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गर्भावस्था, हर महिला के जीवन का वह सुनहरा पल होता जो उसकी जिंदगी को एक सुखद बदलाव देता है। इस समय किसी भी गर्भवती महिला को अपने आहार के प्रति अत्यधिक सतर्क और दृढ़ होने की जरूरत होती है।आपको अपने पाँचवें महीने की गर्भावस्था के दौरान, प्रतिदिन कम से कम 347 अतिरिक्त कैलोरी का उपभोग करने और लगभग एक या दो पाउंड तक वजन बढ़ाने की आवश्यकता होती है। लेकिन ये कैलोरी सिर्फ प्रोटीन और कैल्शियम स्रोतों से ही प्राप्त होनी चाहिए। वसायुक्त, चीनी और कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों का सेवन करने से खुद को दूर रखने की हरसंभव कोशिश करें।
यहाँ हमने कुछ खाद्य पदार्थों को सूचीबद्ध किया है जिसे आपको अपनी 5 महीने की गर्भावस्था की आहार तालिका में शामिल करना चाहिए:
प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके बच्चे का शारीरिक विकास सुचारु रूप से हो रहा है क्योंकि प्रोटीन में मौजूद अमीनो अम्ल शरीर के विभिन्न भागों का निर्माण करते हैं। दालें, सीरियल, बीज और सूखे मेवे, चने, पनीर और टोफू, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके लिए प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और आपको इन्हें अपनी गर्भावस्था के इस समय में जरूर खाना चाहिए ।
यह मैग्नीशियम, लौह तत्व, विटामिन ‘ई’ और विटामिन ‘बी’ कॉम्प्लेक्स का समृद्ध स्रोत हैं। साबुत अनाज में अनाज के तीनों भाग, भ्रूणपोष, चोकर और अंकुर आते हैं । सीरियल्स वाले आहार, आटा, ब्रेड और कई अन्य चीजें हैं जो साबुत अनाज से बनाई जाती हैं।
हम सभी यह जानते हैं कि कैल्शियम हमारी हड्डियों और दाँतों के लिए लाभकारी होता है। अपने बच्चे की मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम का भरपूर सेवन करें। कीवी, शहतूत, सूखे अंजीर और खजूर जैसे फलों में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज होना एक आम समस्या है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से कब्ज की परेशानी नहीं होती है । फल ,सब्जियां, जौ, ओट्स, गेहूँ और सूखे मेवे जैसे अन्य खाद्य पदार्थ हैं जो फाइबर से भरपूर होते हैं।
अगर आपको पहले से ही सलाद खाना पसंद नहीं है, तो अब सलाद खाने की आदत डाल लें। आप सलाद को अलग तरीके से बना कर खा सकती हैं। यह आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व, खनिज और फाइबर प्रदान करता है। डिब्बाबंद सलाद ड्रेसिंग और अचारी सब्जियों का उपयोग करने से बचें, क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा अधिक होती है।
सेब, अंगूर, केला, एवोकैडो, नाशपाती, संतरा, आड़ू आदि कई सारे फल! फलों के इतने सारे विकल्प होते हैं कि आप उनसे कभी भी ऊब नहीं सकती हैं। इनमें खनिज और विटामिन की भरपूर मात्र होती है, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान इसका सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
जलयोजित (हाइड्रेटेड) रहना मानव शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है और गर्भावस्था के दौरान यह बहुत जरूरी भी है। यह गर्भवती महिलाओं में होने वाली दो आम समस्याओं, कब्ज और मूत्र संक्रमण से उनको दूर रखता है। बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से भी आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यदि आप सादा पानी पीना पसंद नहीं करती हैं, तो गन्ने और आम जैसे फलों का ताजा रस पिएं जिनमें गुणकारी कार्बोहाइड्रेट और फाइबर मौजूद होते हैं।
यद्यपि, इस दौरान आपको बहुत कुछ खाने की इच्छा होगी, लेकिन यहाँ कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं जिनसे आपको एकदम परहेज करना चाहिए:
गैस वाले पेय पदार्थों में भारी मात्रा में हानिकारक कैलोरी, चीनी और कैफीन मौजूद होती है। इसके बजाय ताजे फलों के रस का सेवन करें और नींबू पानी पीने की आदत डालें साथ ही कार्बोनेट युक्त पदार्थों के सेवन से बचें।
अनानास, अनार और पपीते जैसे फलों के उपयोग से बचें, क्योंकि यह गर्भाशय के संकुचन का कारण बनते हैं, जिससे गर्भपात भी हो सकता है। काले अंगूर के सेवन से भी बचें क्योंकि ये आपके शरीर में गर्मी पैदा करते हैं, जो आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
