गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘ए’ लेना

विटामिन ए एक परफेक्ट एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है। यह एनीमिया से बचाव, मेटाबोलिज्म को बढ़ाने और फीटस की सेल ग्रोथ और विजन को बेहतर करने में मदद करता है। यह इम्युनिटी बढ़ाने और पोषण  प्रदान करने के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में किसी भी चीज का सेवन करना अच्छा नहीं होता है और ऐसा ही विटामिन ए के साथ है, खासकर जब आप गर्भवती हों। यहाँ आपको इस आवश्यक विटामिन से जुड़ी सभी जानकारी दी गई है, इस बात का ध्यान रहे कि आप प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।

विटामिन ए क्या है और यह क्यों आवश्यक है?

गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन ए की सही मात्रा प्राप्त करना बहुत जरूरी होता है और यह आपके लिए ट्रिकी हो सकता है। आपके बच्चे की विजुअल हेल्थ और इम्यून फंक्शन के लिए यह विटामिन बहुत अहम है, विटामिन ए दो रूपों में पाया जा सकता है। हालांकि दोनों प्रकार की केमिकल प्रॉपर्टी अलग होती है और दोनों से ही कई हेल्थ बेनिफिट प्राप्त होते हैं।

  • रेटिनॉल – मांस और मछली में यह हाई लेवल में मौजूद होता है, जबकि डेयरी प्रोडक्ट और अंडे में यह कम मात्रा में मौजूद होता है।
  • बीटा कैरोटीन – यह फल और सब्जियों में पाया जाता है। आपका शरीर इसका उपयोग विटामिन ए बनाने के लिए करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन ए के लाभ

गर्भावस्था के दौरान सही मात्रा में विटामिन ए लेने से फीटस का विकास अच्छी तरह से होता है। इस विटामिन के शरीर में पर्याप्त लेवल के होने से फीटस की हड्डियों, दाँतों, त्वचा और दृष्टि में सुधार होता है। तीसरी तिमाही में विटामिन ए की कमी होने का खतरा रहता है, यह वो समय होता है जब बच्चे की वृद्धि तेज गति से हो रही होती है और रक्त की मात्रा बढ़ जाती है।

गर्भावस्था के दौरान आप कितना विटामिन ए सेवन कर सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए की सुरक्षित मात्रा का सेवन सुनिश्चित करने के लिए आपको अपना डाइट प्लान बनवाना चाहिए। इसका बहुत ज्यादा या बहुत कम सेवन करने से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और इससे बर्थ डिफेक्ट होने का भी खतरा होता है । विटामिन ए की मात्रा को आरएई (रेटिनॉल एक्टिविटी इक्विवेलेंट) के रूप में जानी जाने वाली इकाई से मापा जाता है। माप की दूसरी इकाई आई यू (इंटरनेशनल यूनिट) है, और 3.3 आई यू 1 माइक्रोग्राम आरएई के बराबर होता है।

19 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए गर्भावस्था में प्रतिदिन की विटामिन ए की अनुशंसित खुराक 770 माइक्रोग्राम आरएई या 2565 आईयू बताई गई है। इसकी अपर लिमिट 2800 माइक्रोग्राम आरएई, या प्रतिदिन 10,000 आईयू तक बढ़ाई जा सकती है, वो भी अलग अलग सोर्स के जरिए जैसे सप्लीमेंट, मांस और फोर्टीफाइ फूड आइटम।

क्या होगा यदि आप पर्याप्त विटामिन ए नहीं प्राप्त करती हैं?

गर्भवती महिला में विटामिन ए की कमी से एनीमिया, इम्युनिटी का कमजोर होना और दृष्टि संबंधी समस्या, खासतौर पर रात के समय हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए की कमी से जीरोफ्थैल्मिया कही जाने वाली कंडीशन पैदा हो सकती, जहाँ कॉर्निया मोटा हो जाता है, इसकी वजह से आँसू बनना बंद हो जाते हैं। विटामिन ए की गंभीर रूप से कमी होने पर यह माँ और बच्चे दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।

विटामिन ए युक्त फूड सोर्स

प्रेगनेंसी के दौरान आपको एक बैलेंस डाइट के अनुसार ही सभी चीजों का सेवन करना चाहिए, ताकि आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए का डेली कोटा प्राप्त हो सके, क्योंकि फल, सब्जियों और साथ ही डेयरी प्रोडक्ट इस जरूरी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं।

कुछ खाद्य पदार्थों में विटामिन ए का लेवल हाई होता है, जबकि बाकी खाद्य पदार्थों में यह मॉडरेशन में पाया जाता है। यहाँ आपको उन खाद्य पदार्थों की लिस्ट दी गई हैं जिसमें विटामिन ए पाए जाते हैं, ताकि आपको रोजाना अपने खाने में क्या शामिल करना है यह जानने में मदद मिल सके।

