गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस – घरेलू उपचार और इलाज

गर्भावस्था एक महिला के जीवन में बहुत सारी खुशियां लेकर आता है, पर साथ ही कुछ बदलाव भी लाता है जो कभी-कभी अप्रिय सा लगता है, जैसे ‘मॉर्निंग सिकनेस’। लगभग 70-80% गर्भवती महिलाएं पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के सामान्य लक्षण जैसे मतली, उल्टी व थकान का अनुभव करती हैं। यह समस्या ज्यादातर गर्भावस्था के छठे हफ्ते से शुरू होती है और 8वें से 9वें हफ्ते में अत्यधिक बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर बड़ी मात्रा में एच.सी.जी. हॉर्मोन का उत्पादन करता है। प्लेसेंटा के निर्माण तक यह हॉर्मोन गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषण प्रदान करता है जिसके कारण गंभीर रूप से मतली होती है। लगभग 14वें से 16वें हफ्ते तक आपकी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या थोड़ी कम हो जाती है। किन्तु कई गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के अंत तक रहती है। हर समय बीमार रहना निश्चित रूप से अच्छा नहीं लगता है यद्यपि आपका वजन और अन्य समस्याओं की लगातार जांच होती है तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मॉर्निंग सिकनेस के प्रभाव को कम करने के लिए अनेकों घरेलू उपाय हैं जिनका आप उपयोग कर सकती हैं। आइए जानते हैं।

मॉर्निंग सिकनेस के लिए प्राकृतिक उपचार

गर्भावस्था में छोटी-छोटी असुविधाएं भी बहुत परेशानी भरी लगती है और निश्चित रूप से इस दौरान कोई भी आरामदायक चीज आपके लिए वरदान जैसी होगी। गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस एक आम समस्या है और इसे पूरी तरह से खत्म करना मुमकिन नहीं है। हालांकि प्राकृतिक उपचारों की मदद से कुछ समय के लिए इस समस्या को रोका जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ दोष का संतुलन सही स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मॉर्निंग सिकनेस पित्त दोष की वृद्धि के कारण होती है। आयुर्वेद कुछ ऐसे घरेलू उपचारों के बारे में बताता है जो हमारी भोजन सामग्रियों में भी मौजूद हैं। मतली और उल्टी को ठीक करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचारों के बारे में जानें।

१. अदरक

नुट्रिशन एक्सपर्ट के अनुसार गर्भावस्था के दौरान होने वाली मतली को कम करने के लिए अदरक अत्यधिक प्रभावी खाद्य पदार्थों में से है। अदरक के रस में पाए जाने वाले गुण आपके पेट की पीड़ा को कम करने में मदद करते हैं। इस समस्या के दौरान आप सिर्फ एक चम्मच अदरक का रस पी लें, इससे आपको काफी आराम मिल सकता है। वैकल्पिक रूप से आप चाहें तो अदरक की कैंडी या अदरक को पानी में गर्म करके भी पी सकती हैं।

२. पुदीना

पुदीने की पत्तियों का स्वाद शरीर में ठंडक और ताजगी पहुँचाने में मदद करता है। पुदीना गर्भावस्था में मतली की समस्या के लिए सर्वोत्तम घरेलू उपचारों में से एक है। मतली महसूस करते समय आप साधारणतः इसे सूंघ लें या फिर इसकी कुछ पत्तियों को चबा लें। यह आपको काफी आराम देने में मदद कर सकता है।

३. नींबू का रस

नींबू के खट्टे स्वाद के साथ हल्का नमक और शक्कर, मॉर्निंग सिकनेस के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। नींबू का स्वाद मतली के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

४. नारियल पानी

नारियल पानी विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होता है जो मॉर्निंग सिकनेस के लिए एक प्रभावी उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार, नारियल पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर, इस मिश्रण को लगभग 15 मिनट के बाद पिएं। यह मिश्रण आपके पेट को आराम देने में मदद करता है।

