गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान रेकी – फायदे और प्रैक्टिस टिप्स

प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन में कुछ पलों के लिए बदलाव नहीं लाती है, बल्कि यह उन्हें पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से बदल देती है। आपने गर्भ में बच्चे को 9 महीने तक रखने की खुशी और एक्साइटमेंट के साथ खुद से पहले बच्चे का ध्यान रखने के लिए होने वाली चिंता भी इसी बदलाव का एक हिस्सा है। ऐसे में आपका मानसिक रूप से शांत रहना जरूरी है और इसलिए कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान रेकी ट्रीटमेंट लेने की इच्छा जताती हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गर्भावस्था के दौरान आपके लिए सुरक्षित होगा। यह ज्यादातर महिलाओं को एक बेहतरीन ऑप्शन लगता है, क्योंकि इसमें कोई दवा या उपचार नहीं करना होता है, जिससे आपके बच्चे पर कोई बुरा असर पड़ने का खतरा नहीं होता है। लेकिन क्या रेकी की प्रक्रिया बच्चे को भी प्रभावित कर सकती है? क्या यह आपके अच्छा है या फिर आपको इससे समस्या का सामना करना पड़ सकता है? आइए जानते हैं। 

रेकी क्या है?

रेकी विभिन्न तकनीकों में से एक है जो दुनिया भर में और मौजूदा एनर्जी का उपयोग करके लोगों के शरीर में उर्जा का संचार करती है। इसकी शुरुआत जापान से हुई, इस प्रक्रिया के दौरान लोगों के शरीर में मौजूद स्ट्रेस को कम किया जाता है और यह दिमाग को शांत करने के साथ पूरे शरीर को रिलैक्स करती है। रेकी इस सिद्धांत पर यकीन रखता है कि ध्वनि ऊर्जा बेहतरीन रूप से लोगो को हील करने का काम खुद करती है, जो आपको हील कर रहा होता है वो अपनी एनर्जी आपके अंदर ट्रांसफर कर देता है।

क्या गर्भावस्था के दौरान रेकी करना सुरक्षित है?

रेकी मुख्य रूप से शरीर के भीतर मौजूद आध्यात्मिक ऊर्जा (स्पिरिचुअल एनर्जी) पर काम करती है। इसलिए, गर्भ में बच्चे को इससे कोई नुकसान पहुँचने की संभावना नहीं होती है। रेकी की प्रैक्टिस से करने से यह बच्चे को भी एनर्जी प्रदान करती है, जो या तो बच्चे को बिलकुल शांत रखती है या फिर वो इससे उत्तेजित हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान रेकी के फायदे

रेकी की प्रैक्टिस करने से न केवल माँ के लिए अच्छा होता है बल्कि यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी बहुत लाभकारी होता है, आपको नीचे इससे प्राप्त होने वाले कुछ फायदे बताए गए हैं।

  1. एनर्जी के जरिए माँ और बच्चे के बीच एक आध्यात्मिक रिश्ता कायम करता है, जो रेकी के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है।
  2. पिता को शायद ही यह मौका मिलता हो कि वो बच्चे से गर्भ के अंदर बातचीत कर सकें। रेकी के जरिए पिता और बच्चे के बीच ऊर्जा संपर्क स्थापित करने में मदद मिलती है।
  3. जो बच्चे मूवमेंट नहीं कर रहे थे, वो गर्भ में रेकी के कारण मूवमेंट करना शुरू कर सकते हैं।
  4. गर्भावस्था के दौरान एंग्जाइटी और स्ट्रेस को दूर करने के लिए रेकी बहुत उपयोगी मानी जाती है, ये माँ को शांति प्रदान करती है।
  5. डिलीवरी की प्रक्रिया एक महिला के लिए काफी मुश्किल होती है। कई बार डिलीवरी के दौरान भी रेकी की मदद से होने वाली माँ को शांत किया जाता है और बर्थ प्रोसेस को आसान बनाया जा सके।
  6. रेकी प्रैक्टिशनर का कहना है कि रेकी के माध्यम से माँ बनने के इस सफर को आसान बनाया जा सकता है।
  7. रेकी के कारण सीजेरियन डिलीवरी होने की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि रेकी बच्चे की पोजीशन या अन्य गर्भावस्था से संबंधित कॉम्प्लिकेशन को दूर करने में मदद करती है।
  8. कुछ महिलाओं को अपने बच्चे को जन्म देने में डर लगता है, जिससे डिलीवरी के दौरान बाधा उत्पन्न होती है। रेकी आपके इस डर को दूर करने में मदद करती है।
  9. जिन महिलाओं को लेबर के दौरान बहुत ज्यादा दर्द का अनुभव होता है, रेकी की मदद से उन्हें दर्द में काफी हद तक राहत मिलती है जिसे वो बर्दाश्त कर सकें।
  10. डिलीवरी के दौरान होने वाली माँ की सेहत पर काफी असर पड़ता है, रेकी से आपके शरीर का स्वास्थ्य वापस से बेहतर होने लगता है।
  11. रेकी से सकारात्मक ऊर्जा मिलने के कारण, आपके शरीर के विभिन्न अंग ठीक से काम करने लगते हैं और समय के साथ आपकी नींद की समस्याएं भी बेहतर होने लगती है।
  12. गर्भावस्था के दौरान शरीर बहुत सारे बदलाव और स्ट्रेस से गुजरता है। रेकी के एक सेशन के बाद ये आपकी मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं और आप खुद को पहले से बेहतर महसूस करेंगी।
  13. गर्भावस्था के शुरुआती दिन किसी भी नई माँ के लिए काफी इग्जॉस्टिंग हो सकते हैं। रेकी प्रेगनेंसी के दौरान लगातार अनुभव होने वाली मतली और थकान से राहत दिलाती है।
  14. रेकी करने से पूरे परिवार में एक शांति का माहौल बना रहता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद है।
  15. माँ के अंदर इमोशनल सपोर्ट होना बहुत जरूरी है। रेकी आपको इमोशनल सपोर्ट भी प्रदान करती है।

