In this Article
गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब यह जरूरी होता है, कि परिवार होने वाली माँ का अच्छी तरह से ख्याल रखे और उसके स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए सही कदम उठाए। वैसे तो ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जिनसे प्रेगनेंसी के दौरान दूर रहना चाहिए। पर क्या एक्स-रे उनमें से एक है? आइए, हम इस टॉपिक पर गहराई से चर्चा करें और इसे ठीक से समझने की कोशिश करें।
कई सालों से एक्स-रे और प्रेगनेंसी रिसर्च करने के लिए एक आम टॉपिक रहे हैं। जब प्रेगनेंसी के दौरान एक्स-रे की बात आती है, तो ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस’ का मानना है, कि आमतौर पर ये सुरक्षित होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान एक्स-रे करवाना कुछ मामलों में नुकसानदायक हो सकता है और यह सच भी हो सकता है, पर कुछ मामलों में इसे नहीं करवाना भी नुकसानदायक हो सकता है।
तो यह फैसला कैसे करें? यह मुद्दा कई बार बहस का कारण बन चुका है और इस सवाल का ‘हाँ’ या ‘ना’ जैसा कोई सीधा जवाब नहीं है। कई बार आपके डॉक्टर को एक्स-रे के द्वारा कोई ऐसी जानकारी मिल सकती है, जिससे आपकी जान बच सकती है और आपके बच्चे को मुश्किल समय में कई तरह की परेशानियों से बचाया जा सकता है। इस मुद्दे पर किए गए अध्ययनों के नतीजे बहुत ही विवादास्पद रहे हैं और इसलिए आपको इसके फायदे देखकर फैसला करना पड़ेगा, कि आपको इसका जोखिम उठाना चाहिए या नहीं।
गर्भावस्था के दौरान किसी जांच में इस्तेमाल होने वाले एक्स-रे से बच्चे को किसी तरह का नुकसान होना लगभग असंभव है। एक्स-रे की स्ट्रेंथ की गिनती के लिए जिस मापदंड का इस्तेमाल किया जाता है, उसे रैड्स कहते हैं। इस यूनिट के द्वारा यह पता चलता है, कि बच्चे ने कितना रेडिएशन अब्जॉर्ब किया है। अधिकतर सामान्य एक्स-रे 5 रैड्स के नीचे होते हैं। वैसे कई बार देखा गया है, कि अगर गर्भ में पल रहे बच्चा 10 रैड्स से ज्यादा अब्सॉर्ब करता है, तो इससे लर्निंग डिसेबिलिटीज, आँखों के विकास में समस्याएं जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए जब पेट में पल रहे बच्चे पर एक्स-रे के नकारात्मक प्रभाव की बात आती है, तो एक्स-रे के रैड्स एक मुख्य पहलू हैं। इसलिए, सुरक्षा के मापदंड के तौर पर आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए, कि अगर आप एक्स-रे करवा रही हैं, तो वह 5 रैड्स के नीचे होना चाहिए, ताकि आपका बच्चा सुरक्षित रहे।
‘अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी’ जैसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में की जाने वाली कई तरह की रिसर्च के अनुसार केवल एक डायग्नोस्टिक एक्स-रे में इतना रेडिएशन नहीं होता है, जिससे आपके पेट में बढ़ रहे शिशु को कोई नुकसान हो सके। हालांकि, अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर को पहले ही यह जानकारी दे देनी चाहिए। ताकि, आप इस बात से आश्वस्त रहें, कि इस दौरान आपके डॉक्टर द्वारा रेकमेंडेड एक्स-रे से आपके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा।
आमतौर पर इस दौरान किए जाने वाले एक्स-रे आपके रीप्रोडक्टिव ऑर्गन्स पर नहीं पड़ते हैं, इसलिए आपको इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। यहाँ पर एक ही अपवाद है और वो है एब्डोमिनल एक्स-रे। अधिक मात्रा में रेडिएशन के कारण एब्डोमिनल एक्स-रे से खतरा होता है। क्योंकि यह बच्चे में बर्थ डिफेक्ट्स (जन्मजात दोष) पैदा कर सकता है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है, कि डायग्नोस्टिक एक्स-रे के रेडिएशन से कोई खतरा नहीं होता है, फिर चाहे वह पेट पर ही क्यों न किया जाए, खतरा केवल हाई रेडिएशन वाले एक्स-रे से ही होता है।
अब आप क्या कर सकती हैं? सबसे जरूरी बात यह है, कि जो नहीं हुआ है उसके बारे में फिक्र न करें। दूसरी बात जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए वह यह है, कि किसी भी संभावित खतरे की आशंका बहुत ही कम है। ऐसा कोई निश्चित नियम नहीं है, कि अगर आपने एक्स-रे करवाया है तो उसका नुकसान होगा ही। इसलिए, इसके बारे में चिंता करने की जरूरत फिलहाल नहीं है। सबसे अच्छा यही है, कि प्रेगनेंसी पर एक्स-रे रेडिएशन के प्रभाव को लेकर अपनी चिंता आप अपने डॉक्टर को बताएं और उनसे कुछ सलाह लें। अगर आप अभी भी चिंतित हैं, तो आपके पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ने वाले रेडिएशन को कैलकुलेट भी किया जा सकता है, जिसके लिए मेडिकल रेडिएशन फिजिसिस्ट की सहायता ली जा सकती है।
सबसे पहली बात यह है, कि एक्स-रे करने वाले को अपनी प्रेगनेंसी की जानकारी दी जाए। प्रेगनेंसी में एक्स-रे के साइड इफेक्ट्स निश्चित होते हैं, पर वे तभी होते हैं, जब उनका रेडिएशन बहुत ज्यादा हो। इसलिए, अपनी चिंताओं के बारे में खुल कर बात करें और प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह के एक्स-रे से पहले प्रोफेशनल सलाह लें।
इन पहलुओं पर विचार करें और दुविधा की स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। अगर गर्भावस्था के दौरान एक्स-रे की आवश्यकता है, तो सबसे बेहतर है कि इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं और फिर दिए गए गाइडेंस के अनुसार टेस्ट के लिए जाएं। इस दौरान आप यह सुनिश्चित कर सकती हैं, कि डायग्नोस्टिक एक्स-रे करवाने से आपके बच्चे को कोई खतरा नहीं है और दूसरे मामलों में भी बच्चे के ऊपर पड़ने वाले इसके प्रभाव बहुत ही कम होते हैं।
यह भी पढ़ें:
प्रेगनेंसी के दौरान माइक्रोवेव का इस्तेमाल
प्रेगनेंसी के दौरान इंसुलिन लेना
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…