५. गुलाब जल और दूध

एक गिलास दूध में गुलाब जल की कुछ बूंदें मॉर्निंग सिकनेस में बहुत मदद कर सकती हैं। एक गिलास दूध में गुलाब जल की कुछ बूंदें डालकर उबाल लें और हल्का गुनगुना करके पिएं। आयुर्वेद के अनुसार गुलाब जल और दूध के मिश्रण को एक छोटे से कप घी के साथ सोने से पहले लें। यह मिश्रण पित्त दोष से निजात दिलाता है और साथ ही मॉर्निंग सिकनेस को भी नियंत्रित करता है।

६. एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर की मदद से लगभग सभी समस्याओं का समाधान बहुत सरलता से मिल जाता है। स्वास्थ्य लाभ से लेकर सफाई में सहायक तक, यह जादुई पेय हर समस्या को कम करने में सक्षम है। एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं, यह मिश्रण आपकी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है।

७. खुद को हाइड्रेटेड रखें

यह आपके लिए थोड़ा सा कठिन हो सकता है किंतु गर्भावस्था के दौरान मतली को कम करने के लिए बहुत सारा पानी पीना आवश्यक है। यद्यपि आपके लिए दिनभर में 8 गिलास पानी पीना मुश्किल होगा, इसलिए आप यह सोचें कि इस दौरान अधिक से अधिक पेय पदार्थ कैसे ले सकती हैं। भोजन करते समय थोड़ा ज्यादा नमक का सेवन करें, इससे आपको अधिक प्यास लगेगी। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आप ठंडे पेय पदार्थ जैसे स्मूदी या जूस भी ले सकती हैं।

८. अपने अनुकूल भोजन का चयन करें

मॉर्निंग सिकनेस के कारण ज्यादातर महिलाओं को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने की इच्छा होती है जो उन्हें पहले पसंद थे। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ऐसी चीजें भी खाने की इच्छा हो सकती है जो उन्हें कभी पसंद नहीं आती थी। सीरियल, बिस्कुट, कैंडी जैसे खाद्य पदार्थ मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। परन्तु यह सिर्फ आप पर और आपके शरीर पर निर्भर करता है कि कौन सा खाद्य पदार्थ आपके लिए अत्यधिक अनुकूल है और आप उसी का सेवन करें।

९. थोड़ा-थोड़ा करके खाएं

लंबे समय तक भूखे रहने से गैस्ट्रिक एसिड अतिरिक्त समय तक कार्य करता है और इससे मतली होने की संभावना बढ़ जाती है। दूसरी ओर, अधिक खाने से आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है और आपको बेचैनी महसूस हो सकती है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने भोजन को थोड़ा-थोड़ा खाएं। एक ऐसी योजना तैयार करें जिसमें आप नाश्ता और दोपहर का भोजन बड़े हिस्से में करें और बीच में स्नैक्स के रूप में कुछ थोड़ा-थोड़ा खाती रहें। आप जितना ज्यादा हो सके सलाद, नट्स, बेक्ड आइटम और फल जैसे स्वस्थ आहार का सेवन करती रहें। सुबह जागने के बाद थोड़ा कुछ खाने से भी आपको मतली अधिक परेशान नहीं करेगी।

१०. मतली के लक्षणों पर नजर रखें

दिन के उस समय को पहचानें जब आप अधिक बीमार महसूस करती हैं और फिर उसका कारण जानने का प्रयास करें। यह किसी गंध के कारण हो सकता है, जो आपके पड़ोसी की रसोई या आँगन से आती हो। इसके कारण को जानने के बाद लक्षणों से निजात पाने के लिए आप कोई उपाय ढूंढ़ सकती हैं। जैसे, मतली के कारण यदि आपको किसी के भोजन की गंध बेचैन करती है तो आप ज्यादा से ज्यादा सैर करने का प्रयास करें।

