गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय अब्नॉर्मल होना

अक्सर गर्भाशय को बच्चे का पहला घर कहा जाता है। हालांकि, महिला के गर्भाशय का शेप अब्नॉर्मल होने की वजह से गर्भावस्था के किसी भी चरण में कॉम्प्लीकेशंस आ सकती हैं, जैसे मिसकैरेज या प्रीमैच्योर डिलीवरी। पहली बार बनी कई महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि उनके गर्भाशय में पहले से ही अब्नॉर्मलिटीज हैं क्योंकि इससे उन्हें पहले कभी कोई समस्या नहीं हुई थी। अब्नॉर्मल गर्भाशय होने की जानकारी से ज्यादातर महिलाओं पर भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। 

एक महिला के पेल्विक क्षेत्र में नाशपाती के शेप का एक अंग होता है जिसे गर्भाशय, गर्भ या यूटरस कहते हैं। यह लगभग 3 इंच लंबा, 2 इंच चौड़ा और 1 इंच गहरा होता है। गर्भाशय का निचला भाग संकरा होता है जो वजायना के अंत तक रहता है व इसे सर्विक्स कहते हैं और गर्भाशय के ऊपरी बड़े भाग को फंडस कहा जाता है। गर्भाशय के फंडस भाग में ही फर्टिलाइज्ड अंडा बच्चे में विकसित होता है। कई महिलाओं में गर्भाशय का शेप नॉर्मल से कुछ अलग भी होता है और इसे गर्भाशय की अब्नॉर्मलिटीज का नाम दिया गया है। 

गर्भाशय की असामान्यताएं या अब्नॉर्मलिटीज क्या हैं?

कई बार महिलाओं को गर्भाशय की अब्नॉर्मलिटी के बारे में तब पता चलता है जब वे गर्भवती होने की योजना बनाती हैं। यह कहना मुश्किल है कि कितनी महिला का गर्भाशय अब्नॉर्मल है क्योंकि जब तक वे बच्चे के लिए प्लान नहीं करती हैं तब तक उन्हें इस समस्या के बारे में पता ही नहीं होता है। गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटी लगभग 20 में से 1 या 100 में से 1 महिलाओं को हो सकती है। 

जहाँ कुछ अब्नॉर्मलिटीज बच्चे के जन्म के साथ ही होती हैं, वहीं कुछ अब्नॉर्मलिटीज बच्चे के बड़े होने पर भी विकसित हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचा नहीं जा सकता है पर अच्छी देखभाल और जानकारी की मदद से गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई कॉम्प्लीकेशंस को खत्म किया जा सकता है। 

गर्भाशय में कैसे बदलाव आता है?

एक महिला के गर्भवती होने के बाद फर्टिलाइज्ड अंडा गर्भाशय की दीवार में चिपक जाता है। बढ़ते बच्चे के साथ-साथ गर्भवस्था भी बढ़ती है और इसकी वजह से महिला का गर्भाशय भी बड़ा होने लगता है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही तक गर्भाशय महिला की नाभि तक पहुँचता है और तीसरी तिमाही तक में यह रिब केज तक पहुँचता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का साइज बढ़ता है। गर्भावस्था के अंत तक गर्भाशय का साइज कद्दू या तरबूज जितना बड़ा हो जाता है। 

यदि मेरा गर्भाशय अब्नॉर्मल है तो क्या मैं गर्भधारण कर सकती हूँ?

कुछ महिलाओं में गर्भाशय नॉर्मल शेप में विकसित नहीं होता है या यह कहा जा सकता है कि इन महिलाओं का गर्भाशय अब्नॉर्मल होता है। यद्यपि अब्नॉर्मल गर्भाशय होने का यह मतलब नहीं है कि आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं पर इसमें कुछ कॉम्प्लीकेशंस जरूर हो सकती हैं, जैसे मिसकैरेज या सिजेरियन डिलीवरी। 

गर्भाशय की विभिन्न अब्नॉर्मलिटीज

गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज होने का यह मतलब नहीं है कि एक महिला स्वस्थ रूप से गर्भवती नहीं हो सकती है। यह पूरी तरह से अब्नॉर्मलिटी की गंभीरता पर निर्भर करता है। कई मामलों में गर्भाशय में समस्याएं होने पर भी आप गर्भवती होने में सक्षम हैं। हालांकि इसकी मुख्य चिंता यह है कि एक गर्भवती महिला को अब्नॉर्मल गर्भाशय में 9 महीनों तक बच्चे को संभालना है। गर्भाशय में कौन-कौन सी अब्नॉर्मलिटीज हो सकती हैं, आइए जानते हैं;

  • बायकॉरनुएट गर्भाशय

इस अब्नॉर्मलिटी के परिणामस्वरूप महिलाओं का गर्भाशय नाशपाती के शेप का न होकर हार्ट शेप का होता है। यह ऊपर से बहुत गहरा दबा हुआ होता है और गर्भाशय में दो सींघों की तरह निकले हुए होते हैं। यह समस्या 200 महिलाओं में से किसी एक को होती है। 

  • सेप्टेट गर्भाशय

इस समस्या में गर्भाशय में एक मस्कुलर या फाइबरस दीवार होती है जिसे सेप्टम डिवाइड्स कहते हैं। यह डिवीजन पूरा और आधा (पार्शियल सेप्टेट यूटरस) भी होता है जिसमें यह सर्विक्स तक पहुँचता है। महिलाओं में पार्शियल सेप्टेट होना बहुत आम है। स्पिटेट गर्भाशय की वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है।

  • आर्कुएट गर्भाशय

आर्कुएट गर्भाशय लगभग एक नॉर्मल गर्भाशय की तरह ही होता है पर इसमें हल्की सी क्षति होती है या यह ऊपर से बढ़ा हुआ होता है। यह गर्भशय की आम अब्नॉर्मलिटी है और गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर इसमें कोई भी समस्या नहीं होती है।

  • यूनिकार्नुएट गर्भाशय

गर्भाशय की इस अब्नॉर्मलिटी में गर्भाशय एक नॉर्मल गर्भाशय लगभग आधे साइज का होता है। इसमें सिर्फ एक फैलोपियन ट्यूब होती है और गर्भाशय का शेप एक सींघ की तरह होता है। यह बहुत दुर्लभ समस्या लगभग 1000 में से किसी एक महिला में होती है। 

  • यूटरस डिडेलफिस

इस समस्या में दो आंतरिक कैविटी होती हैं जिसमें हर कैविटी का अलग वजायना और सर्विक्स होता है। दो वजायना और दो सर्विक्स के साथ यह अब्नॉर्मलिटी बहुत ज्यादा दुर्लभ है और लगभग हर 350 महिलाओं में किसी 1 को होती है।

क्या आप अब्नॉर्मल गर्भाशय होने की वजह से गर्भवती हो सकती हैं?

यदि आपका गर्भाशय अब्नॉर्मल है तो भी आपके लिए गर्भवती होना कठिन नहीं है। यह मुख्य रूप से अब्नॉर्मलिटी के गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि आपके गर्भाशय में बहुत कम अब्नॉर्मलिटीज है तो आप अपनी गर्भावस्था व बच्चे के जन्म को बिना किसी समस्या के एन्जॉय कर सकती हैं। कई महिलाओं को अपनी समस्याओं के बारे में गायनोलॉजिस्ट से या अल्ट्रासाउंड स्कैन में पता चलता है। इसलिए यदि आपका गर्भाशय अब्नॉर्मल है तब भी आप गर्भवती हो सकती हैं। 

अब्नॉर्मल गर्भाशय एक गर्भवती महिला को कैसे प्रभावित करता है

अब्नॉर्मलिटी जितनी ज्यादा होगी उतनी ही ज्यादा कॉम्प्लिकेशन हो सकती है। गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटी होने की वजह से क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकती है, आइए जानें;

