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जब आप गर्भधारण करती हैं, तो उस वक्त के बाद आप जो कुछ भी खाती हैं या करती हैं उसका सीधा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ता है । इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपनी गर्भावस्था के दौरान जो भी खाना खाएं वह स्वस्थ और सही होना चाहिए। इसके अलावा यह भी बहुत जरूरी है कि आप जिस चीज का सेवन करें वह सीमित मात्रा में हो क्योंकि किसी भी चीज का हद से ज्यादा सेवन करने से यह आपको लाभ पहुँचाने के बजाय नुकसान पहुँचाने लगता है, इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
आपके गर्भवती होने के बाद आपके घरवाले, रिश्तेदार, सहेलियां आदि आपको इस बारे में बहुत सारी सलाह देंगे कि आपको अब किन चीजों को खाना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। हालांकि इसमें किसी को भी तिल के बारे में बताना याद नहीं रहेगा। तो, क्या तिल का सेवन करना आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है या फिर यह आप दोनों की सेहत के लिए हानिकारक है? अधिक जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
यह धारणा कि गर्भावस्था के दौरान सफेद तिल खाना नुकसानदायक होता है, यह बिलकुल गलत है। कई लोगों का मानना है कि तिल ‘गर्म’ तासीर का होता है जिसको खाने से गर्भपात हो सकता है। हालांकि इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यह साबित हो चुका है कि तिल में आयरन और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो होने वाली माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए लाभकारी होते हैं।
तिल विभिन्न पोषक तत्वों से समृद्ध होता है और गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से यह आप और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। तिल को आयरन, कैल्शियम और फाइबर का एक बड़ा स्रोत माना जाता है। इन सभी पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए आपको केवल थोड़ी ही मात्रा में तिल का सेवन करना है।
तिल से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन जैसे अन्य खनिज के अवशेष मौजूद होते हैं। तिल में मौजूद प्रत्येक पोषक तत्व की मात्रा 10 ग्राम तिल के हिसाब से बताई गई है।
तिल का सेवन करने के कई सारे लाभ हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
अब आप तिल से प्राप्त होने वाले लाभों को जानकार यह सोच रही होंगी कि इसे आप अपने आहार में कैसे शामिल कर सकती हैं? साथ ही आपके मन में इससे जुड़े कई सवाल भी हो सकते हैं जैसे, क्या आप गर्भावस्था के दौरान कच्चे तिल का सेवन कर सकती हैं? तो इसका जवाब है हाँ, आप कच्चे तिल का सेवन कर सकती हैं। यहाँ आपको बताया गया है कि आपके और आपके शिशु के लिए पोषण प्रदान करने हेतु तिल को आहार में किस प्रकार शामिल किया जा सकता है:
१. आप हर रोज तिल को अपने नाश्ते में शामिल करें और आप चाहें तो इसे सीरियल्स के साथ सेवन कर सकती हैं।
२. आप तिल को सलाद में मिलाकर इसका सेवन कर सकती हैं।
३. आप तिल की चटनी बनाकर इसे चिप्स और वेजिटेबल स्टिक्स के साथ खाएं।
४. आप तिल को धनिये और पुदीने की चटनी में भी मिला सकती हैं।
५. आप भुने हुए तिल को विभिन्न व्यंजनों को सजाने के लिए उपयोग करके इस रूप में सेवन सकती हैं।
६. आप तिल का इस्तेमाल लड्डू या अन्य मिठाई बनाने में कर सकती हैं ।
७. तिल का सेवन आप रायता या सूप में डालकर भी कर सकती हैं।
सामान्य रूप से तिल का बीज गर्भवती माताओं के लिए हानिकारक नहीं है। हालांकि, हर महिला की शारीरिक प्रणाली एक ही तरह से हर भोजन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं देती है। गर्भावस्था के दौरान तिल का सेवन हर एक महिला पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है । अगर तिल खाने के कारण आपका पेट खराब हो जाता है, तो खाना बंद कर दें। अगर आपको इसका सेवन करने से जी मिचलाने लगता है तो इसे खाने से तब तक बचें जब तक जी मिचलाना कम न हो जाए । अगर आपको तिल से एलर्जी है तो बेहतर है कि आप इसके सेवन से बचें।
गर्भावस्था के दौरान तिल के तेल में तैयार भोजन खाना सुरक्षित है। यह तेल गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ वसा प्रदान करता जो आपके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करता है और आपके बच्चे के मस्तिष्क का विकास करने में मदद करता है। हालांकि, आपको यह सलाह दी जाती है कि आप तिल के तेल में पका हुआ कोई भी खाना खाने से पहले एक न्यूट्रिशनिस्ट या अपने डॉक्टर से बात करें।
काले तिल में पोषण की उच्च मात्रा पाई जाती है, इसलिए वह सफेद तिल की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होता है । काले तिल में सफेद तिल की तुलना में अधिक कैल्शियम होता है और यदि आप अपनी कैल्शियम की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान काला तिल चुनना ज्यादा बेहतर विकल्प होगा। हालांकि, सफेद तिल से कोई नुकसान नहीं होता है और यह भी आपको और बच्चे को काफी फायदा पहुँचाता है ।
तिल का सेवन माँ और बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होता है । हालांकि, कई डॉक्टर पहली तिमाही के दौरान तिल के सेवन से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसे खाने से आपका जी मिचला सकता है। यदि आप अपने आहार में तिल को शामिल करने की सोच रही हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें ।
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