गर्भावस्था

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान अच्छी नींद के लिए क्या करें

शिशु के जन्म के बाद उसकी देखभाल करते हुए रात-रात भर जागना एक आम बात होती है। ऐसे में माँ की नींद न हो पाना बहुत स्वाभाविक है, लेकिन सच तो यह है कि ये समस्या आपके बच्चे के जन्म से पहले ही गर्भावस्था की लगभग तीसरी तिमाही के साथ ही शुरू हो जाती है। गर्भ के अंदर शिशु के विकास के साथ-साथ आपके पेट का आकार बढ़ता जाता है और इसके साथ आपकी लेटने और सोने संबंधी समस्याएं आरंभ हो जाती हैं।

गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर को आराम और देखभाल की आवश्यकता होती है। अच्छी नींद न केवल आपके लिए अत्यंत आवश्यक है, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। अतः यही कारण है कि आपको नींद के महत्व के साथ-साथ सही तरीके से सोने की स्थिति और इससे जुड़ी बातों के बारे में पता होना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली नींद की समस्याएं

गर्भावस्था हमेशा सहज नहीं होती है, विशेषतः तब जब यह आपकी पहली ही हो। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, नींद बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए जब आप सोने से संबंधित किसी परेशानी का सामना करती हैं, तो यह आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली नींद की कुछ समस्याएं निम्नलिखित हैं:

  1. तीसरी तिमाही का सबसे प्रमुख मुद्दा जो महिलाओं के सामने आता है वह है उनका बढ़ता हुआ पेट, जो सोने के लिए असुविधा का कारण बनने लगता है।
  2. पीठ का दर्द भी एक मुख्य समस्या है। आपके पेट का आकार बढ़ने के कारण, आपकी पीठ पर, विशेष रूप से आपकी पीठ के निचले हिस्से यानि कमर पर जोर पड़ता है, जो कि पीठ दर्द का कारण बनता है – यह गर्भवती महिलाओं की सबसे आम शिकायतों में से एक है।
  3. इस अवस्था के दौरान कई बार होने वाली माँ बहुत खर्राटे लेने लगती है ।
  4. कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नींद में पैर फडफडाने (रेस्टलेस लेग सिंड्रोम) की शिकायत होती है। यहाँ पैर और कभी-कभी आपके शरीर के अन्य हिस्से असहज संवेदनाओं या झनझनाहट का अनुभव करते हैं। इसमें आपको अपने पैरों या अपने शरीर के प्रभावित हिस्से को हिलाना पड़ता है। जिससे आपके लिए सोना मुश्किल हो जाता है।
  5. सीने में जलन एक और आम समस्या है जो आपकी नींद को प्रभावित करती है।
  6. बहुत सी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डरावने और बुरे सपने आते हैं। यह एक अन्य आम कारण है जो नींद खराब करता है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान सोने की स्थितियां

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही कठिन हो सकती है क्योंकि अब गर्भ में आपका बच्चा बढ़ रहा है। असुविधा से बचने के लिए इस समय के दौरान आपकी सोने की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

  1. एक तरफ करवट लेकर सोना, विशेष रूप से बाईं तरफ, नींद की सबसे अच्छी स्थितियों में से एक है, क्योंकि इस स्थिति में बच्चे को उचित रक्त प्रवाह के साथ ही ऑक्सीजन और पोषक तत्व भी अच्छी तरह से मिलते हैं। दाईं करवट पर सोना भी अच्छा है।
  2. शिशु के बढ़ते वजन के कारण पीठ के बल सोना अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि यह आपके गर्भाशय में रक्त के प्रवाह को बाधित कर सकता है। यह पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा डालता है और हानिकारक हो सकता है।
  3. किसी भी कीमत पर, पेट के बल न सोएं । यह आपके लिए असुविधाजनक और शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।

यदि आपको हमेशा से पेट या पीठ के बल सोने की आदत रही है, तो अब करवट लेकर सोने की आदत डालने का प्रयास करें। यह आपके और आपके बच्चे के लिए हितकारक है। यदि आप नींद में गलती से अपनी पीठ के बल सोती हैं, तो जैसे ही आपको इसके बारे में पता चले, तुरंत करवट पर सो जाएं । आप नींद में होने वाली गलती को रोकने के लिए अपने चारों ओर तकिए रख सकती हैं।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में नींद संबंधी सुझाव

होने वाली माँ को अच्छी नींद मिलना बहुत जरूरी है, इसलिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो आपके काम आएंगे, और यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके लिए अत्यावश्यक आराम मिलने में कोई परेशानी न हो।

