गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान हॉट फ्लैशेस – कारण, लक्षण और उपचार

गर्भावस्था एक ऐसा समय है जब महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं। गर्भावस्था के दौरान एक महिला थकान, चक्कर आना, मतली और गर्मी का अनुभव करती है। गर्भावस्था में महिला को चक्कर आने और थकान के साथ-साथ हॉट फ्लैशेस की समस्या भी होती है। यदि सुबह उठने के बाद आपको बहुत ज्यादा पसीना आता है या गर्मी लगती है तो इसका मतलब है कि आपको हॉट फ्लैशेस की समस्या है। 

क्या प्रेगनेंसी के दौरान हॉट फ्लैशेस होना कॉमन है?

गर्भावस्था की पहली तिमाही में आपको मॉर्निंग सिकनेस और मूड स्विंग्स के साथ-साथ हॉट फ्लैशेस की समस्या भी हो सकती है। हालांकि गर्भावस्था के शुरूआती समय (पहली तिमाही में) हॉट फ्लैशेस होने की संभावनाएं कम हैं। शरीर में बदलाव और हॉर्मोनल बदलाव के कारण आपको हॉट फ्लैशेस हो सकते हैं और यह गर्भावस्था के अंतिम समय में ज्यादातर होते हैं और डिलीवरी के बाद तो यह समस्या बढ़ जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हर तीसरी गर्भवती महिला को हॉट फ्लैशेस की समस्या होती है। हालांकि हॉट फ्लैशेस में महिलाओं को गर्मी का अनुभव होता है। हॉट फ्लैशेस की समस्या अक्सर उन महिलाओं में होती है जो मेनोपॉज की स्थिति में हैं। 

हॉट फ्लैशेस में कैसा महसूस होता है?

आपको लगेगा कि अचानक से आपके शरीर का तापमान बढ़ गया है और यह हॉट फ्लैशेस की वजह से ही होता है। हॉट फ्लैशेस हर बार अलग-अलग तरह से होता है और इसका प्रभाव या आप कितनी बार इसका अनुभव करती हैं यह बता पाना कठिन है। हॉट फ्लैशेस कुछ सेकंड्स या कुछ मिनट्स के लिए ही होता है। यह अक्सर शरीर के ऊपरी भाग, मुख्य रूप से सिर, गर्दन और छाती को प्रभावित करता है पर शरीर के निचले भाग में हॉट फ्लैशेस होने की संभावनाएं बहुत कम हैं। 

प्रेगनेंसी के दौरान हॉट फ्लैशेस होने के कारण

गर्भावस्था के दौरान हॉट फ्लैशेस को समझने के लिए कई रिसर्च की गई हैं। हालांकि, इस समय पर हॉट फ्लैशेस होने के निम्नलिखित कारण हैं, आइए जानें;

  • हॉर्मोन्स में बदलाव: गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं में हॉट फ्लैशेस हो सकते हैं।
  • मेटाबॉलिज्म में वृद्धि: मेटाबॉलिज्म के कारण जैसे-जैसे शरीर का तापमान बढ़ता है आपको हॉट फ्लैशेस हो सकते हैं।
  • डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी कम होने की वजह से शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है।
  • ओवर-वेट होना: शरीर में फैट के टिश्यू एस्ट्रोजन के सप्लाई को बढ़ाते हैं जिससे हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है।

प्रेगनेंसी के दौरान हॉट फ्लैशेस होने के लक्षण

गर्भावस्था के दौरान हॉट फ्लैशेस होने के आप निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं, आइए जानें;

हॉट फ्लैशेस और बुखार में क्या अंतर होता है

गर्भावस्था के दौरान बुखार आने का मतलब है कि आपको इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है। बुखार में शरीर का तापमान बढ़ता है। हालांकि जब आपको हॉट फ्लैशेस होता है तो इसमें आप शरीर की कुछ जगहों पर गर्मी का अनुभव करती हैं। यदि आपको बुखार है तो आपके पूरे शरीर का तापमान बढ़ता है। 

हॉट फ्लैशेस होना कब बंद होते हैं?

हॉट फ्लैशेस गर्भावस्था के अन्य लक्षणों में से ही एक है और यह भी बिना मेडिकल ट्रीटमेंट के ठीक हो जाएंगे। हालांकि कई महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान और बाद में हॉट फ्लैशेस का अनुभव होता है। 

प्रेगनेंसी के दौरान हॉट फ्लैशेस से कैसे डील करें

गर्भावस्था के समय में आपको बिना किसी वॉर्निंग के अचानक से हॉट फ्लैशेस की समस्या हो सकती है। वैसे आपको इन असुविधाओं से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप इसे निम्नलिखित तरीकों से ठीक कर सकती हैं। वे कौन से तरीके हैं, आइए जानें; 

  • ठंडे रूम में आराम करें: ध्यान रखें कि आप हॉट फ्लैशेस के प्रभाव को कम करने के लिए घर के वातावरण को ठंडा रखें। ध्यान रहे कि आपके कमरे में सही वेंटिलेशन हो और अच्छी हवा आती हो। आराम करते समय आप हमेशा खिड़कियां खुली रखें ताकि आपके कमरे में ताजी हवा आती रहे और आपको घुटन या ह्यूमिडिटी महसूस न हो।
  • ठंडा पानी पिएं: यदि आपको हॉट फ्लैशेस का अनुभव होता है तो आप ठंडा पानी पिएं। यदि आपको बार-बार गर्माहट अनुभव होती है तो आप एक बोतल में ठंडा पानी रख लें और उसे बार-बार पीती रहें।
  • एक्यूपंक्चर का उपयोग करें: एक्यूपंक्चर की मदद से एंडोर्फिन्स का उत्पादन बढ़ता है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही एक्यूपंक्चर का उपयोग करें।
  • कोल्ड कंप्रेस का उपयोग करें: गर्भावस्था के दौरान यदि आपको गंभीर रूप से हॉट फ्लैशेस का अनुभव होता है तो आप एक साफ कपड़ा लें और उसे ठंडे पानी में भिगो लें। कपड़े को निचोड़ कर आप उससे अपने शरीर के उस भाग को पोंछ लें जहाँ पर आपको हॉट फ्लैशेस का अनुभव होता है। इससे आपको थोड़ी देर के लिए आराम मिल सकता है।
  • योगा करें: कभी-कभी स्ट्रेस से भी हॉट फ्लैशेस की समस्या हो सकती है पर योगा या मेडिटेशन करने से इस समस्या में आपको बहुत आराम मिल सकता है।

  • आहार में बदलाव करें: आप गर्भावस्था के दौरान पूरे नौ महीने हेल्दी आहार लें। इस समय आप फाइबर-युक्त फल और सब्जियां खा सकती हैं जिससे आपको आराम मिलेगा।
  • कैफीन का उपयोग न करें: यदि आप अपने दिन की शुरूआत एक कप कॉफी से करती हैं तो जाहिर है आपके लिए कॉफी पीना छोड़ना मुश्किल होगा। पर गर्भावस्था के दौरान आपको कॉफी पीना छोड़ना चाहिए क्योंकि यह शरीर में हॉट फ्लैशेस हो उत्तेजित करती है। गर्भावस्था में कॉफी छोड़ने से आपको बहुत मदद मिल सकती है।
  • कार्ब युक्त फूड से बचें: कार्ब युक्त भोजन से वजन बढ़ सकता है, जिससे आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है। तो, अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उन खाद्य पदार्थों को शामिल करने से बचें जो कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध हैं।
  • ढीले-ढाले कपड़े पहनें: कपड़े आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में भारी अंतर ला सकते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप ढीले कपड़े पहनें ताकि उचित वायु संचार हो और आपका शरीर सांस ले सके। एक और ट्रिक है लेयरिंग, जिसमे जब भी आप गर्म महसूस करती हैं तो आप कपड़ों की एक लेयर उतार सकती हैं और दोबारा पहन सकती हैं जब हॉट फ्लैशेस आकर चले जाए।
  • स्नान करें: आप दिन में 2-3 बार स्नान कर सकते हैं यदि आप हॉट फ्लैशेस का अनुभव करती हैं, क्योंकि यह न केवल आपको साफ रखता है बल्कि शरीर को ठंडा करने में मदद करता है। हालांकि, हॉट शॉवर से बचें क्योंकि वे शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं और पसीना आने की संभावना बढ़ा सकता है।
  • ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) लें: गर्भावस्था के दौरान तरल पदार्थ आपके सबसे अच्छे दोस्त साबित होंगे। यदि आप हॉट फ्लैशेस के निरंतर मुकाबलों का अनुभव करते हैं, तो आप डिहाइड्रेशन महसूस कर सकते हैं, यही कारण है कि आपको ओआरएस पीना चाहिए। यह न केवल आपको हाइड्रेटेड रखेगा बल्कि आपको ऊर्जावान भी रखेगा। आप दिन भर इस पानी को पी सकती हैं।

डॉक्टर से कब मिलें

हॉट फ्लैशेस होने पर इसे इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। हालंकि कभी-कभी यदि आपको यह जल्दी-जल्दी होता है तो आप डिहाइड्रेशन और थकान का अनुभव कर सकती हैं। ऐसी समस्याएं होने पर आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हॉट फ्लैशेस जल्दी-जल्दी होने पर यह एक गंभीर समस्या का रूप भी ले सकती है इसलिए यदि आपको हॉट फ्लैशेस बहुत ज्यादा और बार-बार होते हैं तो आपको इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है।  

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या हॉट फ्लैशेस से बच्चे का जेंडर पता किया जा सकता है?

इसका कोई प्रमाण नहीं है कि हॉट फ्लैशेस से बच्चे का जेंडर पता चलता है। 

2. क्या हॉट फ्लैश से सिर में दर्द हो सकता है?

गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में हॉट फ्लैशेस और सिर में दर्द एक साथ होता है। हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि हॉट फ्लैशेस की वजह से सिर में दर्द होता है और यह हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण भी हो सकता है। 

3. क्या हॉट फ्लैश से आपके बच्चे के स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ सकता है?

जब ब्लड वेसेल्स खुद को ठंडा करने के लिए फैलते हैं तो आपको गर्माहट का अनुभव हो सकता है। हालांकि इसमें गर्भाशय का तापमान नहीं बढ़ता है। 

4. क्या हॉट फ्लैशेस गर्भावस्था के शुरूआती संकेत में से एक है?

नहीं, सिर्फ हॉट फ्लैशेस होना गर्भावस्था का संकेत नहीं है और यह यह पीरियड्स मिस होने के बाद ही पता चलता है। पर यदि हॉट फ्लैशेस गर्भावस्था के अनेक संकेतों, जैसे संवेदनशील ब्रेस्ट और मॉर्निंग सिकनेस के साथ होता है तो यह गर्भावस्था का एक संकेत हो सकता है। 

गर्भावस्था के दौरान हॉट फालिशेस होना भी बाकी समस्याओं की तरह ही है। हाँ इसमें आपको गर्माहट और स्ट्रेस महसूस हो सकता है पर हॉट फ्लैशेस आपको ज्यादा देर के लिए नहीं प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान यह लक्षण भी अन्य की तरह ही जल्दी खत्म हो जाएंगे। हालांकि यदि आपको जल्दी-जल्दी हॉट फ्लैशेस का अनुभव होता है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना चेक अप करवाएं। 

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