गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान होने वाले मेटाबॉलिक चेंजेस

आपने ऐसा कई बार सुना होगा कि गर्भवती महिलाओं को दो लोगों के हिसाब से भोजन करना चाहिए, लेकिन इसका अर्थ भोजन की मात्रा से नहीं बल्कि उससे मिलने वाले पोषण से होता है और अक्सर महिलाएं यह सोचती हैं कि प्रेगनेंसी उनके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है या ये सिर्फ फूड क्रेविंग है। बच्चे के विकास के लिए गर्भवती महिला को बहुत ज्यादा एनर्जी और पोषण की जरूरत होती है। यह बहुत ही नेचुरल है कि प्रेगनेंसी के दौरान मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है, जिसके बारे में आपको बेहतर तरीके से समझाने के लिए नीचे विस्तार से बताया गया है।

क्या गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है?

प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में बड़े पैमाने पर चेंजेस होते हैं। चाहे वो फिजिकल चेंजेस हों या बायोलॉजिकल चेंजेस, आपके शरीर को बहुत सारी चीजों से होकर गुजरना पड़ता है, ताकि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा अच्छी तरह से विकास कर सके। आमतौर पर इस दौरान महिला का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है यानी तेज हो जाता है, क्योंकि गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को बच्चे के लगातार विकास के कारण ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसी के अनुसार मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है।

प्रीनेटल बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर)

गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म रेट प्राइमरी मेट्रिक्स में से एक है जो एक गर्भवती महिला के मेटाबॉलिज्म में होने वाली वृद्धि को निश्चित करता है। प्रेगनेंसी के दौरान और साथ ही प्रेगनेंसी के अलग-अलग चरणों की तुलना में प्रीनेटल बेसल मेटाबॉलिक रेट कम होता है। प्रेगनेंसी से पहले महिला की बॉडी की आहार और पोषण की आवश्यकताओं के अनुसार बेसल मेटाबॉलिज्म नियंत्रित होता है और इससे उसकी एनर्जी की जरूरत निर्धारित होती है। हालांकि, फीटस की उपस्थिति और उसका साइज यह डिफाइन करता है कि मेटाबॉलिज्म का और कितना दर बढ़ सकता है। जिन माओं का फीटस बड़ा होता है या गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे पल रहे होते हैं उन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है, इससे बीएमआर बढ़ता है और साथ ही एनर्जी और पोषण की तेजी से खपत होती है।

गर्भावस्था का वजन मेटाबॉलिज्म को कैसे प्रभावित करता है?

गर्भावस्था से पहले चाहे आपका वजन कम हो, आप मोटी हों या आपका हेल्दी वेट हो, गर्भावस्था के पूरे समय के दौरान आपके शरीर का वजन बढ़ जाएगा। इसमें से कुछ वेट गेन आपका होगा, जबकि बाकि का वेट गेन फीटस के द्वारा प्राप्त किया गया होगा।

  • आपके वजन बढ़ने पर नजर रखने के लिए बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स एक अहम भूमिका निभाता है। यह आपकी काफी मदद करता है यह बताने में कि आपको कितना वजन बढ़ाने की जरूरत है ताकि आप एक हेल्दी प्रेगनेंसी कैरी कर सकें।
  • जिन महिलाओं का बीएमआई ज्यादा होता है और उनका रेंज 25 या उससे ऊपर होता है, उन्हें 5 से 11 किलोग्राम के रेंज में वेट गेन करना चाहिए।
  • जिन महिलाओं का बीएमआई मीडियम लेवल का होता है और उनका रेंज 18.5 से 25 के बीच होता है, उनसे लगभग 11 से 15.8 किलोग्राम वजन बढ़ाने की उम्मीद की जाती है।
  • जिन महिलाओं का बीएमआई बहुत कम होता है और उनका रेंज 18.5 के करीब होता है, उन्हें बहुत ज्यादा वेट गेन करने की जरूरत होती है जो लगभग 12.7 से 18 किलोग्राम रेंज के करीब हो सकता है।
  • आपका वजन बढ़ना आपकी डाइट और आपके मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। इसलिए, यदि आपका वेट गेन घटता हुआ नजर आ रहा है तो आपको अपनी डाइट में चेंजेस करने चाहिए, यह इस बात का संकेत है कि आपको हाई मेटाबॉलिक रेट की जरूरत है।

गर्भावस्था के दौरान आपकी कैलोरी की आवश्यकताएं मेटाबॉलिज्म को कैसे प्रभावित करती हैं?

गर्भावस्था के दौरान मेटाबॉलिज्म में नॉर्मली बहुत ज्यादा चेंजेस होते हैं। यह शरीर की कैलोरी संबंधी आवश्यकताओं को भी प्रभावित करता है।

  • हर तिमाही में कैलोरी की अपनी डिमांड होती है, जो बच्चे के विकास पर निर्भर होती है कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है। सामान्य रूप से देखा जाए, तो ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को रोजाना लगभग 2.2 से 3 किलोकैलोरीज की आवश्यकता होती है।
  • गर्भावस्था की पहली तिमाही काफी महत्वपूर्ण होती है और इस अत्यधिक कैलोरी से आप अनहेल्दी वेट गेन कर सकती है, यदि आपने कम कैलोरी का सेवन किया तो इससे बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है। गर्भावस्था के शुरूआती चरण में जिन महिलाओं का हेल्दी वेट है वो शुरुआत में अपने नॉर्मल कैलोरी का ही सेवन जारी रखें।
  • जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है, उस हिसाब से आपको अपने रोजाना के कैलोरी सेवन को भी बढ़ाना होता है, आपको दूसरी तिमाही में लगभग 350 कैलोरी और तीसरी तिमाही में लगभग 460 कैलोरी की आवश्यकता होती है।

अपनी कैलोरी की जरूरतों को कैसे पूरा करें

हाई कैलोरी की जरूरत हमेशा ऐसे आहार से पूरी होनी चाहिए जो हेल्दी और बैलेंस डाइट हो। पोषण के साथ कैलोरी को बैलेंस करने की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको डेयरी प्रोडक्ट, लीन मीट, सब्जियां, फलों और होल ग्रेन्स आदि चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।

गर्भावस्था के दौरान फास्ट मेटाबॉलिज्म डाइट का सेवन करना बहुत जरूरी होता है, अगर आपका वजन बहुत कम है तो आपको अपने बच्चे के बेहतर विकास के लिए इसे बढ़ाना होगा। आप अपनी डाइट प्लान के लिए डॉक्टर की मदद ले सकती हैं, वो बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपको किस प्रकार की डाइट पर अमल करने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान एसाइक्लोवीर का सेवन

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

4 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

4 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

4 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

6 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

6 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

6 days ago