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प्रेगनेंसी के दौरान हर्निया होना कोई छोटी समस्या नहीं है। यह लेबर के समय गंभीर कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकती है और यह आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। आमतौर पर, डिलीवरी के बाद हर्निया को हटा दिया जाता है, लेकिन कुछ मामलों में, आपको तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इस लेख में आपको प्रेगनेंसी के दौरान हर्निया के बारे बताया गया है कि हर्निया कितने प्रकार का होता है, इसके होने का क्या कारण होता, इससे आपको क्या खतरा हो सकता है और आप इसका उपचार कैसे कर सकती हैं ताकि आप और आपका बच्चा सुरक्षित रहें।
हर्निया एक मेडिकल प्रॉब्लम है जिसमें आपके शरीर के किसी भी हिस्से या अंग की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती है और दबाव पड़ने की वजह से बाहर आने लगती हैं। इससे आपको चलने फिरने में काफी दिक्कत होती है। शरीर के निचले हिस्से यानी, पेट और कमर क्षेत्रों में हर्निया की समस्या होना काफी आम है। एक बार हर्निया होने बाद यह खुद ठीक नहीं होता है, हालांकि कई प्रकार की हर्निया को ठीक करने की आवश्यकता नहीं होती है, अगर उससे आगे चल कर किसी बड़ी समस्या के होने का खतरा न हो। गर्भावस्था में गर्भाशय के फैलने से पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे हर्निया की समस्या हो जाती है।
क्या हर्निया से आपकी गर्भावस्था प्रभावित होती है? ऐसा जरूरी नहीं। हालांकि, अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए, तो गंभीर रूप से कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी हर्निया के दो मुख्य प्रकार होते हैं। उनमे शामिल है:
अम्बिलिकल हर्निया, जिसे नेवेल हर्निया भी कहा जाता है, इससे आपके फीटस, गर्भाशय या एमनियोटिक सैक से कोई मतलब नहीं होता है। हालांकि आप इसके नाम से समझ गई होंगी कि यह आपकी नाभि क्षेत्र में विकसित होता है, जो आपकी गर्भनाल की लोकेशन पर होता है। यह पहले से बाहर निकली होती है और जब बच्चे के लगातार विकास के दौरान गर्भाशय फैलता है, तो और ज्यादा खुल जाती है। गर्भावस्था के दौरान अम्बिलिकल हर्निया के कारण आपकी नाभि में लंबे समय तक दर्द बना रहता है। इसमें आपको हल्का दर्द होता है और बहुत ज्यादा समस्या नहीं होती है।
इनगुनल हर्निया तब होते हैं जब आपके ग्रोइन क्षेत्र में मसल्स टिश्यू फट जाते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान काफी कॉमन होते हैं, क्योंकि बढ़ता गर्भाशय पेल्विक फ्लोर की ओर नीचे जाने लगता है, जो अब्डोमिनल वॉल को कमजोर कर देता है। यह हर्निया कमर में एक छोटे उभार या फैलाव के रूप में नजर आता है।
ये हर्निया नाभि के आसपास, गर्भनाल के ऊपर या नीचे होता है। वे आमतौर पर पेट की कमजोर मांसपेशियों के कारण होता है और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में यह काफी कॉमन है। इसके कारण बहुत ज्यादा सूजन हो जाती है, और काफी बड़ा दिखाई देता है। इसमें सर्जरी की जरूरत होती है, इसके बिना यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
हर्निया किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है। हालांकि, यह उन लोगों में ज्यादा होता हैं जिनकी मसल्स कमजोर होती हैं, बुजुर्गों में या वो लोग जो बहुत ज्यादा एक्टिव होते हैं। अन्य दूसरी कंडीशन में मांसपेशियों की कमजोरी के कारण मामला और खराब हो सकता है और आपको हर्निया की समस्या हो सकती है। यहाँ गर्भावस्था के दौरान हर्निया होने के कुछ आम कारण दिए गए हैं:
गर्भवती महिलाओं में हर्निया होने के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
गर्भावस्था में हर्निया का सबसे आम संकेत पेट वाले क्षेत्र में उभार महसूस होना जो अपने आप ठीक नहीं होता है। यह प्रेगनेंसी वेट बढ़ने की वजह से और पेट पर पड़ने वाले दबाव के कारण के होता जो पहले से ही काफी कमजोर होती है।
जो महिलाएं अब्डोमिनल सर्जरी से गुजरती हैं, विशेष रूप से उस क्षेत्र में काफी टेंडरनेस आ जाती है, जिससे आपको हर्निया होने की संभावना होती है। इसके अलावा जो महिलाएं बहुत ज्यादा वजन की होती हैं, उनमें भी यह समस्या होने की संभावना होती है यह हर्निया मोटे गर्भवती महिलाओं में भी होने की संभावना है। प्रेगनेंसी वेट के कारण स्कार टिश्यू स्ट्रेच होने लगते हैं। स्कार के एरिया में खांसते समय आपको तेज दर्द का अनुभव हो सकता है या फिर कोई भारी सामान उठाने की वजह से भी आपको यह परेशानी हो सकती है।
