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गर्भावस्था उत्सुकता और स्ट्रेस का एक कॉम्बिनेशन होता है। पर यदि स्ट्रेस ज्यादा बढ़ने लगे तो यह गर्भवती महिलाओं में कई तरह से दिखने लगता है जिसमें एक्जिमा भी शामिल है। गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा को रोकने के लिए डॉक्टर आपको सभी दवाएं लेने की सलाह नहीं दे सकते हैं। इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपनी त्वचा की देखभाल खुद करें। एक्जिमा और रैशेज के बीच अंतर करने में अक्सर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं। स्टडीज के अनुसार लगभग 50% गर्भवती महिलाओं को एक्जिमा होता है जिनमें से ज्यादातर को यह पहली बार हुआ होता है।
एक्जिमा क्या है? यह एक ऐसी समस्या है जिसमें त्वचा सूज जाती है या इसमें इरिटेशन होती है। इस आर्टिकल में हमने त्वचा की इस समस्या के बारे में बताया है और इसके होने के पीछे के कारण, लक्षण, डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के बारे में भी चर्चा की है। आप इस समस्या को कैसे मैनेज कर सकती हैं, यह जानने के लिए इसे पूरा पढ़ें।
यहाँ पर एक्जिमा के कॉमन प्रकार बताए गए हैं, आइए जानें;
यदि त्वचा किसी ऐसी चीज के संपर्क में आती है जिससे आपको त्वचा में इरिटेशन होने लगे तो इसे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहते हैं। कुछ पदार्थों से महिला की त्वचा में इरिटेशन हो सकती है, जैसे साबुन या खुशबू, विशेष प्रकार के सिंथेटिक या फैब्रिक, डाई, धूल इत्यादि। यदि यह चीजें गर्भवती महिला की त्वचा के संपर्क में आती हैं तो इससे एक्जिमा हो सकता है। एक्जिमा को बढ़ाने वाली चीजों का उपयोग न करने से इस समस्या को रोका जा सकता है।
एटॉपिक डर्मेटाइटिस कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस से बिलकुल अलग है। यह किसी भी पदार्थ के त्वचा से संपर्क में आने से नहीं होता है और इसलिए इसे आसानी से ठीक करना कठिन है। ऐसा डर्मेटाइटिस किसी विशेष खाद्य पदार्थ, वातावरण में किसी भी एलर्जेन से या मौसम बदलने की वजह से होता है। कभी-कभी गर्भवती महिलाओं में हॉर्मोनल बदलावों की वजह से त्वचा में सूजन आ सकती है और इसमें खुजली होती है जिसके परिणामस्वरूप एक्जिमा होता है।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा होने के लक्षण और संकेत निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
कई मामलों में महिलाओं को गर्भावस्था की वजह से पहली बार एक्जिमा होता है। इसके अलावा यदि आपको पहले भी एक्जिमा हुआ है तो गर्भावस्था के दौरान भी आपको यह समस्या होगी। एक बार पहले भी एक्जिमा होने के मामलों में गर्भवती होने के बाद लगभग 20 से 40 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या होती है। गर्भावस्था के दौरान लगभग 60 से 80 प्रतिशत महिलाओं को पहली बार एक्जिमा होता है।
डॉक्टर अक्सर एक्जिमा का डायग्नोसिस सिर्फ देख कर ही करते हैं। कुछ डॉक्टर त्वचा को देखते ही एक्जिमा की समस्या होने की बात बता देते हैं। अन्य मामलों में इस समस्या के लिए बायोप्सी भी की जा सकती है।
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर आपके शरीर में हुए बदलावों के बारे में पूछ सकते हैं। वे बच्चे की सुरक्षा के लिए अक्सर इस समस्या के अन्य कारणों का भी पता लगाते हैं जिसकी वजह से शरीर पर लाल स्पॉट्स जैसे दिखाई देता है।
यदि किसी भी चीज की वजह से या लाइफस्टाइल में बदलाव से आपको यह समस्या होती है तो आपके लिए यह याद रखना जरूरी है कि एक्जिमा के स्पॉट्स आना कब शुरू हुए थे, ऐसी कौन सी चीज थी जिसकी वजह से यह समस्या हुई है या इसमें सुधार आया है इत्यादि।
गर्भावस्था के दौरान आप जो भी दवाएं ले रही हैं उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं और साथ ही यह भी बताएं कि एक्जिमा को ठीक करने के लिए आपने पहले कौन सा ट्रीटमेंट किया था।
चूंकि यह समस्या प्लेसेंटा से बच्चे तक नहीं पहुँचती है इसलिए एक्जिमा से बच्चे को सीधे हानि नहीं होती है। हालांकि एक्जिमा होने से माँ को इरिटेशन होती है और इससे उसका स्ट्रेस बढ़ता है और यह बच्चे को प्रभावित कर सकता है। अपने बच्चे के लिए आप खुद को स्ट्रेस से मुक्त रखने के साथ-साथ भावनात्मक और मानसिक रूप से ठीक रहें ।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा को ठीक करने के लिए आप कुछ प्रकार के घरेलू उपचारों का उपयोग भी कर सकती हैं। ये उपचार आपको आराम देते हैं और इरिटेशन कम कर सकते हैं। वो कौन सी होम रेमेडीज हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा को मैनेज करने के लिए आप निम्नलिखित चीजें कर सकती हैं, आइए जानें;
इससे बचने के लिए पहले आप उन सभी चीजों का उपयोग करना बंद करें जिससे एक्जिमा हो सकता है। साबुन या लोशन को बदलने और इससे होनेवाले परिणामों की जांच करने से आपको काफी मदद मिल सकती है। आपको डिटर्जेंट या कुछ खाद्य पदार्थों से भी यह हो सकता है। वैसे तो एक्जिमा होने के सिर्फ यही कारण नहीं हैं। यदि आपको दोबारा से एक्जिमा होता है तो आपके द्वारा उपयोग की जानेवाली चीजों को बदलने से भी यह समस्या होने की संभावनाएं कम हो सकती हैं इसलिए आप इसकी जांच करती रहें।
खुजली होने से बहुत ज्यादा इरिटेशन होती है और प्रभावी जगह पर खुजली करने से यह और भी ज्यादा बढ़ता है। हालांकि आप इसे निम्नलिखित कुछ तरीकों से कम कर सकती हैं, आइए जानें;
लगातार खुजली करने से आपकी त्वचा फटने लगती है और इसमें नमी कम हो जाती है। इस समय आपको इसकी देखभाल करनी चाहिए और रूखी त्वचा की संभावनाओं को कम करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आप अपनी त्वचा को कैसे स्वस्थ रख सकती हैं, आइए जानें;
जरूरी नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान ही एक्जिमा हो पर गर्भावस्था में महिलाओं को यह समस्या अक्सर होती है। खयाल रखें क्योंकि इस समस्या में बहुत ज्यादा इरिटेशन होती है और इसे खत्म करने के लिए आप सकारात्मकता बनाए रखें। एक्जिमा की जांच करती रहें और अपने व बच्चे का स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भी तैयार रहें।
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