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आपने ऐसा कई बार सुना होगा कि गर्भवती महिलाओं को दो लोगों के हिसाब से भोजन करना चाहिए, लेकिन इसका अर्थ भोजन की मात्रा से नहीं बल्कि उससे मिलने वाले पोषण से होता है और अक्सर महिलाएं यह सोचती हैं कि प्रेगनेंसी उनके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है या ये सिर्फ फूड क्रेविंग है। बच्चे के विकास के लिए गर्भवती महिला को बहुत ज्यादा एनर्जी और पोषण की जरूरत होती है। यह बहुत ही नेचुरल है कि प्रेगनेंसी के दौरान मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है, जिसके बारे में आपको बेहतर तरीके से समझाने के लिए नीचे विस्तार से बताया गया है।
प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में बड़े पैमाने पर चेंजेस होते हैं। चाहे वो फिजिकल चेंजेस हों या बायोलॉजिकल चेंजेस, आपके शरीर को बहुत सारी चीजों से होकर गुजरना पड़ता है, ताकि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा अच्छी तरह से विकास कर सके। आमतौर पर इस दौरान महिला का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है यानी तेज हो जाता है, क्योंकि गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को बच्चे के लगातार विकास के कारण ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसी के अनुसार मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है।
गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म रेट प्राइमरी मेट्रिक्स में से एक है जो एक गर्भवती महिला के मेटाबॉलिज्म में होने वाली वृद्धि को निश्चित करता है। प्रेगनेंसी के दौरान और साथ ही प्रेगनेंसी के अलग-अलग चरणों की तुलना में प्रीनेटल बेसल मेटाबॉलिक रेट कम होता है। प्रेगनेंसी से पहले महिला की बॉडी की आहार और पोषण की आवश्यकताओं के अनुसार बेसल मेटाबॉलिज्म नियंत्रित होता है और इससे उसकी एनर्जी की जरूरत निर्धारित होती है। हालांकि, फीटस की उपस्थिति और उसका साइज यह डिफाइन करता है कि मेटाबॉलिज्म का और कितना दर बढ़ सकता है। जिन माओं का फीटस बड़ा होता है या गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे पल रहे होते हैं उन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है, इससे बीएमआर बढ़ता है और साथ ही एनर्जी और पोषण की तेजी से खपत होती है।
गर्भावस्था से पहले चाहे आपका वजन कम हो, आप मोटी हों या आपका हेल्दी वेट हो, गर्भावस्था के पूरे समय के दौरान आपके शरीर का वजन बढ़ जाएगा। इसमें से कुछ वेट गेन आपका होगा, जबकि बाकि का वेट गेन फीटस के द्वारा प्राप्त किया गया होगा।
गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म में नॉर्मली बहुत ज्यादा चेंजेस होते हैं। यह शरीर की कैलोरी संबंधी आवश्यकताओं को भी प्रभावित करता है।
हाई कैलोरी की जरूरत हमेशा ऐसे आहार से पूरी होनी चाहिए जो हेल्दी और बैलेंस डाइट हो। पोषण के साथ कैलोरी को बैलेंस करने की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको डेयरी प्रोडक्ट, लीन मीट, सब्जियां, फलों और होल ग्रेन्स आदि चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
गर्भावस्था के दौरान फास्ट मेटाबॉलिज्म डाइट का सेवन करना बहुत जरूरी होता है, अगर आपका वजन बहुत कम है तो आपको अपने बच्चे के बेहतर विकास के लिए इसे बढ़ाना होगा। आप अपनी डाइट प्लान के लिए डॉक्टर की मदद ले सकती हैं, वो बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपको किस प्रकार की डाइट पर अमल करने की जरूरत है।
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