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प्रेगनेंसी के दौरान एक बैलेंस डाइट का पालन करना आप और आपके बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है, ताकि आपको पर्याप्त पोषण मिल सके। लेकिन इस दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए मना किया जाता है जिसके बारे में आपको सतर्क रहना चाहिए। अगर आपको सी फूड पसंद है, तो आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या प्रेगनेंसी के दौरन केकड़े का मांस खाया जा सकता है या नहीं।
गर्भावस्था के दौरान सी फूड से परहेज करने का एक प्रमुख कारण यह है कि इसमें कुछ पदार्थ मौजूद होते हैं जिससे आपको और बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है। इसमें पारा सहित कई प्रदूषक और केमिकल होते हैं जो आपकी प्रेगनेंसी को खतरे में डाल सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अगर खाने से कंटैमिनेशन के बारे में बात करें तो केकड़े सुरक्षित साइड में आते हैं।
जब तक केकड़े को अच्छी तरह से पकाया जाता है, तब तक आप इसका सेवन सीमित मात्रा में कर सकती हैं और सबसे जरूरी बात यह कि केकड़े को एक साफ जगह से प्राप्त किया जाना चाहिए, यदि आप इन बातों का ध्यान रखती हैं तो फिर केकड़े का मांस खाने के लिए पूरी तरह से ठीक है।
केकड़े से प्राप्त होने वाले लाभ कुछ इस प्रकार हैं,
केकड़े में कई प्रकार के विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं, विशेष रूप से प्रोटीन, फैटी एसिड, कॉपर, जिंक, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन आदि। ये आपकी हेल्थ के साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
केकड़े में ओमेगा -3 फैटी एसिड भी पाया जाता है। यह तत्व मेंटल हेल्थ को बनाए रखने और डिप्रेशन जैसे लक्षणों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप ऐसे ही किसी लक्षण से पीड़ित हैं या टेंस मेंटल स्टेट में हैं, तो अपनी डाइट में इसे केकड़े को शामिल करें, यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा।
केकड़े के मांस में कैल्शियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। कैल्शियम न केवल बच्चे की हड्डियों के विकास में मदद करता है बल्कि माँ के भी बोन स्ट्रक्चर को मजबूत करने में भी मदद करता है, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान उनके शरीर में चेंजेस से हो रहे होते हैं। बच्चे के लिए, यह हड्डियों के साथ साथ उबकी नर्व और कानों का भी विकास करने में मदद करता है। लैक्टेशन के दौरान, कैल्शियम बच्चे के लिए हाई क्वालिटी वाले ब्रेस्ट मिल्क प्रदान करता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन सप्लाई बहुत अहम होती है। यह आपके शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है और हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। ये दोनों ही चीजें बच्चे को हेल्दी रखने और डिलीवरी को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। केकड़ा आयरन का एक बेहतरीन होता है, जो आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे का विकास सबसे ज्यादा होता है, इस दौरान बच्चे का शरीर दिमाग तेजी से विकास कर रहे होते हैं। ऐसी कंडीशन में फोलेट के साथ-साथ प्रोटीन की लगातार आवश्यकता होती है। ये दोनों ही तत्व केकड़े में मौजूद होते हैं, जो हेल्दी बच्चे के लिए बहुत जरुरी है।
गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है। इससे बच्चे को समस्या हो सकती है। केकड़े का मांस खाने से, आप इसमें मौजूद मैग्नीशियम को शरीर द्वारा अब्सोर्ब कर सकती हैं। मैग्नीशियम हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने का एक शानदार तरीके जो इसे कंट्रोल करने में आपकी मदद करता है।
मैग्नीशियम बच्चे की ग्रोथ के लिए बेहद जरुरी तत्व है। यह तत्व आपका शरीर प्राकर्तिक रूप से उत्पन्न नहीं कर पाता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान मैग्नीशियम सप्लीमेंट दिए जाते हैं ताकि नर्व और मसल्स ठीक से काम कर सकें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड केवल बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए ही काम नहीं करते हैं। बल्कि जन्म के दौरान भी इनकी आवश्यकता होती है, क्योंकि ये रक्त में मौजूद वसा के स्तर को कम कर देते हैं, जो अगर इन्हें चेक न किया जाए, तो बड़े पैमाने पर मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। ओमेगा -3 स्ट्रोक से पीड़ित होने के चांसेस को कम करता है।
बच्चे के लिए फोलेट बहुत आवश्यक होता है, लेकिन उससे भी ज्यादा आपका पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन करना बहुत जरुरी है ताकि बिना किसी डिफेक्ट के न्यूरल ट्यूब का विकास हो सके। इसमें विटामिन बी 9 होता है जो पूरे गर्भावस्था के दौरान बहुत मदद करता है। हालांकि फोलेट कई सब्जियों और फलों में मौजूद होता है, इसके सप्लीमेंट लेना भी नुकसानदायक नहीं होता है।
