गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटल अब्रप्शन (अब्रप्शियो प्लेसेंटे)

अब्रप्शियो प्लेसेंटे, जिसे आमतौर पर प्लेसेंटल अब्रप्शन के नाम से जाना जाता है, गर्भावस्था की एक गंभीर जटिलता है। हालांकि यह समस्या आम नहीं है, लेकिन इस स्थिति में ब्लीडिंग हो सकती है और बच्चे तक जाने वाले ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स में रुकावट आ सकती है। सामान्यतः प्लेसेंटल अब्रप्शन लेट प्रेगनेंसी में या एक्टिव लेबर के दौरान होता है और इसके कारण प्रीमैच्योर डिलीवरी हो सकती है या जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है। इस जटिलता और इससे जुड़े खतरों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन क्या है?

प्लेसेंटल अब्रप्शन गर्भावस्था के दौरान अप्रत्याशित ढंग से हो सकता है। प्लेसेंटा – एक गोलाकार, चपटा अंग जो कि ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को मां से लेकर बच्चे तक पहुंचाता है – आपकी गर्भाशय के दीवार से जुड़ा होता है। बच्चा अंबिलिकल कॉर्ड के द्वारा प्लेसेंटा से जुड़ा होता है। बच्चे के जन्म के बाद आमतौर पर प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार से अलग होकर बाहर आ जाता है। प्लेसेंटल अब्रप्शन में प्लेसेंटा बच्चे के जन्म से पहले ही गर्भाशय से अलग हो जाता है। इस तरह प्लेसेंटा का अलग होना गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद कभी भी हो सकता है और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन कितना आम है?

प्लेसेंटल अब्रप्शन एक दुर्लभ घटना है, जो कि 100 में से एक गर्भावस्था में देखी जाती है। इसका मतलब है, कि केवल 1% गर्भवती महिला इस जटिलता का सामना करती है। लेकिन अगर आपने अपनी पहली गर्भावस्था में प्लेसेंटल अब्रप्शन का अनुभव किया है, तो आपकी अगली प्रेगनेंसी में इसके होने की संभावना 10% तक और तीसरी गर्भावस्था में 20% तक बढ़ जाती है। प्लेसेंटल अब्रप्शन के ज्यादातर मामलों को इलाज के द्वारा सफलतापूर्वक ठीक किया जा सकता है। हालांकि इनकी सफलता की दर, प्लेसेंटा के अलग होने के प्रकार पर निर्भर करती है। 

यह सबसे अधिक किसे प्रभावित कर सकता है?

ऐसे कुछ मामले देखे गए हैं, जिनमें महिला को प्लेसेंटल अब्रप्शन का खतरा हो सकता है। हालांकि नीचे दिए गए फैक्टर और प्लेसेंटल अब्रप्शन के बीच अब तक कोई स्पष्ट संबंध स्थापित नहीं हुआ है। लेकिन, ऐसा देखा गया है, कि नीचे दिए गए फैक्टर्स ऐसी अधिकतर महिलाओं में पाए जाते हैं: 

  • मां की उम्रमहिला की उम्र 35 या इससे अधिक होने पर प्लेसेंटल अब्रप्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • एक से अधिक बच्चे होना – यदि गर्भ में एक से अधिक शिशु हों, तो पहले बेबी के जन्म के बाद कभी-कभी गर्भाशय में बदलाव हो सकते हैं, जिसके कारण दूसरे बच्चे या बच्चों के जन्म से पहले प्लेसेंटल अब्रप्शन हो सकता है।
  • प्लेसेंटल अब्रप्शन की पूर्व घटनाएं – अगर आपको अपनी पहली गर्भावस्था में प्लेसेंटा अब्रप्शन का अनुभव हो चुका है, तो दोबारा इसके होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
  • धूम्रपान या गैरकानूनी ड्रग्स का सेवन – जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान स्मोक करती हैं या ड्रग्स का इस्तेमाल करती हैं, उनमें प्लेसेंटल अब्रप्शन का खतरा ज्यादा होता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर – हो सकता है, कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो या गर्भावस्था के दौरान आप इससे ग्रसित हो गई हों। वजह चाहे जो भी हो, पर इससे प्लेसेंटल अब्रप्शन का खतरा बढ़ जाता है।

प्लेसेंटल अब्रप्शन के क्या कारण होते हैं?

