माँ बनना ढेर सारी खुशियों और दर्द का एक मिला जुला अनुभव होता है। अपने अंदर बढ़ रहे बच्चे को महसूस कर पाना बेहद खूबसूरत अहसास होता है, लेकिन बहुत सारी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत दर्द और परेशानी से होकर गुजरना पड़ता है। एक ऐसा दर्द है जिसे प्रेगनेंसी के दौरान लगभग सभी महिलाएं अनुभव करती है, वो हैं कोक्सीक्स या टेलबोन पेन, जो टेलबोन पर अत्यधिक दबाव पड़ने के कारण पैदा होता है।
टेलबोन में दर्द क्या है?
कई गर्भवती महिलाएं बैक या पेल्विक रीजन में दर्द की शिकायत करती हैं। ये सभी पेन कोक्सीक्स पेन के अलग-अलग प्रकार हैं। गर्भावस्था के दौरान टेलबोन में होने वाला दर्द बहुत आम दर्द है, जो अक्सर महिलाएं अनुभव करती हैं। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी बढ़ने लगती है आपका बच्चा गर्भ बढ़ा होने लगता है। इससे आपके शरीर के निचले हिस्से में दबाव बढ़ने लगता है और इस वजह से आपको टेलबोन में दर्द का अहसास होता है।
गर्भावस्था के दौरान टेलबोन या कोक्सीक्स में दर्द का अनुभव करना पूरी तरह से नॉर्मल है, क्योंकि जाहिर सी बात है जैसे जैसे आपकी प्रेगनेंसी बढ़ेगी और गर्भ में बच्चे का आकार बढ़ेगा तो आपकी रीढ़ के अंत में मौजूद टेलबोल पर दबाव पड़ेगा, जो गर्भाशय के ठीक पीछे होती है। बच्चे के लगातार बढ़ने की वजह से आपको कुछ हद तक दर्द का अहसास होगा, जो आने वाले समय में और भी बढ़ सकता है और डिलीवरी के महीने तक बना रह सकता है। कुछ मामलों में, डिलीवरी के बाद भी यह दर्द जारी रहता है।
गर्भवती महिलाओं में टेलबोन के दर्द का क्या कारण होता है?
गर्भावस्था के दौरान टेलबोन में दर्द कुछ इन सामान्य कारणों के वजह से होती है।
- प्रेगनेंसी हार्मोन: पहली तिमाही के दौरान, शरीर रिलैक्सिन और एस्ट्रोजेन रिलीज करता है, जो पेल्विक रीजन को रिलैक्स करने का काम करता है। ऐब्डॉमिनल क्षेत्र में मौजूद लिगामेंट स्ट्रेच होती हैं और बच्चे के लिए जगह बनाती हैं, जिसकी वजह से दर्द होता है।
- गर्भ में बढ़ता हुआ बच्चा: जैसे जैसे महीने बीतते जाएंगे आपका बच्चा बड़ा होता जाएगा। दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान, बच्चा टेलबोन के विरुद्ध धक्का देना शुरू कर देता है, जो गर्भाशय के ठीक पीछे होती है। बच्चे द्वारा धक्का देने या मूवमेंट करने की प्रकिया के कारण आपको दर्द महसूस होता है, जो डिलीवरी के समय तक बढ़ता ही रहता है।
- अन्य कारण: गर्भावस्था के आखिरी चरण के दौरान, बच्चा पूरी तरह से टेलबोन के खिलाफ दबाव डालता है, इस प्रकार हड्डी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ने लगता है। यहाँ तक कि थोड़ी सी भी अव्यवस्था टेलबोन पर दबाव डाल सकती है, जिससे आपको दर्द हो सकता है। कोई भी ऐसी एक्टिविटी जिसमें आपको फिजिकल वर्क शामिल होता है जैसे, चलना, साइकलिंग करना, बैठना यहाँ तक खड़े होने से भी यह दर्द का कारण बन सकता है, इसलिए आपको इस समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह बहुत नाजुक समय होता है।
गर्भावस्था के दौरान टेलबोन में दर्द होने के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान टेलबोन में होने वाले दर्द के लक्षणों को पहचानना आसान है। क्योंकि दर्द के दौरान फिजिकल सेंसेशन होती है, जो आपको तुरंत संकेत देता है। इसके कुछ लक्षणों के बारे में आपको नीचे बताया गया है:
- रीढ़ के अंत वाले हिस्से में धीरे-धीरे दर्द बढ़ना
- कूल्हे में तेज या हल्का दर्द होना
- पोस्चर के बदलने के हिसाब से दर्द का बढ़ना या घटना
- लोवर बैक या हिप में लगातार दर्द
- चलने, चढ़ने, उठने और मुड़ने के समय दर्द होना
- कब्ज के दौरान यह दर्द और भी बढ़ जाता है
- फिजिकल एक्टिविटी करने के बाद दर्द कुछ कम हो जाता है
वो कंडीशन जो गर्भावस्था के दौरान टेलबोन दर्द को बढ़ा सकती है
