेती हैं, क्योंकि सेब में मौजूद पेक्टिन कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है।
  • आइस क्यूब: प्रेगनेंसी के दौरान आइस क्यूब की क्रेविंग आयरन की कमी के कारण होती है।
  • पीनट बटर: आपके शरीर में विटामिन बी की कमी हो सकती है और यही कारण है कि आपको  पीनट बटर की क्रेविंग होती है।

गर्भवस्था के दौरान चीज़ की क्रेविग होना

प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को चीज़ खाने की क्रेविंग होती है। यह इस बात का संकेत होता है कि आपके शरीर को एक्स्ट्रा प्रोटीन और कैल्शियम की जरूरत है। हार्ड चीज़ के साथ-साथ स्किम्ड मिल्क और यहाँ तक ​​कि ग्रीक योगर्ट जैसे डेयरी प्रोडक्ट की क्रेविंग हो सकती है। जबकि चीज़ कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है जो आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए आवश्यक भी है, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आपके पाचन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान चीज़ का सेवन करना सुरक्षित है?

प्रोटीन और विटामिन बी के साथ कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत होने के नाते, चीज़ आपके रोजाना पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और आपके बच्चे के विकास में सहायता करता है। लेकिन मार्केट में विभिन्न प्रकार के चीज उपलब्ध हैं और इनमें से कुछ का सेवन करना गर्भवती महिलाओं के लिए मना होता है। कुछ किस्मों, विशेष रूप से सॉफ्ट चीज़ आपके लिए अनहेल्दी होती है क्योंकि उनमें लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया पाया जाता है, जो लिस्टेरियोसिस नामक समस्या को जन्म दे सकते हैं। सही प्रकार की चीज़ को चुनना जरूरी है ताकि आप अपनी क्रेविंग को शांत कर सकें और आपको कोई हेल्थ इशू भी न हो।

गर्भावस्था के दौरान आप कौन-कौन से चीज़ खा सकती हैं

प्रेगनेंसी के दौरान आपको जो चीज़ नुकसान करती हैं वो ज्यादातर कच्चे या अपाश्चुरीकृत दूध से बनती है, इसमें  लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया पाए जाते हैं। अगर आपको नहीं पता कि किस दूध का इस्तेमाल करके चीज़ तैयार किया गया है तो इससे बेहतर है कि आप इसका सेवन न करें। यहाँ आपको अलग-अलग प्रकार के चीज़ के बारे में यहाँ बताया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान आपको किस चीज़ का सेवन चाहिए और किससे परहेज करना चाहिए।

गर्भावस्था दौरान खाने योग्य चीज़

गर्भावस्था के दौरान सभी प्रकार के हार्ड चीज़ का सेवन करना सेफ माना जाता है। यहाँ आपको बताया गया है कि आप कौन से प्रकार की चीज़ का सेवन करके अपने क्रेविंग को शांत कर सकती हैं:

  • हार्ड चीज: इनका मैच्योरेशन पीरियड लंबा होता है और बनावट थोड़ी ठोस होती है। यह पाश्चुरीकृत दूध से बनाया जाता है या ज्यादा तापमान पर पकाया जाता है, जिससे बैक्टीरिया का खतरा कम हो जाता है। चेडर, परमेसन, चीज़ और प्रोवोलोन आदि चीज़ की कुछ ऐसी किस्में हैं जिनके आप सेवन कर सकती हैं।
  • प्रोसेस्ड सॉफ्ट चीज़: इस तरह के चीज़ सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल होती है, लेकिन यह पतली या बहती हुई भी हो सकती है। पाश्चुरीकृत दूध से बने सॉफ्ट चीज़ का सेवन को गर्भवती महिलाएं सुरक्षित रूप से कर सकती हैं। चीज़ स्प्रेड, कॉटेज चीज़, क्रीम चीज़, मोज़ेरेला और रिकोटा, इसी श्रेणी में आते हैं।
  • प्रोसेस्ड चीज़: नेचुरल चीज़ को मॉडिफाइड कर के, इनमें स्टेबलाइजर, इमल्सीफायर्स और अन्य एडिटिव्स शामिल हो सकते हैं। चूंकि ये चीज़ एक मेथड के साथ तैयार की जाती है जिसमें हीटिंग की जरूरत होती है, यह गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित होती है। लेकिन नेचुरल चीज़ की तुलना में इसमें सोडियम कंटेंट ज्यादा पाया जाता है जिससे यह उतना ज्यादा हेल्दी चीज़ नहीं रह जाता है जितना नेचुरल चीज़ होता है।

