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गर्भावस्था के दौरान आपको कई अजीब लक्षण भी दिखाई देंगे और पेट का टाइट होना भी इन में से एक है। यदि आप कुछ दिनों से गर्भवती हैं और इस समय आपका पेट टाइट होता है तो यह आपके लिए बहुत दर्दनाक अनुभव हो सकता है। कभी-कभी महिलाएं गर्भावस्था की पहली तिमाही में अपने पेट पर कसाव महसूस कर सकती हैं और शुरूआती सप्ताह में यह मिसकैरेज, प्रीमैच्योर लेबर या नॉर्मल कॉन्ट्रैक्शन का भी संकेत हो सकता है। पर गर्भवती महिलाओं को यह कसाव गर्भावस्था के अंतिम महीनों में भी हो सकता है। गर्भावस्था में पेट टाइट होना क्या है और यह क्यों होता है, आइए जानें।
गर्भावस्था के दौरान पेट टाइट होना एक आम बात है। जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है आपको अपना पेट थोड़ा कसा हुआ और फूला हुआ महसूस होगा। कुछ दिनों के बाद आपको अपना पेट पत्थर की तरह महसूस होने लगेगा जिससे आपको काफी असुविधाएं भी हो सकती हैं। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में पेट टाइट होने के साथ-साथ आपको पेट में दर्द भी हो सकता है। तीसरी तिमाही में पेट टाइट का होना डिलीवरी का संकेत हो सकता है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में पेट टाइट होने के निम्नलिखित कई कारण हो सकते हैं, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला के गर्भ में बढ़ते भ्रूण की जगह बनाने के लिए यूटरस बहुत तेजी से बढ़ता है। इससे पेट में बहुत तेज दर्द होता है या ऐंठन होती है। पहली तिमाही में मांसपेशियों के खिंचने और बढ़ने से आपके पेट के साइड में भी बहुत तेज दर्द हो सकता है जिसे राउंड लिगामेंट्स पेन भी कहते हैं।
गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान यदि आपको अपने पेट में कसाव या दर्द महसूस होता है तो यह मिसकैरेज का संकेत भी है। वास्तव में पेट टाइट होना मिसकैरेज का संकेत है जिसके साथ अन्य लक्षण भी होते हैं, जैसे पीठ के निचले हिस्से में दर्द व ऐंठन होना, स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होना और वजाइना से टिश्यू या फ्लूइड बहना। यह लक्षण आपको विशेष कर गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में दिखाई दे सकते हैं। हालांकि गर्भावस्था के 12वें सप्ताह से पहले यह होना आम है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज या गैस होना आम बात है और यह महिलाओं को अक्सर होता है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज या गैस के कारण भी पेट टाइट हो सकता है। इसके साथ-साथ आपको पेट में बहुत तेज दर्द भी हो सकता है।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में भी आपका शरीर बढ़ता रहता है जिससे यूटरस के साइड में बहुत तेज दर्द होता है जिसे राउंड लिगामेंट पेन कहते हैं। जैसे-जैसे आपका यूटरस बढ़ता है, आपकी मांसपेशियों और राउंड लिगामेंट्स में भी खिंचाव होता है जिसकी वजह से आपको काफी दर्द हो सकता है। यह दर्द आपको तब ज्यादा हो सकता है जब आप मुड़ने, ज्यादा देर तक बैठने या खड़े होने का प्रयास करती हैं।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन के कारण आपको अपना पेट टाइट महसूस हो सकता है या अन्य असुविधा भी हो सकती है। ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन या प्रैक्टिस कॉन्ट्रैक्शन की शुरूआत गर्भावस्था के चौथे महीने में होती है। इस संकुचन में उतना दर्द नहीं होता है जितना कि वास्तविक लेबर में होता है। यह एक आम बात है पर इससे आपको असुविधाएं और दर्द भी हो सकता है। यह संकुचन सेक्स के दौरान या एक्सरसाइज करते समय भी हो सकता है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में बच्चे की वृद्धि और उसके मूवमेंट्स के कारण भी पेट टाइट होता है। चूंकि बढ़ते बच्चे की वजह से पेट की पूरी जगह घिर जाती है इसलिए इसके आंतरिक अंगों में भारीपन और खिंचाव होता है। जिससे त्वचा भी खिचती है। तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने की वजह से महिलाओं को गैस की समस्या हो सकती है। हालांकि यदि यह कसाव सामान्य से अधिक देर तक रहता है तो यह लेबर का संकेत भी हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को शारीरिक असुविधाएं होती हैं और इसके कई कारण हैं। यदि गर्भावस्था के दौरान आपको अपना पेट टाइट लगता है तो यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है, आइए जानें;
गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवन का सपोर्ट प्लेसेंटा होती है। गर्भाशय में बच्चे को भोजन व अन्य न्यूट्रिएंट्स प्लेसेंटा के माध्यम से ही मिलता है। हालांकि कुछ मामलों में यहाँ तक कि डिलीवरी से पहले भी गर्भाशय की दीवार से प्लेसेंटा अलग हो सकती है। ऐसी स्थिति में गर्भाशय कठोर होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप पेट में बहुत ज्यादा दर्द होने के साथ टाइटनेस भी होती है।
महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के बढ़ने से गर्भाशय भी बढ़ता है जिससे जगह कम होने के कारण पेट पर दबाव पड़ सकता है। गर्भाशय में लगातार वृद्धि होने से पेट भी बढ़ता है जिससे पेट में कसाव और कठोरता महसूस होती है। दूसरी तिमाही में बच्चे की वृद्धि के साथ-साथ एमनियोटिक थैली भी बढ़ती है और इससे पेट बाहरी रूप से बढ़ता है।
गर्भावस्था के दौरान बैलेंस्ड और हेल्थी डाइट होना बहुत जरूरी है। इस समय गलत डाइट लेने से आपके पेट में सूजन हो सकती है या पेट फूल सकता है जिससे पेट टाइट हो जाता है और आपको असुविधा हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के हिलने-डुलने या लात मारने से आपको पेट में गुदगुदी हो सकती है। बच्चे की गतिविधियों से पता चलता है कि वह ठीक है जिससे आप भी निश्चिंत हो सकती हैं। परंतु गर्भ में पल रहे बच्चे की हर एक गतिविधि के कारण बाहर से पेट टाइट और कठोर हो सकता है।
ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन बिलकुल लेबर कॉन्ट्रैक्शन के जैसा ही होता है पर यह दोनों काफी अलग हैं। इस संकुचन से भी आपको अपना पेट टाइट और कठोर महसूस हो सकता है। कुछ महिलाओं को ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन दूसरी तिमाही की शुरुआत में होता है।
गर्भावस्था से संबंधित समस्याओं के कारण भी पेट में कसाव हो सकता है, जैसे मिसकैरेज या एक्टोपिक गर्भावस्था (यह वह समस्या है जिसमें अंडा गर्भाशय के बजाय फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइज हो जाता है)।
डिलीवरी की तारीख के आसपास कॉन्ट्रैक्शन और पेट टाइट होने से आपको कठिनाई हो सकती है। इस दौरान आपको लगता है कि डिलीवरी का समय आ गया है पर यह फॉल्स अलार्म भी हो सकता है। आपको ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन और वास्तव में लेबर होने के बीच अंतर समझना आना चाहिए। इसके लिए संकुचन का समय जांचने की आवश्यकता होती है – ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन ज्यादातर 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहता है। इससे ज्यादा यह पूरे दिन में एक घंटे के इंटरवल में एक या दो बार होता है। ऐसी स्थिति में यदि आप अपनी पोजीशन बदलती हैं तो आपके पेट की टाइटनेस खत्म हो सकती है। हालांकि, लेबर के समय पर ऐसा कुछ भी नहीं होता है। डिलीवरी के दौरान 2 बार संकुचन होने के बीच का समय बहुत कम होता है और यह बहुत लंबे समय तक रहता है।
पुरानी कहावत के अनुसार ही कई महिलाएं सोचती हैं कि उन्हें दो लोगों के लिए भोजन करना है पर यह सच नहीं है। इस समय यदि आप दो लोगों का खाना खाएंगी तो आप आवश्यकता से ज्यादा खाना खा सकती हैं या आपको ओवरईटिंग हो सकती है। जिसकी वजह से आपको अपना पेट टाइट व कठोर महसूस हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज होना आम बात है। आमतौर पर यह अस्वस्थ डाइट की वजह से नहीं होता है बल्कि यह पेट में गर्भाशय का दबाव पड़ने से होता है। इसके अलावा शरीर में ज्यादा प्रोजेस्ट्रोन रिलीज होने से पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज से भी पेट टाइट हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान यदि आपको अपना पेट टाइट लगता है तो आप निन्मलिखित चीजें कर सकती हैं, आइए जानें;
ऊपर दी हुई होम रेमेडीज से आपको पेट की टाइटनेस या कड़कपन से आराम मिल सकता है। यदि आपकी गर्भावस्था 37 सप्ताह से कम की है और आपको प्री-टर्म लेबर के लक्षण, जैसे ब्लीडिंग, पेल्विस में दबाव और वजाइना से लगातार फ्लूइड का लीकेज नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन लक्षणों के अलावा यदि आपको एक घंटे में 4-6 बार भी कॉन्ट्रैक्शन होता है तो भी डॉक्टर को बताएं।
गर्भावस्था के दौरान पेट में कसाव होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें;
लेबर या वास्तव में लेबर का कॉन्ट्रैक्शन अक्सर 37वें सप्ताह (प्री-टर्म लेबर के मामले में यह जल्दी भी शुरू हो सकते हैं) के बाद शुरू होता है। डिलीवरी के समय पर कॉन्ट्रैक्शन समय के साथ रेगुलर इंटरवल में आता है और इसमें बहुत ज्यादा दर्द भी होता है। लेबर पेन के अन्य संकेत भी होते हैं, जैसे एमनियोटिक बैग में लीकेज होना (जिसे पानी की थैली फटना भी कहते हैं) और म्यूकस प्लग रिलीज होना।
वहीं दूसरी तरफ ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन ज्यादा समय के लिए और कभी भी हो सकता है। यह वास्तव में लेबर पेन के समान दर्दनाक नहीं होता है। यदि आप चलती हैं या अपनी पोजीशन बदलती हैं तो यह संकुचन या इसका दर्द कम और यहाँ तक कि खत्म हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान पेट टाइट होने से आपको दर्द हो सकता या आप डर भी सकती हैं पर यह ज्यादातर गर्भावस्थाओं का एक हिस्सा है। यदि गर्भावस्था में आपको पेट में कसाव का अनुभव होता है तो पहले इसके होने का कारण जानने का प्रयास करें। हालांकि, यदि पेट में कसाव के कारण कुछ दिनों तक दर्द व ऐंठन रहती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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