  • मिसकैरेज: गर्भाशय में कुछ अब्नॉर्मलिटीज, जैसे सेप्टेट गर्भाशय की वजह से मिसकैरेज भी हो सकता है।
  • प्रीमैच्योर डिलीवरी: यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भाशय बच्चे के लिए पर्याप्त बड़ा नहीं होता है। इस समस्या में प्रीमैच्योर डिलीवरी भी हो सकती है।
  • सिजेरियन डिलीवरी: इसमें गर्भाशय का शेप अजीब होता है और इससे बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी होने में कठिनाई होती है। इसमें गर्भवती महिला को सी-सेक्शन करवाने की जरूरत पड़ती है।
  • लेट मिसकैरेज: सर्विक्स कमजोर होने की वजह से गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज हो सकती हैं जिसके परिणामस्वरूप लेट मिसकैरेज हो सकता है।

गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज के लिए कॉमन ट्रीटमेंट

गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज का डायग्नोसिस अक्सर अल्ट्रासाउंड स्कैन, लेप्रोस्कोपी या शारीरिक जांच से किया जा सकता है। एक बार यदि इस समस्या का पता चल जाए तो डॉक्टर आपको निम्नलिखित सलाह दे सकते हैं, आइए जानें;

  • यदि आपको प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा होता है तो डॉक्टर आपको सर्वाइकल सरक्लेज (सर्विक्स में टांके) लगवाने के लिए कह सकते हैं।
  • यूनिकार्नुएट गर्भाशय के ज्यादातर मामलों में यदि दूसरा हिस्सा फंक्शनल है तो डॉक्टर सर्जरी से ब्लॉक्ड हेमी-गर्भाशय को निकालने की सलाह दे सकते है।
  • यदि किसी भी समस्या में दर्द या गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरा नहीं है तो डॉक्टर को अब्नॉर्मलिटी के लिए कोई भी ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता नहीं है। गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज होने के कई मामलों में ज्यादा बड़ी कॉम्प्लीकेशंस नहीं होती हैं और यह सभी एक छोटी सी सर्जरी से ठीक हो सकती हैं।

अब्नॉर्मल गर्भाशय के साथ गर्भावस्था को कैसे मैनेज करें

गर्भाशय में किसी भी अब्नॉर्मलिटी होने का पता चलने के बाद आपको एंग्जायटी होना नॉर्मल है पर इस समय आप शांत रहें और आराम करें। यदि आपको गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज या अब्नॉर्मल गर्भाशय के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे बायकॉरनुएट गर्भाशय या यूनिकार्नुएट गर्भाशय तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भाशय में अब्नॉर्मलिटीज का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह दे सकते हैं ताकि वे आपकी समस्या समझ सकें और इसके लिए कोई उपयुक्त ट्रीटमेंट करवाने की सलाह दें। हेल्दी गर्भावस्था के लिए गर्भाशय की कई अब्नॉर्मलिटीज और समस्याएं मेडिकल व सर्जिकल तरीकों से ठीक की जा सकती हैं। आपके लिए यह भी जरूरी है कि आप अपनी समस्याओं में सुधार के बारे में जानने के लिए डॉक्टर के साथ हर अपॉइंटमेंट अटेंड करें। यदि प्रीमैच्योर डिलीवरी के लक्षण और संकेत नजर आते हैं तो आपको इस बारे में डॉक्टर से बताना चाहिए या तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। यदि पहले भी कभी आपका मिसकैरेज हुआ है तो आपको इस बारे में डॉक्टर से बताना चाहिए ताकि वे किसी भी होनेवाली कॉम्प्लिकेशन को खत्म कर सकें।

निष्कर्ष: गर्भावस्था के दौरान कोई भी अब्नॉर्मलिटी होना चिंता का विषय है क्योंकि इससे बच्चे को भी हानि हो सकती है। यह महिलाओं में बहुत आम है और इसमें बच्चे के जन्म में बहुत ज्यादा कॉम्प्लीकेशंस हो सकती हैं। इसलिए यदि आपको अपनी अब्नॉर्मलिटीज के बारे में पता है तो गर्भावस्था के दौरान आपको सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है और साथ ही मेडिकल हेल्प लेने की सलाह भी दी जाती है। 

यह भी पढ़ें:

बायकॉर्नुएट (हार्ट शेप) गर्भाशय

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

3 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

3 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

3 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago