गर्भावस्था के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और अत्यधिक सर्दी, धूल व अन्य संक्रमणों से आपको जुकाम की समस्या हो सकती है। गर्भवती महिलाओं में जुकाम के साथ-साथ बंद नाक की समस्या अत्यधिक असुविधा का कारण बन सकती है और गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेना सुरक्षित नहीं समझा जाता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान प्राकृतिक उपचार निश्चित रूप से सुरक्षित विकल्प हैं। निम्नलिखित लेख में हम गर्भावस्था के दौरान जुकाम के लिए आसान और सुरक्षित प्राकृतिक उपचारों के बारे में चर्चा कर रहे हैं, जिन्हें आप अपनी समस्या को प्रभावी तरीके से खत्म करने के लिए उपयोग कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार की मदद से आप खुद को स्वस्थ व सुरक्षित रख सकती हैं। हालांकि, यदि आप अपनी गर्भावस्था में जुकाम से ग्रसित हैं तो आपकी सर्दी और खांसी के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार फायदेमंद हो सकते हैं, आइए जानें;
नारियल का तेल व्यापक रूप से अपने एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों के लिए जाना जाता है। नारियल के तेल में लॉरिक एसिड का अधिक स्तर वायरस के चारों ओर वसा की परत को नष्ट करने और इम्यून सिस्टम को संक्रमण का सामना करने में अत्यधिक मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान नारियल के तेल का उपयोग करना सुरक्षित होता है और इसे सामयिक व बाहरी रूप से त्वचा पर उपयोग किया जा सकता है। आप जुकाम से राहत पाने के लिए किसी भी गर्म पेय में एक चम्मच खाद्य नारियल तेल मिला सकती हैं।
गर्भावस्था में जुकाम से छुटकारा पाने में लहसुन एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो जुकाम को उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं को नष्ट करने में मदद करते हैं। कुछ चिकित्सकीय अध्ययनों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान लहसुन रक्तचाप को कम करने, रक्त प्रवाह को बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में भी प्रभावी है। लहसुन में पाया जाने वाला पदार्थ ‘एलिसिन’ गर्भावस्था के दौरान जुकाम को ठीक करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान जुकाम के लिए सबसे अच्छे भारतीय घरेलू उपचारों में से एक अदरक है। यह शरीर में गर्माहट को उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है और साथ ही रक्त प्रवाह में सुधार करता है। लहसुन के गुण संक्रमण पैदा करने वाले जीवाणुओं और विषाणुओं को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा अदरक आपको गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन से भी राहत दिला सकता है। उपचार करने के लिए अदरक का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे पीसकर या घिसकर पानी में उबाल लें। मिश्रण में नींबू या शहद डालकर पिएं।
गर्भावस्था में जुकाम को ठीक करने के लिए एप्पल साइडर विनेगर एक बहुत ही सुरक्षित और उपयोगी उपाय है। इसमें एल्कलाइन गुण शरीर में विषाणुओं के निर्माण को रोकने में मदद करते हैं और साथ ही नष्ट भी करते हैं। गर्भावस्था के दौरान जुकाम की शुरुआत में ही या जैसे ही जुकाम का पहला लक्षण आपको महसूस हो, एप्पल साइडर विनेगर पीना शुरू कर दें। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पिएं। तुरंत फायदे के लिए पहले गरारा करें और फिर इस मिश्रण को पी लें। आप इसे हर घंटे या जब तक आपको जुकाम से राहत न मिले तब तक पी सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान जुकाम से छुटकारा पाने के लिए एक कटोरा सूप सबसे स्वादिष्ट व प्रभावी तरीकों में से एक है। यह व्यंजन एंटी-इंफ्लेमटरी गुणों के साथ-साथ पोषण से परिपूर्ण है। अपने सूप में अदरक, लहसुन और पिसी हुई थोड़ी सी लाल मिर्च मिलाएं यह आपके स्वाद को बेहतर और जुकाम को खत्म करने में मदद कर सकता है।
सुनने में बहुत साधारण है लेकिन नमक का पानी जुकाम से जुड़े विभिन्न लक्षणों को ठीक करने में बहुत प्रभावी होता है। यह पानी जुकाम और खांसी के जीवाणुओं और विषाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान जुकाम और खांसी को दूर करने के लिए यह एक बेहद सुरक्षित घरेलू उपाय है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारा करें। यह आपको गले की खराश से राहत पाने में मदद करता है। इसके अलावा बंद नाक से छुटकारा पाने के लिए आप इस नमकीन मिश्रण की कुछ बूंदों को अपनी नाक में डाल सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान जुकाम के लिए प्याज प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। इसमें मौजूद सल्फ्यूरिक तत्व संक्रमण उत्पन्न करने वाले विभिन्न विषाणुओं और जीवाणुओं को नष्ट करने में मदद करते हैं। आप प्याज को कच्चा खा सकती हैं या हानिकारक जीवाणु या विषाक्त हवा को साफ करने के लिए अपने बिस्तर के चारों ओर कटे हुए प्याज फैला सकती हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं को इसकी महक पसंद नहीं होती है इसलिए खयाल रखें।