खाद्य पदार्थ विटामिन ए की मात्रा
बेक्ड शकरकंद – 1 1,096 माइक्रोग्राम (21,909 आईयू)
पकी हुई गाजर के स्लाइस – ½ कप 665 माइक्रोग्राम (13,286 आईयू)
पम्किन पाई – 1 स्लाइस 596 माइक्रोग्राम (4,567 आईयू)
उबला हुआ पालक – ½ कप 573 माइक्रोग्राम (11,458 आईयू)
पका हुआ बटरनट स्क्वैश – ½ कप 572 माइक्रोग्राम (11,434 आईयू)
मध्यम आकार की कच्ची गाजर – 1 509 माइक्रोग्राम (10,191 आईयू)
उबला हुआ केल – ½ कप 443 माइक्रोग्राम (8,853 आईयू)
बिना वसा वाला दूध – 1 कप 338 माइक्रोग्राम (1,131आईयू)
ओटमील lपानी में पकाया हुआ – 1 पोरशन 329 माइक्रोग्राम (1,099 आईयू)
अंडा बुर्जी – 1 87 माइक्रोग्राम (321 आईयू)
चेडर चीज – 28 ग्राम 75 माइक्रोग्राम (284 आईयू )
फ्रोजन मटर – ½ कप 84 माइक्रोग्राम (1,680 आईयू)
केंटालूप क्यूब्स – 1 कप 270 माइक्रोग्राम (5,411 आईयू)
कच्चा पालक – 1 कप 141 माइक्रोग्राम (2,813 आईयू)

 

क्या होगा यदि आप गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में विटामिन ए का सेवन करती हैं?

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर को केवल एक निश्चित मात्रा में विटामिन ए की आवश्यकता होती है। अमेरिकन प्रेगनेंसी एसोसिएशन के अनुसार, यदि आप विटामिन ए का अधिक मात्रा में सेवन करती हैं, विशेष रूप से पहली तिमाही के दौरान, तो बच्चे में बर्थ डिफेक्ट होने का खतरा होता है। इसमें, बच्चे के सिर, हृदय, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में कॉम्प्लिकेशन के साथ पैदा होने की संभावना होती है।

गर्भावस्था में विटामिन ए के अन्य साइड इफेक्ट्स में होने वाली माँ में क्रोनिक टॉक्सिसिटी हो सकती है। गर्भावस्था में बहुत ज्यादा विटामिन ए लेने से दिखाई देने वाले लक्षणों में आप दृष्टि में धुंधलापन, बालों का झड़ना, जॉइंट पेन, लीवर डैमेज होना और सिरदर्द आदि समस्या पैदा हो सकती है।

क्या गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए के सप्लीमेंट लेना सुरक्षित है?

आदर्श रूप से, नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) केवल उन मामलों में गर्भवती महिलाओं के लिए सप्लीमेंट लेने की अनुमति देता है जिसे इस विटामिन की कमी हो और इस समस्या को पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम के तौर पर माना जाता है। अधिकांश प्रीनेटल विटामिन डोज में विटामिन ए की कुछ मात्रा होती है और साथ में आपकी डेली डाइट में रेटिनॉल या बीटा कैरोटीन शामिल करने से विटामिन ए का लेवल बढ़ने की संभावना होती होता है। इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर रहेगा और जब बात सप्लीमेंट लेने की आती है तो आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए का सेवन करने के टिप्स

फल, सब्जियां, फोर्टीफाइड सीरियल, दूध, डेयरी प्रोडक्ट और मांस इन सभी में विटामिन ए पाया जाता है।  ऑरेंज, पीली, और हरी सब्जियां जैसे गाजर, पालक, शकरकंद, खुबानी और संतरे में बीटा कैरोटीन पाया जाता है। चॉपिंग, ग्रेटिंग, कुकिंग या जूसिंग से शरीर के लिए बीटा कैरोटीन को अब्सॉर्ब करना आसान हो जाता है।

  • ध्यान दें कि आप जो भी सप्लीमेंट ले रही हों, उसमें विटामिन ए न हो, ताकि आप इसका एक्स्ट्रा सेवन न करें। गर्भावस्था के दौरान नॉन-प्रेग्नेंसी सप्लीमेंट जैसे कि कॉड लिवर ऑयल भी अच्छा होता है।
  • चिकन के लिवर को अच्छी तरह से साफ करके उसकी डिशेज बनाएं, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है। लिवर की सिर्फ एक सर्विंग में आपको विटामिन ए की रोजाना के हिसाब से दोगुनी डोज प्राप्त हो जाती है, इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन करने के लिए कहा जाता है। गर्भावस्था के पहले दो महीनों के दौरान, सुनिश्चित करें कि आपके विटामिन ए का रोजाना सेवन 6000 आईयू से अधिक नहीं होना चाहिए।

चूंकि विटामिन ए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, इसलिए भोजन के माध्यम से विटामिन ए की आवश्यकता को पूरा करना आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा। विटामिन ए के सप्लीमेंट लेने से बचें, वरना यह आपके लिए ओवरडोज हो सकता है। आपको जब भी अपनी डाइट या हेल्थ से जुड़े कोई भी सवाल मन में हो या चिंता हो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी आपको एक प्रोफेशनल मेडिकल एडवाइस के विकल्प के रूप में नहीं दी जाती है।

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

3 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

3 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

3 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

5 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

5 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

5 days ago