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गर्भावस्था का समय होने वाली माँ के लिए बहुत ही इक्साइटिंग समय होता है। हालांकि, यह एक ऐसा समय भी है जब होने वाली माँ को हर चीज के प्रति बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है ताकि वो और उसका बच्चा सुरक्षित रहें और बच्चे के विकास में कोई रूकावट न पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान आपको जिस चीज पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, वो है ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन का उपयोग करना। ओमेप्राजोल एक ऐसी दवा है जो गर्भवती महिलाओं को सीने में जलन या ऐसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए दिया जाता है।
इस लेख में आपको बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान ओमेप्राजोल लेना आपके लिए सुरक्षित है या नहीं, आपको इसके बारे में जानना चाहिए। इस लेख में यह भी चर्चा की गई है कि क्या ओमेप्राजोल मिसकैरज, स्टिल बर्थ, प्रीमैच्योर डिलिवरी और फीटस में बर्थ डिफेक्ट का कारण होता है।
ओमेप्राजोल एक ऐसी प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर दवा है, जो गर्भवती महिलाओं को एसिडिटी, सीने में जलन, पेट के अल्सर, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के लिए ली जाती है। हमारा पेट भोजन को पचाने के लिए एसिड का उत्पादन करता है। इस एसिड के ज्यादा होने से आपको एसिडिटी और सीने में जलन होती है। ओमेप्राजोल प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर (पीपीआई) नामक दवाओं के ग्रुप का एक हिस्सा है, जो पेट में एसिड के उत्पादन को कम करता है, इस प्रकार यह एसिडिटी, जीईआरडी और पेट के अल्सर आदि समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
पेट के अल्सर हमारे स्टमक लाइनिंग में मौजूद हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। हमारे पेट में मौजूद एसिड अल्सर के दर्द को बढ़ा सकते हैं। यही कारण है कि पेट के अल्सर के उपचार के लिए ओमेप्राजोल दिया जाता है। जीईआरडी एक ऐसी समस्या है जिसमें भोजन नलिका के स्फिंक्टर वाल्व रिलैक्स हो जाती है और पेट में एसिड का बहुत ज्यादा उत्पादन होने लगता है, जिसकी वजह से भोजन नलिका में एसिड रीफ्लक्स होने लगता है और आपको सीने में जलन होने लगती है। ओमेप्राजोल आमतौर पर ऐसी समस्याओं को ठीक करने के लिए दी जाती है।
ओमेप्राजोल आमतौर पर देर से घुलने वाली कैप्सूल या पाउडर के रूप में आता है, जिसे पानी में मिलाकर लिया जाता है। यह पेट में एसिड बनाने वाले प्रोटॉन पंप को बंद करने का काम करता है, जिससे हमारे पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा कम हो जाती है।
यदि आप सोच रहे हैं कि क्या आप गर्भावस्था के दौरान ओमेप्राजोल ले सकते हैं, तो इसका जवाब ‘हाँ’ है, लेकिन तब तक, जब तक दवा से बच्चे को कोई खतरा नहीं होता है। स्टडीज से पता चला है कि ओम्प्राजोल लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, आगे चलकर ओमेप्राजोल का साइड इफेक्ट बच्चे पर क्या हो सकता है इसके बारे में अभी तक ठीक तरह से कोई रिसर्च नहीं मिली है। इसलिए, यह तय करना महत्वपूर्ण है कि क्या ओमेप्राजोल का उपयोग करने से बच्चे को कोई खतरा तो नहीं होगा।
आप दवाओं का उपयोग किए बिना भी एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकती हैं और यह संभव है। उदाहरण के लिए, आपको यहाँ पर आपको कई तरीके बताए गए हैं जिनकी मदद से आप बगैर दवा के एसिडिटी को कम कर सकती हैं- कम मात्रा में कई बार भोजन करें, बहुत ज्यादा मसालेदार और ऑइली खानों का सेवन करने से परहेज करें, नियमित रूप से दही और छाछ का सेवन करें और सोते समय कम्फर्टेबल और ऊंचे तकिए का इस्तेमाल करें ताकि आपका सिर ऊपर उठा हो।
यदि गर्भावस्था के दौरान आप पहले ही ओमेप्राजोल ले रही हैं, तो यह बात अपने डॉक्टर को जरूर बताएं। डॉक्टर आपको बेहतर बता सकते हैं कि क्या अभी आपको इस दवा की आवश्यकता है या नहीं। यह भी हो सकता है कि डॉक्टर केवल उतनी ही डोज लेने के लिए कहें जीतने में आपकी परेशानी ठीक हो सके। रिसर्च में ऐसा कोई प्रूव नहीं मिला है जो ओमेप्राजोल को लेने से बच्चे को कोई नुकसान पहुँचाता है। हालांकि, हाई डोस लेना आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इस बात का खयाल रहे कि गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें।
