गर्भावस्था

गर्भावस्था की पहली तिमाही – सावधानियां और कुछ खास टिप्स

गर्भावस्था आपके जीवन का एक ऐसा समय है जब आप इस खयाल से ही उत्साहित होती हैं कि आपके भीतर एक जीवन पल रहा है। हालांकि, आपको चिंताएं भी अनेक होती हैं जैसे इस दौरान आप जो कुछ भी खाती हैं, वह आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फायदेमंद है या नहीं । इस अवधि में थोड़ी सी लापरवाही, जैसे शराब पीने या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाने से आपके स्वास्थ्य में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भावस्था की पहली तिमाही एक महत्वपूर्ण चरण है। इस समय भ्रूण तेजी से विकसित होता है और वह बहुत नाजुक भी होता है।इसलिए गर्भ में पल रहे भ्रूण की वृद्धि व विकास के लिए देखभाल महत्वपूर्ण है। आप अपनी गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भपात और जन्मजात दोषों से बचाव के लिए कौन सी सावधानियां बरत सकती हैं और अपनी व भ्रूण की देखभाल कैसे कर सकती हैं, इस लेख में इन सबके बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।

गर्भावस्था की पहली तिमाही में सावधानियां

गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में आपको कौन सी चीजों से बचना चाहिए, उन सबके बारे में यहाँ बताया गया है। इस अवधि में आप निम्नलिखित चीजों से बचें, वे कौन सी हैं आइए जानते हैं;

1. धूम्रपान से बचें

यदि आप गर्भवती हैं और धूम्रपान करती हैं तो इसे छोड़ने का यही सही समय है। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान गर्भपात, समय से पहले जन्म और अस्थानिक गर्भावस्था तक की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। धूम्रपान स्वस्थ प्रसव की संभावनाओं को भी समाप्त करता है और भ्रूण के विकास को बाधित करता है। इसलिए यदि आप एक स्वस्थ गर्भावस्था चाहती हैं, तो धूम्रपान करना छोड़ दें और तंबाकू मुक्त जीवन को अपनाएं।

2. शराब को ‘न’ कहें

ऐसा कोई शोध नहीं है जो यह कहता है कि गर्भावस्था के दौरान शराब पीना सुरक्षित है, इसलिए इसका सेवन न करना ही एक बेहतर विकल्प है। शराब गर्भ में पल रहे शिशु के सीखने की शक्ति को प्रभावित करती है और साथ ही मानसिक वृद्धि में भी हस्तक्षेप करती है। गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में शराब पीने से गर्भपात भी हो सकता है इसलिए गर्भावस्था की पहली तिमाही में और आगे भी इससे दूर रहें। गर्भवती होने पर शराब से बचें और एक स्वस्थ गर्भावस्था अपनाएं।

3. कैफीन का सेवन कम कर दें

यदि आप अत्यधिक कॉफी पीती हैं तो उसे पूरी तरह से छोड़ देने का खयाल ही आपको परेशान कर सकता है। किन्तु यहाँ आपके लिए एक अच्छी खबर है: आपको पूरी तरह से कॉफी छोड़ने की आवश्यकता नहीं है – आप गर्भावस्था के दौरान भी कॉफी के स्वाद का आनंद ले सकती हैं किंतु सुनिश्चित करें कि आप एक दिन में सिर्फ एक कप कॉफी ही ले रही हैं। अत्यधिक मात्रा में कैफीन लेने से भी समय से पहले प्रसव और जनजात दोषों की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस अवधि में आप सिर्फ एक कप कॉफी अर्थात 200 एम.जी. कैफीन ही ले सकती हैं और आप व आपका शरीर पूरी तरह से सुरक्षित है।गर्भावस्था के दौरान कॉफी का सेवन कितनी मात्रा में करना है इस बारे में पूरी जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेना एक बेतरीन विकल्प है।

4. सॉना बाथ या गर्म पानी से स्नान न करें

भ्रूण के विकास के लिए उच्च तापमान ठीक नहीं है इसलिए किसी भी कीमत पर सॉना बाथ या गर्म पानी से स्नान न करें। यदि आप पीठ दर्द और जोड़ों के दर्द से राहत पाना चाहती हैं, तो तौलिए में लपेट कर हीटिंग पैड का उपयोग करें। किन्तु ध्यान रहे हीटिंग पैड का तापमान 100 डिग्री फेरहनाइट (37 डिग्री सेल्सियस) से अधिक नहीं होना चाहिए।

