गर्भावस्था

प्रेगनेंसी के दौरान नाभि का उभरना और अम्बिलिकल हर्निया (नाभि हर्निया)

प्रेगनेंसी के दौरान, शरीर के अंदर आने वाले कई बदलावों में से एक है, उभरी हुई नाभि। यह एक नुकसान रहित और दर्द रहित अवस्था है, जिसमें पेट में पल रहे बच्चे के दबाव से आपकी नाभि उभरने लगती है। कुछ मामलों में यह अम्बिलिकल हर्निया में बदल जाता है, जिसमें मेडिकल इलाज की जरूरत होती है। माँ बनने के खूबसूरत एहसास तक पहुंचने के लिए बहुत सी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। हॉर्मोनल इंबैलेंस के कारण आपका शरीर कई बदलावों का अनुभव करता है और आपको इन सब परेशानियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। जहां एक ओर शरीर के अंदर कई तरह के बदलाव होते रहते हैं, उनमें से कुछ पहली तिमाही के अंत या दूसरी तिमाही की शुरुआत के दौरान दिखने लगते हैं, जो कि आपकी डिलीवरी तक बने रहते हैं। ऐसा ही एक बदलाव है, नाभि का उभरना। प्रेगनेंसी के दौरान, नाभि उभर कर बाहर की ओर आने लगती है, जो कि इस बात का एक महत्वपूर्ण संकेत है, कि आपका बच्चा पेट के अंदर बढ रहा है। कई लोग इसे लेबर का संकेत मानने की गलती करते हैं, पर असल में यह दूसरी तिमाही के दौरान दिखाई देता है। यह प्रेगनेंसी के 26वें हफ्ते के आसपास होता है और बच्चे के विकास को दर्शाता है। बड़े होने के लिए बच्चे को जगह की जरूरत होती है और यही कारण है कि शरीर के अंगों और फ्लुइड के ऊपर दबाव डालता है, जिससे कि नाभि उभरने लगती है। 

गर्भावस्था के दौरान नाभि के उभरने का कारण

जैसे ही आपके बच्चे का गर्भकाल पूरा होता जाता है, गर्भाशय भी फूलता है। इससे शरीर के अंदर के अंगों पर दबाव पड़ता है और वे पेट की दीवारों की ओर दबने लगते हैं। इसके कारण आपकी नाभि की अंदरूनी दीवारों पर दबाव पड़ता है, जिससे वह उभरने लगती है। यह गर्भाशय में बच्चे के विकास की दर और आपके शरीर में गर्भाशय की स्थिति के ऊपर भी निर्भर करता है। 

उभरती हुई नाभि का इलाज

उभरती हुई नाभि को इलाज की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि वह समय के साथ ठीक हो जाती है। डिलीवरी के बाद जैसे ही नाभि के ऊपर पड़ने वाला दबाव कम होता है, नाभि अपने आप अपनी नॉर्मल स्थिति में आ जाती है। आपको बस इतना ही करना है, कि कुछ हफ्तों के लिए ढीले कपड़े पहनें, ताकि आपकी नाभि को रगड़ ना लगे। इससे आप इरिटेशन से बचेंगी। वैसे कुछ मामलों में अगर डिलीवरी के बाद भी नाभि का उभार लंबे समय तक बरकरार रहता है, तो ऐसे में नाभि हर्निया की संभावना हो सकती है। नाभि या नाल हमारे एब्डोमेन का सबसे नाजुक हिस्सा है और इसलिए इसमें हर्निया होने की संभावना होती है। प्रेगनेंसी के दौरान इस पतली जगह में बहुत खिंचाव आता है। दबाव के कारण पेट की दीवारों की अंदरूनी सतह पर दबाव पड़ता है और इससे नाभि के ऊपर एक थैली सी बन जाती है, जिससे परेशानी हो सकती है। 

प्रेगनेंसी के दौरान अम्बिलिकल हर्निया के खतरे

अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान नाभि हर्निया है, तो हो सकता है कि वह बढ़ता रहे। प्रेगनेंट महिलाओं को अम्बिलिकल हर्निया के कारण जो समस्याएं हो सकती हैं, वे नीचे दी गई हैं: 

  1. प्रेगनेंसी के कारण हर्निया का आकार बढ़ सकता है। हर्निया के आकार का इस तरह से बढ़ना फीटस के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
  2. प्रेगनेंसी में अम्बिलिकल हर्निया के कारण आँतें भी प्रभावित होती हैं। अगर इसका मुंह बहुत चौड़ा हो, तो अम्बिलिकल हर्निया उसे जबरदस्ती बाहर निकाल सकती हैं। ऐसी स्थिति में आंतों के काम प्रभावित होते हैं, जो कि आपकी प्रेगनेंसी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  3. प्रेगनेंसी के दौरान नाभि हर्निया की कुछ और परेशानियां भी हो सकती हैं, जैसे – मतली, बहुत ज्यादा उल्टियां, बुखार और नाभि वाले क्षेत्र में दर्द।
  4. अगर यह उभार साफ-साफ दिख रहा है, तो हो सकता है कि अम्बिलिकल हर्निया बहुत खराब स्थिति में हो। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

हर्निया के साथ डिलीवरी

जो महिलाएं प्रेगनेंट हो और उन्हें अम्बिलिकल हर्निया की शिकायत भी हो, तो वे बहुत घबरा जाती हैं। पर इसमें घबराने की बात नहीं है, क्योंकि हर्निया होने के बाद भी आप की नार्मल डिलीवरी हो सकती है। अगर हर्निया का आकार छोटा है, तो आपकी गायनकॉलोजिस्ट आपको नॉर्मल डिलीवरी की राय देगी। वहीं अगर हर्निया बड़ा है और पेट के निचले हिस्से में है, तो डॉक्टर आपको सिजेरियन डिलीवरी की सलाह दे सकते हैं। दूसरी परिस्थिति में डॉक्टर आपको सी-सेक्शन की सलाह तब देते हैं, जब पहले भी आपकी सी-सेक्शन डिलीवरी हो चुकी हो। 

अम्बिलिकल हर्निया का इलाज

अधिकतर मामलों में डॉक्टर सलाह देते हैं, कि अम्बिलिकल हर्निया को उसी तरह छोड़ दिया जाए और उसे अपने आप ही घुलने दिया जाए। लेकिन, अगर आपको इससे दर्द हो रहा है, तो एक छोटी सी सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। साथ ही कुछ ऐसे एक्सरसाइज होते हैं, जिनसे आपको अम्बिलिकल हर्निया से निपटने में मदद मिलेगी।  एक्सरसाइज करते समय इस बात का ध्यान रखें, कि इससे आपके पैल्विक फ्लोर मसल्स पर दबाव ना पड़े और आपका शरीर सीधी अवस्था में हो। सीधी चलें, हील पहने ताकि घुटनों और कूल्हों पर दबाव पड़े, जिससे आपका पेल्विस बाहर की ओर आएगा। आप वैसे एक्सरसाइज भी कर सकती हैं, जो आपके कोर मसल्स को मजबूत बनाएं।  आखिर में चिंता करना छोड़ दें, क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं है। प्रेगनेंसी एक खूबसूरत एहसास है, हर्निया के कारण इस एहसास का आनंद कम ना होने दें। जरूरी सावधानी बरतें और जरूरी एक्सरसाइज करना याद रखें। 

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पूजा ठाकुर

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