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ईश्वर की भक्ति, पूजा और व्रत के प्रति लोगों के मन में आज भी अपार विश्वास और श्रद्धा है । लोग पूजा के अनुष्ठान की शुरुआत व समापन विधि–विधान के साथ करना पसंद करते हैं। पुरुष हों या महिला हमारे देश में हर कोई व्रत रखने पर विश्वास रखता है। किंतु यदि हम बात करें आपके स्वास्थ्य की तो विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को व्रत के दौरान अपने खान–पान व पौष्टिक आहार का खास खयाल रखना चाहिए। व्रत चाहे एक दिन का हो या नवरात्रि के नौ दिन का, इस दौरान आपकी गर्भावस्था अधिक कष्टदायी हो सकती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान यदि आप व्रत रखती हैं तो खयाल रखें कि आप ऐसे आहार का सेवन करें जो आपको और गर्भ में पल रहे आपके शिशु को पोषण प्रदान कर सके। गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने के नुकसान, फायदे और व्रत रखते हुए अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ रखने के कुछ तरीकों को जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने का सुरक्षा प्रमाण नहीं दिया जा सकता है, एक तरफ सदियों से अनेकों महिलाएं अपनी स्वस्थ गर्भावस्था के साथ व्रत को पूर्ण करती आ रही हैं और दूसरी तरफ अनेकों शोध यह बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए व्रत रखना एक चिंता की बात हो सकती है।
इसमें की हुई रिसर्च व शोधों के अनुसार गर्भावस्था की पहली तिमाही में व्रत रखने से प्रसव के समय शिशु का वजन व लंबाई सामान्य से कम और शिशु दुर्बल भी हो सकता है, किंतु शिशु में इसका अंतर न्यूनतम होता है। लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाएं व्रत की शुरुआत करने से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच व डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में शिशु का विकास अधिक तेजी से होता है इसलिए इस दौरान गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से अत्यधिक पौष्टिक आहार, खनिज पदार्थ व विटामिन की आवश्यकता होती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार इस दौरान व्रत रखने से शिशु के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए यदि आप अपनी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में व्रत रखना चाहती हैं तो इसे सुरक्षित रखने के लिए सुनिश्चित करें कि आप अपने स्वास्थ्य की नियमित व पूर्ण जांच और सही देखभाल करती हैं। व्रत रखने से पहले डॉक्टर द्वारा यह जान लें कि आपके लिए व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं। डॉक्टर आपकी गर्भावस्था की समस्याओं की जांच करके आपको उचित सलाह दे सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने के अनेक प्रभाव पड़ते हैं, कुछ प्रभाव थोड़े समय के लिए पड़ते हैं और जल्द ही ठीक हो जाते हैं किंतु कुछ प्रभाव ऐसे भी होते हैं जिन्हें ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। यहाँ गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने के कुछ संभावित प्रभावों के बारे में बताया गया है;
यदि आपने निर्णय ले ही लिया है और गर्भावस्था के दौरान आप व्रत रखने का अनुभव लेना चाहती है तो आपकी और आपके शिशु की सुरक्षा के लिए कुछ उपयोगी टिप्स नीचे दिए गए हैं;
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने के लिए कुछ जरूरी सावधानियों का पालन करना चाहिए । व्रत के दौरान इन लक्षणों को हमें अनदेखा नहीं करना चाहिए, आइए जानते हैं इनके बारे में;
गर्भावस्था के दौरान व्रत खोलते समय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कुछ बाते हैं जिनका खयाल रखना अनिवार्य है। वे आवश्यक बातें इस प्रकार हैं;
कुछ व्रत जैसे नवरात्रि का व्रत एक दिन से अधिक दिनों तक चलते हैं। गर्भावस्था के दौरान एक दिन से ज्यादा दिनों तक व्रत रखने के बजाय आप नीचे दिए गए विकल्पों को चुन सकती हैं (वैसे यह अपने-अपने मान्यता पर करता है);
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने के प्रभावों के बारे में हमने अत्यधिक चर्चा की है किंतु इसका अब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। यदि आप अपनी गर्भावस्था के दौरान व्रत रखना चाहती हैं तो इस बात का पूरा खयाल रखें;
यदि आप नियमित रूप से व्रत रखती हैं तो शायद इस बार नवरात्रि में व्रत न रखने से आप भावनात्मक रूप से आहत हो सकती हैं। परंतु इस बात का खयाल रखें कि आपकी और आपके बच्चे की अच्छी सेहत इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है। आप अंदर जो जीवन पल रहा है, वो भी भगवान की ही कृपा है। यह कोई साधना से कम नहीं है। आप जबरदस्ती व्रत न रखें यह आप अगले वर्ष भी रख सकती हैं, इस बार भगवान से क्षमा मांग लें और अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का पूरा खयाल रखें।
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