ऐसे स्टडीज हुए हैं जिनमें 4000 से अधिक गर्भवती महिलाओं के फीटस की जाँच की गई है, इसमें पता चला है कि ओमेप्राजोल के सेवन के से बच्चों में बर्थ डिफेक्ट का खतरा नहीं बढ़ता है। दूसरी स्टडी से पता चला है कि ओमेप्राजोल लेने से शिशुओं में क्लेफ्ट लिप, हार्ट डिफेक्ट या हाइपोस्पेडिया (जहाँ पेनिस का ऊपरी हिस्सा खुला नहीं होता है लेकिन अंदर से होता है) जैसी समस्याओं के जोखिम को भी नहीं देखा गया है।
हालांकि, गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में बच्चे के जरूरी इंटर्नल ऑर्गन बन जाते हैं। यह वह समय होता है जब कई सारी दवाओं के संपर्क में आने से बच्चे में बर्थ डिफेक्ट हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था की पहले तिमाही के दौरान कोई भी दवा या ओमेप्राजोल लेने से बचना बेहतर होता है। किसी भी अनावश्यक जोखिम से बचने के लिए गर्भावस्था के पहले 12 सप्ताह के दौरान ओमेप्राजोल लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कुछ रिसर्च से पता चला है कि ओमेप्राजोल लेने से गर्भवती महिलाओं में मिसकैरज होने का खतरा नहीं होता है। हालांकि, अभी इस विषय पर और रिसर्च की जरूरत है, अभी यह यह बात पूरी तरह से साबित नहीं हुई है कि ओमेप्राजोल मिसकैरज का कारण नहीं बनता है।
कई देशों में होने वाली माँ में ऐसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए ओमेप्राजोल का इस्तेमाल किया जाता है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचाता है और आमतौर पर डॉक्टर ऐसिडिटी या सीने में जलन की समस्या को दूर करने के लिए इस दवा को लेने के लिए कहते हैं, यह गर्भावस्था में इस्तेमाल की जाने वाली कॉमन दवा है।
रिसर्च से पता चला है कि ओमेप्राजोल लेने से स्टिल बर्थ (मृत शिशु के जन्म) होने का खतरा नहीं होता है। एक स्टडी के मुताबिक जो गर्भवती माहिलाएं ओमेप्राजोल नहीं लेती हैं उनकी तुलना में ओमेप्राजोल लेने वाली गर्भवती महिलाओं में स्टिल बर्थ का खतरा नहीं देखा गया है। हालांकि, इस पर अभी भी स्टडी की जा रही है, इसलिए इस बात का प्रूव पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है।
जैसा कि स्टिलबर्थ पर की गई स्टडीज में, ऐसी 2 स्टडी पाई गई हैं जिसमें गर्भावस्था में ओमेप्राजोल लेने वाली महिलाओं में प्रीमैच्योर बेबी या बच्चे में लो बर्थ वेट का खतरा पाया गया है। एक स्टडी के अनुसार 1,500 शिशुओं में देखा गया है कि ओमेप्राजोल लेने के बावजूद भी उनके बर्थ वेट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इसी तरह, एक और स्टडी में पाया गया है कि 450 प्रेगनेंसी जिन्हे स्टडी किया गया उनमें ओमेप्राजोल लेने वाली महिलाओं में प्रीमैच्योर डिलीवेरी का कोई खतरा नहीं देखा गया। स्टडीज में पाया गया है कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान ओमेप्राजोल लेने से स्टिल बर्थ के केस में वृद्धि नहीं हुई है।
इन रिसर्च के बावजूद भी अभी इस विषय पर और भी स्टडी करने की आवश्यकता है, क्योंकि, बड़ी मात्रा में महिलाएं सीने में जलन और ऐसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए ओमेप्राजोल लेती है, इसलिए इस पर और भी ज्यादा स्टडी करने की जरूरत है ताकि इससे होने वाले बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े।
यदि आपके गर्भवती होने से पहले बच्चे के पिता ने ओमेप्राजोल का सेवन किया है, तो आपके बच्चे को किसी भी प्रकार के कोई जोखिम होने का प्रूव नहीं मिला है। ओमेप्राजोल को एक सुरक्षित दवा के रूप में पाया गया है और यह आमतौर पर जीईआरडी, ऐसिडिटी और पेट के अल्सर जैसी परेशानी को दूर करने के लिए दिया जाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए ओमेप्राजोल लेना सुरक्षित माना जाता है और आमतौर पर उन गर्भवती महिलाओं के लिए है जिन्हे सीने में जलन, जीईआरडी या ऐसिडिटी का अनुभव होता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान आपको इसे किसी भी अन्य दवा के साथ लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछना बहुत जरूरी है।
कई प्रिसक्राइब्ड दवाओं की तरह ही, ओमेप्राजोल के भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर गर्भवती महिला जो यह दवा ले रही है वो साइड इफेक्ट का अनुभव करे, लेकिन यह अन्य दवाओं के साथ इसे लेने से यह इसके काम करने प्रभाव फर्क हो सकता है। इसी तरह, अन्य दवाएं भी ओमेप्राजोल की के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, अपने डॉक्टर को यह बताना जरूरी है कि आप पहले से और कौन कौन दवाएं ले रही हैं।
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