गर्भावस्था के दौरान नहीं खाए जाने वाले चीज़

कुछ ऐसी चीज़ भी हैं जिनका आपको अपनी गर्भावस्था के दौरान सेवन करने से बचना चाहिए। खासकर सॉफ्ट चीज़:

  • अपाश्चुरीकृत चीज़: पाश्चुरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया मर जाते हैं। इसलिए जो चीज़ पाश्चुरीकृत नहीं है उसमें बैक्टीरिया के होने का खतरा होता है। फेटा, केस्को फ्रेश्को, और चाबिचौ आदि कुछ ऐसे ही चीज होते हैं। ब्लू-वेन चीज़ जैसे रॉकफोर्ट, गौरगोनजोला का भी सेवन करने से बचना चाहिए।
  • मोल्ड-राइपन सॉफ्ट चीस: जिस मोल्ड में चीज़ बनाए जाते हैं, उसमें लिस्टीरिया मौजूद हो सकता है, इसलिए बेहतर यही है कि आप ऐसे चीज़ का सेवन न करें। ब्री, ब्लू ब्री और कैम्बोजोला आदि चीज़ का सेवन आप न करें।

क्या आप बकरी के दूध का बना चीज़ खा सकती हैं?

बकरी का दूध से विटामिन मिनरल जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें गाय के दूध की तुलना में कम कैलोरी होती है और यह उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी है। हालांकि, बकरी के दूध से बना चीज़ एक अलग ही किस्सा है। यह चीज़ शेवर के रूप में जाना जाता है, जो एक सॉफ्ट चीज़ होता है जो मोल्ड से बना होता है। यह ज्यादातर चीज़ सलाद के लिए रेस्टोरेंट में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार की गोट चीज़ का सेवन करने से आपको बचना चाहिए, क्योंकि यह लिस्टीरिया का कारण बन सकता है। हालांकि, कुछ व्यंजनों में पके हुए गोट चीज़ का उपयोग किया जाता है और यह प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन करना आपके लिए सुरक्षित होता है। आप बकरी के दूध से बने हार्ड चीज़ का भी सुरक्षित रूप से सेवन कर सकती हैं।

क्या चीज़ खाने से लिस्टीरिया होता है?

लिस्टीरिया एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो सॉफ्ट चीज़ में मौजूद होता है और अपाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट  में पाया जाता है। यहाँ तक ​​कि अगर किसी चीज़ में लिस्टीरिया होता है, तो आपके लिए यह पता लगाना मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लिस्टीरिया चीज़ में किसी भी गंध नहीं आती है और न ही इसका स्वाद बदलता है। कहा जाता है कि ऐसी और भी कई कंडीशन है जिनमें लिस्टीरिया पनपता है और ऐसा कोई तरीका नहीं है जिसकी मदद से आप बच सकें। अपाश्चुरीकृत दूध के अलावा, लिस्टीरिया सब्जियों और फलों में भी मौजूद हो सकता है, खासकर वो सब्जियां फल जिन्हें अच्छी तरह से न धोया गया हो, कच्चा मांस, फल और सब्जियां, डेली मीट और हॉट डॉग आदि। लिस्टीरिया पानी और मिट्टी में भी पाया जाता है जिसकी वजह से यह बैक्टीरिया जानवरों में भी चला जाता है।

लिस्टिरिया से क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं

लिस्टिरिया के लक्षण एक्सपोजर के दो दिन से लेकर दो महीने तक कभी भी दिखाई दे सकते हैं। हेल्दी लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जबकि गर्भवती महिलाओं में फ्लू या सर्दी के लक्षण देखे जा सकते हैं। आपको लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, मतली, उल्टी, गर्दन का अकड़ना और कंफ्यूजन आदि शामिल हैं।

