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गर्भावस्था की खबर आपके जीवन को खुशियों से भर देती हैं लेकिन साथ आपकी हेल्थ से जुड़े कई कंसर्न भी सामने आते हैं। इसका कारण यह है कि आपके प्रेगनेंसी हार्मोन आपके इम्युनिटी सिस्टम पर प्रभाव डालते हैं जिससे आपके बीमार होने और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि गर्भावस्था में मसूढ़ों या दाँतों की मामूली समस्याएं आम है, लेकिन कभी-कभी प्रेगनेंसी के दौरान दाँतों से जुड़ी परेशानियां काफी बढ़ जाती है जिसकी वजह से आपको रूट कैनाल कराने की जरूरत पड़ जाती है। यदि आपको गर्भावस्था में रूट कैनाल कराने से जुड़े सवाल हैं तो प्रेगनेंसी के दौरान रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जानकारी के लिए आप यह लेख पढ़ें।
प्रेगनेंसी के दौरान आपको इन्फेक्शन होने का बहुत खतरा ज्यादा होता है, लेकिन इसका मतलब यह है नही इस दौरान होने वाली हर प्रॉब्लम आपकी प्रेगनेंसी से जुड़ी है। अगर आपको पहले से ही डेंटल प्रॉब्लम हो तो यह प्रेगनेंसी के दौरान और भी बढ़ सकती है। कुछ डेंटल इशू में आपको तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है जैसे कि रूट कैनाल ट्रीटमेंट । लेकिन क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान रूट कैनाल करा सकती हैं? रूट कैनाल ट्रीटमेंट से आप और आपके बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होता है, इसलिए आपको इससे जुड़े जोखिम के बारे में पहले जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
यहाँ गर्भावस्था के दौरान रूट कैनाल ट्रीटमेंट से जुड़े कुछ जोखिम बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:
आपकी कैविटी की जाँच करने के लिए, डॉक्टर इन्फेक्टेड दाँत का एक्स रे करने के लिए कह सकते हैं और प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी एक्स रे की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे निकलने वाला रेडिएशन गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बहुत हानिकारक होता है। यह रेडिएशन आपके मुँह के जरिए पेट तक पहुँचता है। एक्स-रे से ज्यादा इस प्रक्रिया में जो मेडिसिन इस्तेमाल की जाती हैं और बाद में घाव भरने के लिए जो मेडिसिन दी जाती हैं, उससे बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है।
एनेस्थीसिया के बिना रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना संभव नहीं है। डॉक्टर आमतौर पर इसकी बहुत कम खुराक देते हैं और आवश्यकता पड़ने पर ज्यादा डोज भी दे सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में दर्द होता ही है जिससे गर्भवती महिला पर काफी स्ट्रेस पड़ता है, जो चिंता का कारण है। गर्भावस्था में किसी भी प्रकार का अनावश्यक तनाव आपके बच्चे के लिए अच्छा नहीं है।
डॉक्टर रूट कैनाल ट्रीटमेंट के दौरान कई क्लीनिंग केमिकल का उपयोग कर सकते हैं, इसके अलावा दाँतों की फिलिंग के लिए केमिकल मटेरियल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये दोनों केमिकल आमतौर पर बच्चे की हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
आपके रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद एंटीबायोटिक मेडिसिन। ये मेडिसिन इसलिए दी जाती हैं ताकि घाव भर सके और ट्रीटमेंट के बाद इन्फेक्शन न हो।
यदि आप रूट कैनाल ट्रीटमेंट को प्रेगनेंसी के दौरान टालती हैं, तो आपको एक बार फिर सोचना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इलाज न करवाने से जुड़ी समस्याएं इलाज करवाने की तुलना में बहुत ज्यादा हैं। यदि आप अपना ट्रीटमेंट टालती हैं, तो इससे जुड़ी कुछ समस्याओं का सामना आपको करना पड़ सकता, जो इस प्रकार हैं:
वो दाँत जिसे रूट कैनाल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है वो पहले ही इन्फेक्टेड होता है, इसलिए अगर आप ट्रीटमेंट में देरी करती है, तो इन्फेक्शन फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। इससे और समस्या बढ़ सकती है।
अगर दाँतों की कैविटी का इलाज न किया जाए तो इससे होने वाली माँ को तेज दर्द का अनुभव हो सकता है। लगातार होने वाले दर्द से आप पर काफी स्ट्रेस पड़ता है और इससे बच्चे पर पर भी बुरा प्रभाव भी पड़ता है।
डेंटिस्ट आपको प्रेगनेंसी के दौरान रूट कैनाल के लिए नीचे बताई गई स्ट्रैटेजी अपनाने को कह सकते हैं:
हालांकि रूट कैनाल ट्रीटमेंट एक सेफ प्रक्रिया है, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जब आप डेंटल प्रॉब्लम के लिए डॉक्टर के पास पहली बार जाएं तो उन्हें बता दें कि आप प्रेग्नेंट हैं। इससे डेंटिस्ट ज्यादा अच्छे से आपकी कंडीशन को समझते हुए आपका ट्रीटमेंट करेंगे।
किसी भी तरह का मेडिकल प्रोसीजर होने वाली माँ के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए ऐसी कंडीशन से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप पहले ही सावधानी बरतें। यहाँ आपको कुछ टिप्स दी गई हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान रूट कैनाल ट्रीटमेंट से बचने या रोकने में आपकी मदद कर सकती हैं:
प्रेगनेंसी के दौरान अपने आप को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है ताकि बच्चे का अच्छे से विकास हो सके, इसमें आपकी डेंटल इशू का खयाल रखना भी शामिल है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि किसी भी डेंटल इशू को देखने पर लापरवाही न बरतें और तुरंत डेंटिस्ट के पास जाएं। समय पर ट्रीटमेंट मिलने से किसी भी बड़ी प्रॉब्लम को होने से रोका जा सकता है।
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