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गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में फिजिकल, इमोशनल और हार्मोनल चेंजेस होना तय है। ये बदलाव, खासतौर पर हार्मोन लेवल में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण आपको मूड स्विंग होने लगता है, कुछ विशेष खाने की इच्छा होने लगती है, यहाँ तक कि आपको लोग भी नहीं पसंद आते हैं। इस दौरान एक अहम पहलू प्रेगनेंसी के दौरान आपकी संभोग में होने वाले उतार चढ़ाव भी है। कभी-कभी तो आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि आपको आपके पति का छूना भी अच्छा न लगे और कभी ऐसा होगा कि आपको अपने पति के करीब रहना अच्छा लगेगा।
हार्मोनल चेंजेस के अलावा, कई अन्य कारक भी हैं, जो गर्भावस्था के दौरान हाई सेक्स ड्राइव के लिए जिम्मेदार होती है।
कई महिलाओं की शुरूआती गर्भावस्था के दौरान कामेच्छा में वृद्धि का अनुभव होता है, जो योनि और हाइपरसेंसिटिव क्लिटोरिस के लुब्रिकेशन को बढ़ाता है। जेनिटल एरिया में ब्लड फ्लो के बढ़ने से यह और भी ज्यादा सेंसेटिव हो जाता है जिससे आपकी कामेच्छा बढ़ जाती है।
गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में भारीपन आ जाता है, जिसकी वजह से आपकी सेंसिटिविटी और भी बढ़ जाती है, जो आपकी प्रेगनेंसी के दौरान आपकी सेक्स ड्राइव बढ़ाता है।
ट्रिकी पार्ट यह है कि गर्भावस्था के दौरान हर महिला की सेक्स ड्राइव अलग हो सकती है। कुछ महिलाओं में इस दौरान संभोग करने की ज्यादा इच्छा महसूस होती है तो वहीँ कुछ महिलाओं की सेक्स ड्राइव कम होने लगती है।
हार्मोनल चेंजेस के कारण के साथ साथ शरीर में होने वाले और भी चेंजेस के कारण आपको मतली और उर्जा की कमी महसूस होती है, खासकर पहले तीन महीनों में जब आपकी प्रेगनेंसी की शुरुआत होती है तब आपकी सेक्स ड्राइव में कमी देखी जा सकती है।
अगर गर्भावस्था के शुरूआती चरण में आपको संभोग की इच्छा नहीं होती है, तो कोई परेशानी की बात नहीं है। इस दौरान थोड़े-थोड़े समय पर आपके अंदर कई बदलाव आ सकते हैं, गर्भावस्था के दौरान संभोग न करने की इच्छा भी इनमें से एक है।
प्रेगनेंसी हर कपल के जिंदगी का बेहद खूबसूरत पल होता है और आप निश्चित रूप से आप इस लम्हे को और भी खूबसूरत बनाने के लिए चाहेंगी कि आपकी कामेच्छा बढ़ें, यहाँ कुछ टिप्स दी गई हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान आपकी सेक्स ड्राइव बढ़ाने में आपकी मदद करेगी।
हालांकि, गर्भावस्था की पूरी अवधि के दौरान संभोग करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिलाएं संभोग के दौरान असुविधा या प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं थकान और तनाव जैसे मुद्दों से पहली ही जूझ रही होती हैं और हो सकता है कि कुछ गंभीर मेडिकल इशू का भी सामना कर रही हों।
संभोग करने हो सकता है कि आपको स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होने लगे। यदि आपको प्लेसेंटा प्रीविया जैसी मेडिकल प्रॉब्लम आपको पहले से ही हैं तो इससे आपको गंभीर रूप से ब्लीडिंग ह सकती है। इसलिए इस तरह की कंडीशन में आपको यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए और अगर कोई समस्या हती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। वाटर ब्रेक होने के बाद आपको संभोग से बचना चाहिए।
हालांकि इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं मिला है जो यह साफ़ तौर पर बता सके कि यौन संबंध बनाने से लेबर प्रेरित होने की संभावना होती है या नहीं, इसे आजमाने में कोई बुराई नहीं है। संभोग के दौरान, महिला को जेनिटल एरिया की मांसपेशियों में संकुचन का अनुभव हो सकता है, जो लेबर प्रक्रिया में सहायता कर सकता है।
यह एक अच्छा आइडिया है कि आप अपनी ड्यू डेट के करीब आने पर यौन संबंध बना सकती हैं, क्योंकि वीर्य में प्रोस्टाग्लैंडीन होता है और आपके चरम पर पहुंचने के दौरान आपका रिलीज करता है, शरीर ऑक्सीटोसिन जारी करते हैं। यह दोनों केमिकल भी लेबर प्रेरित करने में मदद करते हैं। इस प्रकार, जब आप अपनी ड्यू डेट के खरीब आ जाएं, तो इससे आपकी डिलीवरी की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है।
जबकि गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध बनाने से जुड़ी कई गलत धारणाएं हैं, इस समय के दौरान यौन संबंध बनाना सुरक्षित माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान आपकी सेक्स ड्राइव विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, और यह हर महिला में अलग-अलग हो सकती है। प्रेगनेंसी की इसी स्टेज में हो सकता है कि किसी महिला की सेक्स ड्राइव बढ़ जाए, तो वहीं कुछ महिलाओं के अंदर संभोग की इच्छा पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
आपको इस बात पर अपने पार्टनर से खुल कर चर्चा करनी चाहिए और उन्हें बताएं कि अप उनसे क्या उम्मीदें रखती हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध से जुड़े कोई भी सवाल आपके मन में हों तो अपने डॉक्टर से बात करें वो आपको बताएंगे कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं इससे पहले कि आप अपने साथी के साथ संभोग करें।
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