विटामिन बी 12 केकड़ों में पाया जाता है। यह विटामिन रेड ब्लड सेल्स बनाने में अहम भूमिका निभाता है। रेड ब्लड सेल्स की ग्रोथ करने के साथ-साथ यह एनीमिया की समस्या को भी दूर करता है।
हालांकि केकड़ों में पारे की मात्रा काफी कम होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप जी भर के इसका सेवन कर सकती हैं। किंग क्रैब में सबसे कम पारा होता है और इसका सेवन हफ्ते में दो बार किया जा सकता है, जिनकी कुल मात्रा लगभग 170 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। केकड़ों की अन्य किस्मों जैसे कि स्नो क्रैब और ब्लू क्रैब को कम मात्रा में सेवन करने के लिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें पारा काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और बेहतर होगा अगर आप इसका सेवन करने से परहेज करें।
यहाँ कुछ चीजें बताई गई हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान केकड़े का सेवन करना चाहती हैं।
केकड़े के विभिन्न किस्मों में अलग-अलग मात्रा में पारा मौजूद होता है। इन सभी की तुलना में किंग क्रैब में बहुत कम मात्रा में पारा होता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, पारा फीटस के लिए बेहद हानिकारक होता है क्योंकि यह सीधे मस्तिष्क और पूरे नेर्वेस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे बच्चे में बर्थ डिफेक्ट और बिहेवरियल प्रॉब्लम होने का खतरा होता है।
यहाँ तक किंग क्रैब में पारे की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है आप इसे कहाँ से लाया गया है। हो सकता है कि इसे जहाँ से लाया गया हो उसमें पारा अधिक मात्रा में मौजूद। इसलिए उन जगह के केकड़ों से परहेज करें जो लोकल बॉडीज से लाए गए हों।
ऐसी कई डिशेस हैं जिनमें कच्चे केकड़े के मांस का उपयोग किया जाता है, आप पहले से पके हुए केकड़ों का ही उपयोग करें। कच्चे मांस का सेवन करना हेल्दी नही होता है क्योंकि इसमें माइक्रोब्स और पैरासाइट मौजूद होते हैं जो आपके और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसका सेवन करने से फूड पोइजिनिंग हो सकती है, अगर कोई इन्फेक्शन होता है, तो इससे बच्चे के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
अगर कच्चे मांस को सही तरीके से पकाया नहीं गया है, तो यह आपके और बच्चे के लिए समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए मांस को अच्छी तरह से पकाना चाहिए। इससे माइक्रोब्स और पैरासाइट मर जाते हैं और आपके संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है।
जब केकड़े के सेवन की बात आती है तो आपको फ्रोजन किए गए केकड़े का सेवन करने की सलाह नही दी जाती है। इसे फ्रीज करने और प्रेसर्व करने की प्रक्रिया के दौरान बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। हालांकि, कुछ स्टडीज से पता चला है कि सील पाउच में उपलब्ध कैन्ड केकड़ों का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है।
आपको जितना ज्यादा हो सके उतने साफ और हेल्दी केकड़ों को सेवन करना चाहिए, आप जिस बरतें में इसे बनाएं उसे अच्छी तरह से साफ करें। कच्चे केकड़े को रखने के लिए अपने जिस जिस चीज का उपयोग किया हो उसे भी अच्छी तरह से साफ करें और फिर इस्तेमाल करें। जो भी मीट बच जाए उसे एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें । यदि केकड़े को कुछ घंटों से अधिक समय के लिए बाहर छोड़ दिया है, तो इसका दोबारा इस्तेमाल न करें।
आप सोच रही होंगी कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान स्नो क्रैब लेग का सेवन किया जा सकता है या नहीं। देखा जाए तो स्नो क्रैब के लेग में अधिक मात्रा में फैट नही होता। दूसरी ओर, लेग में सोडियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया न किया जाए तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
स्नो क्रैब लेग को खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इसे अच्छी तरह से पका लें, आप चाहें तो स्टीम, बॉईल, फ्राई करके इसका इसका सेवन कर सकती हैं। किसी भी हालत में इसे कच्चा या आधा पका हुआ सेवन न करें। इसी तरह ध्यान रहे कि आप इसका सीमित मात्रा में सेवन करें।
आपके लिए यहाँ केकड़ा बनाने की कुछ बेहतरीन रेसिपी दी गई, तो आइए एक नजर डालते हैं रेसिपी पर।
अगर आपको केकड़े का सेवन करना पसंद है, तो प्रेगनेंसी के दौरान आप इस डिश को जरूर ट्राई करें।
आपको चाहिए:
कैसे तैयार करें:
चिकन के स्वाद को और भी बेहतर बनाने के लिए आप यह बेहतरीन डिश ट्राई कर सकती हैं।
आपको चाहिए:
कैसे तैयार करें:
केकड़े का मांस न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह बहुत पौष्टिक भी होता है। इसमें ओमेगा-3 की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। इसे सही तरह से बनाएं और सीमित मात्रा में इसका सेवन करें तो आप इससे भरपूर लाभ उठा सकती हैं।
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