5. औषधीय सप्लीमेंट और दर्द निवारक दवाइयां सावधानी से लें

दर्द निवारक और औषधीय सप्लीमेंट अत्यधिक सावधानी के साथ लेना चाहिए। डॉक्टर आपके लिए कुछ दवाइयां निर्धारित कर सकते हैं और यदि आप कोई सप्लीमेंट या अन्य दवाई ले रही हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह आपकी माजूदा दवाइयों को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा दर्द निवारक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से भ्रूण पर हानिकारक दुष्प्रभाव पड़ते हैं क्योंकि कुछ रसायन गर्भनाल के माध्यम से रक्त में जा सकते हैं।

6. सी फूड का सेवन न करें

हालांकि सी फूड प्रोटीन और स्वस्थ वसा का महत्वपूर्ण स्रोत है, कुछ मछलियां, जैसे शार्क, तेगा मछली (स्वोर्डफिश) और मार्लिन में अनेक विषाक्त पदार्थ व पारा की उच्च मात्रा होती है। गर्भावस्था के दौरान यह मछली अत्यधिक हानिकारक है इसलिए पहली तिमाही में सी फूड के सेवन से बचना एक अच्छा विकल्प है। अपने आहार में किसी भी मछली को शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

7. अस्वास्थ्यकर भोजन से बचें

यदि आप पहले से ही स्वस्थ वजन की सीमा के भीतर हैं, तो संभवतः आपको अपनी गर्भावस्था की पहली तिमाही में कैलोरी के सेवन को कम से कम 300 तक बढ़ाने की आवश्यकता है और पहली तिमाही के प्रत्येक सप्ताह में लगभग 1 पाउंड  (0.4 किलो) कैलोरी का सेवन अपेक्षित है। आप सुनिश्चित करें कि आप स्वस्थ आहार खाएं और अस्वास्थ्यकर भोजन से बचें।

8. प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन न करें

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में एडिटिव तत्व होते हैं जो भ्रूण के विकास के लिए हानिकारक हैं। खाद्य एडिटिव में सोडियम नाइट्रेट के अवशेष और कैंसर-कारक पदार्थ होते हैं जो आपके और शिशु, दोनों के लिए हानिकारक हैं। इसके आलावा, इन खाद्य पदार्थों में कीटनाशक भी हो सकते हैं इसलिए जरूरी है कि आप जैविक आहार ही अपनाएं और प्रोसेस्ड या डिब्बा-बंद खाद्य पदार्थों से बचने के लिए सलाह दी जाती है। खाने से पहले फलों, सब्जियों को धोकर छीलें ताकि उनमें मिश्रित कीटनाशक के सेवन से बचा जा सके।

8. फोलिक एसिड सप्लीमेंट लें

डॉक्टर आपको फॉलिक एसिड सप्लीमेंट लेने की सलाह देते होंगे – उन्हें ले और साथ ही नियमित रूप से आयरन के सप्लीमेंट भी लें। गर्भ में पल रहे शिशु की आँखों के विकास, मस्तिष्क और मांसपेशियों के लिए अपने आहार में मेवे और ओमेगा-3 का सेवन बढ़ाएं साथ ही विटामिन ‘डी’ का सेवन भी महत्वपूर्ण है। विटामिन ‘डी’ आप अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध और सुबह की धूप से भी प्राप्त कर सकती हैं।

गर्भावस्था की पहली तिमाही के लिए कुछ सुझाव

गर्भावस्था की पहली तिमाही के साथ-साथ आप अपनी दूसरी व तीसरी तिमाही में भी लगातार स्वस्थ कैसे रह सकती हैं और साथ ही प्रसव के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न हो यह सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए हुए हैं, आइए जानें;