ऐसे कई फैक्टर हैं जिसके आधार पर दर्द की गंभीरता निर्भर करती है। जैसे कि आपको पहले भी कहा गया है कि इस समय आपको बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे को शुरूआती कुछ सालों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहाँ आपको कुछ कारणों के बारे में बताया गया है जो कोक्सीक्स पेन को बढ़ावा दे सकते हैं।
- हाइपरमोबिलिटी: यदि कोई महिला बिना आराम किए प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा चलती फिरती है, तो ऐसे में उनकी टेलबोन पर स्ट्रेस पड़ता है, जिसकी वजह से यह दर्द ट्रिगर कर सकता है।
- लिमिटेड चलना फिरना: यदि एक महिला लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहती है, तो इससे टेलबोन पर दबाव बढ़ता है और आपको दर्द महसूस होता है।
- लगातार स्ट्रेस पड़ना: यदि आपके टेलबोन में पहले चोट आई हो और उसपर लगातार स्ट्रेस पड़ रहा हो, तो इस बात की काफी संभावना होती है कि आपका यह दर्द और भी ज्यादा बढ़ सकता है।
- इन्फेक्शन: कोई भी इन्फेक्शन जो टेलबोन को प्रभावित करता है वो इसके दर्द का कारण बन सकता है।
- मोटापा: मोटापे से पीड़ित महिलाओं में कोक्सीक्स पेन के बढ़ने की ज्यादा संभावना होती है, क्योंकि हड्डियों पर पड़ने वाला फैट की वजह से और अधिक बढ़ सकता है, जिसके कारण आपके दर्द में वृद्धि हो सकती है।
टेलबोन के दर्द से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज
- स्विमिंग: स्विमिंग हमेशा से ही एक बेहतरीन एक्सरसाइज मानी जाती रही है और यह गर्भावस्था के दौरान टेलबोन के दर्द को दूर करने के लिए इसे अच्छा उपचार के रूप में काम कर सकता है।
- योगा: योगा आपके मन और शरीर दोनों को आराम देता है और आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है जो अलग-अलग लेवल के दर्द का सामना करने में आपकी मदद करता है। योगा की वजह से आपके शरीर में अच्छी तरह से ब्लड सर्कुलेशन होता है जो आप और बच्चे की हेल्दी ग्रोथ में प्रभावी रूप से काम करता है।
टेलबोन के दर्द को कम करने के लिए ट्रीटमेंट और टिप्स
आपके द्वारा थोड़ी एहतियात बरतने से, टेलबोन में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने में आपको मदद मिलती है। गर्भावस्था के दौरान, आपकी लाइफस्टाइल में होने वाले छोटे-छोटे चेंजेस से भी आपके ऊपर काफी प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि टेलबोन में होने वाला दर्द समय के साथ बढ़ता जाता है, इसलिए आपको एक सुरक्षित और इफेक्टिव तरीके से दर्द से छुटकारा पाने का प्रयास करना चाहिए। यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान आपको होने वाले कोक्सीक्स पेन को कम करने के लिए कुछ तरीके बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं।
- स्पेशल कुशन का उपयोग करें: आपको इस बात का खयाल रखना चाहिए कि आप किसी हार्ड सरफेस पर रेस्ट न करें, बल्कि टेलबोन में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए, आपको स्पेशल कुशन का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इससे आपकी टेलबोन पर पड़ने वाले प्रेशर से कुछ राहत मिलती है।
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने से बचें: कोशिश करें कि आप कुछ देर के बाद अपनी पोजीशन को बदलती रहे या थोड़ा मूवमेंट करें। एक ही पोस्चर में लंबे समय तक रहने से बचें। इस तरह की कंडीशन में थोड़ा चलना और लाइट एक्सरसाइज करना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
- हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें: भले ही इस उपचार का कोई ठोस सबूत न हो, लेकिन हीटिंग पैड दर्द को कम करने में काफी प्रभावी होता है। हीटिंग पैड की मदद से टेलबोन वाले क्षेत्र में ब्लड सप्लाई बेहतर रूप से होती है, यह ब्लड क्लॉट जो दर्द को बढ़ा सकता है उसे रोकने में मदद करता है। हालांकि, ध्यान रहे कि हीटिंग पैड बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे आपको जलन और असुविधा हो सकती है।