  1. हममें से ज्यादातर लोग अपने मोबाइल फोन के साथ ही बिस्तर पर जाते हैं, और जब तक नींद नहीं आ जाती तब तक उसे इस्तेमाल करते रहते हैं। जितना संभव हो सके ऐसा करने से बचें। आपको यह समझना चाहिए कि बिस्तर सोने के लिए है। अपने फोन को बिस्तर पर रखना और घंटों तक जागना आपके लिए उचित नहीं है। जैसे ही आप सोने के लिए तैयार हों, अपने फोन को एक तरफ रख दें।
  2. कुछ हल्का व्यायाम करें। यह आपके दिमाग को आराम देने, रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने और आपके संपूर्ण नींद चक्र में मदद करेगा।
  3. अच्छी नींद के लिए पाचन तंत्र का सुव्यवस्थित होना आवश्यक है। इसलिए सुनिश्चित करें कि रात का भोजन हल्का हो जो जल्दी पच सके ।
  4. बाईं ओर करवट लेकर सोने का प्रयास करें । आप स्वयं को और अधिक आरामदायक स्थिति में रखने के लिए अपने पैरों के बीच तकिए लगा सकती हैं। गर्भावस्था के विशेष तकियों का उपयोग करें।
  5. ऐसे कपड़े पहनें जो ढीले और आरामदायक हों। साथ ही वह त्वचा के अनुकूल हों ।
  6. सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध या गर्म पानी पिएं । इससे आपको संतुष्टि मिलती है और यह आपकी नसों को आराम पहुंचाता है।
  7. बहुत मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। बहुत अधिक मसाला आपके सीने में जलन पैदा कर सकता है, जो आपकी नींद में बाधा डाल सकता है।
  8. चूंकि आपका बच्चा बढ़ रहा है, आपका गर्भ मूत्राशय को दबाने की ओर प्रवृत्त होता है। इससे आपको कई बार टॉयलेट जाना पड़ सकता है। इसलिए दिन के दौरान तरल पदार्थों का सेवन अधिक और रत के दौरान कम करें । इसके अलावा, असुविधा से बचने के लिए सोने से पहले टॉयलेट जाने की आदत बनाए रखें, ताकि आधी रात को आपको जागना न पड़े।
  9. जहाँ तक हो सके कॉफी का सेवन न करें। हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि कॉफी नींद उड़ाने में मदद करती है, इसलिए आपको इसका सेवन बिल्कुल टालना चाहिए क्योंकि इससे आपका रात की नींद प्रभावित हो सकता है।
  10. नींद की एक समान दिनचर्या बनाए रखें। हर रात, एक ही समय पर सोने की कोशिश करें।
  11. सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान भी आपको बेहतर नींद देने में मदद कर सकता है। यह नसों को शांत करने और तनी हुई मांसपेशियों को शिथिल करने में मदद करता है। इससे आप स्वच्छ और तरोताजा भी महसूस करेंगी।
  12. खुद को सकारात्मक रखें । अपनी गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से स्वयं को दूर रखें ।
  13. शराब का सेवन न करें। बहुत से लोग नींद के लिए शराब का सेवन करते हैं, लेकिन गर्भवती महिला को इसका विचार भी नहीं करना चाहिए। यह आपको और आपके बच्चे को जोखिम में डाल सकता है।
  14. सुनिश्चित करें कि आपके आसपास का वातावरण शोर से मुक्त हो । बहुत ज्यादा शोर आपको विचलित कर सकता है। इसी प्रकार जिस कमरे में आप सोती हैं वह अच्छी तरह हवादार होना चाहिए, अधिक शोर से और अतिरिक्त रोशनी से मुक्त होना चाहिए।

गर्भावस्था में आप निश्चित रूप से अपने शारीरिक परिवर्तनों और भावनाओं के उतार-चढ़ाव के कारण व्यग्र महसूस कर सकती हैं। तथापि आप अपने नन्हे से शिशु को गोद में लेने के लिए आप मजबूती और धैर्य के साथ इसका सामना करेंगी। हालांकि इसके बावजूद स्वयं की देखभाल को नजरअंदाज न करें और अपने शरीर व दिमाग को आराम देने के लिए उपरोक्त सुझावों का उपयोग करें – आपको इसकी बहुत आवश्यकता होगी। यदि आप नींद की बीमारी से पीड़ित हैं या आपको सोते समय परेशानी हो रही है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि यह किसी अंतर्निहित समस्या का संकेत भी हो सकता है।

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

3 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

3 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

3 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

2 weeks ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

2 weeks ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago