गर्भावस्था

गर्भावस्था में फ्लू या इन्फ्लुएंजा

बीमार होना किसी को पसंद नहीं होता और वह भी तब, जब आप गर्भवती हों! प्रेगनेंसी में मां को जो कुछ भी होता है, उसका असर उसके अजन्मे शिशु पर भी पड़ता है। यह चिंता, गर्भावस्था में होने वाली हर बीमारी को मां के लिए चिंता का एक विषय बना देती है। यहां पर हम आपको बताएंगे, कि गर्भावस्था के दौरान फ्लू से प्रभावी रूप से कैसे निपटा जाए? 

फ्लू या इन्फ्लूएंजा क्या होता है?

प्रेगनेंसी के दौरान, आपके अजन्मे शिशु को सपोर्ट करने के लिए आपका इम्यून सिस्टम दब जाता है और इससे आपको सर्दी-जुकाम, फ्लू और ऐसी ही अन्य परेशानियों की गिरफ्त में आने का खतरा बढ़ जाता है। फ्लू या इन्फ्लूएंजा केवल एक आम खांसी या सर्दी नहीं है, बल्कि यह इससे गंभीर समस्या है। आपको न केवल गले का दर्द, बहती और बंद नाक को झेलना पड़ता है, बल्कि आप बहुत ज्यादा बीमार भी महसूस कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान, फ्लू के कारण कुछ गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 

फ्लू कैसे फैलता है?

फ्लू एक संक्रामक बीमारी है और इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है, खांसता है या आपसे बात भी करता है, तो आप भी इस संक्रमण की गिरफ्त में आ सकती हैं। फ्लू का वायरस हवा से फैलता है और इसलिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना इसके लिए आसान हो जाता है। आमतौर पर छुई जाने वाले वाली चीजों को हाथ लगा कर भी आप इस वायरस के संपर्क में आ सकती हैं, जैसे फोन, दरवाजे के हैंडल, कुर्सी के आर्मरेस्ट आदि, जिनमें फ्लू के वायरस हो सकते हैं। इसलिए, अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आती हैं, तो आप आसानी से फ्लू से प्रभावित हो सकती हैं। 

गर्भावस्था में इन्फ्लूएंजा के संकेत और लक्षण

अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान फ्लू है, तो आप निम्नलिखित लक्षण देख सकती हैं: 

  • गले में दर्द होना, जो कि इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद के दूसरे या तीसरे दिन अधिक बढ़ सकता है।
  • 102 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक रहने वाला बुखार
  • आपकी मांसपेशियों में दर्द हो सकता है
  • सिरदर्द का होना
  • थकावट या कमजोरी का एहसास
  • ठंड लगना
  • खांसी, जो कि तेजी से बढ़े
  • छींक आना
  • भूख की कमी
  • उल्टी या डायरिया

आमतौर पर फ्लू के लक्षण दो हफ्तों तक दिख सकते हैं और कुछ मामलों में ये इससे ज्यादा समय तक भी रह सकते हैं। 

फ्लू आपकी गर्भावस्था पर किस तरह से असर डालता है?

अगर आप गर्भावस्था के दौरान फ्लू की गिरफ्त में आ जाती हैं, तो इससे आपको और आपके बच्चे पर असर पड़ सकता है। हालांकि, सभी मांओं को दिक्कत आए, ऐसा जरूरी नहीं है, या वे इस वायरल इंफेक्शन से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती हैं। मां और अजन्मे शिशु को होने वाले संभावित खतरों में से कुछ खतरे नीचे दिए गए हैं: 

1. मां को खतरा

गर्भावस्था में कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण, आपके बीमार पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। प्रेगनेंसी में फ्लू के कारण निमोनिया हो सकता है और साथ ही आपके फेफड़े और हृदय में भी इंफेक्शन हो सकता है। 

2. बच्चे को खतरा

अगर गर्भावस्था के दौरान आपको फ्लू हो जाता है, तो इससे न केवल आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा, बल्कि, आपके अजन्मे शिशु को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अगर पहली तिमाही के दौरान आपको तेज बुखार होता है, तो इससे आपके बच्चे में विकास से संबंधित समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। गर्भावस्था में इन्फ्लूएंजा प्रीटर्म लेबर और कुछ मामलों में मिसकैरेज का कारण भी बन सकता है। 