प्लेसेंटल अब्रप्शन के सटीक कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। लेकिन नीचे दी गई जटिलताएं महिला के लिए प्लेसेंटल अब्रप्शन के खतरे को बढ़ा सकती हैं और इन्हें प्लेसेंटल अब्रप्शन का कारण माना गया है: 

  • एब्डोमिनल ट्रामा – गर्भावस्था के दौरान वाहन दुर्घटना, गिरने आदि से ट्रौमैटिक इंजरी का अनुभव होने से प्लेसेंटल अब्रप्शन का खतरा बढ़ सकता है।
  • गर्भावस्था में जटिलताएं – यूटेराइन इन्फेक्शन, एमनियोटिक फ्लूइड का बढ़ा हुआ स्तर और अंबिलिकल कॉर्ड से जुड़ी समस्याएं ऐसी कुछ स्थितियां हैं, जो प्लेसेंटल अब्रप्शन को ट्रिगर कर सकती हैं।
  • ब्लड क्लॉटिंग समस्याएं – अगर आपको ऐसी कोई भी परेशानी है, जो खून के जमने की क्षमता को प्रभावित करती है, तो इससे प्लेसेंटल अब्रप्शन हो सकता है।
  • मेंब्रेन का जल्दी फट जाना – अगर एमनियोटिक थैली लेबर की शुरुआत से पहले फट जाती है, तो प्लेसेंटल अब्रप्शन की संभावना हो सकती है।
  • बच्चे की असामान्य पोजीशन – अगर आपका बच्चा साइडवेज की स्थिति में हो या ब्रीच पोजीशन में हो, तो प्लेसेंटल अब्रप्शन होने का खतरा होता है।

ये ऐसे कुछ संभावित कारण हैं, जिनके कारण प्लेसेंटल अब्रप्शन हो सकता है। लेकिन इनमें से किसी एक या एक से अधिक जटिलता के होने का हमेशा यह मतलब नहीं है कि आपको प्लेसेंटल अब्रप्शन होगा ही। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन के आम संकेत और लक्षण

वेजाइनल ब्लीडिंग, प्लेसेंटल अब्रप्शन का सबसे प्रमुख लक्षण है और यह गर्भावस्था के 20 सप्ताह पूरे होने के बाद कभी भी हो सकता है। आमतौर पर यह अचानक होता है और इसमें खून की मात्रा बहुत कम से लेकर बहुत अधिक भी हो सकती है। लेकिन कम ब्लीडिंग का यह मतलब नहीं है, कि अब्रप्शन गंभीर नहीं है। खून गर्भाशय के अंदर फंसा हुआ भी हो सकता है। प्लेसेंटल अब्रप्शन के अन्य लक्षण जो आपको पता होने चाहिए, वे नीचे दिए गए हैं: 

  • आपके पेट या पीठ में दर्द होना
  • जल्दी और बार-बार होने वाले यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन (गर्भाशय के संकुचन)
  • गर्भाशय में नरमी
  • बच्चे की गतिविधि का कम हो जाना
  • आपकी पानी की थैली फटना और उसमें खून भी मौजूद होना
  • फीटस की हृदय गति में असामान्य बदलाव

प्लेसेंटल अब्रप्शन के लक्षण समय के साथ बिगड़ जाते हैं। तीसरी तिमाही में किसी भी तरह की वेजाइनल ब्लीडिंग विशेष रूप से चिंताजनक होती है और ऐसा होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन होने पर वास्तव में क्या होता है?

‘प्लेसेंटल अब्रप्शन में कैसा महसूस होता है?’ इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। क्योंकि वेजाइनल ब्लीडिंग इसका प्रमुख लक्षण है और इसके साथ पीठ में दर्द या असुविधा भी हो सकती है। कभी-कभी इसमें कोई ब्लीडिंग नहीं होती है और केवल असुविधा या टेंडरनेस देखी जाती है और ये लक्षण बिल्कुल सामान्य होते हैं। पीठ में दर्द और असुविधा प्रेगनेंसी के दौरान आम बात है। कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान (खासकर पहली तिमाही में) स्पॉटिंग का अनुभव करती हैं। गर्भावस्था के दौरान सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से भी स्पॉटिंग हो सकता है। इसलिए केवल इन लक्षणों के दिखने को, प्लेसेंटल अब्रप्शन का संकेत नहीं माना जा सकता है और ये लक्षण इस सवाल का जवाब भी नहीं दे सकते हैं, कि ‘प्लेसेंटल अब्रप्शन में कैसा महसूस होता है?’ इसलिए कोई भी चिंताजनक स्थिति महसूस होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ही सबसे बेहतर विकल्प है। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन की पहचान कैसे होती है?