क्या आप गर्भावस्था के दौरान खुद रेकी प्रैक्टिस कर सकती हैं?

रेकी की प्रक्रिया तब बेहतरीन रूप से काम करती हैं, जब हीलर के जरिए इस प्रक्रिया को किसी दूसरे व्यक्ति पर लागू किया जाए या फिर कोई व्यक्ति खुद से ही इस प्रक्रिया को कर सकता है। गर्भवती महिलाएं भी ऐसा ही कर सकती हैं, यदि वे खुद रेकी की प्रक्रिया को करने में सक्षम हों। हालांकि नॉर्मली रेकी सेशन एक घंटे या उससे ज्यादा देर तक चलता है, लेकिन जब कोई गर्भवती महिला खुद से ही रेकी करती हैं तो उन्हें सेशन का समय आधा कर देना चाहिए। सेशन के दौरान सही पोजीशन में रहना बहुत जरूरी है और इसका इफेक्ट आपकी प्रेगनेंसी स्टेज पर निर्भर करता है।

गर्भावस्था के दौरान खुद से रेकी प्रैक्टिस करने से आपके अंदर आत्मविश्वास की भावना और खुद को शांत करने की क्षमता पैदा होती है, प्रेगनेंसी के दौरान आपको बिना किसी कारण के चिंता और एंग्जाइटी महसूस होने लगती है, आप रेकी की मदद से अपने शरीर के स्ट्रेस को कम कर सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान खुद से रेकी ट्रीटमेंट कैसे करें

यहाँ आपको कुछ सिंपल स्टेप बताए गए हैं जिसका पालन करते हुए आप गर्भावस्था के दौरान खुद से रेकी की प्रैक्टिस कर सकती हैं ।

  1. आराम से बैठें और रेकी के सिद्धांतों को पढ़ें।
  2. अपने लक्ष्य को तय करते हुए अपने हाथों को सिर से हृदय तक मूव करें, इस प्रकार हर क्षेत्र में पर्याप्त समय बिताएं।
  3. अब हाथों को एक के बाद एक पसलियों के नीचे, नाभि के नीचे और पेल्विक पर रखें। अपने मन में अच्छी भावना रखते हुए इन क्षेत्रों में ऊर्जा का संचार करें।
  4. जब यह सेशन पूरा हो जाए, तो अपने अंदर इस सकारात्मक ऊर्जा के लिए आभारी रहें।

क्या गर्भवती महिला के रेकी करने से बच्चा भी प्रभावित होता है?

गर्भावस्था के दौरान रेकी आपके लिए फायदेमंद है या नहीं इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है। हालांकि, अगर इस मेथड को अपनाया जाए तब भी यह आपके बच्चे के लिए फायदेमंद होगा।

शुरूआती गर्भावस्था के दौरान रेकी पहली बार माँ बनने जा रही महिलाओं के लिए एक वरदान है और डिलीवरी के दौरान भी इसके कई फायदे हैं। रेकी की शुरुआत करना आपके लिए एक अच्छा फैसला हो सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया केवल तभी खुद करना चाहिए जब आप खुद इसे करने में कुशल हों। प्रेगनेंसी के दौरान एक अच्छी मानसिकता बनाए रखना बहुत जरूरी है और इसी में आप और आपके बच्चे की भलाई भी है।

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समर नक़वी

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