गर्भावस्था

गर्भावस्था में सैलिसिलिक एसिड का उपयोग – फायदे और साइड इफेक्ट्स

गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाएं प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण स्किन पर दाने और मुँहासों का अनुभव करती हैं। इस तरह के ब्रेकआउट का सैलिसिलिक एसिड के साथ प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है, जो ज्यादातर स्किन प्रोडक्ट में पाया जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान, आपको इस संबंध में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए या इसका उपयोग करने से पहले विचार करना चाहिए। क्योंकि यह आपके जरिए आपके बच्चे तक पहुँच सकता है और उसके विकास पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर आमतौर पर सैलिसिलिक एसिड का मौखिक रूप से सेवन करने के लिए मना करते हैं। हालांकि, फेसवॉश या दूसरे प्रोडक्ट जिसमें सैलिसिलिक एसिड की कम मात्रा पाई जाती है आप उसका उपयोग सुरक्षित रूप से कर सकती हैं। इसका ज्यादा डोज आपके और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए, कोई भी स्किन प्रोडक्ट खरीदने या इस्तेमाल करने से पहले यह जाँच कर लें कि सैलिसिलिक एसिड कितना प्रतिशत उपयोग किया गया है ।

सैलिसिलिक एसिड क्या है?

सैलिसिलिक एसिड एक बेरंग, क्रिस्टलीय बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड है। यह दो रूपों में उपलब्ध होता है: ओरल  और टॉपिकल। यह ज्यादातर स्किन ट्रीटमेंट प्रोडक्ट में इस्तेमाल किया जाने वाला कॉमन इंग्रीडिएंट है, क्योंकि यह मुँहासों को ठीक करने और त्वचा की सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। सैलिसिलिक एसिड एस्पिरिन का प्रमुख मेटाबोलाइट है जिसे एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह एसिटिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड के बीच केमिकल रिएक्शन से बनता है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग करना समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे कई स्किन प्रोडक्ट हैं जैसे फेसवॉश, डैंड्रफ शैंपू, मुँहासे वाली क्रीम, क्लींजर और साबुन, एंटी-एजिंग लोशन और क्रीम आदि जिसमें  सैलिसिलिक एसिड मौजूद होता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान सैलिसिलिक एसिड का उपयोग सुरक्षित है?

हार्मोनल चेंजेस के कारण प्रेगनेंसी में होने वाले मुँहासों का इलाज करने के लिए सीमित मात्रा में सैलिसिलिक एसिड का टॉपिकल उपयोग करना ज्यादातर गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, इसके बावजूद भी अभी इस विषय पर पर्याप्त रिसर्च की जरूरत है कि सैलिसिलिक एसिड का इस्तेमाल करने से यह आपके बच्चे पर बुरा प्रभाव डालता है या नहीं। इसका कारण यह है कि सैलिसिलिक एसिड एस्पिरिन के साथ काफी हद तक जुड़ा हुआ है जिसका प्रेगनेंसी के दौरान सेवन करने से यह बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। कुछ स्टडीज से संकेत मिलता है कि सैलिसिलिक एसिड का मौखिक रूप से सेवन करने से, विशेष रूप से गर्भावस्था के आखरी चरणों के दौरान, तो इससे आपको हृदय और फेफड़ों से संबंधित समस्या हो सकती है, मिसकैरज, बच्चे में बर्थ डिफेक्ट यानी जन्म दोष या इंट्राक्रैनील हेमरेज जैसी कॉम्प्लिकेशन का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान सैलिसिलिक एसिड का उपयोग करने से बचना या बहुत कम मात्रा में इसका उपयोग करना बेहतर है ताकि आगे चल कर आपको किसी बड़ी समस्या का सामना न करना पड़े। हालांकि, इस विषय पर आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें वो आपको इससे बेहतर विकल्प का उपयोग करने की सलाह देंगे।

गर्भावस्था के दौरान सैलिसिलिक एसिड का उपयोग करने के क्या लाभ हैं?

सैलिसिलिक एसिड को कॉस्मेटिक उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान सैलिसिलिक एसिड के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

  • सैलिसिलिक एसिड प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण निकले मुँहासों को ठीक करने में मदद करता है।
  • यह कैलस, मस्सा, कॉर्न्स, सोरायसिस, रूसी, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस जैसी स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
  • यह डेड स्किन सेल्स एक्सफोलिएट करने में मदद करता है।
  • यह स्किन पोर्स को बंद करने में बेहतरीन कार्य करता है।
  • सैलिसिलिक एसिड में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बुखार और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
  • पील ट्रीटमेंट में इसे पील केमिकल के रूप में इस्तेमाल किया जाता।
  • यह जोड़ों और मांसपेशियों की जकड़न को कम करने के लिए भी जाना जाता है।

गर्भावस्था के दौरान सैलिसिलिक एसिड के उपयोग के साइड-इफेक्ट्स

गर्भवती होने पर सैलिसिलिक एसिड के कुछ साइड-इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

  • सैलिसिलिक एसिड का मौखिक रूप से सेवन करने पर यह मिसकैरज और बर्थ डिफेक्ट जैसे कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है।
  • सैलिसिलिक एसिड का इस्तेमाल करके बहुत ज्यादा पीलिंग ट्रीटमेंट लेने से सैलिसिलेट पॉइजनिंग हो सकती है, जिसकी वजह से आपको चक्कर आना, कानों का बजना, सांस तेज होना या सांस लेने में तकलीफ होना, मतली आदि की समस्या हो सकती है।
  • कुछ गर्भवती महिलाओं को सैलिसिलिक एसिड से एलर्जी हो सकती है, जिससे उन्हें अपनी त्वचा में जलन, सूजन, पित्ती या खुजली का अनुभव हो सकता है।
  • सैलिसिलिक एसिड की अधिक मात्रा वाले प्रोडक्ट का उपयोग करने से स्किन पील हो सकती और त्वचा में रूखापन आ सकता है।

अन्य टॉपिकल ट्रीटमेंट क्या है?