पत्तागोभी और सलाद पत्ता (लेटिष) जैसी सब्जियों से बीमारियां बढ़ती हैं, वहीं बैंगन माहवारी को प्रेरित करने के लिए जाना जाता है, जिससे गर्भपात हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान कैफीन की बहुत अधिक मात्रा जन्म के बाद शिशुओं में असहजता और अनिंद्रा का कारण बन सकती है।चाय, कॉफी और चॉकलेट में कैफीन होता है और इसलिए इनके उपयोग से पूरी तरह बचना चाहिए, लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि आप इनके बगैर नहीं रह सकती हैं, तो इसका सेवन प्रतिदिन अधिकतम दो कप तक सीमित करें।
यदि आपको सुशी (जापानी भोजन) और साशिमी भोजन बेहद पसंद है, तो यह समय इसे त्यागने का है। धूमित समुद्री भोजन में प्राय: “लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स बैक्टीरिया” होते हैं, जो लिस्टेरियोसिस, मृत शिशु के जन्म, गर्भपात या जन्म जात बीमारियों का कारण बनते हैं।
पारा समुद्र, नदियों और झीलों में पाया जाता है। यह मानव शरीर के अंदर मिथाइल-मर्करी में परिवर्तित हो जाता है, जो एक न्यूरोटॉक्सिन है और इससे शिशुओं में मस्तिष्क क्षति और उनके विकास में बाधा आ सकती है। शार्क, स्वोर्डफिश, किंग मैकेरल और टाइलफिश जैसी मछलियों के सेवन से बचें। आप सामन या ट्यूना मछली का सेवन कर सकती हैं ।
यदि आप शाकाहारी हैं तो बात अलग है अन्यथा, अंडे और मांस आपके आहार का एक अनिवार्य अंग होते हैं। बस यह सुनिश्चित करें कि आप कभी भी कच्चे अंडे या मांस का सेवन न करें, आप जब भी इसे खाएं तो यह अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिए ।
कच्चे अंडे में “साल्मोनेला” नामक बैक्टीरिया होता है, जिससे भोजन विषाक्तता हो सकती है। हालांकि आपको भोजन विषाक्तता होने से आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाएगी, जिसका आपके बच्चे के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कच्चे मांस में टोक्सोप्लाज्मा परजीवी होता है जो गर्भावस्था में प्रसव के समय भ्रूण की मृत्यु या गर्भपात होने का कारण बन सकता है।
यहाँ कुछ हर्बल पदार्थ बताए गए हैं जो चाय, तड़के और सप्लीमेंट के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं। कावा कावा, एंजेलिका, मगवॉर्ट, काला और नीला कॉहोश और ऐसे अन्य तत्व गर्भाशय उत्तेजक के रूप में कार्य करते हैं इसलिए इनसे पूरी तरह से बचा जाना चाहिए।
औषधीय तत्व जैसे काले अखरोट, मेथी, हॉर्सटेल, मुलेठी, नागदौन आदि का सेवन करने से गर्भपात होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा अन्य हर्ब जैसे कि जिनसेंग, एलोवेरा और पीतसेवती का उपयोग करना भी गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित नहीं है।
SS: 1362919007 (ALT:<पाँचवें माह की गर्भावस्था के लिए आहार संबंधी सुझाव >)
आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण समय में संतुलित आहार बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
एक अवस्थ और संतुलित आहार के लिए खाद्य पदार्थों की प्रत्येक श्रेणी में भोजन का कितना प्रमाण होना चाहिए इस बात के लिए गर्भावस्था से पहले आपका कद और वजन महत्वपूर्ण होगा । इसके लिए, हमेशा अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ की सलाह लेना सबसे अच्छा होता है।
अपने पसंदीदा बाहर के भोजन को न खाने से खुद को रोकना मुश्किल होता है, लेकिन अपने बच्चे की खातिर इसे त्यागने की कोशिश करें। बल्कि, सभी अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों से दूर रहने का प्रयास करें या उनके स्थान पर स्वास्थ्यप्रद खाने का विकल्प रखें, जो आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होगा। आप जो भी खाती हैं उसका सीधा असर सिर्फ आप पर ही नहीं बल्कि आपके बच्चे पर भी पड़ेगा। आपके बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है, इसलिए हमेशा इस बात को ध्यान में रखें और सतर्क रहें कि आप क्या खा रही हैं।
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