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टेटनस एक संक्रामक रोग है जो एक आम बैक्टीरिया से होती है जिसे ‘क्लॉस्ट्रिडियम टेटानि’ के नाम से जाना जाता है और आम भाषा में इसे ‘टिटनस’ व ‘टिटनेस’ भी कहते हैं। यह बैक्टीरिया खुले घाव के द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं चाहे वह छोटी सी खरोंच हो या कोई गहरा घाव। यह बैक्टीरिया रक्त में प्रवेश करते ही टेटनोस्पासमिन नामक एक विषाक्त पदार्थ को उत्पन्न करता है। यह विषाक्त पदार्थ तंत्रिका तंत्र को हानि पहुँचाता है जिसका इलाज सही समय पर न करवाया जाए तो इसके संक्रमण से मृत्यु भी हो सकती है। विशेषकर गर्भावस्था के दौरान यह समस्या अत्यधिक गंभीर रूप में जन्म लेती है जो माँ और उसके गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों के लिए घातक साबित हो सकती है। इसलिए इस दौरान टेटनस टॉक्साइड का इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य है।
टेटनस टॉक्साइड (टी.टी.) नामक वैक्सीन किसी भी व्यक्ति को टेटनस के संक्रमण से मुक्त करने में मदद करती है। टेटनस वैक्सीन गर्भवती महिला व उसके बच्चे को भी टेटनस के संक्रमण से बचाव करती है। यदि आप गर्भवती हैं तो डॉक्टर आपको यह वैक्सीन लेने की सलाह अवश्य देंगे। इस वैक्सीन को लगवाने से आपके शरीर में ऐंटीबॉडी का निर्माण होता है जो आपको और गर्भ में पल रहे आपके बच्चे को संक्रमण से स्वस्थ रखता है।
नियोनेटल टेटनस एक घातक समस्या है जो नवजात शिशु के लिए अत्यधिक हानिकारक होती है। शिशुओं में यह समस्या ज्यादातर संक्रमित उपकरणों का उपयोग करने यानि उपकरणों को ठीक से स्टरलाइज न करने तथा गर्भनाल के ठीक न होने के कारण होती है। नवजात शिशुओं में इस संक्रमण का प्रभाव इसी कारण से पड़ता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम अभी अत्यधिक कमजोर होता है। इसलिए गर्भवती महिला को टॉक्साइड टेटनस लगवाना अनिवार्य है। यह वैक्सीन प्रसव के बाद बच्चे की इम्यून को बनाए रखता है।
गर्भावस्था के दौरान टेटनस इंजेक्शन देना अनिवार्य नहीं है और ऐसा कोई नियम भी नहीं है कि हर गर्भवती महिला को टेटनस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। जिन महिलाओं को किसी प्रकार का गंभीर घाव हुआ है, उन्हें टेटनस के खतरे से बचाने के लिए टेटनस टॉक्साइड वैक्सीन लगवानी चाहिए। चूंकि प्रसव अस्वच्छ स्थितियों में भी होता है इसलिए कुछ संवेदनशील जगहों पर टेटनस टॉक्साइड देने की सलाह दी जाती है। कई देशों में गर्भवती महिलाओं के लिए टेटनस टॉक्साइड (टी.टी.) टीकाकरण के यूनिवर्सल स्टैंडर्ड मान का अनुसरण करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान किसी भी संभावित दुष्प्रभाव से बचने के लिए टेटनस देने से पहले कुछ बातों का खयाल रखना आवश्यक है। इस अवधि में टेटनस लगवाने के लिए समय निर्धारित किया जाता है।
सुनिश्चित करें कि डॉक्टर आपको इंजेक्शन देने से पहले वैक्सीन का बोतल अच्छी तरह से हिलाएं ताकि शीशी में भरा हुआ द्रव अच्छी तरह से मिल जाए। शीशी को हिलाना यह जांचने के लिए भी आवश्यक है कि वैक्सीन पिघलाई व फ्रोजन जाने पर शीशी टूटी न हो।पहले से फ्रोजन की हुई वैक्सीन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