११. बात करें

गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ चीजें पसंद नहीं भी आ सकती हैं। आप अपने आस-पास के लोगों से अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकती हैं, अधिक से अधिक बात करें और अपनी समस्याओं को ईमानदारी से बताएं। ताकि वे आपकी मॉर्निंग सिकनेस की समयों को कम करने में आपकी मदद कर सकें। उदाहरण के लिए; यदि आपको अपने पति की शेविंग जेल की गंध पसंद नहीं है तो उनसे कह दें। आपको जब तक यह समस्या है वे तब तक दूसरे ब्रांड का शेविंग जेल उपयोग कर सकते हैं ।

१२. काम से छुट्टी लें

पहली तिमाही के दौरान मॉर्निंग सिकनेस अत्यधिक प्रभाव डालती है। ऑफिस में आप अपनी गर्भावस्था की बात किसी से कह नहीं सकती हैं और आप अब भी यह सोच रही हैं कि इस समस्या से कैसे निजात पाया जाए। इस समय आप एक योजना बनाएं और मैटर्निटी अवकाश पर जाने से पहले अपनी बची हुई छुट्टियां देख लें। जब आपकी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अत्यधिक बढ़ गई हो तब आप अपनी छुट्टियों की योजना बनाएं और घर पर पूरी तरह से आराम करें।

१३. ध्यान भटकाएं

खुद को होने वाले दर्द या किसी अन्य असहज स्थिति से विचलित करने वाला माहौल कारगर साबित हो सकता है। कुछ ऐसा करने की कोशिश करें जो आपको आपके लक्षणों से विचलित कर दे। यह कुछ भी हो सकता है – किताब पढ़ना, सुडोकू पहेली खेलना, एक छोटी सैर, कार्टूनिंग या यहाँ तक कि व्यायाम करना। लेकिन निःसन्देह यदि आप व्यायाम करने की योजना बनाते हैं, तो आप चिकित्सकीय सलाह लेना सुनिश्चित करें।

१४. आवश्यक चीजें पास रखें

गर्भावस्था के दौरान आपको अक्सर बाथरूम व कैंडी की जरूरत पड़ेगी। इसलिए आप अपने पास हमेशा एक किट रखें जिसमें एक टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट और थूकने के बाद खुद को फ्रेश करने के लिए एक माउथ वॉश रखा होना चाहिए। आप चाहें तो उसमें हॉल्स, मिंट, हेल्दी स्नैक्स या बिस्कुट भी रख सकती हैं ताकि जब भी आपको आवश्यकता महसूस हो आप तुरंत इसका उपयोग कर सकें।

१५. संगीत

आज के इस डिजिटल समय में, कुछ एप्लीकेशन ऐसे भी हैं जो गाना के साथ-साथ पल्स को भी ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। यह पल्स कान में सही और संवेदनशील ध्वनि तंत्र के संतुलन को बनाने में मदद करती हैं। इसे सुनने के लिए इयरफोन के बजाय हेडफोन का उपयोग करें क्योंकि यह आवाज को नियंत्रित करके कान के पर्दों को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों से आपका ध्यान भटकाता है और इससे आप संगीत की ताल के अनुकूल ही महसूस करती हैं।

मॉर्निंग सिकनेस एक ऐसी चीज है जो हर दो गर्भवती महिलाओं में से एक को प्रभावित करती है। यद्यपि इसको जल्दी ठीक नहीं किया जा सकता है परंतु फिर भी आप इसे कई तरीकों से कम कर सकती हैं। गर्भाधान के चौथे और आठवें सप्ताह में मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण पहली तिमाही से अधिक प्रभावी होते हैं। हालांकि, आप अपनी संपूर्ण गर्भावस्था में बेचैनी महसूस कर सकती हैं। इस दौरान आपको अपने पसंदीदा भोजन से चिढ़ हो सकती है और साथ ही गंध से संवेदनशीलता भी हो सकती हैं। अपनी सूझ-बूझ के अनुसार अपनी स्थिति का आकलन करें और समझें की आपको चिकित्सीय सलाह लेने की आवश्यकता है या नहीं।

सुरक्षा कटियार

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