जांघ क्षेत्र में हर्निया, या फीमोरल हर्निया के कारण आपको चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है, खासकर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान। आप इसे जांघ के ऊपरी क्षेत्र में एक छोटे सा उभार देख सकती हैं या कमर वाले हिस्से में भी यह समस्या हो सकती है। फीमोरल हर्निया के कारण आपको मूवमेंट करने में काफी परेशानी हो सकती है, साथ ही यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ये कितना बड़ा है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक हर्निया माना जाता है क्योंकि यह फीमोरल आर्टरी को ब्लाक कर देता है। जिसकी वजह से इंटेस्टिनल ऑर्गन में ब्लड सप्लाई धीमी हो जाती है, जिससे गैंग्रीन नामक खतरनाक बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान हर्निया के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन कुछ इस प्रकार हैं:
शुरूआती स्टेज में हर्निया शायद ही नोटिस में आता हो, लेकिन जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ेगी, यह भी भी बड़ा होता जाएगा। इस क्षेत्र में पड़ने वाले किसी भी स्ट्रेस से इसका साइज बढ़ सकता है।
दर्द हर्निया का एक आम लक्षण है और यह आमतौर पर लगातार बना रहता है, लेकिन कभी-कभी यह फेज के हिसाब से होता है। अगर दर्द असहनीय हो जाए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भावस्था के दौरान हर्निया के कारण हार्टबीट पर असर पड़ता है, जिससे धड़कन बढ़ने लगती है। यह काफी खतरनाक हो सकता है, इसलिए आपको तुरंत ट्रीटमेंट कराना चाहिए।
हर्निया क्षेत्र किसी भी सर्कुलेशन को नही लेता है, जिससे आपकी स्किन टोन बदल जाएगी और पीली पड़ जाएगी। यह बहुत गंभीर होता है और इसमें आपको तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
इसके ट्रीटमेंट मेथड में हर्निया सपोर्ट बैंड का उपयोग किया जाता है जो हर्निया को बढ़ने से रोकता है, किसी भी भारी चीज को उठाने से बचें और अच्छी तरह से रेस्ट करें। हालांकि, हर्निया को पूरी तरह से ठीक करने का एक मात्र तरीका सर्जरी ही है। आमतौर पर, बच्चे के जन्म के बाद कम से कम तीन महीने बाद ही इसकी सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। हर्निया को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सर्जिकल प्रोसेस में लेप्रोस्कोपी किया जाता है, जिसमें छोटे चीरा लगाकर कैमरा डाला जाता है। इससे इनवेसिव टेक्नीक की नहीं होती है। आमतौर पर, हर्निया एक जाल, मटेरियल से बनता है जिसे मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए उस क्षेत्र को चारों ओर से स्टिच कर दिया जाता है।
हर्निया से बचाव इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह किसी भी कारण से किसी भी समय हो सकता है। अच्छी बात यह है कि हर्निया के कारण आपकी प्रेगनेंसी पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। ध्यान रहे कि आपको जिस क्षेत्र में हर्निया है वो अच्छी तरह सपोर्ट में होना चाहिए, खासकर जब आप हंसे, खांसे, या छींके, इस प्रकार आप इसके दर्द को कम कर सकती हैं। आप ऊपर बताई किसी भी कंडीशन के दौरान सपोर्ट के लिए अपने हाथों का इस्तेमाल भी कर सकती है, ताकि उस क्षेत्र ज्यादा जोर न पड़े।
ज्यादातर मामलों में गर्भावस्था के दौरान हर्निया खतरनाक नहीं होता है, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद इसका ट्रीटमेंट करना जरूरी होता है, खासकर अगर आपको दूसरा बच्चा चाहिए। यदि आपको दर्द और परेशानी बहुत ज्यादा हो रही हो तो प्रेगनेंसी के दौरान भी हर्निया की सर्जरी करने के लिए कहा जा सकता है, लेकिन ऐसा कम ही होता है। हालांकि, इस प्रोसेस में काफी कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं, जिससे मिसकैरज, समय से पहले लेबर होने की की संभावना बढ़ जाती है। आपका डॉक्टर ज्यादातर दूसरी तिमाही में सर्जरी करने का सुझाव देते हैं, क्योंकि बच्चे का लगातार विकास करना इस प्रक्रिया को मुश्किल बन सकता है।
हर्निया एक कॉमन कंडीशन है, जिसका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहता है। हालांकि, यदि आपको गर्भावस्था के दौरान हर्निया की समस्या हो जाती है, तो आपको कुछ कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि लेवर से जुड़ी समस्याएं आदि हो सकती हैं। इस दौरान किसी भी हाल में अपने शरीर को ज्यादा स्ट्रेस न दें। हर्निया की समस्या को नजरअंदाज न करें। बाद में किसी भी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए इसका तुरंत इलाज करना जरूरी है।
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