ए.सी.ओ.जी. (अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स ऐंड गाइनोकोलॉजिस्ट) गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन का निम्नलिखित समय निर्धारित करते हैं। डॉक्टर द्वारा आपकी मेडिकल रिपोर्ट को जांचने के बाद ही आपको टी.टी. वैक्सीन का डोज दिया जाएगा।
टी.टी. के डोज | वैक्सीनेशन कब करवाएं | संरक्षण करने की अपेक्षित अवधि |
1 | पहली भेंट पर या गर्भावस्था में जितना जल्दी हो सके | कोई नहीं |
2 | टी.टी. 1 के कम से कम 4 सप्ताह के बाद | एक से तीन साल तक |
3 | टी.टी. 2 के कम से कम 6 सप्ताह के बाद या अगली गर्भावस्था के दौरान | कम से कम पांच साल तक |
4 | टी.टी. 3 के कम से कम एक साल बाद या अगली गर्भावस्था के दौरान | कम से कम दस साल |
5 | टी.टी.4 के कम से कम एक साल के बाद या अगली गर्भावस्था के दौरान | सभी प्रसव योग्य उम्र या संभवतः लंबे समय तक |
पिछले वैक्सीन के समय पर उम्र | पिछला प्रतिरक्षण (लिखित रिकॉर्ड पर आधारित) | प्रतिरक्षण सलाह | |
वर्तमानग र्भावस्था | बाद की (कम से कम 1 साल के अंतराल में) | ||
जन्म के बाद | 3 डी.टी.पी. | 2 टी.टी./टी.डी. खुराक (कम से कम 4 हफ्तों के अंतराल में) | टी.टी./टी.डी. की 1 खुराक |
बाल्यावस्था | 4 डी.टी.पी. | टी.टी./ टी.डी. की 1 खुराक | टी.टी./ टी.डी. की 1 खुराक |
स्कूल जाने की आयु | 3 डी.टी.पी. + 1 डी.टी./टी.डी. | टी.टी./टी.डी. की 1 खुराक | टी.टी./टी.डी. की 1 खुराक |
स्कूल जाने की आयु | 4 डी.टी.पी. + 1 डी.टी./टी.डी. | टी.टी./टी.डी. की 1 खुराक | कोई नहीं |
किशोरावस्था | 4 डी.टी.पी. + 1 डी.टी. 4-6 साल में + 1 टी.टी./टी.डी. 14-16 साल पर | कोई नहीं | कोई नहीं |
गर्भवती महिला के लिए अंतिम टी.टी. इंजेक्शन जन्म देने के 2 सप्ताह पहले दिया जाना चाहिए। खुराक को एक व्यक्तिगत टीकाकरण कार्ड पर नोट किया जाता है, जिसको आप अपने साथ जरूर रखें।
आपकी पहली गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर आपको वैक्सीन के दो डोज लेने की सलाह दे सकते हैं।
कुछ डॉक्टर वैक्सीन के 3 खुराक देते हैं जिसमें से पहला डोज गर्भावस्था के 28वें सप्ताह में दिया जाता है। कुछ डॉक्टर इस वैक्सीन को सभी जांच होने के बाद पहली तिमाही में ही दे देते हैं।
डॉक्टर आपके पहले हुए सभी टीकाकरण को जांचने के अनुसार ही दूसरी गर्भावस्था में टी.टी. इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं;
1. यदि आपकी दूसरी गर्भवस्था लगभग 2 साल के बाद हुई है और आप वैक्सीन के लगभग 2 डोज ले चुकी हैं तो डॉक्टर आपको सिर्फ एक 1 बूस्टर वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं।
2. यदि आपकी दूसरी गर्भावस्था काफी लंबे समय के बाद हुई है तो आपको अलग वैक्सीन डोज दिया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान टेटनस टॉक्साइड टीकाकरण जरूरी है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित हो जाता है की माँ और बच्चा दोनों हानिकारक संक्रमण से सुरक्षित हैं।
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