शहद और नींबू एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है जो गर्भावस्था के दौरान जुकाम से बचाव में मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में एक छोटा चम्मच शहद और एक बड़ा चम्मच नींबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और इसे दिन में तीन से चार बार पिएं। यदि आपको अक्सर जुकाम होता रहता है तो गर्भावस्था के बाद भी आप इसे पी सकती हैं। नींबू में मौजूद विटामिन ‘सी’ इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शहद के गुण गले की खराश में राहत देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यदि आप जुकाम से पीड़ित हैं तो आप ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिएं। जुकाम की वजह से आपके शरीर से तरल पदार्थ खत्म होने लगता है और इसकी बेहतर आपूर्ति के लिए आप अत्यधिक पाने, अदरक का गुनगुना पानी, नींबू और शहद का गुनगुना पानी, नमक का गुनगुना पानी, सब्जी या चिकन सूप या ताजे फलों का रस पी सकती हैं।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान जुकाम से पीड़ित हैं, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप पर्याप्त आराम करें। आराम करने से आपके शरीर को संक्रमण से बचाव के लिए अत्यधिक ऊर्जा और समय मिलेगा। दिन में दो से तीन बार थोड़ी देर के लिए सोएं, ऐसा करने से आपके शरीर को अत्यधिक आराम मिलेगा और आपको अन्य समस्याओं से उबरने में मदद मिलेगी।
जुकाम के कारण नाक और सीने में जमी बलगम को भांप से ठीक किया जा सकता है। एक बड़े बर्तन में पानी भरें और उसे उबाल लें, आप चाहें तो उबले हुए पानी में थोड़ा सा नीलगिरि का तेल भी मिला सकती हैं। इस मिश्रण की भांप आपकी बंद नाक को खोलने में मदद करती है और साइनस की समस्याओं को भी ठीक करती है। इसकी भांप से आपके गले की खराश में भी काफी आराम मिलेगा।
यदि आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और भोजन से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। अपने शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से भोजन का सेवन करें। यदि आप एक बार में अधिक भोजन करने के बजाय थोड़ा-थोड़ा भोजन करती हैं तो आपके शरीर को भोजन पचाने और उसे ऊर्जा में परिवर्तित करने का भी सही समय मिलेगा। इस दौरान आप ताजे फल, सब्जियां, सूखे मेवे, मांसाहारी भोजा, सीरियल का सेवन कर सकती हैं ताकि आपको पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलती रहे।
बाजार में उपलब्ध बाम सीने में बलगम के जमाव व साइनस को ठीक करने में मदद करता है। हालांकि, गर्भवती महिलाएं तेज गंध के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं और संभव है कि उन्हें बाम लगाने से उत्पन्न होने वाली झनझनाहट भी पसंद न आए। इसलिए गर्भवती महिलाएं सोने से पहले बाम को अपने पैरों के तलवों में लगाकर मोजे पहन लें। इससे उन्हें बाम की तीव्र महक नहीं आएगी और साथ ही उन्हें खांसी व जुकाम से भी राहत मिल सकती है।
अपनी सुविधा अनुसार हल्के व्यायाम करने का प्रयास करें, यह आपको सक्रीय रहने में मदद करेगा। सक्रीय रहने से शरीर में गर्माहट मिलती है और इससे आप अधिक बेहतर महसूस कर सकती हैं। शारीरिक गर्माहट आपको जुकाम से आराम देगी और व्यायाम आपकी इम्म्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। गर्भावस्था में सुरक्षित रहने के लिए भी कुछ सरल व हल्के व्यायाम करने का प्रयत्न करें।
पीठ के बल सोने से बंद नाक के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है। आप सोते समय अपने सिर के नीचे 2 या 3 तकियां रखकर उसे थोड़ा ऊंचा रखें। इससे आपको सांस लेने में कठिनाई नहीं होगी और आपकी नींद आरामदायक हो जाएगी।
गर्भावस्था के दौरान जुकाम को ठीक करने के लिए ऊपर दिए गए घरेलू उपचार बहुत प्रभावी हैं। इन घरेलू उपचारों से विभिन्न गर्भवती महिलाओं पर अलग-अलग प्रभाव हो सकते हैं इसलिए उन्हीं उपचारों को चुनें जो आपके लिए फायदेमंद हों। हालांकि, यदि आपको इन घरेलू उपचारों से फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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