  1. सब्जियों का अधिक सेवन करें – सब्जियां हमेशा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ होती हैं और गर्भावस्था के दौरान ये और भी ज्यादा फायदेमंद होती हैं । गर्भावस्था के दौरान सब्जियों और जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाकर आप एक स्वस्थ गर्भावस्था प्राप्त कर सकती हैं।
  2. हल्के व्यायाम करें – योग और हल्का व्यायाम करने से आपकी गर्भावस्था स्वस्थ रहती है। इस अवधि में सुरक्षित रहने के लिए आप योग और प्राणायाम से शुरुआत कर सकती हैं क्योंकि कुछ व्यायाम के कारण गर्भवती महिला में नियत तारीख से पहले प्रसव का दर्द हो सकता है। आप कुछ हल्के व्यायाम भी कर सकती हैं – यह आपको सक्रिय रखते हैं और आपके मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ बनाए रखते हैं। हालांकि कोई भी व्यायाम करने से पहले डॉक्टर से सलाह अबश्य लें और किसी भी कीमत पर अत्यधिक श्रम वाले या कठिन व्यायाम न करें।
  3. प्रसवपूर्व विटामिन और दर्द निवारक लें – दर्द निवारक दवाएं या प्रसव पूर्व विटामिन के सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से जांच करवाना आवश्यक है। यह जांचें कि क्या ये दोनों गोलियां एक दूसरे को प्रभावित करती हैं। दर्द-निवारक दवाई लेने से पहले लेबल में लिखी सावधानी को अवश्य पढ़ें और उपयोग करने का तरीका व डोज के लिए निर्देशों को दो बार देखें। कुछ ब्रैंड अपने लेबल पर गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त जानकारी भी प्रदान करते हैं जिसमें यह भी लिखा होता है कि ये टैबलेट कब या किस तिमाही के दौरान लेनी चाहिए। एक दर्द निवारक जो पहली तिमाही के दौरान सुरक्षित है, वही दवा दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान असुरक्षित हो सकती है।

4. यदि आप ठीक नहीं हैं तो डॉक्टर से परामर्श करें – किसी दवा, खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट के सेवन के बाद यदि आप दर्द, असुरक्षित या असामान्य महसूस करती हैं तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें और जब तक आपको समस्या का कारण पता न लगे या यह आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रही है तब तक के लिए इसका सेवन तुरंत बंद कर दें। अगर आपको कुछ दवाएं, खाद्य पदार्थ, या अनुपूरक लेते समय दर्द, अस्वस्थता, या असामान्य महसूस होता है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और जब तक आपको पता न चले कि क्या खराबी है और यह आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है, उनका सेवन तुरंत बंद कर दें। आपको कुछ खाद्य पदार्थों या दवाओं से संवेदनशीलता हो सकती है या हो सकता है कि वे आपकी मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओंको प्रभावित कर रहे हों इसलिए पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

5. वजन पर ध्यान दें – गर्भवती होने से पहले एक सक्रिय जीवन शैली अपनाएं और एक स्वस्थ बी.एम.आई. सुनिश्चित करें। मोटापा स्वस्थ गर्भावस्था के लिए एक खतरा उत्पन्न कर सकता है। यदि आप पहले से ही गर्भवती हैं तो आप अपनी स्वस्थ गर्भावस्था के लिए हल्का व्यायाम और पौष्टिक आहार का सेवन कर सकती हैं। यदि आप पहली तिमाही में अत्यधिक कठिन व्यायाम करती हैं तो आपकी गर्भावस्था में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए कैलोरी के सेवन पर ध्यान दें, कैलोरी-युक्त आहार खाएं किन्तु कम मात्रा में और यदि आवश्यकता हो तो न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें।

6. प्राकृतिक उपचार अपनाएं –  यदि दर्द अत्यधिक गंभीर नहीं है तो इसके लिए दर्द निवारक दवाओं के सेवन से बचें। खुद को अच्छा महसूस करवाने के लिए आरामदायक व्यायाम, ध्यान, सचेतन गतिविधियां और सांस के व्यायाम करें। यदि पीठ दर्द है तो आराम के लिए हल्की मालिश करवाएं और सिर ऊंचा करके सोएं। किसी भी स्थिति में दर्द से राहत के लिए बाहरी दवाइयों के बजाय प्राकृतिक तरीकों को ही अपनाने का प्रयास करें।

गर्भावस्था के दौरान आवश्यक सावधानियों पर ध्यान दें और अपनी स्वस्थ गर्भावस्था व सामान्य प्रसव की संभावना को बढ़ाने का प्रयास करें। स्वस्थ आहार का सेवन करें, तनाव-मुक्त रहें, खुश रहें और स्वयं की व अपने गर्भस्थ शिशु की पूरी देखभाल करें।

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जया कुमारी

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