प्रेगनेंसी फ्लू का इलाज

हम आपको सलाह देंगे, कि जैसे ही आपको फ्लू के लक्षण दिखने लगे, तो आप डॉक्टर की मदद लें। आपका डॉक्टर आप के लक्षणों को देखकर आपको दवाएं देगा। सबसे अच्छा यह है, कि फ्लू से हो सकने वाले परेशानियों से बचने के लिए समय पर दवा लें। जल्दी ठीक होने के लिए अपने शरीर की मदद करने के लिए, आप अपने फ्लूइड के सेवन को और बढ़ा सकती हैं और पर्याप्त आराम कर सकती हैं। कम मात्रा में बार-बार भोजन करें, ताकि आपके शरीर को ताकत मिलती रहे। 

फ्लू के लिए उपयुक्त दवाएं

उपयुक्त इलाज में नीचे दी गई चीजें शामिल हो सकती हैं: 

1. पेरासिटामोल

पेरासिटामोल एक बेहद सुरक्षित दवा है और आपका डॉक्टर बुखार को कम करने के लिए और शरीर को दर्द और तकलीफ से राहत दिलाने के लिए इसकी सलाह दे सकता है। 

2. आइबूप्रोफेन

आइबूप्रोफेन को गर्भावस्था के दौरान नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इस दवा को लेने से बचें। 

3. एंटीबायोटिक्स

आपका डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक का कोर्स करवा सकते हैं। फ्लू के कारण होने वाली सेकेंडरी इन्फेक्शन को ठीक करने और इससे बचने के लिए एंटीबायोटिक बहुत कारगर होते हैं। 

4. होम्योपैथिक दवाएं

आप फ्लू के इलाज के लिए, होम्योपैथिक दवाओं का चुनाव भी कर सकती हैं। हालांकि, फ्लू का इलाज करने में होम्योपैथिक दवा के प्रभाव को दर्शाने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रूफ उपलब्ध नहीं है। 

आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही किसी भी तरह की दवा का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना खुद दवा लेने से समस्याएं हो सकती हैं। 

क्या प्रेगनेंसी में फ्लू के वैक्सीन लेना सुरक्षित है?

प्रेगनेंसी में फ्लू वैक्सीन सुरक्षित माना जाता है और इसे गलत साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध नहीं हैं। गर्भावस्था के दौरान फ्लू वैक्सीन न केवल आपको गंभीर समस्याओं में फंसने से बचाता है, बल्कि यह जन्म के बाद कुछ महीनों तक बच्चे को भी फ्लू के खतरे से बचाता है। 

बेहतर महसूस करने के लिए टिप्स

हालांकि, दवाएं आप को ठीक करने के लिए अपना निर्धारित समय लेंगे, लेकिन बेहतर महसूस करने के लिए आप नीचे दिए गए कुछ टिप्स को आजमा सकती हैं: 

  • पर्याप्त मात्रा में लिक्विड का सेवन करके अपने आप को हाइड्रेटेड रखें: तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से आपके शरीर को फ्लू से लड़ने में मदद मिलती है।
  • सोएं और पर्याप्त मात्रा में आराम करें: अच्छी नींद और अच्छे आराम से आपको फ्लू में बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है और यह बहुत ही अच्छा विकल्प है।
  • अपने खाने में विटामिन ‘सी’ से भरपूर भोजन (अमरूद, शिमला मिर्च आदि) और हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक) और दालों को शामिल करें, ये आपको इंफेक्शन से लड़ने में मदद करेंगे।
  • हल्का भोजन लें और बार-बार खाएं: जब आपको फ्लू होता है, तो कुछ खाने की इच्छा नहीं होती है, जो कि बिल्कुल सामान्य है। इसलिए एक बार में अधिक खाने के बजाय बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाएं।  आप अपने खाने में हलवे और सूप जैसी चीजों को शामिल कर सकती हैं।
  • नमक के पानी से गरारे करना: दिन में चार से पांच बार गुनगुने गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से आपके गले को आराम मिलता है।
  • भाप लेना: आप भाप ले सकती हैं, क्योंकि यह बंद नाक को खोलने का एक अच्छा तरीका है। आप इसमें यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें भी डाल सकती हैं, इससे आपको बेहतर नतीजे मिलेंगे।
  • आप तुलसी, अदरक, नींबू और शहद से बना काढ़ा भी पी सकती हैं, इससे भी आपके गले को आराम मिलेगा।

गर्भावस्था के दौरान फ्लू से कैसे बचें?

हालांकि, इस इन्फेक्शन से बचने का कोई प्रभावी तरीका नहीं है, लेकिन नीचे दिए गए कुछ फ्लू रेमेडीज को अपनाकर आप गर्भावस्था के दौरान ऐसे इंफेक्शन की गिरफ्त में आने के खतरे को प्रभावी रूप से कम कर सकती है: 

  • बार-बार हाथ धोएं: नियमित रूप से अपने हाथों को धोने से इस खतरनाक इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • बदलते मौसम में सावधानी बरतना: अक्सर ऐसा देखा जाता है, कि फ्लू जैसे वायरल इन्फेक्शन बदलते मौसम में बहुत ही आम हो जाते हैं, खासकर सर्दियों में। इसलिए, बदलते मौसम के दौरान अधिक सावधानी बरतने से आप इन इस इंफेक्शन से बच सकती हैं।
  • संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं: हम आपको फ्लू से संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखने की सलाह देंगे। अपने शरीर में वायरस को प्रवेश करने से रोकने के लिए, आप अपने मुंह को ढक सकती हैं।
  • भीड़भाड़ वाली जगह से दूर रहें: आपको ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए, जहां पर भीड़-भाड़ ज्यादा रहती है, क्योंकि ऐसे में आपको इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। अगर आपके घर में स्कूल जाने वाला कोई बच्चा है, तो आपको फ्लू के लक्षणों पर और भी कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
  • स्वस्थ भोजन लेना: प्रेगनेंसी के दौरान एक अच्छा और स्वस्थ भोजन, आपको फ्लू होने के खतरे को कम कर सकता है।
  • तनाव को कम करने से और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से, प्रेगनेंसी के दौरान आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आपको फ्लू और दूसरे इन्फेक्शन की गिरफ्त में आने से बचाता है।
  • फ्लू शॉट लें: फ्लू से अपने आप को बचाने के लिए, आप एक फ्लू शॉट का चुनाव भी कर सकती हैं। फ्लू शॉट लेने के बारे में आप अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं।

आप फ्लू को फैलने से कैसे रोक सकती हैं?

अगर आपको फ्लू है, तो आपके माध्यम से यह आपके आसपास के लोगों तक आसानी से फैल सकता है। यहां पर, कुछ मापदंड दिए गए हैं, जिनका ध्यान रखकर, आप इसे फैलने से रोक सकती हैं। 

  • अगर आपको फ्लू है, तो जो सबसे बेहतर चीज आप कर सकती हैं, वह है घर पर रहना। दूसरे लोगों के संपर्क में आने से बच कर, आप इस वायरस को फैलने से रोक सकती हैं।
  • जब कभी भी आप छींकती हैं या खाँसती हैं, तो एक डिस्पोजल टिश्यू से अपने मुंह को ढक लें और हर इस्तेमाल के बाद इस टिश्यू को फेंक दें।
  • किसी को भी किस करने से बचें।
  • किसी को भी छूने से पहले, अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं। अपने हाथों को बार-बार साफ करने के लिए आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
  • अपने नाक, आंख और मुंह को बार-बार न छुएं, क्योंकि, इससे वायरस आपके हाथों में लग जाता है और दूसरों तक फैल सकता है।
  • अपने बर्तन, प्लेट, ग्लास और तौलिये आदि जैसी निजी चीजों को दूसरों के साथ शेयर करने से बचें।
  • आप अपने इस्तेमाल किए गए बर्तनों और कपड़ों को धोने के लिए गर्म पानी और साबुन का इस्तेमाल कर सकती हैं।

डॉक्टर को कब बुलाया जाए?

अगर आपको नीचे दिए गए लक्षणों में से किसी का भी अनुभव हो रहा है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर को बताना चाहिए: 

  • अगर आप को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो या सांस फूल रही हो।
  • अगर आपको छाती या पेट में किसी तरह का दबाव या दर्द महसूस हो रहा हो।
  • अगर आप को अचानक चक्कर आ रहे हों या कन्फ्यूजन महसूस हो रहा हो।
  • अगर आपको सामान्य से ज्यादा उल्टियां हो रही हों।
  • अगर आपको अपने पेशाब में खून दिखाई दे या किसी तरह की वेजाइनल ब्लीडिंग नजर आए।
  • अगर आपको 24 घंटे से अधिक समय से तेज बुखार हो (102 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा)।
  • अगर आपको अपने पेट में पल रहे बच्चे की मूवमेंट में कमी का अनुभव हो या कोई मूवमेंट महसूस ना हो।

ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण आपके और आपके बच्चे के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है।  इसलिए, हम आपको सलाह देंगे, कि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

अगर आपको लगता है, कि आपको फ्लू जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको इसके लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है। आप अपने डॉक्टर से बात करके, अपने लक्षणों के बारे में बात कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान फ्लू का तुरंत और समय पर इलाज होने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। 

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पूजा ठाकुर

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