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गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण मिनरल होता है। यह लेग क्रैम्प से लेकर समय से पहले होने वाले गर्भाशय के संकुचन को रोकने में मदद करता है, अगर प्रीनेटल डाइट के जरिए आपके शरीर को पर्याप्त मैग्नीशियम प्राप्त नहीं होता है तो फिर आपको इसकी खुराक बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। मैग्नीशियम मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है और ब्लड प्रेशर लेवल नॉर्मल रखता है, इस प्रकार प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के समय कम दर्द होता है।
मैग्नीशियम को प्रीनेटल डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी होता है और आपको इसे सप्लीमेंट के तौर पर केवल तभी लेना चाहिए जब आप मिनरल ठीक से नहीं ले पा रही हों। प्रेगनेंसी के दौरान मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेना सुरक्षित होता है, बशर्ते गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह के बगैर सप्लीमेंट का सेवन न करें और न ही इसकी ओवरडोस लें।
मैग्नीशियम मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान काफी स्ट्रेस से गुजरती हैं। यह आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है, जिससे डिलीवरी के दौरान आपको कम दर्द होता है। यह समय से पहले होने वाले संकुचन को भी रोकता है और बच्चे की मजबूत हड्डियों और दाँतों के विकास में मदद करता है।
गर्भवती महिलाओं की मैग्नीशियम का डेली डोस उनकी प्रेगनेंसी स्टेज के अनुसार तय किया जाता हैं:
18 वर्ष और उससे कम –
19 साल से 30 साल –
31 साल और उससे अधिक –
अगर आप डेली मैग्नीशियम डोस नहीं ले पा रही हैं तो कोशिश करें कि हफ्ते में इसकी बताई गई मात्रा का कम से कम अवेरेज डोस लें, ताकि आप और आपके बच्चे को मैग्नीशियम से मिलने वाला लाभ प्राप्त हो सके।
प्रेगनेंसी के दौरान मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता आपको नीचे बताया गया है:
एक बैलेंस डाइट न होने के कारण आपको मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। यदि आप अपनी डेली डाइट से पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं प्राप्त कर पा रही हैं, तो अपने डॉक्टरों की सलाह के अनुसार मैग्नीशियम सप्लीमेंट ले सकती हैं। मैग्नीशियम की कमी से क्रॉनिक फटीग, मसल्स क्रैम्प और समय से पहले गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है, जो बच्चे की डिलीवरी को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी के कारण बच्चे के विकास पर भी बुरा असर पड़ता है और रक्त में पर्याप्त मैग्नीशियम न होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को मांसपेशियों में चुभन का अहसास होता है।
मैग्नीशियम एक हेल्दी डाइट या प्रीनेटल विटामिन की मदद से आपके आहार में शामिल किया जा सकता है। जब आप अपने आहार के जरिए पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम प्राप्त कर पाती हैं या मैग्नीशियम की रेकमेंडेड मात्रा का सेवन करने में विफल रहती हैं, तो आप सप्लीमेंट के जरिए मैग्नीशियम की जरूरत को पूरा कर सकती हैं। मैग्नीशियम के ओवर-द-काउंटर सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको ब्लड टोक्सिसिटी, मसल्स क्रैम्प और अन्य हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है, इसलिए आपका सावधानी बरतना जरूरी है।
आप अपने आहार में पीनट बटर, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल जैसे केला, एवोकाडो और ड्राई फ्रूट्स आदि के जरिए मैग्नीशियम को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। डार्क चॉकलेट गर्भवती महिलाओं के लिए मैग्नीशियम का बेहतरीन सोर्स माना जाता है और आपको इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। डार्क चॉकलेट जितनी शुद्ध होगी, उसमें मैग्नीशियम की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। बादाम, कद्दू के बीज, दही, पालक और ब्लैक बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके आप रोजाना 350 मिलीग्राम मैग्नीशियम प्राप्त कर सकती हैं।
