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गर्भवती हो जाने का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी स्टाइल और लुक से समझौता करें। जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसे आमतौर पर नई चीजों को आजमाने से रोका जाता है, जो बच्चे और माँ के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं और अगर आप गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर के अंगों पर पियर्सिंग कराने यानी छिदवाने के बारे में सोच रही हैं, तो इस बात को पुरानी पीढ़ी के लोगों के सामने बिलकुल भी न कहें। जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपको बेली बटन यानी नाभि, नाक, कान, निप्पल या जेनिटल वाली जगहों पियर्सिंग नहीं कराने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान आपके शरीर चेंजेस हो रहे होते हैं। जब पियर्सिंग वाली जगह ठीक नहीं होती, तो इससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा रहता। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान कोई भी जोखिम लेने से बचें।
हालांकि पियर्सिंग फैशन में है, लेकिन आपको हमेशा यही सुझाव दिया जाता है कि प्रेगनेंसी का समय बहुत ही नाजुक होता है और आपको इस दौरान कोई भी ऐसी चीज नहीं करनी चाहिए जो जोखिम पैदा कर दे, आपको इससे स्टैफ इन्फेक्शन हो सकता है जो बच्चे के लिए अच्छा नहीं है। पियर्सर भी आपको प्रेगनेंसी के दौरान पियर्सिंग कराने की सलाह नहीं देते, क्योंकि पियर्सिंग करवाते समय बेहद सावधानी बरतनी होती है। गर्भावस्था के दौरान आपको पहले ही बहुत सारी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत होती है तो फिर एक चीज और शामिल क्यों करें? गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है, ऐसे में आपको मॉर्निंग सिकनेस, थकान, शरीर दर्द करना जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ेगा, इसलिए शरीर में पियर्सिंग करवाकर इस दर्द को और न बढाएं तो बेहतर है।
पियर्सिंग से कई हेल्थ रिस्क जुड़ी हो सकती हैं। अगर ठीक से देखभाल नहीं की जाती है, तो आपको इन्फेक्शन होने का खतरा हो सकता है, इसके अलावा अगर आप नॉन स्टेराइल इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करती हैं तो आपको इससे हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी या एचआईवी/एड्स का खतरा भी हो सकता है। यह भी संभावना जताई जा सकती है कि आपका शरीर पियर्सिंग के लिए बाहरी ऑब्जेक्ट को स्वीकार न करे और घाव जल्दी ठीक न हो पाए। इसलिए बेहतर यही है कि आप जब तक अपने बच्चे को जन्म नहीं दे देती तब तक कोई पियर्सिंग न कराएं।
यदि पियर्सिंग के लिए गन का उपयोग किया जाता है, तो इससे स्किन टिश्यू को धक्का पहुँचने का बहुत ज्यादा खतरा होता है। एक तेज डिस्पोजेबल सुई पियर्सिंग गन की तुलना में काफी कम दर्दनाक होती, गन से आपको घाव हो सकता है। हालांकि, आपको क्रॉस-कंटैमिनेशन और इन्फेक्शन को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने इंस्ट्रूमेंट को स्टेरलाइज करना होगा।
गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर में पियर्सिंग कराने के खुद में ही कुछ रिस्क हैं। इससे आपको इन्फेक्शन होने का ज्यादा खतरा रहेगा चाहे आप कितनी भी सावधानी क्यों न बरतें। गर्भवती महिलाओं में इसका खतरा और भी ज्यादा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि आप फिजिकल चेंजेस से गुजर रही होती हैं और फीटस विकास कर रहा होता है। गर्भावस्था के दौरान पियर्सिंग से जुड़े कुछ प्रमुख जोखिम आपको नीचे बताए गए हैं:
एक्सपर्ट्स के अनुसार, आपके शरीर के कुछ हिस्सों पर पियर्सिंग न कराना ही बेहतर होता है। गर्भावस्था के दौरान कार्टिलेज पियर्सिंग को शामिल करना सबसे खतरनाक होता है, क्योंकि ब्लड सप्लाई कम होने की वजह से घाव भरने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान नाक छिदवाने से भी बचना चाहिए। जीभ पर हॉरिजॉन्टल या वर्टिकल पियर्सिंग कराने से सेंसेशन खतम हो सकता है और पैरालिसिस होने का भी खतरा होता है। ओरल पियर्सिंग से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग, इन्फेक्शन और चोट लग सकती है। इसके अलावा, अपने निप्पल, बेली बटन या जेनिटल वाली नाजुक जगहों पर पियर्सिंग न करवाएं, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान कई तरह के बदलावों से गुजर रहे होते हैं।
यहाँ आपको बताया गया है कि अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान पियर्सिंग कराती हैं तो आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए:
बच्चे के जन्म से पहले बेली बटन और जेनिटल में पहनी गई ज्वेलरी को हटा देना चाहिए। यदि जन्म के दौरान सी-सेक्शन या मेडिकल इंटरवेंशन की जरूरत पड़ती है, तो सभी ज्वेलरी को हटा दिया जाना चाहिए। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय निप्पल ज्वेलरी को भी हटा देने चाहिए।
गर्भावस्था एक नाजुक चरण होता है इसलिए कोई जोखिम न लें। प्रेगनेंसी के दौरान माँ का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और पियर्सिंग से उसे इन्फेक्शन होने का खतरा होता है, इसलिए अगर आप पियर्सिंग कराने के बारे में विचार कर रही हैं तो, बच्चे के जन्म तक थोड़ा इंतजार करें।
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