- अपने सोने की पोजीशन को बदलती रहें: गर्भावस्था के दौरान आपके सोने की पोजीशन बहुत मायने रखती है और इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए। यदि आपको अपनी पीठ के बल सोने की आदत है, तो आपको सोने की पोजीशन को बदलना चाहिए, क्योंकि यह आपके टेलबोन पर बहुत ज्यादा प्रेशर डाल सकता है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आपको अपने लेफ्ट साइड करवट कर के सोना चाहिए, यह दर्द को कम करता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
- झुकने से बचें: आपको प्रेगनेंसी के दौरान झुकने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चा और भी ज्यादा टेलबोन की तरफ दबाव डालेगा, जिससे आपको ज्यादा दर्द हो सकता है। यह दर्द काफी तेज और अचानक हो सकता है।
- हील वाले जूते न पहनें: आपको टेलबोन के दर्द को कम करने के लिए गर्भावस्था के दौरान फ्लैट-सोल वाले जूते पहनने चाहिए।
- हल्के पेनकिलर: आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि दर्द बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण आप इसे बर्दाश्त न कर पाएं। इस तरह के हालातों में आपको अपने डॉक्टर से से पेनकिलर लेने की बात करनी चाहिए, लेकिन खयाल रहे आप खुद से कोई कोई भी दवा न लें।
- अपनी आंतों को आराम दें: यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह छोटा सा कदम बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।
- झटकेदार मूवमेंट से बचें: किसी भी अचानक मूवमेंट से बचें, जिससे आपके शरीर को तेज झटका लगे।
क्या टेलबोन के दर्द को कम किया जा सकता है?
कोक्सीक्स पेन या गर्भावस्था के दौरान टेलबोन में दर्द से ज्यादातर बचा नहीं जा सकता है, क्योंकि एक महिला का शरीर बच्चे की ग्रोथ के लिए जगह बना रहा होता है जिसकी वजह से न केवल टेलबोन बल्कि इंटरनल ऑर्गन पर भी दवाब पड़ता है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है टेलबोन पर इसका प्रेशर पड़ने लगता है और आपको दर्द का अहसास होता है। फिर, हार्मोन, रिलैक्सिन, स्राव होने लगता है और हड्डियां शिफ्ट होने लगती हैं, इसके कारण आपको असुविधा होती है। शरीर में होने वाली ये सभी चेंजेस जरूरी होते हैं, क्योंकि यह आपको डिलीवरी के लिए तैयार कर रहा होता है। डिलीवरी के दौरान, टेलबोन पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, फिर धीरे-धीरे कुछ महीनों के बाद यह कम हो जाता है। यदि दर्द कुछ महीने बीतने के बाद भी बना रहता है, तो आपको किसी फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श करना चाहिए।
टेलबोन के दर्द से बचना मुश्किल है, साथ ही यह एक महिला को डिलीवरी के लिए तैयार करता है। आपका शरीर हार्मोन रिलैक्सिन प्रोड्यूस करता है, जो गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर के स्ट्रेस को कम करने के लिए एक प्राकृतिक रूप से दर्द कम करने का काम करता है। हालांकि आपको तेज दर्द का अनुभव हो सकता है और इसके लिए सबसे बेहतर यही है कि आप रोजाना लाइट एक्सरसाइज करें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखें। अच्छी बात यह है कि यह दर्द प्रेगनेंसी के बाद खुद ही कम हो जाता है।
गर्भावस्था एक महिला के लिए वरदान होता है, इसलिए उन्हें अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। अपने डाइट में कुछ चेंजेस, आपका डेली रूटीन, सोने का सही तरीका और एक्सरसाइज आदि यह सभी चीजों का ध्यान रखने से आपका यह सफर काफी आसान हो जाएगा। डॉक्टर हमेशा यह सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाओं को एक हेल्दी लाइफस्टाइल से हमेशा जुड़े रहना चाहिए।
स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
यह भी पढ़ें:
प्रेगनेंसी के दौरान पैर का दर्द