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प्रेगनेंसी के दौरान हर गर्भवती महिला पौष्टिक भोजन और हेल्दी जूस का सेवन करना पसंद करती है। व्हीटग्रास उन्ही हेल्दी फूड्स में से एक है, लेकिन लोगों को इसके फायदे और साइड इफेक्ट्स के बारे में उतनी जानकारी नहीं है। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान व्हीटग्रास का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद होता है या नहीं और यदि आप इसका सेवन करती हैं तो आपको क्या ध्यान में रखना चाहिए।
मुख्य रूप से व्हीटग्रास की कटाई इसके गेहूँ बनने से पहले ही कर ली जाती है। इसमें पोषक तत्वों की काफी अच्छी मात्रा मौजूद होती है और इनमें से ज्यादातर वैरायटी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध होती है, जो कि न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट के तौर पर मिलती है।
100 ग्राम व्हीटग्रास के हिसाब से आपको इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू नीचे बताई गई है:
न्यूट्रिएंट | मात्रा |
राइबोफ्लेविन | 0.156 मिलीग्राम |
विटामिन सी | 2.5 मिलीग्राम |
सोडियम | 15 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 201 मिलीग्राम |
आयरन | 2.15 मिलीग्राम |
फाइबर | 1 ग्राम |
लिपिड | 1.25 ग्राम |
एनर्जी | 200 किलोकैलोरीज |
विटामिन बी | 0.266 मिलीग्राम |
थायमिन | 0.224 मिलीग्राम |
जिंक | 1.66 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 170 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 81 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 30 मिलीग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 43 ग्राम |
प्रोटीन | 7.5 ग्राम |
पानी | 48 ग्राम |
व्हीटग्रास द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के न्यूट्रिशनल बेनिफिट को देखते हुए, गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से आपको बहुत लाभ पहुँच सकता है। वैसे तो इसका सेवन करना एक गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है, लेकिन हमेशा खयाल रहे कि किसी चीज का अधिक सेवन करने से आपकी प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। चूंकि इसका सेवन कच्चा ही किया जाता है और इसे सीधे मिट्टी से निकाला जाता है, इसलिए व्हीटग्रास में बहुत सारे बैक्टीरिया, फंगी और अन्य माइक्रोब्स के होने का खतरा ज्यादा होता है।
इससे खून साफ होने की संभावना होती है, व्हीटग्रास जूस अपने आप में एक हेल्दी जूस है। लेकिन, यदि आपने इसका पहले कभी सेवन नहीं किया है, तो ज्यादातर न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर गर्भावस्था के बीच में इसे शुरू करने का सुझाव नहीं देते हैं।
व्हीटग्रास में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व होने के कारण इसे एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ माना जाता है, जो कई लाभ प्रदान करते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की त्वचा ग्लो करने लगती है और इसके पीछे का कारण एक अच्छी बैलेंस डाइट होती है। इसके विपरीत, बच्चे के विकास के दौरान आपके शरीर से काफी न्यूट्रिएंट्स चले जाते हैं जिसकी वजह से आपकी त्वचा बेजान और डल पड़ने लगती है। व्हीटग्रास त्वचा को साफ करके और डेड सेल्स को हटाकर इसे फिर से पहले जैसा बनाने मदद करता है।
जब व्हीटग्रास हरा होता है तभी इसे काटा जाता है और कच्चा ही खाया जाता है। यह क्लोरोफिल को हमारे शरीर में सीधा पहुँचाता है। क्लोरोफिल हमारे शरीर के संपर्क में आने वाली तरह तरह की रेडिएशन से लड़ने में अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि रेडिएशन और कीमोथेरेपी से गुजरने वाले कैंसर से पीड़ित रोगियों को उनके आहार में व्हीटग्रास शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, क्लोरोफिल आपकी डेंटल हेल्थ को, बालों की मजबूती, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
व्हीटग्रास में मौजूद क्लोरोफिल गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में रक्त के जरिए ऑक्सीजन कैपेसिटी बढ़ाता है। चूंकि यह ब्लड सेल्स को पतला करने का काम करता है, इसलिए कई महिलाएं थोड़े कॉटन का साथ व्हीटग्रास एक्सट्रेक्ट को अपनी त्वचा पर लगाना पसंद करती हैं।
व्हीटग्रास एक एंटी-माइक्रोबियल एजेंट के रूप में काम करता है। यह पेट में मौजूद कई हानिकारक बैक्टीरिया और जर्म्स से बचाव करता है, जो आपके लिए कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
व्हीटग्रास का ब्लड सेल्स पर भी प्रभाव पड़ता है, यह घावों को तेजी से ठीक करने में भी मदद करता है। चाहे फिर यह किस प्रकार हो जैसे, कही कट जाना, कोई खुला घाव, अंदरूनी घाव यहाँ तक कि कोलाइटिस की मौजूदगी भी इसके कारण आपको जल्दी ठीक करने में मदद करती है।