एक शारीरिक जांच, ब्लड टेस्ट और फीटल मॉनिटरिंग ऐसे कुछ तरीके हैं, जिनका इस्तेमाल करके डॉक्टर प्लेसेंटल अब्रप्शन की पहचान करते हैं। आपके डॉक्टर प्लेसेंटल अब्रप्शन के लिए एक अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन कई मामलों में जब तक बच्चे का जन्म नहीं होता, तब तक किसी निर्णय तक पहुंच पाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि अल्ट्रासाउंड सभी प्लेसेंटल अब्रप्शन को नहीं पहचान सकते हैं। 

प्लेसेंटल अब्रप्शन के लिए इलाज

अब्रप्शन का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। सौम्य, मध्यम या गंभीर प्लेसेंटल अब्रप्शन की तीन कैटेगरी हैं। जब ब्लड लॉस होने के बाद वह रुक जाए और आप और बच्चा सामान्य स्थिति में हों, तो उसे सौम्य कहा जाता है। चूंकि प्लेसेंटा को वापस जोड़ पाना संभव नहीं है, तो ऐसे में इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है, कि आप की गर्भावस्था कितनी आगे बढ़ चुकी है। 

  • माइल्ड प्लेसेंटल अब्रप्शन (24 से 34 सप्ताह) – अगर बच्चे की हृदय गति सामान्य हो, तो आपकी प्रोग्रेस को लगातार मॉनिटर किया जाएगा। डॉक्टर आपको बच्चे के फेफड़ों के विकास को बढ़ाने के लिए कुछ दवाएं प्रिसक्राइब कर सकते हैं या फिर आपको हॉस्पिटल में भर्ती करके करीब से मॉनिटर किया जा सकता है।
  • माइल्ड प्लेसेंटल अब्रप्शन (34 सप्ताह के बाद) – डॉक्टर लेबर उत्पन्न करने का निर्णय ले सकते हैं या फिर जटिलता के आने वाले खतरे को कम करने के लिए सी-सेक्शन डिलीवरी की सलाह दे सकते हैं, खासकर अगर बच्चा पर्याप्त मात्रा में विकसित हो चुका हो तो।
  • मध्यम से गंभीर अब्रप्शन – जब ब्लड लॉस अधिक मात्रा में हुआ हो और आपको या आपके बच्चे को तकलीफ हो रही हो, तो डिलीवरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। अधिकतर मामलों में डॉक्टर तुरंत सी-सेक्शन करने का फैसला करते हैं।

कुछ दुर्लभ मामलों में जब ब्लीडिंग को रोकना संभव नहीं हो पाता है, तब प्लेसेंटल अब्रप्शन के इलाज के लिए हिस्टेरेक्टॉमी ही केवल एक विकल्प रह जाता है। इसमें सर्जरी के द्वारा गर्भाशय को बाहर निकाल दिया जाता है। 

क्या प्लेसेंटल अब्रप्शन से बचाव संभव है?

‘प्लेसेंटल अब्रप्शन से बचाव कैसे हो’ इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। लेकिन आप प्लेसेंटल अब्रप्शन के खतरे को कुछ हद तक रोकने के लिए कुछ कदम उठा सकती हैं: 

  • डॉक्टर की अपॉइंटमेंट को मिस न करें। इससे आपके ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने में मदद मिलेगी।

  • कार में यात्रा या ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट लगाकर अपने पेट को सुरक्षित रखें।

  • गर्भाश्य होने पर धूम्रपान या ड्रग्स का इस्तेमाल न करें।

  • किसी ऊंची-नीची जगह पर चलते समय या सीढ़ियां चढ़ते-उतरते समय या ऐसे ही किसी काम के दौरान सावधानी बरतें, ताकि गिर कर पेट पर चोट लगने से बचाव हो सके।

अपने डॉक्टर को कब कॉल करें?

अगर आपको अपनी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में किसी तरह की वजह वेजाइनल ब्लीडिंग का अनुभव होता है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पेट में दर्द, पीठ में गंभीर दर्द और तेज यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन इन सभी स्थितियों को इमरजेंसी माना जाता है और ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

समय पर पहचान और उचित इलाज के द्वारा प्लेसेंटल अब्रप्शन से बड़े पैमाने पर ठीक किया जा सकता है। याद रखें, कि आपके डॉक्टर ही ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं, जो सही जांच कर सकते हैं और ऐसे मामलों में आपकी मदद कर सकते हैं। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी किसी क्वालिफाइड प्रोफेशनल के मेडिकल परामर्श का विकल्प नहीं है। इसलिए कोई भी संदेह होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी कदम न उठाएं। 

यह भी पढ़ें: 

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पूजा ठाकुर

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