लिस्टीरिया का असर गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके बच्चे पर भी पड़ सकता है। यह हमेशा आपको गंभीर रूप से बीमार नहीं करते, लेकिन इससे होने वाले इन्फेक्शन का तुरंत इलाज किया जाना चाहिए।

  • बैक्टीरिया प्लेसेंटा और एमनियोटिक फ्लूइड को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण मिसकैरज और स्टिलबर्थ का खतरा होता है।
  • कुछ गर्भवती महिलाओं में, लिस्टीरिया बैक्टीरिया मेनिन्जाइटिस और सेप्टिसीमिया जैसी कॉम्प्लिकेशन  भी देखे जा सकते हैं।
  • कुछ संक्रमित बच्चों का जन्म समय से पहले हो सकता है। जो बच्चे गर्म में ही संक्रमित हो जाते हैं उनमें ब्लड इन्फेक्शन, बुखार, त्वचा में दर्द, और विभिन्न अंगों पर घाव या मेनिन्जाइटिस जैसे इन्फेक्शन हो सकते हैं,जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं।
  • देर से शुरू होने वाली लिस्टेरियोसिस में, बच्चा जन्म के समय ठीक दिखाई देता है लेकिन डिलीवरी के कुछ दिनों या हफ्तों के बाद इन्फेक्शन के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं। यह तब होता है जब माँ के सर्विक्स या योनि में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं।

लिस्टीरिया से संक्रमित बच्चे में इसके लक्षण ज्यादा नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन इससे आगे चलकर बच्चे को हेल्थ इशू हो सकता है। एक स्टडी के अनुसार, लिस्टीरिया इन्फेक्शन में 20 से 30 प्रतिशत फटैलिटी रेट होता है। यदि इसका पहले ही पता चल जाए, तो इसका एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है और आप पूरी तरह से रिकवर कर सकती हैं। हर बच्चे को लिस्टीरिया से संक्रमित माँ से परेशानी नहीं होती है।

लिस्टीरिया से बचाव के टिप्स

यह सच है कि खाना पकाने की प्रक्रिया में लिस्टीरिया मर जाते है। हालांकि, यह बैक्टीरिया आपके फ्रीजर या रेफ्रिजरेटर में भी प्रजनन कर सकते हैं। तो, इस बैक्टीरिया से बचाव करने के लिए आपको सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि आप प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित रहें।

  • बाहर से आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। साबुन से स्क्रब करें और अगर साबुन उपलब्ध नहीं है तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • सिर्फ पाश्चुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें।
  • यदि आपको सॉफ्ट चीज़ का सेवन करना चाहती हैं, तो इसे उबाल आने तक पकाएं और तुरंत इसका सेवन करें। इसे पकाने के बाद इसे ठंडा न करें।
  • खाने से पहले पोल्ट्री, भेड़ और मछली जैसे सभी मीट को अच्छी तरह से पकाएं।
  • सेवन करने से पहले अच्छी तरह से गरम करें।
  • चीज़ को एक्सपायरी डेट के बाद न इस्तेमाल करें।
  • स्पंज और डिशक्लॉथ को रोजाना अच्छे से साफ करें, क्योंकि इससे लिस्टीरिया प्रजनन कर सकते हैं।

ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे आप प्रेगनेंसी के दौरान होने वाई फूड क्रेविंग को रोक सकें या कंट्रोल कर सकें। प्रेगनेंसी के दौरान चीज़ खाने की क्रेविंग होना बहुत अच्छा नहीं है, क्योंकि इसमें आपको सतर्क रहना कि आप कौन सी चीज़ खा सकती हैं और कौन सी नहीं। आप जब भी चीज़ खरीदें लेबल पढ़ लें। जब आपको चीज़ क्रेविंग बहुत ज्यादा होने लगे तो आपको अपने दिमाग को डाइवर्ट करने की कोशिश करें। जब तक आपकी क्रेविंग खत्म नहीं हो जाती तब आप इत्मीनान से टहलें या म्यूजिक सुनें।

लिस्टीरिया बैक्टीरिया बहुत कॉमन है कि इससे पूरी तरह से बच पाना मुमकिन नहीं है, इसलिए अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी में ओवर-ईटिंग – साइड-इफेक्ट्स और कैसे कंट्रोल करें

समर नक़वी

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