पाचन से संबंधित समस्याएं ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के लिए रोजाना की समस्या है। कब्ज, पेट भरा-भरा सा लगना, दस्त आदि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली आम समस्याएं हैं। लेकिन व्हीटग्रास इन सभी परेशानियों को दूर करने में प्रभावी रूप से काम करता है। व्हीटग्रास में मौजूद सेलुलोस कोलन ट्रैक्ट को साफ करने में मदद करता है, जबकि इसमें मौजूद फाइबर आपको कब्ज से राहत दिलाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को आसान करता है। इसके अलावा, व्हीटग्रास एल्कलाइन होता है, जिससे यह पेट की एसिडिटी के लिए बेहतरीन इलाज करता है।
व्हीटग्रास एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। जब इनका सेवन किया जाता है, तो यह शरीर में मौजूद विभिन्न फ्री रेडिकल्स खत्म करने का कार्य करते हैं, जो सेल्स के नुकसान पहुँचाते हैं, व्हीटग्रास का सेवन करने से यह आपके शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान आपको हीमोग्लोबिन लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, जिससे शरीर में आयरन की कमी से और एनीमिया की शुरुआत हो सकती है। व्हीटग्रास हीमोग्लोबिन के लेवल को बनाए रखने में मदद करता है और रक्त में आयरन की कमी भी नहीं होने देता है।
फीटस का विकास पूरी तरह से आपके द्वारा लिए जाने वाले विटामिन और मिनरल पर आधारित होता है, जिससे शरीर ठीक से कार्य करता है। व्हीटग्रास में पोटैशियम और कैल्शियम, विटामिन सी आदि अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं जो आपको सभी आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं।
इसमें कई इंग्रीडिएंट मौजूद होते हैं, जो एमिनो एसिड्स और एंटीमाइक्रोबियल से संयुक्त है यह सभी मिलाकर शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर करते हैं। इसके अलावा कई इन्फेक्शन से लड़ने में प्रभावी रूप से मदद करता है।
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और अगर व्हीटग्रास का सेवन करने के फायदे हैं तो इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। एक गर्भवती महिला को यह नीचे बताए गए साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखना जरूरी है।
व्हीटग्रास में बहुत सारे बैक्टीरिया और फंगी होने के कारण आपको यह समस्या हो सकती है। इस तरह के व्हीटग्रास का कच्चे रूप में सेवन करने से आपको तेज सिरदर्द, सूजन और यहाँ तक कि मतली जैसा भी महसूस हो सकता है। जिन महिलाओं को ग्लूटेन एलर्जी है या वो सीलिएक से पीड़ित हैं तो उनके लिए खतरा और भी बढ़ सकता है।
व्हीटग्रास में कई एंटीऑक्सिडेंट और इंग्रीडिएंट मौजूद होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के लिए एक स्ट्रोंग डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, यह सीधा फीटस पर प्रभाव डालते हैं जिसकी वजह से बच्चे में विकास संबंधी डिफेक्ट हो जाता है या यहाँ तक कि मिसकैरज होने का भी खतरा होता है।
शरीर से वेस्ट मटेरियल निकालने के कारण व्हीटग्रास से मिलने वाले पोषक तत्व बेकार हो सकते हैं। इसकी वजह से आपको लगातार उल्टी और दस्त हो सकते हैं, जिससे आपके शरीर में मौजूद विटामिन और पोषक तत्वों की कमी होने लगेगी और यह आपके बच्चे को भी प्रभावित करेगा।
मार्केट में मिलने वाला व्हीटग्रास जूस और पाउडर आमतौर पर किसानों से खरीदे जाने वाले व्हीटग्रास से सीधे तैयार किया जाता है। इनमें मिट्टी, माइक्रोब्स और जर्म्स मौजूद होते हैं, जो जूस के साथ मिल जाते हैं। इनका सेवन करने से आप और आपके बच्चे को कई प्रकार के इन्फेक्शन होने का खतरा होता है, जिसके परिणामस्वरूप आपकी प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन पैदा हो सकते हैं।
यदि आप कुछ सावधानियां बरतें तो आप सुरक्षित रूप से व्हीटग्रास का सेवन कर सकती हैं।
व्हीटग्रास उगाना काफी सरल प्रक्रिया है। आप गेहूँ की अच्छी क्वालिटी वाले बीज को लगभग 48 घंटों के लिए पानी में डाल दें और फिर इसे एक ट्रे में मिट्टी के साथ डाल इसकी प्लांटिंग करें। एक बार जब इसकी जड़ें निकल आएंगी, तो आप रोजाना इसमें थोड़ा पानी डालें, जब तक कि व्हीटग्रास निकलना न शुरू हो जाए और कुछ ही दिनों बाद आप देखेंगी कि यह पूरी तरह से उग चुके होंगे और कटाई के लिए तैयार होंगे।
गर्भावस्था के दौरान व्हीटग्रास जूस या व्हीटग्रास पाउडर का सेवन करना एक हेल्दी ऑप्शन लगता है, लेकिन यह हमेशा ही आपके लिए फायदेमंद हो ऐसा जरूरी नहीं है। प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को अलग-अलग पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत होती है। यदि आप व्हीटग्रास का कम मात्रा में सेवन करती हैं और एक बैलेंस डाइट को अपनाती हैं, तो इसका सेवन करना बिलकुल सुरक्षित है।
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