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प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर को और भी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है जो जरूरी भी है। इसका मतलब है कि प्रेगनेंसी से पहले जिन चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी, अब आपको उसके बारे में भी सोचना होगा। जैसे कि अब आपको चाय या कॉफी का सेवन करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है, वैसे ही आपको नहाते समय भी कुछ सावधानियां बरतनी होंगी, जो आप और आपके बच्चे की बेहतरी के लिए है। आपको यह समझना बहुत जरूरी है पानी का तापमान आपकी प्रेगनेंसी पर अच्छी या बुरी दोनों तरह से प्रभावित कर सकता है। इसका मतलब यह भी है कि आपको प्रेगनेंसी की पहली तिमाही और तीसरे तिमाही के दौरान गर्म पानी से स्नान करने के बीच का अंतर समझना होगा, कैसे पानी का तापमान बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है, क्या यह आपके और बच्चे के लिए पूरी तरह से सेफ है और हॉट वाटर बाथ लेना कब सही है, तो आइए विस्तार से जानते है कि हॉट वाटर बाथ के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
यह बात मायने रखती हैं कि आप प्रेगनेंसी की किस स्टेज में हैं और अगर सारी चीजें कंट्रोल में हैं तो आप सुरक्षित रूप से हॉट वाटर बाथ ले सकती हैं। पहली तिमाही के दौरान बच्चे के सभी ऑर्गन ठीक से विकसित नहीं हुए होते हैं, हालांकि तीसरी तिमाही में बच्चे के ऑर्गन काफी हद तक विकसित हो जाते हैं। टेम्परेचर के हिसाब से भी आपको अपने स्नान में चेंजेस करने पड़ते हैं। आपको खासतौर पर यह सुझाव दिया जाता है कि आप प्रेगनेंसी के दौरान गुनगुने पानी से स्नान करें, क्योंकि यह आपकी हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए बहुत जरूरी है। इस परिस्थिति में, आपके डॉक्टर आपको गुनगुने पानी से स्नान करने के बारे बताएंगे, जिसमें पानी का टेम्परेचर 100 डिग्री फारेनहाइट / 38 डिग्री सेल्सियस के करीब होना चाहिए है। इस प्रकार ज्यादा हीट होने की वजह से आपका हार्ट रेट भी नहीं बढ़ता है और आपका ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। इस मामले में, हॉट वाटर बाथ को आपके शरीर के तापमान से काफी करीब होता है।
प्रेगनेंसी के दौरान हॉट वाटर बाथ के कई फायदे हैं जिसमें पानी का तापमान रूम टेम्परेचर के बजाय आपकी बॉडी टेम्परेचर के आसपास होना चाहिए। आपको हॉट वाटर बाथ के कुछ फायदे नीचे बताए गए हैं:
जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है, गर्भवती महिलाओं को हॉट वाटर बाथ लेने के लिए पानी का टेम्परेचर आपके बॉडी टेम्परेचर के आसपास होना चाहिए। क्योंकि बहुत ज्यादा ठंडे या गर्म पानी से आपका हार्ट रेट बढ़ सकता है। इसके वजह से आपके शरीर में ब्लड फ्लो भी प्रभावित हो सकता है, जो आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप या तो रूम टेम्परेचर पर वाले पानी से स्नान करें, जो 23 डिग्री सेल्सियस होता है या फिर बॉडी टेम्परेचर वाले पर पानी से स्नान करें, जो कि 38 डिग्री सेल्सियस होता है।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप गर्भावस्था के किस चरण में हैं, फिर भी आपको ज्यादातर 10 से 15 मिनट के बीच स्नान करने के लिए कहा जाता है। जो आपके लिए फायदेमंद होता है और आपके शरीर को ओवरहीट करने नहीं देता है। 15 मिनट से ज्यादा स्नान करने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान आपकी इम्युनिटी कमजोर होती है और पानी में देर तक रहने से आपको बुखार हो सकता है और बहुत ज्यादा थकावट भी महसूस होती है। इसलिए आपको बहुत देर पानी के संपर्क में नहीं रहना चाहिए, इससे आपकी सेहत पर असर पड़ता है।
गुनगुना पानी या गर्म पानी आपके शरीर को रिलैक्स करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे डिहाइड्रेशन का भी एक बड़ा कारण माना जाता है, डिहाइड्रेशन होना बेहद खतरनाक होता है, खासतौर पर प्रेगनेंसी के समय यह और भी खतरनाक हो जाता है। इस से आपको कई बीमारियां हो सकती हैं और आपकी इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए, आप अपने डॉक्टर से बात करें और जाने कि आपके शरीर में हाइड्रेशन लेवल कितना होना चाहिए। कोशिश करें कि दिनभर खुद को हाइड्रेटेड रखें। आप इस बात का खयाल रखें कि जब आप पानी पिएं और नहाने जाएं तो उसके बीच कुछ समय का गैप होना चाहिए। आपको दोनों चीजों के बीच कम से कम आधे घंटे का गैप रखने की सलाह दी जाती हैं।
अपको प्रेगनेंसी के दौरान जकूजी बाथ या हॉट टब बाथ लेने को खासतौर मना किया जाता है, इसके पीछे क्या कारण है आइए जानते हैं:
अगर आप सॉना बाथ लेना बंद नहीं करती हैं तो आपको बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आपको यहाँ सॉना बाथ से जुड़ी कुछ टिप्स बताई गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:
हॉट बाथ आपके शरीर को रिलैक्स करने के लिए लिया जाता है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप आप अपने बॉडी टेम्परेचर पर ध्यान दें और हॉट वाटर बाथ लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें। यदि आपको स्नान करते समय या उसके बाद असहज महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
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