गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड लेना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड लेना थोड़ा डरवाना लग सकता है, लेकिन इसे लेना बिल्कुल सुरक्षित हैं। जिन गर्भवती महिलाओं को अस्थमा, ल्यूपस और स्किन प्रॉब्लम पहले से मौजूद हो, उन्हें इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर ही इसे लेना चहिए। स्टेरॉयड ज्यादातर डॉक्टर द्वारा प्रे सक्राइब्ड की जाती है, जब उन्हें लगता है कि गर्भवती महिला प्रीटरम लेबर में जा सकती है। ऐसे केसेस में स्टेरॉयड के उपयोग से, बच्चे के फेफड़े, मस्तिष्क और आंतों को मैच्योर होने में मदद मिलती है। हालांकि, स्टेरॉयड का उपयोग ज्यादातर फेफड़ों ठीक से  मैच्योर होने के लिए किया जाता है।

गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड देना क्यों जरूरी हो जाता है?

गर्भावस्था के शुरुआत में, स्टेरॉयड आमतौर पर बार बार होने वाली मिसकैरेज और फीटल अब्नोर्मलिटी 

का इलाज करने के लिए दिया जाता है। डॉक्टर अक्सर स्टेरॉयड दवाओं को प्रीटर्म लेबर के लिए प्रिसक्राइब्ड करते हैं जिसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के रूप में जानते हैं। जो बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं (यानि 37वें सप्ताह से पहले) उनको रेस्पिरेटरी संबंधी समस्या हो सकती है या फेफड़ों के ठीक से विकसित न होने के कारण मृत्यु होने का भी खतरा होता है। स्टेरॉयड समय से पहले पैदा हुए बच्चे के फेफड़ों के विकास के लिए दिया जाता है, ताकि बच्चा जन्म के बाद सर्वाइव कर सके। स्टेरॉयड मस्तिष्क रक्तस्राव के खतरे को कम करता है और समय से पहले बच्चों में नेक्रोटाइजिंग एंट्रोकोलाइटिस (एनईसी) नामक एक गंभीर बाउल डिसऑर्डर को दूर करता है। 

गर्भवती महिला को स्टेरॉयड देने से क्या लाभ होता है?

माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड के कई फायदे होते हैं, जो आपको नीचे बताए गए हैं –

  • स्टेरॉयड बच्चे के फेफड़े को जल्दी मैच्योर होने में मदद करता है, इस प्रकार यह बच्चे के फेफड़ों को बाहर के वातावरण का सामना करने में सक्षम बनाता है।
  • स्टेरॉयड समय से पहले पैदा हुए बच्चों के शरीर के विभिन्न अंगों को तेजी से विकसित करने में मदद करता है।
  • यह उन महिलाओं के लिए अच्छा है, जिनके पहले कई मिसकैरेज हो चुके हों।
  • स्टेरॉयड उन गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है, जिन्हें अस्थमा, ल्यूपस और स्किन प्रॉब्लम जैसी  हेल्थ इशू हों।
  • स्टेरॉयड ब्रेन डैमेज को और नवजात शिशु के श्वसन संकट सिंड्रोम (एनआरडीएस) के खतरे को कम करता है।
  • समय से पहले जन्मे बच्चों की आंतें अभी कमजोर होती हैं और विकास कर रही होते हैं। इसलिए, स्टेरॉयड आंतों के इन्फेक्शन और बाउल इशू से बच्चों को बचाने में मदद करता है।

गर्भवती महिला को स्टेरॉयड कितनी मात्रा में लेनी चाहिए?

स्टेरॉयड को एक गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित माना जाता है, यदि यह उनकी गाइनकॉलजिस्ट द्वारा प्रिसक्राइब्ड की गई हो। विभिन्न स्थितियों के अनुसार गर्भवती महिला के लिए स्टेरॉयड की डोस तय की जाती है, जो इस प्रकार है:

  • समय से पहले लेबर के मामले में इसकी दो डोज दी जाती है जो 12 से 24 घंटे के बाद दी जाती है।
  • यदि आवश्यक हो, तो डोस को एक सप्ताह पहले फिर दिया जा सकता है।
  • डॉक्टर लंबे समय के लिए स्टेरॉयड को वीकली लेने के लिए बोल सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर बहुत ही कम मामलों में इसका सुझाव देते हैं।

किसे स्टेरॉयड लेनी चाहिए

स्टेरॉयड निम्नलिखित मामलों में एक गर्भवती महिला को दिया जा सकता है –

  • यदि उसे अस्थमा या ब्रोन्कियल इन्फेक्शन है।
  • अगर महिला का कई बार मिसकैरज  हुआ है।
  • यदि पहले की प्रेगनेंसी में फीटल अब्नोर्मलिटी पाई गई हो।
  • अगर समय से पहले लेबर हो जाए।

उपरोक्त मामलों में, गर्भावस्था के 24वें और 36वें सप्ताह के बीच कभी भी स्टेरॉयड दिया जा सकता है।

किसे स्टेरॉयड नहीं लेनी चाहिए

जो महिलाएं डायबिटीज या कोरियोएमनीनाइटिस से पीड़ित हैं, उन्हें स्टेरॉयड नहीं लेनी चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड लेने के साइड इफेक्ट्स

एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। यदि स्टेरॉयड के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं जो आपको यहाँ बताए गए हैं:

  • स्टेरॉयड ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
  • यह एक ऐसी स्थिति होती जिसे पल्मोनरी एडिमा कहा जाता है, जिसमें फेफड़ों में वाटर रिटेंशन हो जाता है, अगर आप समय से पहले लेबर रोकने के लिए स्टेरॉयड के साथ दवाएं लेती हैं ।
  • जिन महिलाओं को डायबिटीज या जेस्टेशनल डायबिटीज होती है उन्हें स्टेरॉयड नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है।
  • कुछ मामलों में गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड लेने वाली महिलाओं के बच्चे का जन्म के समय कम होता है।
  • जो महिलाएं पहली तिमाही में स्टेरॉयड लेती हैं उनके नवजात बच्चे में क्लेफ्ट लिप्स का जोखिम 6 गुना अधिक बढ़ जाता है।
  • गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड की कई डोज लेने से फीटस की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है।
  • इसके कारण फीटस की हार्ट रेट कम हो सकती है।
  • कॉर्टिकोस्टेरोइड की एक से ज्यादा डोज लेने से यह एंडोमेट्राइटिस जैसे इन्फेक्शन का खतरा पैदा करता है।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की तरह एंटेनाएलेट स्टेरॉयड (एएनएस) के बहुत सारे फायदे हैं, इसके जरिए समय से पहले जन्मे कई बच्चों को मौत से बचाने में सफलता मिली है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान स्टेरॉयड लेने से माँ और बच्चे पर इसका गंभीर प्रभाव लंबे समय तक पड़ सकता है। इसलिए, इस दवा को बिना प्रिस्क्रिप्शन के कभी न लें।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान एचसीजी इंजेक्शन
प्रेगनेंसी में बेटनेसोल (बेटामेथासोन

समर नक़वी

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

2 weeks ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

2 weeks ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

2 weeks ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

2 weeks ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

2 weeks ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

2 weeks ago