गर्भावस्था के दौरान किसी भी टॉपिकल ट्रीटमेंट को आजमाने से पहले, डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर है। यहाँ आपको कुछ टॉपिकल ट्रीटमेंट के बारे में बताया गया है:

  1. बेंजोइल परोक्साइड: गर्भावस्था के दौरान बेंजोइल परोक्साइड का उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि उसका उपयोग 2% या उससे कम होना चाहिए, इस बात को ध्यान में रखें।
  2. टॉपिकल क्लिंडामाइसिन: एफडीए के अनुसार, टॉपिकल क्लिंडामाइसिन को क्लास बी में वर्गीकृत किया जाता है, जिसका अर्थ है कि जानवर पर टेस्टिंग करके यह पता लगाया है कि इसका कोई भी हानिकारक प्रभाव फीटस पर नहीं पड़ता है।
  3. ग्लाइकोलिक एसिड या एजेलिक एसिड: ये त्वचा के जरिए अब्सोर्ब नहीं होता है और इसलिए इसका उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है।
  4. अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड या विच हेजल: यह भी एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है और गर्भावस्था के दौरान इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

अन्य प्राकृतिक विकल्प:

सैलिसिलिक एसिड और गर्भावस्था दोनों को साथ मैनेज करना मुश्किल होता है। प्रेगनेंसी के दौरान सैलिसिलिक एसिड का उपयोग करने से बचा जा सकता है, आप इसके बजाय ज्यादा सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प चुन सकती हैं। जो आपको नीचे बताए गए हैं:

  • त्वचा की अच्छी देखभाल करें: त्वचा की अच्छी तरह देखभाल करना अपने रूटीन में शामिल करें, इस प्रकार ज्यादातर त्वचा संबंधी समस्याओं को रोका जा सकता है। दिन में कम से कम दो बार सुबह और शाम अपना चेहरा धोना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, बालों को नियमित रूप से धोना आदि बातों का त्वचा की देखभाल करते समय ध्यान रखें। प्रेगनेंसी के दौरान सैलिसिलिक एसिड फेसवॉश का उपयोग करने के बजाय, आप होममेड फेस वॉश या नेचुरल चीजें जैसे ओटमील का उपयोग करें।
  • सही डाइट लें: मछली, गाजर और अंडे जैसे विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक हेल्दी बैलेंस डाइट का पालन करें जिसमें फलों और सब्जियों को शामिल करें। फैटी या प्रोसेस्ड फूड्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक का सेवन करने से बचें, तो अच्छा होगा।
  • सही सनस्क्रीन का उपयोग करें: सनबर्न से बचने के लिए आप किसी अच्छे एसपीएफ वाले ऑयल-फ्री, नॉन-कॉमेडोजेनिक, प्रेग्नेंसी सेफ सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
  • स्क्रबिंग और दानों को दबाने से बचें: स्क्रबिंग से आपकी त्वचा में जलन हो सकती और यह आपके चेहरे के मुँहासे को बढ़ा सकती है। इसलिए मुँहासे छुए या दबाएं नहीं। यह ऑयल ग्लैंड्स को चेहरे पर बढ़ा सकता है। इसके अलावा, बैक्टीरिया और जर्म्स  को फैलने से रोकने के लिए अपने चेहरे को बार बार न छुएं।
  • एप्पल साइडर विनेगर और बेकिंग सोडा: सेब के सिरके को 3 भाग शुद्ध पानी के साथ पतला करके प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। बेकिंग सोडा या सोडियम बाइकार्बोनेट को पानी के साथ मिलाकर एक पतला पेस्ट बनाकर फिर इसे आप मुँहासों पर लगा सकती हैं। दोनों नेचुरल प्रोडक्ट आपकी त्वचा को साफ करने और ऑयल फ्री बनाने में मदद करते हैं।
  • नींबू और शहद: नींबू और शहद दोनों प्राकृतिक रूप से एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक हैं। नींबू के रस का इस्तेमाल एक्सफोलिएंट और एस्ट्रिंजेंट के रूप में किया जाता है। शहद त्वचा को शांत करने का काम करता है।
  • नारियल तेल और खीरा: नारियल एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल होता है और इसे मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। खीरा प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है त्वचा को शांत करता है।

गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी समस्या कुछ ही समय के लिए होती है, बच्चे के जन्म बाद यह अपने आप ठीक हो जाती है। अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने से और अपनी त्वचा की अच्छी तरह देखभाल करने से आपकी त्वचा लंबे समय तक हेल्दी बनी रहगी। टॉपिकल ट्रीटमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श बेहतर रहेगा।

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समर नक़वी

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