In this Article
एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे ज्यादा खूबसूरत समय है पर इसमें भी बहुत सारे दर्द और तकलीफें होती हैं। गर्भवती महिलाएं कई प्रकार के दर्द व समस्याओं को सहन करती हैं जिसमें पीठ का दर्द सबसे आम है और यह लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को होता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी सबसे सही उपचार है।
सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि फिजियोथेरेपी एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जिस में मालिश करने, हीट थेरेपी, एक्सरसाइज और इलेक्ट्रोथेरेपी जैसे उपचार शामिल हैं। इसमें कोई भी दवा और सर्जरी की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था के दौरान इन समस्याओं को ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी सबसे सही ट्रीटमेंट है। क्योंकि इस समय कोई भी दवा लेने या सर्जरी करवाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि हो सकती है।
हर महिला के लिए गर्भावस्था अलग होती है। कुछ महिलाओं के एड़ियों में दर्द होता है तो कुछ महिलाओं की पीठ में गंभीर रूप से दर्द होता है और कई महिलाएं तो ऐसी भी होती हैं जिन्हें यह दोनों समस्याएं होती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्ट्रक्चर से संबंधित निम्न समस्याएं भी हो सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है महिला के पेट की मांसपेशियां भी बढ़ती हैं। इसमें मसल्स सामने की तरफ बढ़ती हैं जिससे कमर पर दबाव पड़ता है। पूरी गर्भावस्था में पेट बढ़ता है, पीट की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं और कमर पर प्रेशर आता है। यदि कमर में दर्द की वजह से आपके मूवमेंट्स पर असर पड़ता है तो गर्भावस्था के दौरान आपको फिजिकल थेरेपी करनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। इस समय हॉर्मोन्स की वजह से आपकी कलाई और हाथ में दर्द हो सकता है जिससे मसल्स में ढीलापन महसूस हो सकता है। यदि आपके हाथ और कलाई में दर्द होता है तो यह हॉर्मोन्स की वजह से भी हो सकता है।
पहले भी कहा गया है कि गर्भावस्था में पेट की मसल्स स्ट्रेच होती हैं। इसके अलावा इस समय पेल्विक क्षेत्र की मसल्स और लिगामेंट्स भी स्ट्रेच होते हैं जिससे हिप्स और ग्रोइन में दर्द होता है।
आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम समय में महिलाओं को टखने का दर्द होता है। बच्चे का वजन बढ़ने से माँ का पेट बढ़ता है जिसकी वजह से आपकी एड़ियों और पांव पर ज्यादा जोर पड़ता है। इस समय आपको चलने में कठिनाई होती है और इससे टखने पर भी प्रभाव पड़ता है।
गर्भावस्था के दौरान साइटिका नर्व को ठीक करने के लिए फिजिकल थेरेपी करने की सलाह दी जाती है ताकि आपका दर्द कम हो और आपको आराम मिल सके।
गर्भवती महिलाओं को दर्द कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आपको फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाने की क्यों जरूरत है, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रक्चरल समस्याओं को ठीक करने के प्रभावी व सुरक्षित तरीकों में से एक तरीका फिजियोथेरेपी भी है। यदि आपको पहले भी चोट लगी है तो डॉक्टर आपको इसकी सलाह देते हैं। मालिश करवाने, हीट ट्रीटमेंट और एक्सरसाइज से मांसपेशियों और लिगामेंट्स के तनाव को ठीक करने में मदद करता है और साथ ही हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
इस समय आपका शरीर बहुत तेजी से लगातार बदलता है। सिर्फ 9 महीनों में आपके शरीर में इतने बदलाव आ जाएंगे जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकती हैं – इसमें हॉर्मोनल बदलावों से लेकर स्ट्रक्चर के बदलाव तक भी होते हैं। फिजियोथेरेपी की मदद से आपको सभी समस्याओं में मदद मिलती है। फिजियोथेरेपी को कोर ट्रेनिंग से शरीर को बदलाव सहन करने की ताकत मिलती है और इसके लिए शरीर तैयार भी होता है।
आप अन्य एक्सरसाइज की पूरी जानकारी के लिए फिजियोथेरेपिस्ट से मदद ले सकती हैं जिससे आपको लेबर में मदद मिल सके। इसके लिए शरीर को तैयार करने से पेल्विक फ्लोर में समस्याओं की संभावनाएं कम हो सकती हैं।
गर्भावस्था में पेल्विक फ्लोर का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है। फिजियोथेरेपी की सही ट्रेनिंग और एक्सरसाइज से पेलीवी फ्लोर की मांसपेशियों, नर्व्ज और टिश्यू पर तनाव कम रहता है।
आपके ट्रीटमेंट के लिए कुछ तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
देखा जाए तो फिजियोथेरेपी गर्भावस्था में होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए बेस्ट विकल्प है। अच्छी बात यह है कि इससे आप गर्भावस्था के बाद की समस्याओं को भी ठीक कर सकती हैं और यह आपकी चीजों को आसान करने में मदद करती है।
दर्द से राहत और मसल्स को ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी का उपयोग बहुत पहले से होता चला आ रहा है। गर्भावस्था के दौरान इस थेरेपी का उपयोग करने से आपको अलग-अलग अंगों में लगातार होने वाले दर्द में काफी आराम मिल सकता है। वैसे इसके लिए चिकित्सकीय अल्ट्रासाउंड के विकल्प उपलब्ध हैं पर गर्भावस्था के दौरान इससे बढ़ते बच्चे को हानि हो सकती है।
यह भी पढ़ें:
गर्भावस्था के दौरान कमर में दर्द – कारण, लक्षण और उपचार
गर्भावस्था के दौरान स्क्वाट्स कैसे करें
गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज कैसे करें
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…