यहाँ आपके रिफरेन्स के लिए मैग्नीशियम युक्त फूड सोर्सेज की एक लिस्ट दी गई है:
भोजन | मिलीग्राम प्रति सर्विंग | प्रतिशत (डेली वैल्यू) |
बादाम, ड्राई रोस्टेड, | 80 | 20 |
पालक, उबला हुआ, ½ कप | 78 | 20 |
काजू, ड्राई रोस्टेड, 28 ग्राम | 74 | 19 |
पीनट, ऑयल रोस्टेड, ¼ कप | 63 | 16 |
सीरियल, गेहूँ का दलिया, 2 बड़े बिस्कुट | 61 | 15 |
सोया मिल्क, प्लेन या वैनिला, 1 कप | 61 | 15 |
ब्लैक बीन्स, पकाया हुआ, ½ कप | 60 | 15 |
एडामे, शेल्ड, पकाया हुआ, ½ कप | 50 | 13 |
पीनट बटर, स्मूथ, 2 बड़े चम्मच | 49 | 12 |
ब्रेड, होल व्हीट, 2 स्लाइस | 46 | 12 |
एवोकाडो, क्यूब्ड, 1 कप | 44 | 11 |
आलू, छिलके के साथ पका हुआ, 100 ग्राम | 43 | 11 |
चावल, ब्राउन, पका हुआ, ½ कप | 42 | 11 |
दही, सादा, कम वसा, 225 ग्राम | 42 | 11 |
ब्रेकफास्ट सीरियल, मैग्नीशियम की डेली वैल्यू 10% के साथ फॉर्टफाइड | 40 | 10 |
ओटमील, इंस्टेंट, 1 पैकेट | 36 | 9 |
किडनी बीन्स, डिब्बाबंद, ½ कप | 35 | 9 |
केला, 1 मीडियम | 32 | 8 |
सामन, अटलांटिक, फार्मड, पकाया हुआ, 85 ग्राम | 26 | 7 |
दूध, 1 कप | 24–27 | 6–7 |
हलिबेट, पकाया हुआ, 85 ग्राम | 24 | 6 |
किशमिश, ½ कप | 23 | 6 |
चिकन ब्रेस्ट, रोस्टेड, 85 ग्राम | 22 | 6 |
ब्रोकोली, कटा हुआ और पकाया हुआ, ½ कप | 12 | 3 |
चावल, सफेद, पकाया हुआ, ½ कप | 10 | 3 |
सेब, 1 मीडियम | 9 | 2 |
गाजर, कच्चा, 1 मीडियम | 7 | 2 |
जब तक आप एक हेल्दी बैलेंस डाइट का पालन करती हैं तब तक आपको मैग्नीशियम सप्लीमेंट की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, प्रीनेटल विटामिन में भी कुछ मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होता है। हालांकि, यदि आपको लगता है कि आप अपने आहार के जरिए पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं प्राप्त कर पा रही हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए और उनकी सलाह के अनुसार आप मैग्नीशियम सप्लीमेंट ले सकती हैं।
मैग्नीशियम सप्लीमेंट की ओवरडोस लेने से आपके ऊपर इसका साइड इफेक्ट कई तरह से पड़ सकता है। यहाँ आपको बताया गया है कि बहुत अधिक मात्रा में मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
रक्त में विषाक्तता शरीर में हाई मैग्नीशियम लेवल के कारण होता है। रक्त में मैग्नीशियम लेवल को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर कैल्शियम सप्लीमेंट का दिए जाते हैं।
मैग्नीशियम सप्लीमेंट की ओवरडोस लेने से आपको मसल्स क्रैम्प और ऐंठन का अनुभव हो सकता है।
दस्त और अनियमित मल त्याग शरीर में मैग्नीशियम लेवल बढ़ने का परिणाम है।
हाई मैग्नीशियम लेवल के कारण आपके शरीर में नी जर्क रिफ्लेक्स की समस्या पैदा हो सकती है। मैग्नीशियम सप्लीमेंट की ओवरडोज लेने से कार्डियक अरेस्ट, इर्रेगुलर हार्टबीट और धुंधला दिखाई देना जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
एप्सम साल्ट बाथ लेना गर्भवती महिलाओं के लिए मैग्नीशियम सप्लीमेंट के तौर पर काम करता है। मैग्नीशियम साल्ट बाथ गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों में होने दर्द को कम करने में मदद करता है और आपके शरीर को रिलैक्स करता है।
2004 में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, एप्सम बाथ लेने से मैग्नीशियम आपकी त्वचा के माध्यम से अच्छी तरह अब्सॉर्ब होता है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। कुछ मामलों में ओरली मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से सीलिएक डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को समस्या हो सकती है, यही कारण है कि एप्सम साल्ट बाथ ज्यादा बेहतर साबित होता है।
गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम सल्फेट गर्भवती महिलाओं को प्रीटर्म लेबर से बचाने और एक स्मूथ डिलीवरी के लिए दिया जाता है। रक्त में मैग्नीशियम लेवल यूटराइन मसल्स सेल्स में कैल्शियम की मात्रा को कम कर देता है, और यूटरस मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करता है। इस प्रकार यह गर्भावस्था के 37 सप्ताह के दौरान समय से पहले होने वाले संकुचन को रोकता है।
भले ही गर्भावस्था में मैग्नीशियम सल्फेट का उपयोग करने से डिलीवरी को रोका नहीं जाता है, लेकिन यह कुछ दिनों तक डिलीवरी को धीमा और विलंबित कर सकता है, जो बच्चे के पूर्ण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे बच्चे की मृत्यु को रोका जा सकता है और बच्चे के लंग फंक्शन को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम सल्फेट का सेवन करने से शिशुओं में सेरेब्रल पाल्सी का खतरा भी कम हो जाता है।
मैग्नीशियम सल्फेट का आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको नीचे बताई गई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
कैल्शियम ग्लूकोनेट नामक दवा का उपयोग करके इन दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान हाई मैग्नीशियम सप्लीमेंट का सेवन करने से आपको नीचे दिए गए साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता हैं:
गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम साइट्रेट कई कारणों से फायदेमंद होता है। यहाँ आपको इसे निम्नलिखित उपयोग और फायदे बताए गए हैं:
हालांकि इसका कोई गंभीर या जानलेवा साइड इफेक्ट नहीं होता है, फिर भी मैग्नीशियम साइट्रेट लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछना जरूरी है।
मैग्नीशियम ऑक्साइड गर्भावस्था के दौरान रक्त में मैग्नीशियम लेवल की सही मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है। यह अपच को रोकने के लिए एक लैक्सटिव के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और डॉक्टर की सलाह के आधार पर इसे अन्य सप्लीमेंट लेने के दो घंटे बाद ही लिया जाना चाहिए।
मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन की समस्या को दूर करने और स्तनपान बेहतर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस दवा को लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।
डॉक्टरों द्वारा आमतौर पर केलेट और साइट्रेट जैसे मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये अच्छे से शरीर में अब्सॉर्ब होते हैं और नैचुरल फूड सोर्सज में पाए जाते हैं। डॉक्टर कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम थ्रेओनेट, मैग्नीशियम ओरोटेट और मैग्नीशियम ग्लाइकेट लेने की सलाह देते हैं। आपको बताए गए सभी सप्लीमेंट आपके ब्लड टेस्ट रिजल्ट में पाए गए मैग्नीशियम लेवल के बाद ही तय किए जाते हैं।
हाँ। मैग्नीशियम ऑयल गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित होता है और त्वचा के माध्यम से अच्छी तरह अब्सॉर्ब होता है। ओरल मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से यह कभी-कभी डायरिया का कारण बन सकता है या अन्य दवाओं के साथ इसे लेने से यह आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है, जबकि, मैग्नीशियम ऑयल की वजह से ऐसे कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए हैं।
इसमें को शक नहीं कि मैग्नीशियम का सेवन करने से प्रेगनेंसी के दौरान यह आपको कई लाभ प्रदान करता है और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली एंग्जायटी को कम करने में मदद करता है, इसके अलावा स्ट्रेस और मसल्स क्रैम्प जैसी समस्या को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो तो आपको मैग्नीशियम सप्लीमेंट की सहायता लेनी चाहिए जो आपकी हेल्थ और बच्चे के विकास के लिए जरूरी है। आपको गर्भावस्था के पहले, दौरान और बाद में भी, मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से पहले इसके ब्रांड, टाइप और डोस के बारे में अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए, ताकि आपको प्रेगनेंसी के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े।
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