गर्भावस्था

गर्भावस्था में थकान होना

एक्साइटमेंट और खुशियों के अलावा, प्रेगनेंसी अपने साथ कुछ चिंताएं को भी साथ ले कर आती है। मेंटल और इमोशनल कंसर्न के अलावा इस समय बहुत सारे फिजिकल चेंजेस भी होते हैं। शरीर में रिलीज होने वाले हार्मोन की संख्या में बदलाव के साथ आपको बेवजह की थकान महसूस होती है जो ज्यादातर माओं को परेशान कर सकती है।

क्या गर्भावस्था के दौरान थकान महसूस होना नॉर्मल है?

इसका सिंपल जवाब है, हाँ गर्भावस्था के दौरान थकान महसूस करना नॉर्मल है, खासकर गर्भावस्था के पहले और आखिरी कुछ हफ्तों में। पहली तिमाही में, आपके शरीर में बड़े पैमाने पर चेंजेस हो रहे होते हैं। फीटस की हेल्दी ग्रोथ के लिए हार्मोन ओवरटाइम काम कर रहे होते हैं। इसमें प्लेसेंटा का बनना भी शामिल है जो गर्भ में पल रहे बच्चे का पहला सपोर्ट होता है। इस दौरान आपका मेटाबोलिज्म रेट भी बढ़ जाता है जिससे आपकी  थकान बढ़ जाती है। गर्भावस्था के अंत में, नींद को मैनेज न कर पाने की वजह से भी आपको थकान हो सकती है।

गर्भावस्था में आप इतना थका हुआ क्यों महसूस करते हैं?

जैसे जैसे आप गर्भावस्था के प्रत्येक चरण से गुजरेगीं, तो आप पाएंगी कि आपको थकान महसूस हो रही है। गर्भावस्था में थकान के कई कारण होते हैं। यहाँ आपको इसके कुछ बताए गए हैं:

  • प्लेसेंटा का बनना
  • लो ब्लड शुगर लेवल
  • लो ब्लड प्रेशर
  • मूड स्विंग के कारण थकान होना
  • अनिद्रा
  • रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
  • एक्स्ट्रा वजन बढ़ना, जो आपके काम का नहीं है
  • पीठ दर्द
  • एंग्जायटी
  • आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया
  • पोस्टपार्टम डिप्रेशन

ये गर्भावस्था में थकान के सबसे कॉमन कारणों में से कुछ हैं। जबकि इसमें से ज्यादातर प्रॉब्लम को मेडिकल अटेंशन देने की जरूरत होती है, यह सबसे अच्छा रहेगा कि आप अपने डॉक्टर को अपने सभी लक्षणों के बारे में इन्फॉर्म कर के रखें, क्योंकि एनीमिया और डिप्रेशन जैसे कारणों को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान कब ज्यादा थकान होती है?

गर्भावस्था के दौरान थकान के लिए सबसे आम समय पहली तिमाही में होता है। यह आमतौर पर गर्भधारण के तीन सप्ताह बाद शुरू हो जाती है और पहली तिमाही तक जारी रहती है। दूसरी तिमाही तक, आप बेहतर महसूस करना शुरू कर देंगी क्योंकि प्लेसेंटा बनाने वाला एक बड़ा काम अब पूरा हो जाएगा। आपका शरीर नए चेंजेस का सामना करेगा, जिसमें हार्मोन चेंजेस और मतली व अन्य चीजें शामिल होंगी। तीसरी तिमाही में आपको फिर थकान शुरू हो जाएगी, क्योंकि बच्चे का वजन अब आपको आराम से सोने नहीं देगा।

पहली तिमाही में थकान होना

गर्भावस्था की फर्स्ट टर्म में महसूस होने वाली थकान का कारण हार्मोन लेवल में बदलाव की वजह से अधिक होती है। हार्मोन प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि से बहुत ज्यादा नींद आती है। प्लेसेंटा बनाने के अलावा, शरीर में बच्चे के विकास के लिए ब्लड सप्लाई भी बढ़ जाती है। इस समय के दौरान, ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल भी कम होगा, जिससे थकान महसूस होगी।

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली थकान का एक कारण इमोशन भी होता है। सभी माओं को आने वाले जिम्मेदारियों और बच्चे की हेल्थ को लेकर चिंता और एंग्जायटी होने लगती है। यह एंग्जायटी आपको थका हुआ महसूस करा सकती है। 

दूसरी तिमाही में थकान होना

हालांकि आपको अभी भी थकान महसूस होगी, लेकिन दूसरी तिमाही को ऐसे ही ‘हैप्पी ट्राइमेस्टर’ के रूप में नहीं जाना जाता है। इस समय में, आप पहले की तरह महसूस करना शुरू कर देंगी, आपका एनर्जी लेवल भी पहले की तरह हो जाएगा। यदि आप पहली तिमाही के दौरान अपने कुछ जरूरी काम को रोक दिया था, तो इस दौरान आप उसे दोबारा शरू कर सकती हैं, क्योंकि आपको इस समय थकान आपके काम में बांधा नहीं बनती है।

तीसरी तिमाही में थकान होना

तीसरी तिमाही तक आपके बच्चे का वजन बढ़ जाता है और इसके कारण आपको थकान महसूस होने लगती    है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी कंडीशन की वजह से आपको पूरी रात ठीक से नींद आती है और आप थकान महसूस करती हैं।

जैसे ही फीटस आपके ब्लैडर पर दबाव डालता है, आपको वाशरूम के लिए जाना पड़ता है, ऐसा रात में कई बार होता है। इसके अलावा, एक्स्ट्रा वजन होने के कारण आप पीठ दर्द का अनुभव कर सकती हैं। ये सभी कारण तीसरी तिमाही के दौरान थकान पैदा करने के कॉमन रीजन हैं।

क्या गर्भावस्था में थकावट होना गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है?

