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बधाई हो! आप गर्भवती हैं। गर्भावस्था के इस अद्भुत यात्रा में आप अपने होने वाले बच्चे के बारे में सोचती होंगी। आपके मन में यह भी चलता होगा कि आपके बच्चे की आवाज कैसी होगी, तथा आप उसकी पहली किलकारी सुनने के लिए बेचैन होंगी। लेकिन दूसरी ओर, हो सकता है कि आपके कानों में घंटियां बजने जैसी कुछ अजीब सी आवाजें सुनाई दें। आप यह सोचकर परेशान होंगी कि ये आवाजें कहीं असामान्य तो नहीं। तो आइए, हम आपको गर्भावस्था के दौरान कान में बजने वाली कुछ आवाजों जिसे टिनिटस कहते हैं पर थोड़ी चर्चा करें और इसके होने के कारण और कम करने के उपायों के बारे में जानें।
टिनिटस को कानों में बजने वाली घंटी जैसी आवाज के रूप में वर्णित किया जा सकता है। कभी-कभी सीटी बजने, सुरसुराहट या क्लिकिंग जैसी आवाजे भी आ सकती हैं। यह स्थिति कुछ समय के लिए या लंबे समय के लिए भी हो सकती है। समस्या तब होती है जब कान का वह हिस्सा, जो मस्तिष्क को संकेत भेजता है, क्षतिग्रस्त हो जाता है। ऐसा तब होता है जब मस्तिष्क ध्वनियों को स्पष्ट रूप से नहीं सुन पाता और ऐसे में वह खुद-ब खुद ध्वनियां पैदा करने लगता है। ऐसा होने पर ये ध्वनियां आपके कानों में घंटियों की तरह बजने लगती हैं जिससे आपको बेचैनी हो सकती है।
टिनिटस मुख्यतः वृद्ध लोगों में देखा जाता है, यानी 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में। साथ ही, यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है। हालांकि, आप गर्भावस्था के दौरान भी कानों में घंटियां बजने का अनुभव कर सकती हैं, और यह काफी सामान्य घटना है। इसलिए, यदि आप अपने कानों में एक अजीब भनभनाहट सुनते हैं, तो यह आपका भ्रम नहीं है बल्कि आप शायद टिनिटस से पीड़ित हो सकते हैं। गर्भावस्था की पहली तिमाही में कान में टिनिटस होना या कान बजना सामान्य है, और यह आपकी गर्भावस्था के अंत तक बना रह सकता है।
गर्भावस्था के दौरान आप घंटियां बजने, क्लिकिंग, सुन्नता या भनभनाहट जैसी आवाजें सुन सकती हैं। कुछ महिलाएं दिल की धड़कनें भी सुन सकती हैं, जिन्हें ‘पल्सेटाइल टिनिटस प्रेगनेंसी साउंड’ कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली कुछ स्वास्थ्य संबंधी विषमताएं टिनिटस का कारण हो सकती हैं:
१. यदि आप गर्भावस्था के दौरान साइनसाइटिस से पीड़ित हैं, तो यह टिनिटस होने की संभावना को बढ़ा सकता है।
२. अगर पिछली गर्भावस्था या गर्भधारण में आप टिनिटस से ग्रस्त थीं तो इस बात की काफी संभावना है कि आगे भी गर्भधारण में आपको टिनिटस हो सकता है।
३. यदि गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में आयरन की कमी है, तो यह टिनिटस का कारण हो सकता है।
४. यदि आप गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक तनाव लेते हैं, तो इससे टिनिटस का खतरा बढ़ सकता है।
५. यदि आप गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो इससे भी आपको टिनिटस होने का खतरा बढ़ सकता है।
६. यदि आप गर्भावस्था के दौरान डिप्रेस्शन से पीड़ित हैं, तो आप उसके लिए दवाएं लेती होंगी। डिप्रेशन के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं; टिनिटस होने की संभावना को बढ़ा सकती हैं।
७. गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन बढ़ने से भी टिनिटस होने की संभावना बढ़ती है।
गर्भावस्था से उत्पन्न टिनिटस की एक निश्चित समयावधि होती है, और आप प्रसव के तुरंत बाद या प्रसव के कुछ दिनों के भीतर ही इसके लक्षणों से उबर जाएंगी। समय अनिश्चित हो सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में, यह खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान कान बजने के विभिन्न कारक हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान टिनिटस के लक्षणों को कम करने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
आपको गर्भावस्था के दौरान विभिन्न समस्याओं जैसे कि थकान, नींद न आना, बेचैनी और ऐसी ही अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे आप गर्भावस्था के दौरान तनावग्रस्त और चिंताग्रस्त हो जाती है। दूसरी जटिलताओं के अलावा तनाव – टिनिटस का भी कारण हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
शोर-शराबे से टिनिटस के लक्षण बढ़ जाते हैं और असुविधा बढ़ सकती है। गर्भावस्था के दौरान हर तरह के शोर-शराबे से बचने की कोशिश करें।
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम एक वरदान है। जब आप व्यायाम करते हैं, तो इससे आपके शरीर और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेहतर रक्त परिसंचरण भी टिनिटस के लक्षणों से निपटने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान फिट और ऊर्जावान महसूस करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार लें। इसके अलावा, नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योकि नमक रक्तचाप को बढ़ा सकता है और इससे टिनिटस की संभावना बढ़ जाती है।
आप वातावरण में चल रहे शोर को कम करने के लिए वाइट नॉइज़ म्यूजिक या कोई दूसरा सुकूनदायक संगीत सुन सकती हैं। ये आपको रात में अच्छी नींद लेने में मदद करता है।
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे सर्जरी के दौरान लिए जाने वाले खाद्य पदार्थ, कैफीनयुक्त पेय पदार्थ, एमएसजी वाले खाद्य पदार्थ आदि। टिनिटस के लक्षणों को और बढ़ा सकते है। इन सभी उत्तेजकों से दूर रहें।
इन लक्षणों को कम करने के लिए अथवा इन्हे नियंत्रित करने के लिए विभिन्न घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि तुलसी, अदरक, प्याज, एप्पल साइडर विनेगर, अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल) इत्यादि। कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले अपने स्वास्थ्य चिकित्सक से परामर्श लें।
ऊपर दिए गए उपाय, टिनिटस के लक्षणों को कम करने के लिए सुझाए गए हैं, फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आप इनमें से कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले चिकित्सकीय सहायता लें।
अगर आपको लगता है कि कान बजना कम नहीं हो रहा है, तो यह सुझाव दिया जाता है कि आप किसी पेशेवर की मदद लें। आपको एक ईएनटी विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए, जो आपकी जांच करके सर्वोत्तम इलाज करेगा। यदि आप पहले भी टिनिटस से पीड़ित रह चुकी हैं या पिछली गर्भावस्था में आपको ये समस्या थी तो आप अपने डॉक्टर को इस बात की जानकारी दें।
गर्भावस्था के दौरान टिनिटस के लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि जैसे ही इसके लक्षण दिखाई दें आप तत्काल चिकित्सकीय सलाह लें।
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