कुछ मामलों में, थकावट होने का कारण एनर्जी लेवल लो होना होता है, क्योंकि आपके शरीर में आयरन लो होने के कारण आपको एनीमिया हो जाता है। आपके रेगुलर टेस्ट से पता चलेगा कि कहीं आप इस समस्या से तो पीड़ित नहीं हैं और अगर आप इस बीमारी से पीड़ित होती हैं तो आपके डॉक्टर ऐसी डाइट लेने की सलाह देंगे, जिसमें आयरन हो या फिर वो आपको आयरन सप्लीमेंट भी दे सकते हैं।

नींद की कमी और थकावट का मतलब यह भी हो सकता है कि आप प्रीनेटल डिप्रेशन से पीड़ित हो। इस प्रकार का डिप्रेशन बहुत कॉमन होते हैं और इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। अपने डॉक्टर से अपनी कंडीशन के बारे में बताने से संकोच न करें, जैसे हर चीज से निराश होना, इंटरेस्ट न दिखाना आदि। गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन के लिए हेल्प लेना जरूरी है, क्योंकि इसे डिलीवरी के बाद भी खुद ठीक नहीं किया जा सकता है।

गर्भावस्था की थकान कितनी देर तक बनी रहती है?

थकान प्रेगनेंसी का एक लक्षण है जिसमें आपको मतली और उल्टी का अनुभव भी होता है। इसके साथ आपको मोर्निंग सिकनेस की समस्या भी हो सकती है। थकान होने के कारण कभी-कभी आपको मतली आने लगती है, इसलिए आपका इस समय के दौरान रेस्ट करना जरूरी है। ज्यादातर महिलाएं रिपोर्ट करती हैं कि गर्भावस्था के 14वें से 16वें सप्ताह के दौरान उनकी मॉर्निंग सिकनेस  की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को 20वें सप्ताह तक मतली का अनुभव होता है।

इसके बाद, 28वें सप्ताह तक आपका एनर्जी लेवल नॉर्मल होने लगता है, जब फीटस आपकी नींद को बाधित करने के लिए पर्याप्त बड़ा हो जाता है। ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान होने वाला थकान का लेवल और समय प्रत्येक महिला के लिए भिन्न होता है।

गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकावट का सामना कैसे करें

कई चीजें हैं जो गर्भावस्था के दौरान थकान से निपटने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं।

  • अपने शरीर की सुनें:  जब आपका शरीर आपको संकेत भेजता है कि आप थका हुआ महसूस कर रही है और रेस्ट चाहिए। तो आपको 20 मिनट की छोटी झपकी ले लेना चाहिए, जिससे आपके शरीर को बेहतर महसूस होगा। पहली तिमाही के दौरान जल्दी सो जाएं और इस दौरान कोई एक्स्ट्रा काम न करें।
  • अपने काम को शेड्यूल करें: आप अपने डेली के कामों को शेड्यूल करें। आपको समझा होगा कि कौन सा काम आप खुद कर सकती हैं कौन सा दूसरों को सौंप सकती हैं। खाना पकाने या सफाई जैसे कामों के लिए परिवार की मदद चाहती हैं, तो बिना संकोच किए मदद मांगे। यहाँ तक वर्कप्लेस पर भी, दूसरों से थोड़ी हेल्प लें।
  • हेल्दी डाइट: आपको बैलेंस और हेल्दी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए, अपने डाइट में फल और सब्जियों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। यह गर्भावस्था के दौरान आपकी थकान का मुकाबला करने में मदद करेगा। यदि आप मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित हैं, तो कम कम मात्रा में अपने भोजन को डिवाइड करें, ताकि आपकी एनर्जी बनी रहे।
  • एक्सरसाइज: आप अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं कि आप अपने एनर्जी लेवल को बनाए रखने के लिए रोजाना कौन सी एक्सरसाइज कर सकती हैं। प्रीनेटल योगा से लेकर डेली वाक तक आप कई लाइट एक्सरसाइज कर सकती हैं। यह न केवल एंडोर्फिन को बढ़ावा देगा बल्कि आप रात में बेहतर नींद ले सकेंगी।

  • रिलैक्स करें: गर्भवती महिलाओं का ठीक से रिलैक्स न करना थकान का सबसे बड़ा कारण होता है। अपने दोस्तों के साथ एक स्पा बुकिंग कराएं और थोडा रिलैक्स करें। दिन के थोड़ी देर के लिए रोजाना रेट्स करें और स्ट्रेस फ्री होने की कोशिश करें।

क्या थकान आपके बच्चे को प्रभावित करती है?

ज्यादातर मामलों में, गर्भावस्था के दौरान आपके बच्चे पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में हो रहे चेंजेस के कारण आपको बेहद थकान लगती है, आप अपना काम नहीं कर पाती हैं मगर इससे आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है।

हालांकि, कुछ मामलों में, थकान एनीमिया जैसी कंडीशन का एक संकेत हो सकती है। अपने हेल्थ को ट्रैक करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

गर्भावस्था के दौरान एनर्जी की कमी और गर्भ में बच्चे के लगातार हो रहे विकास के कारण आपको थकान महसूस होती है। हालांकि, आपकी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए, कुछ आसान उपाय जो आपकी असुविधा और एनर्जी लेवल में आई कमी को दूर कर सकते हैं। याद रखें, गर्भावस्था के दौरान थकान होना बेहद नॉर्मल है और अगर आपको किसी की मदद की जरूरत है, तो मदद मांगने में बिलकुल संकोच न करें।

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था में इमोशनल और साइकोलॉजिकल चेंजेस को समझना
गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग्स: कारण और आपको क्या करना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी होना – कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट

समर नक़वी

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